हेलो फ्रेंड्स, कैसे हो आप सब? होप योउ अरे ऑल डूयिंग फाइन. सॉरी स्टोरी लाते पोस्ट करने के लिए. कुछ फॅमिली इश्यूस की वजह से मैं और कही बिज़ी थी. मैं अब इस स्टोरी को ‘जीजू की कंजूसी’ सिर्फ़ इतने ही टाइटल से आयेज पोस्ट करूँगी. क्यूंकी इस टाइटल का सेकेंड हाफ ऑलरेडी मेरे पासा है.
आप सब के कॉमेंट्स, मेल्स ने और एस्पेशली आपके इंतेज़ार ने मुझे कुछ टाइम निकाल कर अपनी कहानी को लिखने के लिए इनस्पाइर किया है. ई होप की आपको मेरा नारेशन पसंद आएगा. अब तक आपने मेरे भाई का नारेशन पढ़ा है, जो आपको अछा लगा था.
एक बात तो शुवर है की भाई लिखता अछा है (जो हम सब को पता है), और उतना ही अछा फक भी करता है (जो सिर्फ़ मुझे पता है). जस्ट सी थे फटे, जिस कहानी को लिखने की वजह से मैने भाई से किनारा कर लिया था. ना ही उससे बात करती थी. ना ही उसको अपनी छूट मारने देती थी. आज उसी कहानी के मध्यम से मैं अपनी स्टोरी आपके साथ शेर कर रही हू. तट’स थे पवर ऑफ आ स्टोरी, थे पवर ऑफ ड्के.
तो चलिए, स्टार्ट करते है कहानी पहले से. मैं कुछ अपने बारे में बता डू पहले. आपको मेरा पस्त जो पता है, वो शायद भाई के थ्रू सुना होगा. पर अभी कुछ मैं अपने हिसाब से बताती हू. टाइपिंग में अगर कुछ ग़लती हो जाए तो ई’ल्ल बेग युवर पर्दों.
मेरा स्टोरी को लिखने के पीछे का मैं रीज़न कुछ सीक्रेट्स और इनसाइट्स है, जो भाई ने शायद जान-बूझ कर शेर नही किए थे. पर मुझे धीरे-धीरे उसके बारे में पता चला, और मैं वो आपके साथ शेर करूँगी.
पर उससे पहले, मैं कुछ अपने बारे में, एक लड़की होने के नाते कैसा फील करती हू, हमारी क्या नीड्स है, क्या एमोशन्स है, ये शेर करूँगी. क्यूंकी एक लड़की की कहानी, एक लड़की के मूह से ही अची लगती है.
तो स्कूलिंग मेरी नॉर्मल सी रही. मैं दिखने में अची थी, साइज़ भी ओक था. पर मुझे शो-बाज़ी करना नही पसंद था, ना ही आता था.
फिर जब मैं हिगसचूल में आई, और 18 की दहलीज़ क्रॉस कर चुकी थी, तब मेरी पहचान सीमा से हुई. उसके दाद की दूसरी सिटी से ट्रान्स्फर हुई थी, और हमारे एरिया में रहने आए थे. उसी वजह से हमारा आने-जाने का रास्ता सेम था. तो धीरे-धीरे हमारी दोस्ती हो गयी, और हम एक-दूसरे के घर भी आने-जाने लगे.
सीमा के बारे में बतौ, तो उसके पेरेंट्स ज़्यादातर बाहर ही रहते थे. उसके भैया की जॉब भी दूसरी सिटी में थी. उसके घर पे एक फुल टाइम मैड सब काम संभालती थी. सीमा पहले से ही मॉडर्न ख़यालों की थी. अपनी आगे की लड़कियों के मुक़ाबले वो ज़्यादा मेच्यूर थी.
उसका साइज़, फिगर, और उसके बूब्स भी क्लास की हम सारी लड़कियों के मुक़ाबले बड़े थे. और ज़्यादातर गर्ल्स को इसकी जेलासी भी होती थी. एक बार उसने मुझसे पूछा भी था की क्या तुम जैसी दिखती हो वो तुम्हे पसंद है क्या? तो मैने अपना सिर नीचे झुका लिया, और वो शायद मेरा आन्सर समझ गयी.
उस दिन के बाद उसने मुझे मॉडर्न टाइप के कपड़े पहनना, हेरस्टाइल कैसे करना, आइब्राउस, आइलॅशस, वॅक्सिंग को कैसे रखना और वो सब सिखाया जो एक लड़की को अछा दिखने के लिए चाहिए. अब मुझे भी लड़के देख के लाइन मारते थे, जो कही ना कही मुझे अछा लगता था. इसलिए मैं सीमा से और भी करीब हो गयी.
एक दिन उसके घर पे दोपहर के टाइम हम थे, और कंवली मैड बेज़ार में समान लाने के लिए गयी हुई थी. हम अपनी स्टडी करते-करते बोर हो गये थे. तो हम फिर इधर-उधर की बातें करने लगे.
सीमा: अनु, अब तुम्हे कैसा लगता है जब तुम निकलती हो, और लड़के तुम्हे देखते रहते है?
मैने ब्लश करते हुए सिर नीचे झुका दिया.
सीमा: हाए मेरी जान. तेरे चेहरे से तो लाली तपाक रही है.
सीमा: बाकी तो सब अछा है, पर अभी भी एक चीज़ है, जिसको और सही करना है?
मे: क्या, सब सही तो लग रहा है?
सीमा: सही तो है, पर उसे और बेहतर करना है. (सीमा की नज़र मेरे बूब्स पे थी, जो उस टाइम की गर्ल्स के हिसाब से ओक थे, पर सीमा की साइज़ के मुक़ाबले बहुत छ्होटे थे)
मे: क्या?
सीमा (मेरे बूब्स की और आचे से इशारा करते हुए): ये दो.
मे (शरमाते हुए): क्या सीमा, तुम भी. सही तो है.
सीमा: घंटा सही है (सीमा कभी कभार गालिया भी बोल देती थी). तू मेरे देख. ये हम लड़कियों का फर्स्ट इंप्रेशन है, जिससे बाय्स सबसे पहले नोटीस करते है. अगर ये सही तो सब सही, और ये फैल तो बाकी सब फैल.
मे: पर ये तो नॅचुरली होते है ना?
सीमा: तुझे क्या लगता है, मेरा पहले से इतना साइज़ था? मेरे भी पहले तेरे जैसे ही थे. ये बाद में बड़े किए मैने?
मेरे मूह से निकल गया: कैसे?
सीमा: अर्रे वाह, एग्ज़ाइट्मेंट तो देखो मेडम की. ये सब होता है बाय्फ्रेंड की वजह से. मैं खुद भी बातरूम में इसको दबाती थी, पर जब से ये काम मेरे बाय्फ्रेंड ने स्टार्ट किया, तब से रिज़ल्ट अछा आने लगा.
मे: तो सिर्फ़ ब्फ के दबाने से ही हुआ?
सीमा: हा, पर पूरा फिगर शेप में लाने को और भी कुछ करना पड़ता है.
मे: और वो क्या?
सीमा: सेक्स (ये सुनते ही मैने अपना मूह नीचे च्छूपा लिया).
सीमा: अर्रे इसमे शरमाने वाली क्या बात है. ये तो एक दिन आज नही तो कल सभी करते है. कुछ लोग शादी तक वेट करते है, तो कुछ लोग उसके पहले भी एंजाय करते है. अगर तुम्हे सब पता हो की कुछ चीज़े कब और कैसे इस्तेमाल करनी है, तो फिर तुम उसे ईज़िली एंजाय कर सकती हो.
मे: ह्म.
सीमा: ये ड्राइविंग की तरह है. कुछ लोग ड्राइविंग लाइसेन्स मिलने के बाद 2-वीलर ड्राइव करना पसंद करते है. तो कुछ लोग उसके पहले ही ड्राइविंग को एंजाय करते है, हेल्मेट पहन कर, अपनी स्पीड को कंट्रोल में रख कर, रेड सिग्नल को क्रॉस ना करके, रॉंग साइड में ना चला के वग़ैरा-वग़ैरा. जब तक तुम सेफ ड्राइविंग करती हो, तब तक किसी को घंटा पता नही चलता की तुम्हारे पास लाइसेन्स है या नही.
मे: अची थियरी है (मैं भी सीमा की थियरी से कन्विन्स्ड दिख रही थी).
सीमा: अनु, क्या तुमने बिना लाइसेन्स के ड्राइव किया है?
मे: हा, 5-6 बार किया है.
सीमा: सच में (सीमा की आँखें बड़ी हो गयी, बिल्कुल उसके बूब्स की तरह)?
मे (सीमा की बात का मीनिंग समझते हुए): अर्रे नही-नही. तू ग़लत समझ रही है. मैं वो वाला नही, रियल स्कूटी की बात कर रही थी (और मैने अपनी आँखें झुका दी).
सीमा: ह्म (वो मेरे पास आई, और मेरे चेहरे को उपर किया). क्या तुम नही चाहती की लोग तुम्हे गौर करे, तुम्हे लाइन मारे. क्या तुम अपने इस छ्होटे से बूब्स को मेरी साइज़ का नही करना चाहती (ये बोलते हुए उसने मेरा हाथ पकड़ कर अपने बूब्स के उपर रख कर हल्का सा दबाया, और उसने एक हल्की सी साँस ली).
मैं चुप-छाप खड़ी थी.
सीमा: क्या तुम नही चाहती की जो इस दुनिया का सबसे बड़ा सुख है, उसे तुम अपने अंदर तक महसूस करो? क्या तुमने कभी किसी से रियल वाला किस किया है?
मे: नही सीमा.
सीमा ने मुझे पकड़ के सोफे पे बिताया और मेरी आँखों में आँखें डाल कर पूछा-
सीमा: क्या तुम आज अभी अपना पहला किस एक्सपीरियेन्स करना चाहती हो?
मे (तोड़ा शरमाते हुए): कैसे?
मैं कैसे शब्द को पूरा करू, उतने में तो सीमा ने अपने होंठ मेरे होंठो पे रख दिए, और उसे चूसने लगी. उसने मेरे सिर को पीछे से पकड़ रखा था, और वो मुझे स्मूच कर रही थी.
पता नही उस वक़्त मैं चाहते हुए भी अपने आप को च्चूदवा नही पाई. करीब 1 से 1:30 मिनिट तक उसने मुझे किस किया, और फिर छ्चोढा. चूसने की वजह से मेरे दोनो होंठ लाल हो गये थे. आज मैने अपना पहला किस किया था.
सीमा: ई’म सॉरी अनु, अगर तुम्हे बुरा लगा हो तो. ऐसा नही की मैं कोई लेज़्बीयन हू. मैने तुम्हे बताया की मेरे ब्फ रह चुके है. पर तुम इतनी प्यारी हो के तुम्हे देख कर रहा नही गया. तुम्हारे ये सेक्सी और लव्ली लिप्स को देख कर लगा की कोई और ट्राइ करे इससे पहले मैं ही ट्राइ कर लू.
मैं ब्लश कर रही थी, और बोली: सीमा, तुमने जो अचानक किया उससे मैं सर्प्राइज़्ड तो हुई, पर मज़ा भी आया.
सीमा: तो फिर इसे प्रॉपर तरीके से करे?
मे: अब इसमे भी प्रॉपर क्या है?
सीमा: चलो मेरे साथ.
और वो मेरा हाथ पकड़ कर अपने रूम में ले गयी. अपने रूम में जेया कर उसने मुझे अपने बेड पे बिताया, और मेरे सामने अपना टॉप निकाल दिया. अब वो ब्रा और पाजामे में थी. उसने मेरे टॉप को पकड़ कर उपर उठाने की कोशिश की, तो मैने रोक दिया.
सीमा: दररो मत, सिर्फ़ टॉप निकाल रही हू. ब्रा नही निकालूंगी इसके साथ.
मैने अपने हाथ थोड़े लूस किए, तो उसने मेरे टॉप को भी निकाल दिया. और मैने अपने दोनो बूब्स को अपने हाथो से च्छूपा दिया.
सीमा: तुम्हे पता है, मैं ये सब क्यूँ कर रही हू? क्यूंकी आज जैसी तुम हो, मैं भी वैसी ही थी. शरमाई हुई, छ्होटे बूब्स, इसलिए मैं तुम्हे आज की सीमा बनाना चाहती हू, जिसे देख कर लोग आहें भरे. और मैं तुम्हे वो सब एंजाय करवाना चाहती हू शॉर्टकट में, जिसकी तुम हक़दार हो.
सीमा ने मेरा एक हाथ मेरे बूब के उपर से हटा के अपने बूब्स पे रखा, और अपने दूसरे हाथ को मेरे बूब्स पे रख कर हल्का मसालने लगी, और बोली-
सीमा: डार्लिंग, इसे च्छुपाने का नही, अब तो खुल के दिखाने का टाइम है.
और ये कहते ही, उसने मुझे अपनी और खींचा और वापस अपने गुलाबी रसीले होंठो को मेरे कोमल से होंठो पे जड़ दिया.
आप इस स्टोरी को लीके कीजिए, अपने रिव्यू दीजिए. आप चाहे तो हमे मैल भी कर सकते है. अगली स्टोरी नेक्स्ट पार्ट में.