फौजी की पत्नी चुत में लंड लेकर मेरे ऊपर कूदी

मैंने पैसे और थैला लिया और बाजार चला गया। मैं सब्जी लाकर भाभी के घर देने चला गया।
भाभी उस वक्त अपने लड़के को पढ़ा रही थीं।

भाभी की चुत की चुदास

मैंने सब्जी रखी और वापस आने लगा तो भाभी मुझसे पहले गेट पर आ गई और बोलीं- सॉरी यार..
उन्होंने मेरा हाथ पकड़ कर खुद ही अपने चूचों पर रखकर दबा लिया।
मुझे तो भरोसा ही नहीं हो रहा था।

भाभी बोलीं- आज रात आ जाना.. मैं गेट खुला छोडूंगी। आज मैं तेरी सारी मरोड़ काड़ दूँगी.. तुझे मेरे मजे लेते बहुत दिन हो गए।
मैंने कहा- देख लेना भाभी.. कहीं हाथ न जोड़ लेना.. मैं पक्का आऊँगा।
भाभी बोली- तू आ तो.. कौन हाथ जोड़ता है.. वो तो टाइम बताएगा।

फिर मैं आने की कहकर अपने घर चला आया। अब बस मैं भाभी की चुत चोदने की सोचने लगा।
रात हुई और मैं घर वालों के सोने का इन्तजार करने लगा।

रात को करीब 12 के करीब मैं उठा और घर की पिछली दीवार से कूद कर भाभी के घर चला गया, भाभी का गेट खुला ही था।
मैं अन्दर गया तो देखा कि भाभी और उसका लड़का पलंग पर सो रहे हैं।

मैंने भाभी के चूतड़ों पर हाथ घुमा़या तो भाभी ने पलट कर देखा।
मैंने बिस्तर पर आने का इशारा किया।

भाभी उठने लगीं तो भाभी का लड़का भी उठने को हुआ। भाभी वापस लेट कर उसे थपकी लगा कर सुलाने लगीं। मैं वहीं पलंग के पास बैठ कर भाभी के चूतड़ों पर हाथ चलाने लगा।
फिर मैं भाभी के पैरों की उंगली चूसने लगा, भाभी की सांसें तेज हो रही थीं।

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फिर मैं भाभी की सलवार खोलने लगा तो भाभी ने थोड़ी देर रूकने का इशारा किया। मैं भाभी के मुँह के पास आकर उनके कान की लौ चूसने लगा। भाभी गर्म होने लगीं और वो पलंग से उठने लगीं।

कुछ देर में भाभी का लड़का सो गया था.. तो भाभी उठ गईं और मुझसे लिपट गईं। हम एक-दूसरे के होंठ चूमने लगे और चूमते-चूमते बिस्तर पर आ गए।

चुत में उंगली

मैंने भाभी की सलवार में हाथ डाल उनकी चुत में उंगली डाल दी, भाभी की कामुक सिसकी निकल पड़ी- उम्म्ह… अहह… हय… याह… सीई..

मैं होंठ चूसते हुए उनकी चुत में उंगली करने लगा। थोड़ी देर बाद मैंने भाभी को बिल्कुल नंगा कर दिया और कुत्ते की तरह उनकी चुत चाटने लगा। भाभी ‘आहह.. ऊऊहह..’ कर रही थीं।
फिर वो कहने लगीं- चाट आऊह्ह्ह.. खा ले चूत को.. आह..

मैंने भी पहली बार इतनी देर चुत चाटी थी। अब तो खैर चुत चाटने की लत लग गई है।
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मैंने भाभी की चुत चाटना बंद कर दिया और अपनी पैंट उतार दी। फिर अंडरवियर भी उतार दी और लंड को आजाद कर दिया।
मैंने कहा- मेरी फौजन.. लंड को भी प्यार कर ले थोड़ा!

इतना कहते ही भाभी ने मेरे लंड को मुँह में ले लिया और लंड चूसने लगीं।
वाह.. लंड चुसाई में क्या मजा आ रहा था, मैं भाभी के मुँह को चोदने लगा।

मैंने कुछ ही देर में भाभी को मुँह से लंड निकालने का इशारा कर दिया। भाभी ने लंड निकाल दिया।

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फिर भाभी बोलीं- तुम लेटो अब मेरी बारी है।
मैं लेट गया।

भाभी की चुत में लंड

भाभी मेरे ऊपर चढ़ गईं और लंड को पकड़ कर अपनी चुत पर टिका कर लंड पर बैठने लगीं। मेरी दिल की तमन्ना पूरी हो रही थी।
कुछ ही पलों में मेरा पूरा लंड भाभी की चुत में था, मैं भी नीचे से झटके लगाने लगा।

भाभी भी पूरे जोश से हिल रही थीं और ‘आआहहह..’ कर रही थीं।
थोड़ी देर बाद मैंने पोज बदल दिया और भाभी को एक करवट होने को कहा। भाभी ने एक ओर करवट की और मैं पीछे से लंड डाल भाभी को चोदने लगा।

चुत और लंड का घमासान मचा हुआ था, भाभी तो चुदाई की पूरी मस्ती में थीं, वो ‘आआहह..’ कर रही थीं- राज ऐसे ही चोदो.. पूरा लौड़ा डाल आहहह.. ईई.. हाँ और अन्दर डाल..

कुछ देर की चुदाई के बाद भाभी झड़ने लगीं, उन्होंने अपनी पूरी गांड मेरी तरफ उठा दी। मेरे लंड का थोड़ा माल भी बाहर नहीं निकलने दिया।
मेरा लंड भी सिकुड़ कर बाहर निकल गया।

मैं भाभी के होंठ चूसने लगा। फिर भाभी बोली- राज, अब मुझसे कभी नाराज ना होना।
मैंने कहा- भाभी कभी नाराज नहीं होउंगा.. मैं वादा करता हूँ।

फिर हम एक-दूसरे को दूसरी बार की चुदाई के लिए तैयार करने लगे।

आज भी मैं गीता भाभी को सबसे ज्यादा चोदता हूँ। अब मैं प्लेबॉय बन गया हूँ।

मेरी यह सेक्सी हिंदी कहानी कैसी लगी.. बताना जरूर, प्लीज़ मेल कीजिएगा।

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