हेलो दोस्तों, मैं एक बार फिर से हाज़िर हू अपनी सेक्स कहानी का दूसरा पार्ट लेकर. तो जैसा की आप सब जानते है मैं कल्लबोय हू. मेरे लंड का साइज़ 6 इंच है, और मैं नॉइदा से हू. तो चलो अब स्टोरी शुरू करते है.
जैसे की आपको पता है की एक भाभी अपने भाई से सेक्स करना चाहती थी, तो उनकी फॅंटेसी पूरी करने के लिए मैं उनका भाई बना. अब कहानी उनकी ही ज़ुबानी लिख रहा हू.
मैं: चल कोई नही, भाई तुझे माफ़ की. इतना तो चलता है. अब हम दोनो मॅरीड है.
ये सुन कर भाई तोड़ा कंफर्टबल हो गया, और तभी मैने अपना एक पैर उठा कर सामने टेबल पर रख दिया, जिससे भाई को मेरी थाइस दिखने लगी, और उसके मूह में पानी आने लगा.
भाई ने एक-दूं पेग बनाया, और पी गया. तब मैं बोली-
मैं: भाई इतनी जल्दी क्या है? आराम से पियो. नशा और प्यार आराम से करना चाहिए.
अब भाई भी तोड़ा खुलने लगा.
भाई: हा दीदी, सही बोल रही हो. जब प्यार करने वाली चीज़ सामने हो तो प्यार में कभी-कभी जल्दी हो जाती है.
हम दोनो को अब नशा हो गया था.
मैं: भाई वैसे भाभी बहुत लकी है जिसे तेरे जैसा पति मिला, लंबा, छोड़ा, और सेक्सी.
भाई: हा दीदी, बुत तुम्हारे पति भी बहुत लकी है जो तुम जैसी सेक्सी बीवी मिली उनको.
तब तक मैने अपने पैर थोड़े और चौड़े कर लिए. इसकी वजह से मेरी निघट्य भी थोड़ी उपर हो गयी और भाई को मेरी जांघें और शायद छूट भी दिख रही होगी. इस वजह से उसका लंड अकड़ने लगा था.
मैं: कहाँ से सेक्सी हू मैं? बिल्कुल नॉर्मल हू.
भाई: दीदी आपको बुरा तो नही लगेगा अगर बता डू कहाँ से सेक्सी हो?
मैं: हा भाई, बता ना क्या सेक्सी लगता है तुझे मुझमे?
इतना बोल कर मैने अपनी चुचियो को भी तोड़ा उपर लिया.
भाई: दीदी आप उपर से नीचे तक हुस्न की मल्लिका हो. आपके होंठ इतने रस्स भरे है, आपकी लंबी गर्दन, और…
इतना बोल कर भाई रुक गया. अब उसकी बातों से और उसके लंड का उभार देख कर मेरे भी निपल्स तंन गये थे.
मैं: रुक क्यूँ गये भाई? बोलो जो बोलना है. हम दोनो ही है यहाँ. आज जो होगा, हमारे बीच ही रहेगा.
इतना सुनते ही भाई तोड़ा खुल गया. फिर वो बोला-
भाई: दीदी आपके मस्त मोटे बूब्स (आपको बता डू उसकी वाइफ के बूब्स मेरे से थोड़े छ्होटे है). आपकी मखमली कमर, और आपकी उभरी हुई बॅक, और मक्खन जैसी टाँगें.
मैं: क्या भाई, इतना डीप्ली सोचते हो आप मेरे बारे में? इतना प्यार करते हो मुझे?
इतना बोल कर मैने अपनी टाँगों को पूरा खोल दिया, और मेरी छूट सॉफ-सॉफ दिखने लगी उसे. इससे भाई एक-दूं पागल हो गया, और अपनी लोवर को अड्जस्ट करने लगा.
मैं: कहाँ भाई, देखो कहाँ है मेरी मक्खन सी टाँगें (ये मैने जान कर बोला, जिससे वो मेरी छूट को देखे)? आ कर छ्छू कर देख लो.
भाई की हिम्मत बढ़ गयी, और वो मेरी पास आ कर, झुक कर, मेरी थाइस पर हाथ रख कर रगड़ने लगा. इससे मेरी आ निकल गयी.
फिर वो बोला: देखो कितनी प्यारी है.
मैं: भाई कहाँ से प्यारी लगी आपको (दोस्तो आपको बता डू, मैं अपनी छूट हमेशा सॉफ रखती हू).
इतना बोल कर मैने भाई को नीचे बिता दिया, और बोली: बताओ कहाँ से है?
और इतना बोल कर भाई के सर पर हाथ रख कर बिल्कुल अपनी थाइस के पास उसका मूह कर दिया. इससे उसे मेरी गीली छूट की खुश्बू आने लगी.
भाई तो जैसे पागल हो रहा था. वो ज़ोर से मेरी थाइस को दबाने लगा, जिससे मैं भी आ भरने लगी. अब बस सेक्स और शराब के नशे में थे हम दोनो. अब मेरा कंट्रोल करना मुश्किल हो रहा था, इसलिए मैने अपना भाई का मूह एक-दूं अपनी छूट पर रख दिया, जिससे भाई भी मेरी गीली हो चुकी छूट को चाटने लगा.
मैं अब मज़े से आहें भरने लगी और बोली: भाई चूसो, खा जाओ मेरी छूट को.
भाई पूरी जीभ निकाल कर मेरी छूट चाट रहा था.
मैं: आहा भाई, पूरी जीभ अंदर डालो आ भाई, भाई आहह.
एक बार तो मैं भाई के छूट चाटने से ही झाड़ गयी, और भाई भी मेरा पूरा पानी पी गया. फिर भाई ने पूरा पानी चाट कर सॉफ कर दिया. उसके बाद मैने भाई के सर को पकड़ कर उपर उठाया, और सीधा उसके होंठो को चूसने लगी. साथ ही मैने एक हाथ से उसका लोवर नीचे करके उसके लंड को पकड़ लिया.
भाई: आ दीदी आ.
भाई मेरी होंठो को बुरी तरह चूस रहा था, और मेरी निघट्य के उपर से मेरी चुचियो को मसालने लगा. मैं भी मज़े से पागल हो रही थी. मैने भाई के होंठो को चूसना छ्चोढ़ कर सीधा उसका लंड मूह में भर लिया, जिससे भाई की आ और चीख निकल गयी.
भाई: आ दीदी आ, आराम से. क्या खा जाओगी आज इसे?
मैं भाई के लंड को जितना हो सकता था उतना मूह में लेकर ज़ोर-ज़ोर से चूसने लगी, और भाई मज़े से तड़पने लगा.
भाई: आ दीदी आ ह्म ह श बहुत अछा कर रही हो आहह.
मैं 10 मिनिट तक लंड को पुर ज़ोर से चूस रही थी. तभी भाई बोला-
भाई: आ दीदी, नही, मेरा निकल जाएगा. छ्चोढ़ दो अया.
पर मैने हाथ पीछे ले जेया कर उसकी गांद को अपने हाथो से दबा दिया. वो समझ गया, और मेरे मूह को छोड़ने लगा. अब मैं उसका पानी पीने के लिए तैयार थी.
भाई: आ दीदी, कितना मस्त चूस्टी हो तुम. बिल्कुल रंडी की तरह एयेए आहा मैं गया.
भाई बोलते-बोलते मेरे मूह में झड़ने लगा. मैने उसका पूरा पानी पीने की कोशिश की, बुत तोड़ा बाहर निकल गया, और बाकी मैं पी गयी. फिर भी मैने उसके लंड को नही छ्चोढा, और उसके पानी की आखरी बूँद तक चूस ली, और लंड चाट कर सॉफ कर दिया. भाई और मैं बुरी तरह तक गये थे, तो हम वहीं सोफे पर लेट गये.
10 मिनिट बाद जब हमे तोड़ा होश आया, तब हम एक-दूसरे से शरमाने लगे.
तो दोस्तों कैसी लगी स्टोरी? नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा कैसे मैने अपनी कस्टमर की छूट और गांद मारी. आप मुझे मैल भी कर सकते है अननिचौहान1989@गमाल.कॉम पर. तब तक के लिए धन्यवाद.