फार्महाउस में मा की चुदाई की कहानी

मम्मी के घर जाने के बाद आंटी और अंकल को बातें करते सुना मैने.

आंटी: कैसा लगा माल?

अब्बास: मस्त है. इसकी और लेने का मॅन कर रहा. पूरी रात लेनी है इसकी.

आंटी: अछा पूरी रात करना है? किधर जाना है फिर लेने के लिए? कोई जगह है क्या?

अब्बास: हा इसको फार्महाउस ले कर जाएँगे.

आंटी: हा ये मस्त है प्लान. मैं लेके आती हू उसको. मैं भी आती हू उसके साथ.

अब्बास: हा क्यूँ नही. तुम, और मेरा दोस्त, और ये. इसकी गांद मारनी है मुझे.

आंटी: मार लो. सब कुछ कर लो. उसके मर्द मैं दूं नही है. इसको रंडी बना के रखना है.

अब्बास: तू टेन्षन मत ले आंटी.

फिर आंटी और अब्बास का प्लान सुन के शॉक हो गया मैं. उसके बाद मैं उधर से चला गया अपने घर पर. मम्मी बहुत खुश नज़र आ रही थी, और फिर वो सो गयी.

नेक्स्ट दे आंटी आई घर पर. मैं अपने फोन में रेकॉर्डिंग ओं करके चला गया, ताकि पता चल जाए, की दोनो ने क्या बातें करी थी, और क्या प्लान बनाने वाले थे. फिर मैं 7 पीयेम को घर आया. आते ही मैने फोन की रेकॉर्डिंग सुनी.

आंटी: कैसा था सेक्स उसके साथ?

मम्मी: मस्त था. मैं कभी सोची नही थी, की इतना मज़ा आता होगा किसी के साथ.

आंटी: अछा तो मज़ा इसके साथ आया या राकेश के साथ?

मम्मी: इसके साथ आया.

आंटी: फिर और करना है क्या मज़ा अब्बास के साथ? क्या बोलती है, पूरी रात के लिए मज़ा करेगी उसके साथ?

मम्मी: क्या बात कर रही हो, पूरी रात अब्बास के साथ? नही पूरी रात नही हो सकता. घर पर क्या बोलूँगी मैं? पागल है क्या?

आंटी: अर्रे डरती क्यूँ है? तेरे हज़्बेंड को बोलेंगे मेरे गाओं में फंक्षन है, इसलिए लेके जेया रही हू.

मम्मी: मुझे दर्र लगता है. कुछ हो गये तो? और कों-कों आ रहा है?

आंटी: मैं, तू, अब्बास, और उसका एक दोस्त. तू अब्बास के साथ करना, मैं उसके दोस्त के साथ करूँगी.

मम्मी: अछा फिर मेरे हज़्बेंड से तू ही बात करना. और कहा जाना है?

आंटी: सब मैं देख लेती हू. और फार्महाउस जेया रहे है. उधर अपने सिवा और कोई नही रहता. बहुत एंजाय करेंगे. बस तू रेडी रहना, दो दिन के बाद जाना है.

मम्मी: फार्महाउस! ठीक है ये भी एक बार ट्राइ करेंगे.

फिर आंटी पापा से बात करने लगती है: हमारे गाओं में लॅडीस फंक्षन है. तो मैं इनको ले कर जाना चाहती हू. दूसरे दिन शाम में हम वापस आ जाएँगे.

पापा: कब जाना है?

आंटी: कल सुबह निकल जाएँगे हम लोगो.

पापा: ठीक है चले जाओ, और जल्दी आ जाना.

मम्मी: ठीक है. अनूष बेटा और आपका खाना बना के रख दिया है मैने.

फिर बाग पॅक कर लिए थे मम्मी ने. उसमे ब्रा और पनटी नयी वाली रखती है वो.

आंटी और मम्मी दोनो रेडी हो जाते है, और बस स्टॅंड के पास मैं उनको छ्चोढ़ के आता हू.

फिर मैं उन दोनो को फॉलो करता हू. वही बस स्टॅंड के पास दो लोग भी उतार गये. फिर वाहा से ये लोग एक कार में बैठे, और चले गये आयेज.

मैं भी अपनी गाड़ी से दोनो को फॉलो करता हू. एक सुनसान जगह पे उनका फार्महाउस था. वो फार्महाउस का गाते खोले, और अंदर चले गये. 4 लोग उतार गये. एक मम्मी थी, एक आंटी थी, एक अब्बास था, और एक उसका दोस्त था.

फिर मैं कुछ घंटे के बाद दीवार के पास चला गया. मैने इधर-उधर देखा तो कोई नज़र नही आ रहा था. तो मैं बॅक साइड से अंदर चले गया. वाहा मुझे एक विंडो दिखाई दी. उस विंडो से अंदर का नज़ारा पूरा दिख रहा था. मम्मी और अब्बास एक रूम में थे, और एक रूम में दूसरे दोनो थे.

अब्बास: आज तुझे बहुत छोड़ने का है.

मम्मी: छोड़ ले ना फिर. तेरे लिए ही तो मैं इधर तेरे साथ आई हू छुड़वाने को.

अब्बास और मम्मी किस करना स्टार्ट कर दिए लिप्स तो लिप्स.

अब्बास बूब्स बे प्रेस कर रहा था उपर से. फिर मम्मी ने कपड़े निकाल दिए, और बालों का जूड़ा बना लिया. ब्रा और पनटी में क्या सेक्सी लग रही थी वो. अब्बास ने कपड़े निकाले, तो मम्मी उसका गुल्ला को हाथ में ले लिया. वो उसको आयेज-पीछे करने लगी.

मम्मी: तुम लोग क्या खाते हो. इतना बड़ा है तेरा गुल्ला. उस दिन से तेरे से चूड़ने का मॅन कर रहा है.

अब्बास: साली आज पूरा दिन रात छोड़ना है तुझे. रंडी शरीफ औरत समझा था तेरे को, तू तो बड़ी छिनाल निकली.

मम्मी: तेरे गुल्ले की वजह से रंडी भी बनने को तैयार हू.

मम्मी मूह में गुल्ला लिए आयेज-पीछे कर रही थी.

अब्बास: उस दिन तो बहुत नखरे कर रही थी गुल्ला लेने में.

मम्मी: तेरे गुल्ले की दीवानी हो गयी. उस दिन तू बहुत खुश कर दिया था मुझे. इसलिए तेरे साथ आने को रेडी हुई हू.

अब्बास: तेरी छूट में बहुत गर्मी है ना. पूरी निकाल दूँगा आज.

और वो छूट को चाटने लगा. वो जीभ छूट में अंदर-बाहर कर रहा था.

मम्मी: अहह याहह इश्स.

कुछ देर के बाद दोनो फिर किस करने लगे. अब्बास बूब्स को दबा-दबा के मज़े ले रहा था.

मम्मी: अभी बस कर, मेरे को तडपा मत. मेरी छूट में बहुत गर्मी है. डाल दे.

अब्बास: हा रॅंड, तेरी गर्मी निकाल देता हू आज.

उसने छूट में गुल्ला सेट कर दिया था, और एक शॉट में आधा अंदर गया.

मम्मी: हाए इसस्सस्स!

अब्बास: क्या छूट है तेरी, मज़ा आ गया फिर एक बार.

मम्मी: तेरे गुल्ले का कमाल है इसलिए. मेरी छूट तेरे गुल्ले की दीवानी हो गयी.

फिर मम्मी उपर आ गयी, और छूट मैं गुल्ला डाली. अब वो उपर-नीचे हो रही थी. अब्बास उनके बूब्स को दबा रहा था.

दोनो एक-दूसरे के लिप्स को चाट रहे थे. 10-15 मिनिट के बाद दोनो शांत हो गये. फिर दूसरे दोनो भी रूम में आ गये. आंटी ब्रा और पनटी में थी. अंकल (नाम सूरज) अंडरवेर में थे.

अब्बास ने अंडरवेर पहना, और मम्मी ब्रा पनटी पहनी. सूरज मम्मी के पास आया, और बूब्स को प्रेस कर रहा था.

सूरज: क्या माल है भाई.

अब्बास: हा, लेके देख, और भी मज़ा आता है.

मम्मी और आंटी दोनो हासणे लगे, और फिर मम्मी वॉशरूम को गयी. अब आंटी और वो दोनो अंकल बातें कर रहे थे.

आंटी: दोनो मिल के आचे से छोड़ो रंडी को.

अब्बास: हा उसको भी छुड़वाने का बहुत शौंक है.

सूरज: क्या बात है. अभी इसकी मैं लेलू?

आंटी: हा क्यूँ नही. मैं भी अब्बास के साथ करती हू.

बाकी की कहानी नेक्स्ट पार्ट में आपको सुनौँगा. अभी रात बाकी है. फीडबॅक देने के लिए ज़रूर मैल करे

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