फॅमिली सेक्स की हवस से भरपूर कहानी

तो दोस्तों जैसा की अपने पिछले पार्ट में पढ़ा होगा की कैसे मैं घर के बडो के बीच रह कर खेल में शामिल हुआ. अब आयेज की कहानी बताता हू.

तो हुआ ये की कुछ दिन तो हमारे नॉर्मल ही गुज़रे. कुछ दिन बाद कुछ ऐसा था की 2-3 छुट्टियाँ साथ में थी. लंबा वीकेंड था, और बाकी सभी लोग घर पर ही थे. तो सॅटर्डे का दिन था, और हमने सभी ने मिल कर घर पे मोविए देखी, खाना वग़ैरा खाया और रात को डिन्नर करने के बाद हम सब अपने-अपने कमरे में चले गये.

मैं अपना ही टाइम पास कर रहा था फोन में. और कुणाल वही अपनी बुक्स लेकर पढ़ने में व्यस्त था. चाचू के कमरे में चाची और मेरे मों-दाद थे.

चाचू: यार अब 2 दिन छुट्टी है. आज तो जाम के खेल के साथ सेक्स का मज़ा भी ले सकते है.

मों: हा जी, क्यूँ नही. काफ़ी दिन हुए किए. और लास्ट 1-2 बार से तो हम सिर्फ़ खेल कर ही सो जेया रहे है.

चाची: यार सच में काफ़ी मॅन हो रहा है करने का.

दाद: हा, तो फिर देर किस बात की है. आओ शुरू करे?

चाची: वैसे पिछली बार राहुल को बुला कर मैने ग़लती तो नही की ना?

मों: चिल यार. वो तो अभी बच्चा ही है. और आज यहा से नही तो कल कही और से सीखेगा. वाहा से जानेगा. और आज कल के बच्चे तो स्टडी डेज़ में ही सब जान जाते है.

चाचू: हा लेकिन एक हमारा बेटा है. जो दिन भर बुक्स से बाहर ही नही निकलता.

चाची: वैसे क्यूँ ना आज राहुल को भी शामिल किया जाए?

दाद: यार बार-बार उसके सामने हम ऐसे करेंगे, और वो सिर्फ़ देखेगा. सही नही लग रहा.

चाचू: वैसे यार उसको भी मॅन तो ज़रूर होगा. और क्या ही करेगा अभी छ्होटा भी तो है. तोड़ा ग़मे में ही मस्ती मज़ाक करेंगे.

चाची: यार सच में काफ़ी मॅन हो रहा है करने का.

दाद: हा, तो फिर देर किस बात की है. आओ शुरू करे?

चाची: वैसे पिछली बार राहुल को बुला कर मैने ग़लती तो नही की ना?

मों: चिल यार. वो तो अभी बच्चा ही है. और आज यहा से नही तो कल कही और से सीखेगा. वाहा से जानेगा. और आज कल के बच्चे तो स्टडी डेज़ में ही सब जान जाते है.

चाचू: हा लेकिन एक हमारा बेटा है. जो दिन भर बुक्स से बाहर ही नही निकलता.

चाची: वैसे क्यूँ ना आज राहुल को भी शामिल किया जाए?

दाद: यार बार-बार उसके सामने हम ऐसे करेंगे, और वो सिर्फ़ देखेगा. सही नही लग रहा.

चाचू: वैसे यार उसको भी मॅन तो ज़रूर होगा. और क्या ही करेगा अभी छ्होटा भी तो है. तोड़ा ग़मे में ही मस्ती मज़ाक करेंगे.चाची: हा बिल्कुल. देखो अब आक्च्युयली बात ऐसी है ना, की अगर उस दिन मेरा बेटा कुणाल भी होता ना, तो आज मैं चाहती की वो भी जाय्न करे. इन फॅक्ट मैं तो इतनी खुश होती की यार उसका ध्यान पढ़ाई के अलावा कही और तो गया.

मों: यार इतना पढ़कू है. ये तो अची बात है ना. राहुल की तरह सारा दिन मस्ती भी अची बात नही है ना.

दाद: यार डिस्कशन में टाइम मत वेस्ट करो, बुला लो.

इतने में चाची ने मुझे मेसेज किया उनके कमरे में आने के लिए, और मैं तुरंत ही उनके कमरे में चला गया. मैने देखा की सभी वाहा मौजूद थे, तो मुझे आइडिया तो आ चुका था की आज भी कोई ग़मे का कार्यक्रम तो ज़रूर है.

फिर मैं अंदर गया और डोर बस नॉर्मल बंद किया, और हमने डिसाइड किया की हम वही ट्रूथ आंड डरे वाली ग़मे खेलेंगे. मैं भी रेडी था.

फिर हम रौंद में बैठे बेड पर और हमने बॉटल स्पिन करना स्टार्ट किया. पहले कुछ रौंद तो नॉर्मल थोड़े सेक्सी ट्रूथ वाले चले. करीब 15 मिनिट बाद असली मज़ा आना शुरू हुआ.

खैर मैं बता डू की सब ने पहना क्या हुआ था. मैने एक ब्लॅक कलर की शॉर्ट्स और एक त-शर्ट पहनी हुई थी. सेम चाचू और पापा ने करीब-करीब चड्डी और त-शर्ट पहनी हुई थी. फिर आते है मेरे घर की 2 खूबसूरत लॅडीस पर.

मेरी मों ने एक ब्लू कलर की प्रिंटेड निघट्य पहनी थी, जो हाफ स्लीव्स थी, लेकिन गले तक नही थी. ऐसे देखे तो क्लीवेज भी डाइरेक्ट्ली एक्सपोज़ नही हो रही थी.

फिर मेरी चाची ने वाइट कलर की प्रिंटेड स्लीव्ले निघट्य पहनी थी जो शोल्डर से सिर्फ़ पतली रस्सी टाइप होती है. बस वही जिसमे से मुझे उनकी पिंक ब्रा का स्ट्रॅप ईज़िली नज़र आ रहा था. फिर फाइनली मों को डरे देना था पापा को.

मों: अछा एक काम करते है. (मेरी चाची से कहते हुए) तू ना इनको फक कर. मीन्स रियल में तो नही अट लीस्ट इन्हे फील आए पीछे से कोई लेता है तो कैसा लगता है. आंड योउ अरे फ्री तो स्पॅंक हिं.

चाची: अया, ये हुई ना बात. आइए ज़रा आपकी गांद लाल करते है.

दाद: स्पॅंक क्या होता है? मतलब ऐसा थोड़ी कर सकते है.

चाची: क्यू? जब आप दोनो कहते हो की डॉगी स्टाइल में आओ तो हम दोनो को तो बराबर करते हो लाल. गांद भी आचे से लेते हो. चलिए उठिए कोई बहाना नही चलेगा.

दाद: अछा लेकिन राहुल के सामने तोड़ा आराम से. वो क्या सीखेगा.

मों: वही सीखेगा, की अगर गांद मारनी है बीवी की, तो कभी-कभी अपनी मर्वानी भी चाहिए उनकी इहुशी के लिए.

राहुल: कम ओं दाद. बे आ मान.

दाद: बेटा तू भी रुक. तू अभी अभी जाय्न हुआ है ना. यहा तो लॅडीस की इचायें तू सोच भी नही सकता. खैर आओ, मारो मेरी गांद.

ये बोल कर दाद घुटने पर उठे, और हमारी तरफ गांद करके बेड पे ही खड़े हो गये घुटनो के बाल. पीछे से चाची आई, और उन्होने सबसे पहले दाद की गांद पे हाथ घुमाया और अपनी उंगलिया चड्डी में डाल कर वो नीचे कर दी.

दाद ने अंडरवेर तो नही पहना था इसलिए उनकी काली गांद हमे नज़र आ रही थी. पीछे से चाची भी घुटनो पे खड़ी हुई दाद के पीछे. फिर पहले तोड़ा सा उनकी गांद सहलाने के बाद दोनो गांद पे 2-2 स्पॅंक किए ज़ोर-ज़ोर से. और फिर दाद की कमर पे हाथ रख के फक्किंग पोज़िशन जैसी आक्टिंग कर रही थी.

मों: यार ऐसे कों छोड़ता है? कम से कम निघट्य तो उठा ले.

इस्पे चाची ने कुछ कहा नही सीधा अपनी निघट्य को कमर तक उपर किया, और उनकी प्यारी सी गांद जो पिंक पनटी के अंदर थी, वो दिख रही थी. पीछे से देखने का मज़ा ही अलग होता है. फिर मेरी मों उठी, और चाची की पनटी को थाइस तक नीचे उतरी जहा चाची की मस्त गोरी-गोरी गांद मैने पहली बार देखी और मा बोली की अब कर.

चाची ने फिर दाद को पीछे से छोड़ने की आक्टिंग की कुछ देर, और फिर 2-2 स्पॅंक और करके उन्होने अपनी पनटी पहन ली, और निघट्य सीधी करके बैठ गयी. पापा भी चड्डी ठीक करके बैठे जहा उनकी गांद थोड़ी तो ज़रूर दुख रही होगी. फिर हम बढ़े नेक्स्ट रौंद की तरफ.

अगले रौंद में दाद को डरे देना था. तो उन्होने कुछ सोचने के बाद कहा.

दाद: तुम दोनो मिल कर राहुल को ब्लोवजोब का एक सॅंपल दो. नाउ इट’स अप्ट योउ की तुम लोग कैसे देते हो.

मैं वाहा एक्शिटेड भी हो गया. लेकिन मों और चाची ज़रा भी सोचे बिना सीधे मेरे पास आई. फिर कुछ सेकेंड्स दोनो ने यहा वाहा देखा, और सोचने लगी की ब्लोवजोब का एक्सपीरियेन्स कैसे दे.

फिर मों ने मेरा लेफ्ट हाथ उठाया उसमे मेरी मिड्ल फिंगर को सीधा मूह में लिया, और उनकी जीभ निकाल कर उन्होने चूसना शुरू किया, बिल्कुल स्लो मोशन में.

यार ये महसूस तो बड़ा अछा हो रहा था, और मेरी उंगलियाँ पूरी गीली हो चुकी थी उनकी थूक से. दूसरी तरफ ये देख कर चाची ने मेरा दूसरा हाथ लिया, और उन्होने भी मेरी मिड्ल फिंगर चूसनी शुरू की. फिर दूसरे हाथ से चाची और मों ने एक-दूसरे को ही-फाइव दिया, और एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर रखा.

वो मेरी उंगलियों को कभी जीभ के उपर, कभी जीभ के नीचे डाल के पूरा चूसने लगे. करीब 2-3 मिनिट तक ये सिलसिला चला, और फिर हमने अपनी-अपनी पोज़िशन्स ली. मैने तो खैर दोनो उंगलियाँ खुद के मूह में ली 1-1 बार और टेस्ट किया. सभी ये देख कर खुश हुए की आख़िर बच्चे भी ये सब चीज़े समझते ज़रूर है.

हम बढ़े नेक्स्ट रौंद की तरफ. फिर मुझे डरे देना था मों को. तो मैने सोचा अब तक चाचू बिल्कुल अलग-अलग महसूस कर रहे थे, तो मैने उन्हे कहा की आप दोनो मिल कर चाचू के निपल्स चूसो.

चाची: यार तुम लोग हम दोनो से मिल कर चुस्वाओगे क्या सिर्फ़? कभी ऐसा भी डरे दो की हमारा कोई चूज़.

मों: और बेटा अगर इतनी ही इक्चा थी तो खुद पे करवाता. तुझे भी अछा लगता ना.

मे: मुझे ये दिमाग़ में ही नही आया. खैर अभी तो आप दोनो ये करो. आक्च्युयली आप दोनो को देखने में मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है.

फिर मों और चाची उठी, और चाचू ने अपनी त-शर्ट उतार दी. उनकी बॉडी ऐसी थी की पेट तो निकला हुआ था. लेकिन वो एक-दूं से टाइट नही होता, वैसे टाइप का. और बिल्कुल भी बाल नही बॉडी पे.

वाहा पे मों और चाची ने अपनी-अपनी जगह ली, और चाचू के निपल्स चूसने शुरू किए. मतलब वो चेस्ट पूरी दबा रहे थे, और निपल्स तो जैसे मूह से बाहर ही नही निकल रहे थे. खैर फिर ये रौंद भी ख़तम हुआ. और ऐसे काई राउंड्स हमने खेले.

चाची: यार अब काफ़ी डेरिंग हो गयी. अब नेक्स्ट रौंद से एक डरे और एक कपड़ा उतारने वाला खेलते है.

मों: आख़िर इतनी देर से कर रहे है मस्ती, थोड़ी बॉडी भी तो एक्सपोज़ हो सब की.

राहुल: आप दोनो तो काफ़ी गरम लग रही हो. मतलब इतनी तलब एक-दूसरे को बिना कपड़ो के देखने की?

चाची: हे चॅंप, ज़्यादा खुश मत हो. वरना सबसे पहला नंबर तेरा लगाएँगे. हमारे सामने नांगु होके बैठेगा फिर.

इस्पे सब हस्स पड़े.

राहुल: ऐसे मौके पर तो हर कोई चाहेगा की उसका नंबर फर्स्ट आए, हहे.

खैर फिर हमने नेक्स्ट राउंड्स शुरू किए. और मेरा लक तो देखो, सबसे पहले मुझे ही डरे मिला.

मों: चल तेरी और चाची की बॉनडिंग देख कर मुझे ये डरे तो देना ही पड़ेगा. (चाची और मैं मों को ध्यान से सुन रहे थे). तुझे इसकी (चाची की तरफ उंगली दिखाते हुए) पनटी उतारनी है. लेकिन बिना देखे. और उतारने के बाद तुझे अपनी शॉर्ट्स उतारनी पड़ेगी.

चाची: इसके डरे में मेरे कपड़े क्यूँ उतरेंगे?

मों: ई डॉन’त थिंक तुझे कोई ऐतराज़ भी है इस बात से. (नॉटी स्माइल देते हुए)

चाची (मॅन ही मॅन में बहुत खुश होती हुई): ऐतराज़ तो नही. कम चॅंप.

इतना कहते ही चाची बेड के उपर सब के बीच में खड़ी हुई, और मैं उनके पीछे आया. फिर मैं अपने घुटने पर बैठा, और चाची की गांद बिल्कुल मेरे चेहरे के सामने थी.

मैने अपने दोनो हाथ नीचे से चाची के निघट्य में डाले, और हाथ उनके पैरों पे स्लाइड करते हुए धीरे-धीरे उपर गया. चाची की बॉडी बहुत क्लीन थी, और बहुत अछा लग रहा था.

क्यूंकी कोई देख नही रहा है, तो सरप्राइज़स का मज़ा अलग होता है. फिर मैं पहुँचा उनके मोटे-मोटे थाइस पर जो बहुत ही स्मूद थे, और नैने तो आयेज-पीछे पूरी जगह टच किया.

चाचू: राहुल इफ़ योउ वॉंट तो, आयेज आके भी उतार सकता है.

राहुल: नही चाचू, मुझे पीछे से ज़्यादा अछा लगता है. (सब हास्से)

मों: बाप का बेटा है ना. पीछे से ही मज़ा आता है तुम लोगों को.

खैर फिर मैने पहुँचा चाची की पनटी लाइन पे. मैने अपनी उंगलियाँ धीरे-धीरे उपर की और चाची की सेक्सी गांद पे हाथ घुमाया. फिर गांद की तो पूरी फील आ चुकी थी.

चाची: बेटा अगर फील ले लिया हो तो उतार भी दे.

राहुल: हा चाची, बस इस मौके को खोना नही चाहता.

चाची: वैसे तू आज पूरी रात यही है हमारे साथ. मौके और भी मिलेंगे.

फिर मैने उनकी पनटी के साइड्स में अपनी उंगलियाँ डाली और पनटी को नीचे खींच लिया. फिर चाची ने अपनी दोनो टांगे उठाई, और मैने पनटी हाथ में ली और कुछ सेकेंड्स बाद वो पनटी मों की तरफ फेंकी.

राहुल: लो मों आपको चाची की पनटी चाहिए थी ना. (स्माइल करते हुए).

दोस्तों अगर पूरा दिन किसी ने पनटी पहनी हुई हो, और अगर आप उसको उतरो तो देख कर ही किसी का भी खड़ा क्यूँ ना हो. इतना अछा लग रहा था मुझे. फिर मैं उठा और मैने अपनी शॉर्ट्स सब के सामने उतार दी. मैने अंदर व-कट वाली अंडरवेर पहनी हुई थी, जिसमे मेरा लंड तोड़ा-तोड़ा खड़ा हो चुका था.

ये खेलते-खेलते हमे काफ़ी देर हो चुकी थी, और सभी अब आयेज के लिए बेताब थे.

दाद: अब बस करे? अपना असली खेल शुरू करे?

चाचू: हा यार, अब चड्डी पहनी नही जेया रही. आज कुछ ज़्यादा ही देर हमने ग़मे खेल ली ना.

मों: चलो फिर उतार ले अपने अपने कपड़े?

चाची: इसमे सोचने और पूछने वाली क्या बात है? लेट’स गो.

फिर सब उठे और अपने-अपने कपड़े उतारने लगे. जैसे कोई चेंजिंग रूम हो, और यहा तो माले फीमेल सब एक ही जगह मौजूद थे. करीब 1 ही मिनिट बाद हम सभी नंगे हो चुके थे.

अगर मैं आपको रूम का माहौल बता डू, तो कुछ ऐसा था की चाचू जो नंगे थे, और उनकी बॉडी पे ज़रा भी बाल नही थे. लंड काफ़ी काला, और तोड़ा मोटा जो आधा खड़ा था और लटक रहा था. उसपे हल्के-हल्के बाल आ रहे थे. दूसरी तरफ दाद जो थोड़े गोरे थे, लेकिन लंड तो उनका भी काला ही था. और उनकी बॉडी बिल्कुल हेरी थी.

चेस्ट पे, पेट पे, लंड पे पूरा बालों से भरा हुआ था. यहा एक तरफ मेरी मों जो मेरे सामने खड़ी थी, फॉर थे फर्स्ट टाइम, बिल्कुल नंगी मेरे सामने. बूब्स थोड़े बड़े और उसपे ब्लॅक निपल्स जिसके आस-पास थोड़े बड़े पॅच थे. और नीचे छूट जो मुझे नज़र नही आ रही थी, क्यूंकी उनके वाहा बाल काफ़ी ज़्यादा थे.

यहा दूसरी तरफ मेरी प्यारी चाची जो नंगी तो थी, और अभी भी ब्रा उतार रही थी मेरे सामने. उनकी प्यारी-प्यारी गांद जो बेहद मस्त लग रही थी, और उनके हाथ पीठ पर ब्रा की हुक खोलते हुए.

फिर उन्होने ब्रा उतरी, और मेरी तरफ फेंकी और कहा: तेरे पीछे वाली चेर पे रख दे.

यहा मैं भी बिल्कुल नंगा हो चुका था, और मेरा लंड भी आधा खड़ा था. फिर मों ने बेड के उपर से सभी के कपड़े उठाए, और मेरे पीछे वाली चेर पर फेंक दिए. यार ये माहौल मैं आपको शब्दो में बयान नही कर सकता इतना प्यारा था.

तो दोस्तों आपको यहा तक की कहानी कैसी लगी मुझे कॉमेंट्स द्वारा और नीचे दिए गये मैल ईद पे ज़रूर बताए.

यह कहानी भी पड़े  दुल्हन के बेहोश होने पर मा बनी दुल्हन


error: Content is protected !!