फॅमिली सहर से गाओं तक का सफ़र-2

नमस्कार मेरी स्टोरी पसंद करने के लिए सुक्रिया.

सुरनीटा मेरी खूबसूरत कज़िन बहें है. मदहोश कर देने वाली 32 26 35 का फिगर. जो धेकले लंड सलामी देने लग जाए.

मई:सुरनीटा को हग करते हुए वही उसे लेटते हुए. उसके उप्पर लेट गया.

बहें की टॅंगो के बीच मेरे खड़ा लंड उसके फ्रॉक के उपर से छूट पे दबे हुए हल्का रग़ाद महसूस कर रहा था. छूट का आकर महसूस हो रहा था.

सुरनीटा: भैया प्लीज़ नही.

मई उसे अपने नीचे ही लिटाया हुआ चिपका रहा. छूट के उपर दबा के रगड़ने से उत्साह बड़ी और थोड़ी देर मई फ्रॉक पे ही अपना रस छोड़ दिया.

बहें: गीला महस्सोस करते हुए. ये क्या किया!

मई:मेरी लंड को उसकी बहें की छूट इतना प्यारा लगा की कामोतेजना हो गया.

बहें:हासणे लगी. अभी उतो साफ कार्लो वाहा.

मई:नही तुम भाग जहगी.

बहें:भैया मेरा फ्रॉक गंदा हो गया.

वही टांक के पास मेरा रस ढोते हुए डेक रहा था. फिर मेरे लंड को अकचे से सॉफ किया.

मेरी बहें भाग ना जाए इसलिए उसका फ्रॉक पकड़ के मई पंत ना पहने वही छत के कोने पे बेटने ही वेल थे की तबी मेरी बहें बागने का नाटक की तो पकड़ के नीचे लिटा दिया.

उसके हटो को पकड़ के उसके उपर आड़ा उतरी मेरे पंत और बैट गया. अब उसकी गीली फ्रॉक मेरे लंड के पास था तो उसे तोड़ा सरका दिया और ड्राइ फ्रॉक पे टाँगे कॉल लेट गया.

बहें:हाहाहा अब तो मुझे जाने दो भाई.

मई:आज नही.

वैसे ही लेता रहा. पता नही कब यूयेसेस गर्मी मे वही छत पर नंगा ही उसके उपर सो गया. जब आँके खुली तो वो मुझे हग किए अभी बे मेरे नीचे ही लेती थी.

मई: उसे प्यार से धेका..मई कब सोया और अब तक भागी नही..मोका था ना.

बहें: भैया आप बहुत पहले सो गये थे और छोटे भाई ने भी डेक लिया एसा लेते हुए.

मई:दर गया..उठाया क्यू नही.

(पीछे पलटा और पंत धेका तो वो तोड़ा उप्पर किंचा हुआ था और इश्स तारा फ्रॉक मुझे कवर किया हुआ था की उसकी एक तंग फ्लॅट और दूसरी बेंड किया हुआ मेरे टॅंगो के बीच था. उसकी छूट की दीवार अभी बे कपड़ो के उपर से महसूस कर पा रहा था. जैसे ही महसूस हुआ मेरा लंड फिर हरकत करने लगा और उसकी तरफ डेका.)

बहें: भैया आप इतनी आक्ची तारा सो रहे थे तो छोटे से बाद मई आएँगे बोलके भेज दिया और मेरा लंड महसूस करते हुए स्माइल की.

मई लीप किस करने लगा वो इश्स बार पूरा सात देने लगी..दोनो होतो को चूसने लगे. किस करते हुए उसकी फ्रॉक उप्पर किंचा और अपना लंड उसकी छूट पर जैसे ही रखा दोनो को कुछ अलग ही हेसस हुआ (बिजली जैसा).

पहली बार मई कोई नंगी छूट और बहें ने लंड महसूस किया था.”सब कुछ भूल कर एक भाई और बहें चिपक के लेते थे”. क्लीन और बोहुत मज़ा देने वाली छूट है उसकी. कोई भी मर्द होगा तो रोक नही पाएगा.

टशहिर्त उपर की और चूचियाँ दबाने लगा और एक हट से छूट पे राका तो वो मचल गयी. होतो को चूमते हुए ही ह्म उम्म के आवाज़ निकल रही थी.

थोड़ी देर उसके 32″ के गोरे चुचियों को चूसा. दबाया और चुटकी काटने लगा. बहुत मुलायम(सॉफ्ट) और ख़तरनाक है. उसे देकने वाला कोई भी चूसना. मसलना छाएगा.मई तो उसका दीवाना था ही तो उसको कैसे जाने देता.

शाम होने वाला था और टाइम बे कम था कोई बे उप्पर आ सकता था. जैसे ही मई उत्ता और सिर से लेके छूट तक लेती हुई डेका तो मधूस सा अपनी बहें मई जन्नत की अप्सरा सामने डिक रही थी.उंगली छूट पे गुस्साया तो अपने होतो को दबाने लगी. बहें के लिए पहला एहसास था और मई मेरी बहें को डेक के रोक नही पा रहा था.

लंड हट मई पकड़ा और उसके चूचियों को सपोर्ट बनाते हुए छूट पे धक्का देने लगा पर यहा वाहा पिसालने लगा. फिर ट्राइ किया तो उसने बॉडी अदजूसते करी तो उसके छूट के करेक्ट गद्दे पे फिट हुआ.

धीरे धक्का दिया तो उसने रोका और हटा दिया.

बहें:रूको भैया दर्द हो रहा है. हटो.

मई:सॉरी पहली बार है ना इससलिए.

बहें:भैया मेरी भी पहली बार है आराम से करो.

(ये सुनते ही मई मुस्कुराने लगा और वो मुझे डेक के गुस्सा और मुस्कुराने लगी.)

फिर ट्राइ करने लगा..इश्स बार मेरा थूक लिया और तोड़ा थूक मेरे लंड पे और तोड़ा उसके छूट पे डाला. उसे अक्चा नही लगा पर अभी यही सहारा था.

इश्स बार ध्यान से छूट पे अड्जस्ट किया तो इश्स बार उसका छूट का छोटा सा तितली की गद्दे पे रखा और अंदर धक्का देके गुसने लगा मुझे थोड़ी स्किन पे खिचाव महसूस हुआ और दर्द होने लगा.

मेरी बहें जैसे ही तोड़ा अंदर गुस्सा अपनी आँके बंद करके आह काहेते हुए मेरे हट पकड़ के दर्द सहें करने लगी.

मई जैसे जन्नत पे था. आज मेरी खूबसूरत सेक्सी बहें को छोड़ने वाला हू. आज भी नही भूल सकता उसकी घीली गरम छूट कैसे मेरे लंड को ज़ोरो से जकड़े हुए था. उसकी छूट जैसे लंड को गले लगाए ना छोड़ना चाहता था.

मई अपने आप को रोक नही पाया और फिर उसके चूचियों को पकड़ा लंबी आहह के सात धक्का दिया तो एसा लगा पूरा लंड आराम से फिसलता हुआ पूरी गरम छूट के अंदर दीवारो को चीरते हुए स्लो-मोशन मे घुस रहा है.

मुझे लगा मेरे आँके जैसे एक सेकेंड के लिए बाहर निकल रहे हो और मेरी बहें ने मेरी हाट ज़ोर से पकड़ हुआ था. मेरी बहें की छूट की गहरईओं मई डूबने का एहसास और आनंद मिल रहा था. वो पल आज तक याद है मुझे.

वो ज़ोर से छींकी. मई उसके चीक से होश मई आया और उसका मु पकड़ा और इडार उदार देकने लगा.

बहें:मेरा हाट हटते ही बोली.मेरी छूट फाड़ दी.दर्द हो रहा है.

मई:कुछ नही हुआ. चिल्ला मत सब सुन लेंगे.

बहें:मई तेरी बहें हू कोई रंडी जानवर नही. बहेनचोड़ आराम से घुसा.

मई सुनके डांग रहा पर कुछ नही बोला और थोड़ी देर इश्स बार शांत रुका. मुझे भी तोड़ा दर्द हो रहा था.

मेरा दर्द जैसे ही कम हुआ. अब हल्के धक्के देने लगा तो उसे तोड़ा अलग ही मज़ा महसूस होने लगा और आ आ सिसकिया भरने लगी. थोड़ी देर बाद मेरी बहें मेरे सिर ओर पीट पर हट दबाते हुए अपनी छूट नीचे से लंड पे उछाल देने लगी और मेरे होतो को चूमते हुए ह्म उम्म की सिसकिया लेने लगी.

अब पूरा सॉफ धिका. मेरी कज़िन चुड़ाकड़ बन गयी बोहुत मज़ा आ रहा था मेरे लंड से छुड़वाने मई. हम दोनो पहली बार संभोग का मज़ा ले रहे थे.

छत पे मेरा लंड और उसकी छूट टकराते हुए ताप ताप के आवाज़े करने लगी. मेरी बहें नई अपने टांगे मेरे टॅंगो पर राका हुआ मुझे पूरी टाइट गले लगाए हुई थी और मई गले पर होतो से चूमता हुआ छूट पे ज़ोर ज़ोर धक्का दे रहा था.

मेरे लंड उसके छूट के अंदर जाते ही मेरी खूबसूरत प्यारी बहें पूरी भाछोड़ बन गयी थी. इश्स अलग रूप आज डेक के पागल और मज़ा दोनो आ रहा था. मुझे टाइट पकड़े उम्म उम्म्म करते हुए आहे(ब्रीदिंग) ज़ोर ज़ोर भरने लगी और गांद उछाल कर अपनी प्यारी छूट मेरी लंड पे दे रही थी.

मई खुश हो रहा था के मेरी वर्जिन बहें को छोड़के स्वर्ग सा आनंद महसूस करने का मोका मिला.

तबी मुझे अचानक बोहुत मज़ा आने लगा. उसकी छूट टाइट होने लगी. मेरा पीट और सिर पकड़ के अपने गुटनो और उसके शरीर ने पूरा मेरे सरीर को जाकड़ लिया. मेरी बहें नई छूट उछलते हुए एक ज़ोरदार अहह आ आ आह.. आवाज़ के सात मेरी होतो को अपनी होतो से दबा लिया और उसका शरीर मई जटके महसूस हुए.

तो मई समाज गया की उसकी छूट मई रस झाड़ चुका है और मेरी बहें को छूट के अंदर लंड के जटके देते हुए टाइट हग किया. उसने अपनी छूट मई रस(ऑर्गॅज़म) ढीली की और मेरी तरफ सर्माते हुए मुस्कुराने लगी.

बहें:भैया थॅंक्स आप बहुत अकचे हो.

मई:शुक्रिया पर मेरी पगली बहेना मेरा तो अबुई हुआ नही है और धक्के देने जारी रखा.

तबी अचानक छोटा भाई जो 5 साल का था सीडीयों पे दीदी बोलते हुए आता है. तो हम एक दूसरे मई भूल गये के हम कहा थे और क्या कर रहे थे और दर के मारे जल्दी आलग हुए और वो फ्रॉक नीचे किंची और मई पंत बंद नही कर पाया.

बहें अपनी खून से रंगी छूट छत पे छिपाए बैट हुए थी और मई पंत कमर तक किंच पकड़ के छोटे भाई को डेक रहा था.

इसके आयेज क्या हुआ. वो आपको अगले पार्ट में पता चलेगा. अगर स्टोरी पसंद आई हो. तो लीके और कॉमेंट कर देना.

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