ही फ्रेंड्स, मैं प्रीथनका गुप्ता अपनी अगली कहानी लेके आप सब के सामने हाज़िर हू. मैं 23 साल की हू, और लुधियाना से हू. मेरा फिगर 34-29-36 है, और रंग मेरा गोरा है. ज़्यादा नही बोल रही अपने बारे में, बस इतना ही बोलूँगी की हर लड़का मुझे देख कर छोड़ना चाहेगा. इतनी सेक्सी होने की यही प्राब्लम है, की लड़के पीछा नही छ्चोढते. चलिए अब कहानी शुरू करती हू.
ये कहानी 4 साल पहले की है. तब मैं 19 साल की थी, और कॉलेज फर्स्ट एअर में थी. दोस्तों स्कूल से ही मेरी इंग्लीश काफ़ी वीक थी. लेकिन जैसे-तैसे मैं एग्ज़ॅम पास कर लेती थी.
कॉलेज जाने के बाद धीरे-धीरे मेरा बनता धार होने लगा. अब सारे सब्जेक्ट्स इंग्लीश मीडियम में थे, और इंग्लीश मेरी वीक थी. तो घर वालो ने मेरी टुटीओन एक इंग्लीश कोचैंग सेंटर में रखवा दी.
वहाँ अतुल नाम का बंदा इंग्लीश पढ़ता था. बहुत सुना था उसके बारे में की वो जानवर को भी इंग्लीश सीखा दे. फिर मैने वहाँ जाना शुरू कर दिया. मैं हर तरह के कपड़े पहनती थी, कभी जीन्स और त-शर्ट, कभी लेगैंग्स के साथ शर्ट, और मेरे सारे कपड़े पुर साइज़ के होते थे, जिसमे से मेरी बॉडी की फुल शेप दिखती थी. इससे लड़के अट्रॅक्ट होते है, और मुझे लड़कों को अट्रॅक्ट करना अछा लगता था.
अब कुछ दिन हो चुके थे मुझे टुटीओन पर जाते हुए. सिर सही में अछा समझते थे. वैसे सिर मॅरीड थे, और उनका एक बेटा भी था, लेकिन फिर भी सिर कोचैंग सेंटर पर आने वाली लड़कियों को देखते थे, और मौका मिलने पर उनको टच भी करते थे. मेरे साथ भी उन्होने काई बार ऐसा किया. वो उपर से नीचे तक मुझे देखते थे, और कभी मेरी पीठ पर, और कभी बाजू पर हाथ फेर लेते थे.
2 महीने हो चुके थे, और मेरे एग्ज़ॅम्स आ चुके थे. फिर मैने थोड़े दिन टुटीओन जाना बंद कर दिया. जिस दिन इंग्लीश का एग्ज़ॅम हुआ, तो क्वेस्चन पेपर देखते ही मैं समझ गयी की मैं फैल होने वाली थी. जैसे-तैसे मैने पेपर तो दे दिया, लेकिन मुझे पता था मैं फैल होने वाली थी.
अब मेरे माइंड में दर्र था की फैल होने पर मैं घर पे क्या बोलूँगी? टुटीओन पढ़ने के बाद भी मेरा ये हाल था, और घर वाले मुझे बहुत जूते मारने वाले थे. फिर मैं शाम को सिर के पास गयी. मैने लेगैंग्स-सूट पहना हुआ था, और मैं दुपट्टा नही लेती थी.
उस वक़्त सिर की सारी क्लासस ख़तम हो चुकी थी, और सिर क्लास में बैठे टेस्ट चेक कर रहे थे. मैने सिर को गुड ईव्निंग बोला, और कहा-
मैं: सिर मैं फैल हो जौंगी.
सिर: अर्रे अभी कैसे डिसाइड कर लिया तुमने. क्या पता पास हो जाओ.
मैं: सिर मुझे पता है ना. जब मैने कुछ सही लिखा ही नही, तो पास कैसे हो जौंगी?
सिर: ऐसा करते है, तुम्हारे प्रोफेसर को मैं जानता हू. मैं उसको कॉल करके तुम्हारा रिज़ल्ट पूच लेता हू.
मैं: ठीक है सिर.
फिर सिर ने मेरे प्रोफेसर को कॉल की. उनकी बातों से वो दोनो आचे दोस्त लग रहे थे. सिर ने उनसे मेरा रिज़ल्ट पूछा, तो उन्होने उसी वक़्त मेरा पेपर चेक करके बताया की मैं फैल थी. फिर सिर ने फोन कट किया, और बोले-
सिर: हा प्रीथनका, तुम सच में फैल हो.
मैं: सिर मेरे घर वाले मुझे मार डालेंगे. आप प्लीज़ पास करा दो मुझे. मेरे प्रोफेसर आपके दोस्त है, प्लीज़ उनको बोल दो की वो मुझे इस बार पास कर दे. नेक्स्ट टाइम मैं और मेहनत करूँगी.
सिर: देखो प्रीथनका, ये सच है की तुम्हारे प्रोफेसर मेरे दोस्त है. और वो मेरे बोलने पर तुम्हे पास भी कर देंगे. लेकिन इसके बदले में मुझे क्या मिलेगा?
मैं: सिर आपको क्या चाहिए.
सिर खड़े हुए और मेरे पास आए. फिर मेरे पास खड़े हो कर बोले-
सिर: प्रीथनका तुम बहुत खूबसूरत हो. कोई भी लड़का तुम्हारा दीवाना हो जाएगा. अब मैं भी तो एक लड़का हू. तो अगर तुम मुझे तुमको प्यार करने दो, तो मैं अभी तुम्हे पास करा दूँगा. नही तो मैं कुछ नही कर सकता.
मैं समझ गयी की सिर मेरे साथ सेक्स करना चाहते थे. अब मेरे सामने घर वालो की मार और तानो से बचने का यहीं रास्ता था. फिर मैने सिर को बोला-
मैं: सिर आप कब करना चाहते है.
सिर: अभी, यहीं पर.
मैं: लेकिन ये दोबारा नही अलो करूँगी.
सिर: सिर्फ़ अभी होगा, दोबारा नही.
मैं: और मुझे आचे मार्क्स चाहिए.
सिर: 80 मे से 70+ हो जाएँगे.
मैं: ठीक है, फिर कर लीजिए.
ये सुनते ही सिर ने जल्दी से क्लासरूम का दरवाज़ा बंद किया, और मेरे पास आ गये. उन्होने मुझे खड़ा किया, और अपनी बाहों में भर लिया. फिर उन्होने अपने होंठ मेरे होंठो से चिपका दिए, और पागलों की तरह मेरे होंठ चूसने लगे. उनके हाथ मेरी गांद पर थे, और वो मेरे चूतड़ दबा रहे थे.
कुछ मिनिट में मैं भी गरम हो गयी, और उनका साथ देने लगी. फिर सिर ने मेरे होंठ छ्चोढे, और मेरी गर्दन पर किस करने लगे. वो मेरे शर्ट के गले को खींच कर मेरी क्लीवेज चाटने लगे. उनके ऐसे करने से मैं मदहोश हो रही थी.
उसके बाद सिर ने मेरा शर्ट उतार दिया. मेरे ब्रा में काससे बूब्स देख कर उनकी आँखें चमक उठी. उन्होने मुझे घुमाया, और मेरी पीठ चूमने लगे. फिर उन्होने ब्रा का हुक खोला, और मुझे अपनी तरफ घुमा कर ब्रा निकाल दी.
अब उन्होने मेरे नंगे बूब्स पर हाथ डाले, और उनको दबाते हुए चूसने लगे. मैं आ आ कर रही थी. वो बड़ी ज़ोर-ज़ोर से मेरे निपल्स चूस रहे थे, जिससे मुझे दर्द हो रहा था.
कुछ देर बूब्स चूसने के बाद वो नीचे बैठ कर मेरा पेट चूमने लगे. फिर उन्होने मेरी लेगैंग्स और पनटी दोनो नीचे कर दी. मेरी छूट क्लीन-शेव्ड थी, और गीली हो चुकी थी. सिर ने मेरी छूट पर मूह लगाया, जिससे मेरी आ निकल गयी. फिर वो मेरी छूट चाटने लगे. मुझे बहुत मज़ा आ रहा था. मेरी आँखें बंद हो गयी, और मैं उनके बाल सहलाने लगी.
उसके बाद सिर खड़े हुए, और अपनी पंत और अंडरवेर निकाल दिए. उनका लंड मोटा और काला था. मुझे लगा वो मुझे लंड चुस्वाएँगे, लेकिन उन्होने ऐसा नही किया. उन्होने मुझे घुमाया, और टेबल पर हाथ रखवा कर घोड़ी बना लिया. फिर उन्होने अपने मूह से थूक निकाल कर लंड के टोपे पर लगाई, और लंड छूट पर सेट कर लिया.
जैसे ही उन्होने पहला धक्का मारा, मेरी चीख निकल गयी. उनके मूह से भी आ निकली. फिर वो आयेज-पीछे होते गये, और लंड मेरी छूट में पूरा घुस गया. अब उनका लंड मेरी छूट में अड्जस्ट हो गया था, और मुझे भी बहुत मज़ा आ रहा था.
वो मेरी गांद पकड़ कर तेज़ी से मेरी छूट चुदाई कर रहे थे. खाली क्लासरूम में ठप-ठप और आ आ की काफ़ी आवाज़ आ रही थी. 10 मिनिट वो ऐसे ही मेरी चुदाई करते रहे. फिर अचानक उन्होने अपनी स्पीड बहुत तेज़ कर दी, और फिर लंड बाहर निकाल कर अपना माल मेरी गांद पर ही निकाल दिया. मेरा भी पानी निकल चुका था.
फिर सिर कपड़े पहनने लगे, और उनको देख कर मैने भी कपड़े पहन लिए. उन्होने उसी वक़्त फोन करके मेरे नंबर बधवाए, और फिर मैं घर वापस आ गयी.
दोस्तों आपको सेक्स कहानी कैसी लगी? मेरी कहानी अंजान लड़कों से पार्किंग में चूड़ी भी ज़रूर पढ़िएगा, और प्रीथंकगुप्ता3@गमाल.कॉम पर फीडबॅक दीजिएगा.