एक मा कर्ज़दार के हाथ चड़ी

पिछले पार्ट में आपने पढ़ा, की हमारे सर पर बहुत बड़ा क़र्ज़ था, और मा कर्ज़दार के पास काम के लिए गयी थी. अब आयेज की कहानी.

जावेद जी अब मा के बहुत करीब आ गये, और मा के बॅकलेस ब्लाउस पर हाथ रख के पीठ पर हाथ फेरने लगे. मा को बेहन की और मेरी सारी बातें याद आने लगी, और अपनी बेबसी पर दुख हुआ.

जावेद जी के हाथ फेरने से मा गरम भी होने लगी, और उनकी नज़र जावेद जी प्यज़ामे पर पड़ी. जावेद का लंड एक-दूं खड़ा था, और तंबू बन गया था. मा की आँखें फटी रह गयी, और वो उनको घूर्ने लगी

मा: लेकिन मुझे ये सब नही आता.

जावेद: मैं सीखा दूँगा सुनीता. मेरे ज़्यादातर क्लाइंट्स दुबई, क़तर और सौदी के शीक्स है. सब बहुत पैसा और गिफ्ट्स देंगे, और बच्चे भी खुश रहेंगे.

तेरे पति ने तो तुम्हे कही का नही छ्चोढा. मैं बहुत अछा मौका दे रहा हू आपको. और मेरे क्लाइंट्स का भी मेरी तरह बड़ा ही होता है, तो बहुत मज़ा आएगा तुमको.

मा: जी क्या बड़ा, मैं समझी नही?

जावेद जी ने तब अपना पिजामा खोला और निक्कर नीचे करके मा को अपना पूरा लंड दिखाया. उनका लंड बहुत मोटा और काला था, और लंबाई में 8 इंच का होगा. उपर से स्किन भी नही थी, और उनकी सारी नास्से भी दिख रही थी.

मेरी मा ने इससे बड़ा लंड नही देखा था आज तक, और वो जावेद जी का लंड देख के चौंक गयी. मा भी अब गरम होती जेया रही थी.

जावेद: इसको चू के देखो मेरी रानी, बहुत सख़्त है. हम लोगों का ऐसा ही होता है. अगर तुम मान जाओगी, तो तुम्हे मैं आज मेरे लंड से खुश करूँगा और तुम्हे टुमारा सारा गोल्ड भी दे दूँगा वापस. और बाकी का कर्ज़ा भी माफ़ कर दूँगा.

मा: सॅकी आप इतना करोगे हमारे लिए? आप बहुत आचे हो जावेद जी.

ये बोल के मा ने अपने गोरे मुलायम हाथ से जावेद जी का लंड पकड़ लिया. जावेद जी को बहुत अछा लगा. मेरी मा हवस में अब धीरे-धीरे डूब रही थी. मा जावेद जी के लंड से खेलने लगी, और घूर्ने लगी.

मा जावेद जी के बड़े और चौड़े लंड को निहार रही थी. उसका टोपा काफ़ी बड़ा था, और फूला हुआ भी. वो अब अपने मुलायम हाथो से जावेद जी का लंड सहलाने लगी.

वो लंड को उपर-नीचे करने लगी, और प्यार से मसालने और दबाने लगी. जावेद जी की बॉल्स भी बहुत बड़ी थी. मा उनको भी हाथ में लेके सहलाने लगी. ये करते-करते मा के हाथ की चूड़ियाँ धीरे-धीरे खनकने लगी

जावेद: कैसा है मेरा लंड सुनीता जी?

मा ने उपर देखा जावेद जी को और मुस्कुराते हुए बोली-

मा: बहुत बड़ा और प्यारा है जावेद जी.

जावेद: इतना प्यारा लग रहा है तो किस कार्लो सुनीता जी.

मा फिर मुस्कुराइ, और मूह लंड के टोपे के पास ले जाके अपने फूले हुए होंठो से आँख बंद करके एक किस दिया. फिर एक दूसरा लंबा किस दिया.

जावेद: आ सुनीता जी, आप क्या कमाल हो.

ये बोल के जावेद जी ने मा का बॅकलेस ब्लाउस खोल दिया. फिर डोरी खींच के जावेद जी ने मा का ब्लाउस निकाल दिया. अब मा के बड़े-बड़े बूब्स दिख रहे थे ब्रा में, और मा अब सारी में और ब्रा में थी.

जावेद: वाह क्या नज़ारा है. तुम जैसी औरते कमाल की होती है.

ये बोल के जावेद जी मा के बूब्स दबा रहे थे, और मा उनके लंड पर किस पर किस किए जेया रही थी. इससे मा की लिपस्टिक पूरी उनके लंड पर च्चप रही थी. जावेद जी ने फिर मा को खड़ा किया चेर से, और गले लगाया.

जावेद जी का पूरा लंड मम्मी से चिपका हुआ था, और मा को गरम कर रहा था. फिर जावेद मेरी मा को लिप्स पर जीभ डाल के किस करने लगे, और मा साथ देने लगी.

जावेद जी मा के खुले लंबे बाल सहलाते-सहलाते मा की पूरी पीठ सहला रहे थे. वो मा के लिप्स पर, गाल पर और गले पर किस कर रहे थे. ये सब से मा की छूट गीली हो गयी, और मा ने फिर जावेद जी का लंड पकड़ लिया, और सहलाने लगी.

मा: मुझे आप बहुत पसंद आए हो, और आपका लंड भी बहुत मस्त है

जावेद: यार तुझ जैसा माल मैं पहली बार ले रहा हू. क्या मस्त चीज़ है तू. एक बात बोलू?

मा: हा बोलिए ना?

जावेद: जब से तुझे देखा है, मैं आपका फन बन गया हू. और मुझे आपकी ये मटकती बड़ी सेक्सी गांद बहुत ज़्यादा पसंद है.

मा: हहे, मैं मोटी नही लगी आपको? और मेरी गांद में ऐसा क्या है हहे? और आप कल ही तो मिले हो मुझे.

जावेद: नही, मैने तुम्हे पहली बार तुम्हारे पति के साथ मार्केट में देखा था. तुमने गुलाबी सारी पहनी थी. तुम्हारा ब्लाउस भी बॅकलेस था, और तुम मटक-मटक कर चल रही थी. तुम्हारी गांद पर मैं तब से फिदा हू. तुम्हारी गांद की शेप आंड मोटाई लाजवाब है. क्लाइंट्स मर्ृेंगे इस पर, और मैं तो मरता ही हू.

जावेद जी ने बोलते हुए मम्मी की गांद बहुत आचे से सहलाई. फिर स्क्वीज़ किया, और प्यार से थप्पड़ मारा.

मा: हाए! तुम तो मुझे प्यार में डाल दोगे अपने जावेद जी. फिर मैं बाकी क्लाइंट्स के साथ कैसे करूँगी?

जावेद: बाकी भी मेरे जैसे ही होंगे, और सब का लंड मेरे जैसा होगा. तो तुम्हे बहुत मज़ा आएगा, और तुम मेरे साथ कभी भी सो सकती हो. बस गफ़ूर को बोल देना, और वो तुम्हे यहा ले आएगा.

मा: फिर ठीक है जावेद जी.

जावेद: चल अब मेरे को अपनी प्यारी गांद दिखा.

मा: नही, हहहे.

जावेद: अर्रे माना क्यू कर रही हो?

मा: पहले मुझे इस लंड को प्यार करने दो, फिर.

जावेद: हहे, अछा ये बात है. हो गयी तुम मेरे लंड की दीवानी?

मा: हा जी, मैं हो गयी आपके लंड की दीवानी.

जावेद: आ! चल आजा प्यार कर इसको.

ये बोल के जावेद जी अपनी चेर पर बैठ गये, और मा गांद मतकाती-मतकाती उनके करीब आई. मा चेर के सामने वाले डेस्क के नीचे घुटनो पर बैठ गयी, और फिर लंड से खेलने लगी. वो अब खेल भी रही थी, और किस भी कर रही थी.

अब मा ने जावेद जी के लंड पर जीभ फेरने लगी, और बॉल्स से लेकर उपर तक चाटने लगी आइस क्रीम की तरह. मा ने पापा के साथ भी ऐसा कभी नही किया था. जावेद को बड़ा मज़ा आ रहा था. फिर जावेद जी को फोन आया की कोई उनसे मिलने आया था गाते पर.

जावेद जी ने बोला: अंदर भेज उस छूतिए को.

मा दर्र गयी और बोली-

मा: कों आ रहा है?

जावेद: बेबी आप परेशन मत हो. तुम टेबल के नीचे बैठी हो. यहा से कुछ नही दिखता.

मा में इतनी हवस थी, और जावेद जी पर भरोसा था की मम्मी जावेद जी का बड़ा लंड आइस्क्रीम की तरह चाटने लग गयी. फिर अंदर पापा आए और जावेद जी ने गाली देकर उनको चेर पर बिताया.

पापा: जावेद जी मुझे माफ़ कर दो. मुझे 1 साल डेडॉ मैं लौटा दूँगा पैसे.

पापा की आवाज़ सुन के मा दर्र गयी. लेकिन जावेद जी ने मा के सर पर हाथ रख दिया, और मा चुप-छाप जावेद जी के लंड को प्यार करने लगी टेबल के नीचे से.

जावेद: कोई ज़रूरत नही. अब मुझे पैसे नही चाहिए. मेरी बात तुम्हारी संस्कारी बीवी से हुई. अब वो हमारे लिए काम करेगी, और सब पैसा चुका देगी.

पापा को जावेद के सारे कारनामो के बारे में पता था, और जावेद भाई कितने ख़तरनाक है ये भी पता था. तो वो चौक गये और पोछा-

पापा: क्या काम करेगी वो जावेद भाई?

जावेद: अब वो मैं जो बोलूँगा वो करेगी.

पापा: बताइए ने जावेद जी?

जावेद जी को गुस्सा आ गया की एक तो पैसा नही दे रहा, और पूच रहा है, इतनी औकात.

जावेद: तुम्हारी संस्कारी बीवी अब से मेरी रखैल बन के रहेगी. मैं उसको जिस दोस्त के पास भेजूँगा, वाहा जाएगी और वो जो बोलेंगे वो सब करेगी, संजा?

पापा: मेरी सुनीता ऐसा नही कर सकती. वो आपकी बात नही मान सकती. वो संस्कारी है.

जावेद ने तब मा के बाल पकड़े, और मा को उपर किया. पापा मा को देख के चौंक गये, और उनकी बोलती बंद हो गयी. जावेद जी ने फिर मा को गोद में बिताया, और मा की गांद पर हाथ फेरते हुए और कहा-

जावेद: अब बोल सेयेल नमार्द, जुआबाज़, चोर, कितने फोन लगाए पर तूने उठाया नही. अब तेरी बीवी खुद मेरे पास चल के आई है, और तू बोलेगा की घर चल तो भी नही आएगी. पूच कर देख ले.

पापा: सुनीता घर चलो डियर. मुझसे ग़लती हुई है सॉरी. मैं जुआ नही खेलूँगा. घर चल, में इससे तुझे बचा लेता हू.

मा ने जावेद जी का लंड पकड़ लिया पापा के सामने और प्यार से सहलाने लगी. फिर गुस्से से पापा से कहा-

मा: मुझे नही आना आप जैसे नमार्द के साथ, आज से में यहा आया करूँगी आंड जावेद जी की हर बात मानूँगी. इन्होने मुझे बहुत इज़्ज़त दी है, जिसके बदले में अब मैं इनकी रखैल बनने को तैयार हू. और इनका लंड देखो, आपका आधा भी नही है इसका. आप ने मुझे ना प्यार दिया है, ना इज़्ज़त, अब देख क्या रहे हो? जाओ यहा से.

पाप्स 5 मिनिट तक छुपसे हो गये, और नज़ारा देखने लगे. मम्मी ने पापा के सामने जावेद जी के एक लीप पर लंबी किस की. फिर गोदी से उतार कर घुटनो पर बैठ कर लंड को चाटने लगी. फिर पापा के सामने लंड मूह में ले लिया, और चूसने लगी.

मम्मी बहुत चाव से चूस रही थी पूरा स्वाद लेके, और चूसने की आवाज़े भी आ रही थी. जावेद जी बहुत प्यार से मा के सर पर हाथ फेरने लगे, और बाल सहलाने लगे.

पापा ये सब देख के रोते-रोते चले गये और ने मूड के भी नही देखा.

इसके आयेज की कहानी अगले पार्ट में. कैसी लगी स्टोरी दोस्तों? मुझे ज़रूर बताना और कॉमेंट और लीके भी करना. मुझे आप डाइरेक्ट्ली मैल कर सकते है

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