ही दोस्तों, मेरा नामे विवेक है (घर में बुलाने का नामे). मैं 25 साल का हू. हाइट 5’8″ है मेरी, और आवरेज बॉडी है (ना ज़्यादा मस्क्युलर ना पतला).
मेरे घर में हम 4 लोग रहते है, पापा, मम्मी, मैं, और छ्होटा भाई.
पापा 50+ है, भाई 22 का है, और वो नॉइदा रहता है और आमिटी में पढ़ता है. मैं देल्ही में जॉब करता हू मंक में. ये स्टोरी मेरी और मेरी मम्मी की है. मम्मी का नाम रानी है, और वो 44+ है.
मम्मी काफ़ी गोरी है, और मम्मी का फिगर 38सीसी बूब्स, 34″ वेस्ट, और 36″ आस है. इस स्टोरी में और भी लोग है, मेरा दोस्त फ़ैज़न, जो 23 साल का है. उसकी अम्मी आमना आंटी, जो 45 की है. ये लोग आगरा रहते है.
तो कहानी शुरू होती है स्कूल टाइम से. फ़ैज़न आगरा का रहना वाला है. स्कूल के बाद उसके फादर की जॉब वाहा हो गयी थी, तो वो लोग आगरा शिफ्ट हो गये.
बुत अभी लॉक्कडोवन् में हमारी बात-चीत स्टार्ट हुई, और हमने एक-दूसरे का हाल-चाल पूछा. तभी एईद भी आ गयी, तो उस बात-चीत में फॅमिली से भी इंट्रो हुआ. उसने सब के बारे में बताया. आमना आंटी से भी बात हुई, और अम्मा आंटी ने मेरी मम्मी से भी बात की.
फिर धीरे-धीरे हम दोनो की मोम्स में बात-चीत स्टार्ट हो गयी. काफ़ी अची दोस्ती भी हो गयी थी दोनो में. अब लोग क्या करे, लॉक्कडोवन् का टाइम था, और ऑनलाइन सभी फ्रेंडशिप करते थे.
अब मैं और फ़ैज़न भी हमेशा लड़की-बाज़ी में लगे रहते थे.
वो मुझे बोलता था: देल्ही में जॉब लगवा दे, छोड़ना है किसी को. जब से गफ़ छ्चोढ़ के गयी है, तब से सेक्स नही किया, और उपर से लॉक्कडोवन् में हिला-हिला के हाथ दुख गया है.
मैं: चल कोशिश करता हू, लॉक्कडोवन् ख़तम होने दे, फिर पक्का लगवा दूँगा. फिलहाल आस-पास किसी को देख ले. लॉक्कडोवन् में आराम से छोड़ के आ जाना.
वो बोला: आस-पास ढंग की कोई लड़की नही है. बस रिश्तेदार और भाभीया, औंतिया ही है.
मैं बोला: भाई सही है ना, लड़की से ज़्यादा आंटी और भाभी मज़ा देती है.
उसको मैने देसी कहानी का लिंक शेर किया, और बोला: इसमे कहानिया पढ़, बहुत मज़ा आता है.
वो कुछ दीनो तक पढ़ा, और बोला: आशु, इसमे तो बहुत मस्त स्टोरीस है. भाभी-देवेर, रिश्तों में चुदाई, मज़ा आ गया.
मेरे को मों-सोन में इंटेरेस्ट था. इसलिए मैने अंजान बन के पूछा-
मैं: रिश्ते में कों सी पसंद आई.
फ़ैज़न: भाई सच बोलू?
मे: हा भाई बताओ.
फ़ैज़न: भाई मा-बेटे और दोस्त की मों की चुदाई वाली स्टोरीस.
मैं जानता था मेरे ये पत्ता ज़रूर काम करेगा.
मैने उससे पूछा: तेरे को कों पसंद है, अपनी अम्मी या दूसरो की मों?
फ़ैज़न: यार अपनी अम्मी के लिए कभी ऐसे सोचा नही. बुत आस-पास है दोस्तों की मुम्मिया. काफ़ी हॉट है, और बिग बूब्स है उनके.
मे: फ़ैज़न एक बात बताओ, अम्मी के बारे में सोचते हो?
फ़ैज़न: यार सच बतौ तो काफ़ी बार अम्मी-अब्बू की चुदाई देखी है.
मे: अछा एक बात पूचु? सच बताना.
फ़ैज़न: हा पूछो.
मे: तुम अपनी अम्मी को देख के हिलाते हो ना?
फ़ैज़न (तोड़ा शॉक होके उसने कहा): यार अब इतनी बात हो गयी है तो बता ही डू. हा यार, अम्मी को काफ़ी टाइम से देख रहा हू. अम्मी के बूब्स, उनकी गांद, फुल बॉडी बहुत मस्त है यार. मैं भी चाहता हू की मैं अपनी अम्मी की छूट मारु. जब अब्बू छोड़ते है, तो 10-15 मिनिट में उनका ख़तम हो जाता है. और अम्मी को देख के लगता है उनकी प्यास अधूरी रह गयी.
मे: भाई सुन तो, फिर मैं भी सेम तेरी तरह ही हू. मुझे भी मेरी मम्मी पसंद है, और मेरे पापा के पास कम टाइम की वजह से बहुत कम छोड़ते है. लगभग एक बार वीक में.
फ़ैज़न: क्या बात है मेरे यार! हम दोनो अपनी मम्मी को छोड़ना चाहते है.
मे: तो क्या सोचते हो, कर दो अपनी अम्मी की चुदाई.
फ़ैज़न: बोलना ईज़ी है ब्रो, करना मुश्किल.
मे: हा भाई, मुझे भी ऐसा ही लगता है. ई थिंक हमे प्लॅनिंग करके मम्मी को छोड़ना पड़ेगा.
फ़ैज़न: कैसा प्लान है बताओ? मेरा तो अभी से अम्मी का सोच के छोड़ने का मॅन कर रहा है.
मैने कहा: प्लान ये है, की तुम अपनी अम्मी को लेके देल्ही आ जाओ घूमने के लिए. हम यहा पे एक-दूसरे की अम्मी को पटएँगे, क्यूंकी मम्मी की आदत होती है दूसरों के सामने अपने बेटे की बेइज़्ज़ती करना. तो ऐसे करेंगे तो हमे एक-दूसरे की मम्मी के क्लोज़ होने का मौका मिलेगा. आंड हम उनसे घूमने फिरने के बहाने से क्लोज़ हो जाएँगे, आंड ट्राइ करेंगे उनपे.
फ़ैज़न: भाई फर्स्ट क्लास आइडिया है. कब आना है बताओ?
मे: फ़ैज़न नवेंबर में प्लान कार्लो देल्ही का, आंड जल्दी आ जाओ. ठंड भी है, और मज़ा भी आएगा.
फ़ैज़न: ठीक है भाई, अम्मी से बात करके टिकेट करवाता हू.
फिर फ़ैज़न नवेंबर एंड तक की टिकेट करवा लेता है. मैं भी ऑफीस में लीव डाल देता हू. नवेंबर में फ़ैज़न अपनी अम्मी के साथ आ जाता है.
मैं न्यू देल्ही रेलवे स्टेशन गया था उनको लेने. मैने देखा, और उसकी अम्मी को देखता ही रह गया. हालाकी उसकी अम्मी की हाइट कम थी. बुत एक-दूं गातीला फिगर था 40-36-42 का.
फ़ैज़न मुझे देखते ही समझ गया, की मैं उसकी अम्मी को देख के शॉक्ड था. इतनी ज़हर माल थी फ़ैज़न की मों, की दिल कर रहा था उनके बूब्स चूस लू.
फिर फ़ैज़न बोला: भाई कैसे जाएँगे?
मैने उबेर बुक की हुई थी. उबेर आ गयी और हमने समान अड्जस्ट किया. फिर फ़ैज़न की अम्मी को आयेज बिताया, और बॅक डोर से हम दोनो, दोनो साइड से बैठ गये.
हम दोनो ने एक-दूसरे को आँख मारी, और अम्मी को टची हो रहे थे. बुत अम्मी को कोई अंदाज़ा नही था, तो उन्होने इग्नोर किया. हम लोग फिर घर पहुँच गये.
मम्मी ने उनका स्वागत किया. फ़ैज़न की हालत मों को देख कर खराब हो गयी. वो एक-दूं अटक सा गया. मैने उसको तोड़ा हिलाया, तो वो होश में आया.
वो बोला: भाई तुम्हारी मम्मी कितनी प्यारी है. दिल कर रहा अभी चूस डू आंटी को, उनकी नेक, बूब्स, और कमर को.
मे: अभी अंदर चलो, और धीरे-धीरे देखना अभी बहुत कुछ और भी देखने को मिलेगा.
गाइस ई नो स्टोरी थोड़ी खिच गयी है. सॉरी, बुत तोड़ा बिल्ड उप किया है. नेक्स्ट पार्ट में डाइरेक्ट मुद्दे पर अवँगा. कोई मिस्टेक्स हो तो इग्नोर करना.
नेक्स्ट पार्ट इन प्रोग्रेस. कुछ दीनो में पार्ट्स में स्टोरीस चलती रहेगी. सो रेड आंड एंजाय [email protected]