हेलो एवेरिवन, मेरा नाम जीतन है. मैं वडिषा का रहने वाला हू. मेरे आगे 20 है. मैं दिखने में भी ठीक-ताक हू. हाइट मेरी 5’10” है. आज मैं मेरी लाइफ की सॅकी घटना बताने जेया रहा हू.
आज से 1 साल पहले की बात है. मेरा एक दोस्त है. उसका नाम मुना है. वो हॉस्टिल में मेरा रूमेट था. दुस्सेहरा का टाइम था. उसने मुझे उसके विलेज चलने को कहा तो मैं भी उसके साथ उसके विलेज गया.
भुबनेस्वर से उसका घर 390 केयेम है. उसके घर में उसकी मा और बेहन रहती है. उसके पापा जॉब करते है क्टरा में तो वो बाहर रहते है.
आंटी दिखने में बहुत ज़्यादा खूबसूरत है, और अगर फिगर की बात करू तो थोड़ी सी हेल्ती है. उसकी बेहन भी बहुत खूबसूरत थी. वो 1स्ट्रीट एअर में पढ़ती थी. मैं उनके घर गया. आंटी बहुत फ्रेंड्ली थी तो एक ही दिन में घुल-मिल गयी.
अगले दिन मेरा दोस्त और उसकी बेहन मार्केट गये थे दुस्सेहरा के लिए कुछ शॉपिंग करने. मैं और आंटी घर पे अकेले थे. आंटी किचन में थी. उनको कॉल आया तो उनका फोन रूम में था. तो मुझे वो बोली फोन लाने को. मैं लाके दिया, और जाके ड्व देखने लगा. कुछ देर बाद आंटी बुलाने लगी.
मैं गया तो उन्होने बोला: फोन लेके चार्जिंग में लगा दो.
फिर मैं लेके जेया रहा था तो देखा की आंटी का फोन अनलॉक था. मैं ऐसे ही नॉर्मली गॅलरी में फोटोस देख रहा था. जब मैने रीसेंट्ली डेलीटेड फाइल्स देखी तो मेरे होश उडद गये.
आंटी के बहुत सारे न्यूड फोटोस थे. उनका फेस तो नही आ रहा था, बुत छूट में उंगली करते हुए और बूब्स की पिक थी.
फिर मैं फोन पे गूगले सर्च हिस्टरी देखा. आप यकीन नही करोगे, मैं भी इतना पॉर्न नही देखता हू, जितना वो देखती थी. फिर व्हातसपप चेक किया. उसमे कुछ नही मिला. उसके बाद शेर छत देखा. उसमे 7 या 8 फ्रेंड थे. सब मेरी आगे के थे, और मेरे से भी छ्होटे थे. वो सभी के साथ सेक्स छत करती थी.
मैं समझ गया की वो बहुत हॉर्नी थी. अगर पता लू तो छोड़ने मिल सकता था. उस टाइम से मैं उन्हे छोड़ने का मॅन बना लिया. मैने उनकी शेर छत ई’द ली और मेसेज किया. उस दिन तो रिप्लाइ नही आया, बुत दूसरे दिन 1-2 मेसेजस किए. ऐसे ही बात-चीत हुई.
उस दिन रात को फिरसे बात की. लगभग 11 बजे से 2 बजे तक सेक्स छत की. मैं हॉल में था, और वो रूम में थी. फिर दूसरे दिन सुबा-सुबा उठा तो देखा आंटी बर्तन मांज रही थी. कॉल आया तो उन्होने फोन लाने बोला.
जब मैं गया तो देखा की आंटी रात में बात करते टाइम जिस पनटी को पहने थी, वही पनटी बेड पे पड़ी थी. पता नही क्यूँ मैं उनकी पनटी को सूंघने लगा. मैं फोन लेके नही गया तो आंटी आ गयी, और उन्होने देख लिया.
आंटी: ये क्या कर रहे हो तुम?
सच बतौ पहले मैं दर्र गया था. फिर सोचा इनके साथ तो कल रात भर बात की थी, और ये तो चूड़ने के लिए तड़प रही थी. फिर मैने ऐसे ही बोला-
मैं: आपकी पनटी की खुश्बू बहुत ज़्यादा अची है.
आंटी: तुम पागल हो क्या? क्या बोल रहे हो? दिमाग़ तो ठीक है?
मैं: पता नही, बुत आंटी आप को कुछ दिखना है.
आंटी: क्या?
मैं शॉर्ट पंत में था. मैने धीरे से पंत और अंडरवेर नीचे किए, और बोला: कुछ याद आया?
आंटी: कल रात मेरे साथ जो बात कर रहा था, वो तुम थे? बुत कैसे? मेरे से डाइरेक्ट कैसे बात किए? कुछ समझ में नही आ रहा.
मैं: इतना मत सोचो. बाद में बतौँगा. तुम कल रात को क्या बोल रही थी, अगर तुम्हारा लंड मेरे सामने आए तो खा जौंगी. लो सामने है. अब खा जाओ.
आंटी: अर्रे तुम जल्दी से कपड़े पहनो. कोई आ गया तो.
मैं: ठीक है, बुत कब मिलेगी आपकी छूट?
आंटी: आज रात को आ जाना मुना और मेरी बेटी के सोने के बाद उपर वाले कमरे में.
वैसे तो आंटी के घर में टोटल 6 कमरे थे, नीचे 5 और च्चत पर एक ही कमरा था. वही पे बुलाया था मुझे.
फिर कुछ देर बाद में फ्रेश होके मुना और मैं मार्केट गये. रास्ते में सोचा विदाउट कॉंडम छोड़ना ठीक नही होगा. पहली बार था मेरा सो कॉंडम कैसे लाउ, वो भी प्राब्लम थी. फिर सोचा मुना को बोलूँगा.
मैं: मुना तुझे एक बात बतानी है. बुत ग़लत मत समझना प्लीज़.
मुना: अर्रे बोल ना, क्या बोलना है तू भी.
मैं: गुस्सा तो नही करेगा ना?
मुना: अर्रे पहले बोल तो.
मैं: यार देख, ग़लत मत समझना. बुत तुम्हारे घर के पास जो आंटी है ना, मुझे लाइन दे रही थी. तो मैने उसे पत्ता लिया. आज छोड़ने बुलाया है रात में
मुना: बहनचोड़ झूठ बोल रहा है ना?
मैं: नही यार सच में बुलाया है. आज तो मैं उसे छोड़ के रहूँगा. बुत तू एक हेल्प कर, मेरे लिए कॉंडम ला दे.
मुना: तेरे तो मज़े ही मज़े है. मेडिसिन स्टोर चल मेरे साथ.
मैं बाहर खड़ा हो गया था. कुछ देर बाद वो आया, और साला कॉंडम के साथ-साथ सेक्स टॅबलेट भी ले आया था.
फिर हम घर में आ गये. तकरीबन रात के 12 बाज गये थे. फिर मैने मुना को बोला की मैं जेया राहु.
मुना: अभी से टॅबलेट खा ले. फिर साली रांड़ की छूट चियर देना.
मैं मॅन में सोच रहा था, की सेयेल अपनी मा को छुड़वाने में हेल्प कर रहा है.
मैं जाके बैठा था. कुछ देर बाद आंटी आई. आंटी ने एक ग्रीन कलर की निघट्य पहन थी, और वो मेरे पास आके बैठी.
वो बोली: मुना सो गया है ना?
मैं: हा सो गया है.
इतना कह के आंटी को किस करने लगा, और बूब्स दबाने लगा. कुछ टाइम करने के बाद आंटी मुझे पूरी तरह से नंगा करके मेरा लंड चूसने लगी. कुछ टाइम बाद मैने आंटी की निघट्य उतरी और पूरी बॉडी पर किस करने लगा.
फिर पनटी के उपर से ही छूट चाटने लगा. वो आँखें बंद करके सिर्फ़ आ आ कर रही थी. फिर उनकी पनटी और ब्रा निकाल के उनकी छूट चाटने लगा. आंटी की छूट पर छ्होटे-छ्होटे बॉल थे. फिर हम 69 पोज़ में आ गये. मैं उनकी छूट चाटने लगा, और वो मेरा लंड चूसने लगी. फिर आंटी को लिटा दिया और कॉंडम पहना, और आंटी की छूट में लंड डाला.
अब मैं उनको छोड़ता रहा तकरीबन 15 मिनिट्स तक. छोड़ने के बाद मैं पोज़िशन चेंज करने बोला. और एक बात, आंटी बहुत कम सेक्स करती थी, 6 मंत्स में 4 या 5 बार. इसलिए उन्हे बहुत तकलीफ़ हो रही थी.
आंटी: श आ आ मा छ्चोढ़ दो. प्लीज़ धीरे करो.
बुत मैं बहुत हार्ड कर रहा था. रूम के अंदर सिफ़े ताप-ताप साउंड सुनाई दे रही थी. जब मैने डॉगी स्टाइल में सेक्स करने बोला, तो वो बोली-
आंटी: तुम इतने देर तक कैसे छोड़ रहे थे?
मैं: तुम्हे अछा बही लग रहा मैं इतने देर छोड़ राहु हू?
आंटी: अर्रे नही, तुम बस छोड़ते रहो, बात मत करो.
उस रात मैने उनको अलग-अलग पोज़िशन में चोदा. इसके आयेज क्या हुआ, वो अगले पार्ट में पता चलेगा.