दोस्त की माँ को दो लोगो ने ठोका

हैल्लो दोस्तों, में प्रेम एक बार फिर से आप सभी के सामने अपनी एक और नई कहानी लेकर आया हूँ। सबसे पहले में आप सभी को मेरा परिचय करवा देता हूँ। में गुजरात के राजकोट शहर में रहता हूँ और मेरी उम्र 22 साल है। मेरी लम्बाई 5.7 है और मेरा फिगर 38-30-38 है। आज में आप सभी को अपनी जो कहानी सुनाने जा रहा हूँ यह एकदम सच्ची कहानी है और करीब एक साल पहले की बात है, मेरा एक दोस्त है जिसका नाम अमित है और में और अमित बहुत पक्के दोस्त है। हम दोनों एक दूसरे से सभी तरह की बातें करते है और हम दोनों के बीच में सभी तरह की बातें होती है। दोस्तों में पहले कभी भी अमित के घर पर नहीं गया था, क्योंकि उसका घर मेरे घर से बहुत दूर है और उसके घर के आसपास ज्यादा घर भी नहीं है इसलिए उसका घर थोड़ा सा सुनसान जगह पर है।

एक दिन अमित का 20 जन्मदिन था इसलिए उसने अपने घर पर एक छोटी सी पार्टी रखी थी और इसलिए उसने मुझसे उसके घर पर आने के लिए बहुत आग्रह किया और इसलिए में रात के करीब 9 बजे उसके घर पर पहुंच गया। मेरे पहुंचते ही वो मुझे देखकर बहुत खुश हुआ और उसने मुझे सोफे पर बैठने के लिए कहा तो में बैठ गया और तभी उसकी मम्मी मेरे लिए पानी लेकर आ गई। उसकी उम्र करीब 40 साल की होगी, लेकिन वो 30 साल की लग रही थी और वो बहुत ही सुंदर थी उसने अपनी साड़ी को हमेशा नाभि के नीचे पहनी हुई थी और उसकी नाभि बहुत ही गहरी और बहुत चौड़ी थी। उसके बूब्स भी बहुत बड़े और एकदम गोल थे। उसकी आँखे नशीली कामुक थी और होंठ गुलाबी और मुलायम थे किसी को भी उन पर किस करने का जी चाहे, वो बिल्कुल ऐसे थे कि में तो उसे देखता ही रह गया। वो मुझसे बहुत हंस हंसकर बहुत प्यार से बातें हंसी मजाक कर रही थी और जैसे वो मुझे बहुत पहले से जानती है या में उनसे पहले भी बहुत बार मिल चुका हूँ उनका व्यहवार मेरे लिए बहुत अच्छा और वो बहुत खुले विचारो की बहुत हसमुख स्वभाव वाली औरत थी, इसलिए में पहली बार मिलते ही उनकी तरफ बहुत ज्यादा आकर्षित हो गया और अब में अब मन ही मन में सोच रहा था कि कैसे अमित के घर पर दोबारा आया जाए? तभी मेरे दिमाग़ में एक विचार आया जिसको सोचकर में बहुत खुश हुआ।

फिर मैंने दूसरे दिन जब अमित कंप्यूटर क्लास में मुझसे मिला तब मैंने उससे कहा कि अमित मेरे घर पर तो कंप्यूटर नहीं है क्या में तुम्हारा कंप्यूटर को काम में ले सकता हूँ अगर तुम्हे इसमे कोई भी आपत्ति ना हो और तुम मुझे इस बात की इजाजत दे दो तो में तुम्हारे घर पर आ सकता हूँ? वरना मुझे कहीं किसी और से बात करनी पड़ेगी और हो सकता है कि मुझे इसके लिए कोई क्लास भी जाना पड़ सकता है। तब अमित मेरे मुहं से यह बात सुनकर बहुत खुश हो गया और वो मुझसे बोला कि क्यों नहीं? हम दोनों एक बहुत अच्छे दोस्त है, तुम मेरी सभी चीज़े काम में ले सकते हो, मुझे इसमें किसी भी तरह की कोई भी आपत्ति नहीं होगी, तुम मेरे घर आओगे तो मुझे बहुत ख़ुशी होगी और तुम्हारे साथ साथ मेरा भी पढ़ाई और दूसरे कामो में मन लगा रहेगा। दोस्तों में उसका यह जवाब सुनकर मन ही मन बहुत खुश हुआ और मैंने उसको बहुत बहुत धन्यवाद कहा और अब में उसकी मम्मी के साथ वो सब करने के सपने देखने लगा और दूसरे दिन में बहुत खुश होकर अमित के घर पर पहुंच गया। वो उस समय इंटरनॅट पर सेक्सी फिल्म देख रहा था और में भी उसके साथ हो गया, तब मैंने देखा कि उसमें एक बहुत सुंदर बिल्कुल नंगी लड़की आई जिसको देखकर मैंने उस लड़की को देखकर तुरंत उससे कहा कि यह तो एकदम तुम्हारी मम्मी जैसी दिखती है, तो अमित बोला कि हाँ, लेकिन इसके बूब्स थोड़े छोटे आकार के है, मेरी मम्मी के तो बहुत बड़े बड़े है।

दोस्तों में उसकी यह बात सुनकर तुरंत समझ गया कि अमित भी उसकी मम्मी को अपनी गंदी चुदाई की नज़र से देखता है और थोड़ी देर बाद अमित की मम्मी जिसका नाम नेहा है वो आ गयी वो उस समय कहीं बाहर गई थी, हमने तुरंत इंटरनेट को बंद कर दिया और मैंने पीछे मुड़कर देखा तो आज नेहा बहुत कमाल की दिख रही थी, अमित रोज उसकी मम्मी को कपड़े बदलते हुए देखता था और जब नेहा कपड़े बदलने के लिए दूसरे कमरे में चली गई तो अमित मेरे पास से उठकर उस एक छोटी सी खिड़की में से अपनी मम्मी को कपड़े बदलते हुए देखने चला गया। अब में उसको इधर उधर खोजने लगा तो मैंने देखा कि वो एक टेबल को नीचे रखकर उस पर खड़ा होकर उस खिड़की से अंदर देख रहा था। तो मैंने उससे कहा कि तुम क्या देख रहे हो? तब उसने मुझे चुप कर दिया और उस टेबल पर ऊपर आने को कहा में झट से उस टेबल के ऊपर चड़ गया और अब में भी खिड़की से अंदर की तरफ देखने लगा। पहले तो नेहा ने अपनी साड़ी को उतार दिया, जिसकी वजह से वो अब ब्लाउज पेटीकोट में खड़ी हुई थी और उसके वो बड़े आकार के बूब्स उसके ब्लाउज में समा भी नहीं पा रहे थे और वो ब्लाउज के ऊपर से ही बाहर निकल रहे थे, इतने में उसने ब्लाउज को भी उतार दिया वाह क्या गोरा बदन था जिसको देखकर मेरा लंड तो एकदम टाइट हो गया, उसने काली कलर की ब्रा पहन रखी थी। फिर उसने अपने उस पेटीकोट को भी उतार दिया, वाह क्या सुंदर जांघे थी एकदम गोरी गोरी और भरी भरी। मुझे अपनी आखों पर बिल्कुल भी विश्वास ना था कि में यह सब क्या देख रहा हूँ और वो भी अपने दोस्त के साथ उसी के घर में उसी की हॉट सेक्सी मम्मी का गोरा भरा हुआ बदन। अब वो आईने में देखकर अपने बूब्स को देखने लगी और वो अपने बूब्स को देखकर मुस्कुरा रही थी और फिर ब्रा की डोरी को ठीक करने लगी और अपनी पेंटी में ऊँगली फंसाकर उसको भी ठीक किया और ब्रा पेंटी को थोड़ा ऊपर नीचे करने के बाद अब नेहा ने गाउन पहन लिया। तब तक हम दोनों उस टेबल से नीचे उतर गये और फिर से जाकर कंप्यूटर पर बैठ गये।

दोस्तों अमित उस समय प्री मेडिकल टेस्ट की तैयारी कर रहा था, इसलिए वो कंप्यूटर पर कम बैठता था क्योंकि कंप्यूटर उसके कम काम में आता था, लेकिन में कंप्यूटर को उससे ज़्यादा काम में लेता था। एक दिन में कंप्यूटर पर बैठा हुआ अपना काम कर रहा था इतने में अमित की मम्मी हमारे लिए चाय बनाकर ले आई और अब उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे भी कंप्यूटर चलाना सीखना है में बहुत दिनों से कंप्यूटर सीखना चाहती हूँ, लेकिन मुझे यहाँ पर सिखाने वाला कोई भी नहीं है मैंने बहुत बार अपने बेटे से भी यह बात कही, लेकिन वो हमेशा मेरी बात को अनसुनी कर देता है। तो मैंने उनसे बोला कि इसमे ऐसा क्या है, अगर आप चाहती है तो में आपको सिखा दूँगा? इसको चलाना बहुत आसान काम है। तब नेहा ने बहुत खुश होकर मुस्कुराते हुए मुझसे कहा कि कल से हम अपनी क्लास शुरू करेंगे, आज मुझे थोड़ा ज्यादा काम है, मैंने भी मन ही मन बहुत खुश होकर उनसे कहा कि अच्छा ठीक है आपकी जैसे मर्जी और मुझे पूरी रात वो सब सोच सोचकर नींद नहीं आई कि मुझे कल से नेहा को कंप्यूटर जो सीखना था और वो मेरे पास बैठेगी यह बात सोचकर ही मेरा लंड तो खड़ा हो जाता, मुझे उस सारी रात उसके साथ चुदाई के विचार आते रहे। अगले दिन मैंने एकदम टाइट टी-शर्ट पहनी और सैंट भी लगाया में हर रोज की तरह उसके आने से पहले ही अमित के घर पर पहुंच गया और मैंने देखा कि उस दिन नेहा ने बिना बाँह का गाउन पहन रखा था। वो मेरे पास एक कुर्सी रखकर उस पर बैठ गई और मैंने कंप्यूटर का माउस उसकी तरफ रखा था ताकि माउस को चलते समय में जानबूझ कर अपने हाथ को आगे पीछे करते समय उसके बूब्स को भी छू लूँ। में अब उनको कंप्यूटर के सभी हिस्से दिखा रहा था और बता भी रहा था इसको बोर्ड कहते है और बाद में माउस को छूते हुए मैंने जानबूझ कर उसके बूब्स के साथ मेरा हाथ टकरा दिया। तभी वो मेरी कोहनी के उसके मुलायम बूब्स पर छूते ही तुरंत पीछे हट गयी। मैंने उससे कहा कि माफ़ करना आंटी गलती से हो गया। तो वो बोली कि कोई बात नहीं है मैंने अब सबसे पहले माउस को चलाने के बारे में कहा जिसकी वजह से अब तो कई बार मेरा हाथ उसके बूब्स से टकरा रहा था और अब वो पीछे भी नहीं हटा रही थी और में मज़े लिए जा रहा था। फिर दूसरे दिन जब में अपने दोस्त के घर पर गया तब मुझे पता चला कि अमित कहीं बाहर गया हुआ था, इसलिए में और अमित की मम्मी घर पर अकेले ही थे और में बहुत खुश था, क्योंकि अब मुझे किसी भी बात की कोई भी टेंशन नहीं थी। अब मैंने की बोर्ड उसको चलाना सिखाया, लेकिन उसकी उंगलिया उस पर ठीक तरह से बैठ ही नहीं रही थी कई बार ऐसा किया, लेकिन कामयाब नहीं हुई और अब वो थक गयी, इसलिए उसने मुझसे कहा कि अब मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं आएगा। फिर मैंने मौका देखकर उससे कहा कि एक काम करो तुम मेरी गोद में बैठ जाओ में पीछे से जिसके ऊपर में उंगली रखूं तुम भी उस पर अपनी ऊँगली रखना वो बोली कि हाँ यह ठीक होगा है। अब वो मेरी गोदी में आकर बैठ गयी मेरा लंड तो पहले से ही पूरा टाइट हो गया, लेकिन उसकी गांड में फिट नहीं हो रहा था इसलिए मैंने उससे कहा कि थोड़ा सा ऊपर आ जाओ और वो जैसे ही ऊपर आई मेरा लंड उसकी गांड के बीच में बिल्कुल फिट हो गया, अब तो मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और शायद उसे भी मेरा लंड अपनी गांड में महसूस करके बहुत मज़ा आ रहा था और मैंने पूरे एक घंटे तक उसके बूब्स और गांड का पूरा पूरा मज़ा लिया। उसके बाद में अपने घर पर आ गया और अपने घर पर आकर मैंने उसके नाम से अपना लंड हिलाया और लंड को शांत किया।

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फिर दूसरे दिन उसने टी-शर्ट और स्कर्ट पहनी हुई थी और उसके नीचे ब्रा भी नहीं पहनी थी। में तुरंत समझ गया कि अब आंटी को भी मेरे साथ मज़ा आ रहा है मेरे पास आते ही वो सीधी आकर मेरी गोदी में बैठ गई अमित यह सब देख रहा था। फिर जैसे ही वो मेरी गोदी में बैठी तो मेरा लंड जींस में तन गया और उसकी गांड में एकदम फिट हो गया। अब तो में बड़े बड़े उसके बूब्स और निप्पल को हाथ लगा रहा था और मैंने कुछ देर बाद महसूस किया कि अब नेहा के निप्पल बिल्कुल टाइट हो गए थे और वो अब उसकी टी-शर्ट में से साफ साफ तने हुए दिखाई दे रहे थे। अब मैंने एक हाथ उसकी जाँघ पर रख दिया और अपने हाथ को घुमाने लगा। वो मुझसे कुछ नहीं बोल रही थी, लेकिन मुझे अब वो जींस की पेंट पहनने से बहुत ज्यादा तकलीफ़ हो रही थी और उस बात को वो बहुत अच्छी तरह से समझ गयी इसलिए वो मुझसे बोली कि अगर तुम्हे गर्मी महसूस हो रही है तो तुम अमित का ट्राउज़र पहन लो, मैंने तुंरत कहा कि हाँ यह ठीक है। अब में फट से खड़ा हो गया वो मेरे पीछे आई और उसने मुझे अमित का ट्राउज़र दे दिया और टी-शर्ट भी दे दी। फिर मैंने उसके सामने ही अपनी शर्ट को उतार दिया वो इस पल की राह देख रही थी क्योंकि में हर रोज कसरत करता हूँ इसलिए मेरा शरीर और मेरे मसल्स बहुत अच्छे आकार के थे और जैसे ही मैंने अपनी शर्ट को उतारा वो मेरा कसा हुआ बदन को देखती ही रह गयी। उसने पास आकर मेरी छाती पर हाथ लगाया और बोली कि तुम्हारा बदन तो मस्त है। तभी अमित ने उसे आवाज देकर बुला लिया और में कपड़े बदलकर वापस चला गया तो नेहा बैठी हुई मेरी राह देख रही थी। अब उसे भी मेरे साथ चुदाई करने की इच्छा हो रही थी और में जैसे ही कुर्सी पर बैठा वो फट से मेरी गोदी में आकर बैठ गयी और मैंने भी कपड़े बदलते समय अपनी अंडरवियर को उतार दिया था इसलिए मेरा लंड नेहा की गांड का ज़्यादा अच्छी तरह से महसूस हो रहा था और अब में उसकी जाँघ पर हाथ फेर रहा था और धीरे धीरे उसकी स्कर्ट को ऊपर उठा रहा था। तभी नेहा ने मुझसे कहा कि अभी नहीं, अगर अचानक से अमित यहाँ पर आ गया तो वो हमे इस हालत में देख लेगा। अब में उनके कहते ही तुरंत रुक गया और फिर मैंने अमित की तरफ देखा तो वो अपनी एक किताब को अपने सामने रखकर पढ़ाई करने के बहाने से मुठ मार रहा था। अब मैंने नेहा की वो बात मान ली और में बंद हो गया। दूसरे दिन मैंने उसके घर पर जाने से पहले ही अमित को सब कुछ बहुत अच्छी तरह से समझा दिया जिसको वो समझ भी चुका था और जब में उसके घर पर गया तो अमित ने मुझे देखकर अपनी मम्मी के सामने एक झूठा बहाना बनाया और कहने लगा कि में दो घंटे बाद आ जाऊंगा कहकर वो तुरंत बाहर चला गया। अब नेहा उसकी बात को सुनकर बहुत खुश होकर मेरी गोदी में आकर बैठ गई अब तो हम दोनों के सामने खुला मैदान था हमे रोकने देखने वाला उस समय पूरे घर में कोई भी नहीं था। आज हम दोनों अपनी मर्जी में मालिक थे और अपनी मर्जी का कोई भी काम कर सकते थे, हमे किसी से डरने की जरूरत नहीं थी। अब मैंने जल्दी से आगे बढ़कर उसकी टी-शर्ट को ऊँचा उठा दिया और अब ब्रा के ऊपर से ही बूब्स को दबाने लगा और निप्पल को निचोड़ने लगा। नेहा भी उस वक़्त का बहुत इंतज़ार कर रही थी और वो मुझसे कुछ भी नहीं बोली बस सिसकियाँ लेती रही और में अपने काम में लगा रहा। अब मैंने आंटी की टी-शर्ट को उतार दिया और उसके बाद ब्रा को भी उतार दिया, वाह क्या मस्त बूब्स थे एकदम नरम नरम, गोरे गोरे बहुत मोटे में तो उसे ज़ोर से मसलने लगा।

फिर वो बोली कि प्लीज आह्ह्ह्हह्ह थोड़ा धीरे से करो मेरे राजा आईईईई मैंने अपना हाथ उनके बूब्स पर थोड़ा ढीला कर दिया, वाह क्या निप्पल थी एकदम लाल रंग की और अंगूर के दाने जैसी। वो बिल्कुल कड़क हो गयी थी और अब मैंने उसकी स्कर्ट को भी उतार दिया। मैंने देखा कि उसने आज सफेद कलर की पेंटी पहन रखी थी। उसकी गोरी भरी हुई जाँघ को देखकर में तो एकदम पागल हो गया था और में उनको मसलने लगा। फिर कुछ देर सहलाने के बाद अब वो भी पूरी तरह से जोश में आकर चुदाई के लिए तैयार हो गयी थी। अब आंटी ने मेरी टीशर्ट को भी उतार दिया और पेंट को भी उतार दिया वो अब मेरी अंडरवियर के ऊपर से लंड को सहलाने लगी और मेरा लंड तो पूरी तरह तनकर खड़ा हो गया था और लंड का टोपा अंडरवियर से बाहर निकल आया अब मैंने आंटी की पेंटी को भी उतार दिया और उनकी चूत एकदम चिकनी और उस पर एक भी बाल ना था।

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अब वो बिल्कुल नंगी होकर मेरी गोदी में बैठी हुई थी उसके दोनों कूल्हों के बीच मेरा 6 इंच का लंड फनफना रहा था। में पीछे से अपनी एक उंगली को उसकी चूत में डाल रहा था और एक हाथ से उसके बूब्स को भी दबा रहा था। अब वो पूरी तरह से कामुक हो गयी थी और मुहं से आवाज़ निकल रही थी आहहह्ह्ह उईईईई माँ मर गई, उसकी साँसे अब तेज चल रही थी और मैंने उसको खड़ा कर दिया और उसके गुलाबी मुलायम गुलाब की पंखुड़ी जैसे होंठो को अपने मुहं में डाल दिया और चूसने लगा। उसने अपनी जीभ को मेरे मुहं के अंदर डाल दिया था और में अब उसकी जीभ को और होंठो को चूस रहा था। करीब 15 मिनट तक मैंने उसके होंठो को बहुत मज़े लेकर चूसा। अब मैंने उसको अपने हाथों में उठाया और बेडरूम में ले गया और उसको बेड पर बैठा दिया। उसने तुरंत मेरा लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और चूसने लगी। अब मेरे मुहं से आवाज़ निकल गई अहहह्ह्ह उहहह्ह्ह हाँ चूसो मेरी रानी पूरा चूस डालो, इतने में हमारे प्लान के मुताबिक अचानक से अमित भी वहां पर आ गया। फिर अमित को वहां पर देखकर नेहा एकदम से घबरा गयी और ठंडा मौसम होने के बाद भी उसके माथे से पसीना बहने लगा था। उसके चेहरे का रंग उड़ चुका था और तुरंत उसने मेरा लंड अपने मुहं से बाहर निकाल दिया। वो अमित को अपनी अजीब सी डरी सहमी सी नजर से देखने लगी थी। फिर मैंने उससे कहा कि तुम इसको देखकर घबराओ मत, क्योंकि अमित भी तुमको बहुत चाहता है, लेकिन कहने से बहुत डरता है उसको ऐसा कोई मौका नहीं मिल रहा था और इतने में अमित भी आगे बढ़कर अब उसकी मम्मी के बूब्स को दबाने निचोड़ने लगा था, जिसकी वजह से अब तो आंटी और भी ज्यादा सेक्स के नशे में आ गयी थी, क्योंकि आज से उनको दो दो लंड का मज़ा जो मिलने वाला था। अब अमित ने भी जल्दी से अपने सारे कपड़े उतार दिए और में नेहा की चूत को चाट रहा था और अमित उसके बूब्स को चूस रहा था और दोनों निप्पल को बारी बारी से मुहं में ले रहा था। अमित का लंड मेरे लंड से आकार में बहुत छोटा था। अब नेहा मेरा और अमित दोनों के लंड को एक एक करके चूसने लगी, इतने में अमित ने मेरा लंड पकड़कर अपने मुहं में डाल लिया और वो मेरा लंड चूसने लगा, उसको भी मेरा लंड पसंद आ गया और अब हम तीनो ट्राइंगल में हो गये थे, में नेहा की चूत को चाट रहा था। फिर नेहा अमित का लंड चाट चूस रही थी और अमित मेरा लंड चूस चाट रहा था। थोड़ी देर बाद मैंने मेरा लंड नेहा की चूत में डाल दिया। पहले तो मैंने उसको सीधा लेटा दिया और अमित उसके बूब्स को दबाने चूसने लगा और मैंने अपने लंड को चूत के मुहं पर सेट किया और धीरे से धक्का देकर टोपा अंदर डाल दिया तो नेहा के मुहं से आवाज़ निकल गयी उईईईईईई माँ अहह्ह्ह्हह उसकी आवाज को सुनकर अमित ने तुरंत अपने लंड को नेहा के मुहं में डालकर उसका मुहं बंद कर दिया। फिर उसके बाद नेहा ने मेरा लंड अपने एक हाथ से पकड़कर अपने कूल्हों को उठाकर लंड की तरफ दबा दिया और पूरा लंड चूत में डाल दिया। अब में अपने लंड को आगे पीछे करने लगा और अमित का लंड अभी भी नेहा के मुहं में ही था और नेहा अब नीचे से अपनी चूत में मेरे लंड का मज़ा ले रही थी तो ऊपर से अमित अपना लंड उसके मुहं में डालकर अब हल्के हल्के धक्के देकर उसको चोदने लगा था। आज उसको एक साथ दो लंड का मज़ा और चुदाई का पूरा आनंद मिल रहा था, जिसको पाकर वो मन ही मन बहुत खुश थी।

फिर में खड़ा होकर अपना लंड नेहा की गांड में डालने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसकी गांड का छेद छोटा था, इसलिए वो हिलने लगी जिसकी वजह से मेरा लंड हर बार फिसलकर अपनी जगह से हट गया। फिर नेहा ने मुझसे कहा आईईईइ माँ उफफ्फ्फ्फ़ क्या तुम आज मेरी जान ही निकाल दोगे, मुझे बहुत दर्द हो रहा है प्लीज में मर जाउंगी तुम पहले इस पर थोड़ा सा तेल लगाओ और उसके बाद अंदर डालना। फिर मैंने नेहा के कहने पर अपने लंड पर थोड़ा सा तेल लगा लिया और फिर नेहा की गांड के छेद पर भी मैंने तेल लगाया और ज़ोर से धक्का दिया, जिसकी वजह से अब नेहा बहुत ज़ोर से चिल्ला पड़ी आह्ह्हह्ह उफफ्फ्फ्फ़ में मर गई, फाड़ डाली मेरी गांड ओह्ह्ह्हह।

अब में बेड पर सीधा लेट गया और मेरे ऊपर नेहा भी उसी तरह अपनी गांड में मेरा लंड डालकर लेट गयी। में अब भी धीरे धीरे धक्का लगा रहा था। तभी अमित आया और उसने अपना लंड नेहा की चूत में डाल दिया, जिसकी वजह से नेहा तो बहुत मज़े में आ गई क्योंकि अब एक लंड उसकी गांड में था और एक लंड उसकी चूत में था। फिर कुछ धक्के देने के बाद कुछ ही देर बाद अमित ने अपना सफेद दही उसकी चूत के अंदर ही निकाल दिया। तभी नेहा ने उससे कहा कि तुम तो बहुत ढीले हो, दस मिनट भी नहीं झेल पाए और अब अमित लंड को बाहर निकालकर कमरे से बाहर चला गया और मैंने अपना पूरा 6 इंच का लंड पूरा का पूरा नेहा की चूत में डाल दिया, वो अब अजीब आवाज़े निकाल रही थी और में उसकी जमकर चुदाई कर रहा था। अब वो मुझसे बोल रही थी हाँ और ज़ोर से चोद मुझे अह्ह्ह्हह मेरे राजा आईईईइ आज तू तेरा पूरा लंड मेरी चूत में डाल दे उफफ्फ्फ्फ़ मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, तू आज मेरा पूरा बदन मसल दे, वाह तुझमे बहुत दम है वाह मज़ा आ गया।

फिर करीब आधे घंटे तक मैंने उसकी चुदाई के मज़े लिए और तभी वो झड़ गयी। उसकी चूत से सफेद रंग का पानी निकल गया। फिर भी में तो लगातार धक्के देकर उसकी चुदाई करता ही जा रहा था। मैंने पूरे एक घंटे तक उसकी अगल अलग तरीकों से चुदाई के मज़े लिए और उसके बाद मेरे लंड से भी सफेद रंग का चिकना दही बाहर निकल गया और मैंने अपना वो पूरा दही अपने लंड को उसके मुहं में डालकर वीर्य को उसके मुहं में निकाल दिया और वो पूरा दही पी गयी। उसने मेरे लंड को अपनी जीभ से चाटकर चमका दिया और उसको मेरे साथ यह सभी काम करने में बहुत मज़ा आया। अब नेहा ने मुझसे कहा कि इतना मज़ा तो मुझे अमित के पापा से कभी नहीं आया, तुमने तो मुझे स्वर्ग की सेर करवा दी, तुम्हारे लंड में बहुत दम और शरीर में बहुत जोश है, तुम्हे चोदना बहुत अच्छे से आता है तुम इस काम में बहुत अनुभवी लगते हो में दोबारा भी तुमसे चुदवाने के लिए हमेशा तैयार रहूंगी, बस तुम मुझे बता देना में कभी भी तुमसे मना नहीं करूंगी और तुम मुझे कभी भी आकर चोद सकते हो। दोस्तों उस पहली चुदाई के बाद अब हम जब भी हमे सही वक़्त मिलता है अमित में और उसकी मम्मी चुदाई करते है और सेक्स के पूरे मजे लेते है। मैंने अब तक नेहा आंटी की चूत उनकी गांड को चोद चोदकर बड़ा कर दिया है अब वो लंड लेने पर पहली चुदाई जितना चिल्लाती नहीं है, बस वो हमारे साथ अपनी चुदाई का सुख मजा लेती है ।।



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