दोस्त की मा को चुद्ते देखा

हेलो फ़र्दस, ई आम रॉकी फ्रॉम गुजरात आंड तीस इस मी 2न्ड स्टोरी. लास्ट स्टोरी मामी के साथ बस की सफ़र आप लोगो ने नही पढ़ी हो तो ज़रूर से पढ़ लेना. और स्टोरी राइटिंग मे कोई मिस्टेक रहे गयी हो तो माफ़ कर दीजिएगा. कॉमेंट मे और मेरे पर्सनल मैल मे मुझे अपने रिव्यू और फंतासी ज़रूर भेजना. आप किस तरह की स्टोरी पढ़ना चाहते है वो भी मैल कर सकते हो
चलिए अब कहानी की और चलते है. तो लास्ट स्टोरी मे पढ़ा की मे अपने मामा के गॅव से सिटी मे अपने घर वापिस आ गया. क्यूकी मेरी स्कूल खुलने वाली थी. मेरा मॅन मामी के पास ही था उसके लंड चूस्ते हुए ख़यालो मे खोया हुआ था.

थोड़े दीनो के बाद सब रेग्युलर हो गया. स्कूल भी खुल गयी थी तो मे और मेरा बेस्ट फ्रेंड हर्षद साथ मे स्कूल पे जाते थे और बहोट मस्ती करते थे.

फिर एक दिन सनडे को हमारा क्रिकेट खेलने का प्रोग्राम हुआ और सुभह जल्दी उठ के मे उसके घर पे उसको पिक करने के लिए चला गया. तो जैसे ही मेने दरवाजा खत खाटाया तो उसकी मा (पुर्विषा, उमर 39 साल, दिखने मे एक दूं गोरी चिटी थी की उनके सरीर पे च्छुने से भी लाल कलर की च्चप हो जाती थी. उनके बूब्स लाजवाब इतने बड़े बड़े और मस्त दिखते थे जिसे देख कर किसी का भी मॅन दोल उठे.) ने दरवाज़ा खोला.

वो एक ब्लॅक कलर की हाफ ट्रांसपेरांत निघट्य मे बाहर आई. उसको देख कर मेरी नज़र उनसे हट ही नही रही थी. उनके बूब्स का उपर का हिस्सा सफेद कलर का क्या लगा रहा था. एसा मॅन हो रहा था की अभी पूरा मूह मे लेलू.

फिर मेने हर्षद के बारे मे पुचछा उन्होने बताया की वो तो थोड़ी देर पहले ही निकल गया. फिर मेने ठीक है बोल के वाहा से निकल गया और हर्षद को फोन लगाया. तो उसने बताया की उसको वॉकिंग करनी थी तो जल्दी निकल गया. मुझसे कहा की उसके घर से क्रिकेट का समान ले के ग्राउंड पे पह्ोछ जाना. मेने ठीक है कहे के फोन काट दिया.

अब मे फिरसे घर की तरफ बढ़ा तो मेने देखा दरवाज़ा तोड़ा खुला हुआ था. शायद आंटी बंद करना भूल गयी होगी या उनको बाहर कुछ कम होगा.

तो मेने सोचा मुझे पता ही है की समान कहा है तो आंटी को डिस्टर्ब नही करना. तो मे अंदर जाके हर्साद की रूम तरफ गया और समान पॅक करने लगा.

थोड़ी देर मे मेने डोरबेल की आवाज़ सुनी. मेने देखा की आंटी जल्दी जल्दी मे निघट्य लपेट के दरवाजा की और बढ़ रही है. और उसका एक हाथ अपने चूत पे था और एक हाथ से नाइट को ढाका हुआ था. मे हैरान रहे गया की आंटी इस हालत मे क्यू है. क्यूकी हर्साद ने बताया था की उसके दाद कुछ कम के लिए एक वीक तक आउट ऑफ स्टेशन रहेंगे. तो मेने च्छुपके देखने का सोचा.

मेने देखा आंटी ने दरवाजा खोला जो आधा खुला था. बाहर दूधवाला दूध देने के लिए आया था. आंटी की हालत ऐसी थी की उसकी निघट्य उनके जाँघ तक उठी हुई और एक था छूट पे और एक हाथ से दरवाजा खोला.

वो देख कर दूधवाले की हालत बिगड़ गयी. वो बार बार अपने लूँगी के उपर से ही अपने लंड को मॅनेज कर रहा था. अब आंटी एक मीं बोलके दूध का बर्तन लेने अंदर गयी और एक हाथ मे बर्तन और एक हाथ चूत के उपर होने की बजाह से उनके दूध आधे दिख रहे थे.

पर मेरी समाज मे ये नही आ रहा था की उनका हाथ छूट पे क्यू है. तब वो दूध वाला पहले से ही अंदर आ चुका था और बोला-

दूधवाला: मेडम जी कोनो दिक्कत है, मई कुछ मदद कर सकता हू..? और उनके बूब्स को घूर घूर के देखने लगा.

आंटी (घबरा के): नही नही कूचा दिक्कत नही और तुम अंदर क्यो आ गये?

दूधवाला : मुझे लगा आपको मदद की ज़रूरत है.. और ये कह के दूध देने ल्गा.

जेसे आंटी ने बूर्टन आयेज किए उपर से उनकी नाइटी आधी खुल गयी और एक बूब्स बाहर आ गया. दूधवाला वो ही देखता रहा. तभी मेने आंटी के निपल्स देखे.. भाई क्या लग रहे थे एक दम ब्राउनिश पिंक कलर के.

दूधवाले से रहा नही गया और दूध देना चोद के बूब्स को हाथ मे ले लिया. तभी एक दूं एसा होने से आंटी घबरा गयी और दोनो हाथ से विरोध करने ल्गी. और उस च्चकर मे पूरी निघट्य आयेज से खुल गयी और उनकी चूत साफ दिख रही थी. हल्के हल्के बाल थोड़ी चमड़ी बाहर निकली हुई ब्राउनिश छूट. आजू बाजू एक दम गोरा बदन.

मेने क्या देखा चूत मे आधा खीरा बाहर निकला हुआ था. वो देखके मे हैरान हो गया और साथ मे दूधवाला भी हैरान था. और वो बूब्स को अच्छे से मसल रहा था और खीरा के सामने इशारा करके बोला – मे तो आपकी मदद करना छाता हू, बोलो तो सही.

तभी आंटी थोड़ी शांत हुई और बोली खीरा अंदर अटक गया है और बाहर निकल नही रहा. और तभी दूधवाले ने कहा बस इतना ही? और उनको उठाके हॉल की तरफ ले गया.

मे तोड़ा चुपके बाहर की तरफ आया और देखने लगा. दूधवाला आंटी की छूट सहला रहा था और उनके बूब्स दबा रहा था. अब धीरे धीरे आंटी गरम होने लगी और उनके छूट से हल्का सा पानी आ रहा था. फिर भी खीरा बहोट मोटा था की आंटी को दर्द हो रहा था. तो दूधवाले ने अपनी लूँगी निकल दी.

आंटी घबरा गयी और बोला ये क्या कर रहे हो??

तो दूधवाले ने बोला ये स्पेशल ट्रिक है.. और अपने लोड को छूट पे सहलाने लगा. उसका लंड 8 इंच मोटा था और तगड़ा था और जेसे ही लंड छूट पे फिरने ल्गा आंटी एकद्ूम गरम हो गयी. उनकी चूत से पानी निकलना चालू हुआ.

अब दूधवाले ने स्पीड बढ़ा दी और थोड़ी देर मे आंटी का पानी निकल गया. और उनके पानी के साथ खीरा भी बाहर आ गया. आंटी के मूह पर एक संत्ुस्ती की ख़ुसी सॉफ दिख रही थी.

पर दूधवाले का अभी निकाला नही था. उसने आंटी को बोला अब मुझे भी खुश करो. आंटी ने नीचे जुख के उसका पूरा लंड मूह मे ले लिया.

तभी दूधवाले ने उसको पूरा नंगा कर दिया. आंटी क्या माल लग रही थी पूरी सेक्स की देवी और उनको ये हालत मे देख कर मुजसे रहा नही गया और मेने मूठ मारना चालू कर दिया.

अब दूधवाले ने आंटी को उपर उठाया और खड़े खड़े ही एक पेर उपर उठाके लंड को छूट के मूह पर रहा. मेने देखा उनके लंड के उप्र उसकी छूट का पानी गिर रहा है. और उसकी स्मेल पूरे घर मे फैल गयी है.

तभी एक जटाके मे उसने पूरा लंड छूट मे डाल दिया और आंटी की ज़ोर से चीख निकल गयी और आँसू भी. पर वो एक ख़ुसी के आँसू थे और फिर दूधवाले ने ज़ोर ज़ोर से चुदाई स्टार्ट कर दी.

30 मिनिट्स तक अलग अलग कितनी पोज़िशन मे छोड़ने लगा और आंटी ज़ोर से अहह… और करो मेरे राजा मुझे चूद्ददडूऊऊऊऊ अहह प्लीज़ फक मीईईई ईईहह… एस चिल्ला रही थी.

फिर एक जोरदार चुदाई के बाद दूधवाले ने आंटी की चूत मे अपना सारा माल गिरा दिया. तब तक आंटी कितनी बार जाध चुकी होगी वो पता नही. वो एक दूं खुश दिख रही थी ये चुदाई से और संत्ुस्थ भी. और उनकी चूत मे से माल निकल रहा था, इस तरफ मेरा भी दो बार निकल गया था.

नेक्स्ट पार्ट तो बे कौंतीएड…

(तो फ्रेंड्स कैसी लगी मेरी स्टोरी मुझे ज़रूर मैल करना तब तक गुड बाइ, मैल मे ओं –

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