दोस्त की गर्लफ्रेंड की सील तोड़ने की मस्त कहानी

आते ही मैने रूम लॉक किया, और उसको बैठने को कहा. वो नकाब लगती थी, जिसे मैने उसको खोलने को कहा, और वो खोलने लगती है. जैसे ही वो नकाब खोलती है, मैं उसकी ड्रेस देख कर चौंक जाता हू.

मैं पूछता हू: तुम घर से कॉलेज के लिए निकली हो, और तुम कॉलेज ड्रेस की जगह कुछ और पहन कर आई हो?

तब तनवी ने कहा: घर पर आज मम्मी-पापा खाला की फूफी के घर गये है, जहाँ फूफी के बड़े बेटे की एंगेज्मेंट है. तो वो लोग रात 10 बजे तक आएँगे. तो मुझे कोई टेन्षन नही है.

मैं उसके कपड़ो को ही गौर से देख रहा था. वो रॉयल ब्लू टॉप और वाइट लोंग स्कर्ट में थी. बहुत ही क्यूट और सेक्सी दिख रही थी वो.

उसके बाद मैने फ्रिड्ज से कोल्ड ड्रिंक निकाल कर उसको पीने को बोला, और खुद भी पी. दोनो की कोल्ड ड्रिंक ख़तम होने के बाद

वो मेरे पलंग पर जेया कर लेट गयी, और मुझे अपने पास बुलाने लगी.

मैं भी देर ना करते हुए उसके पास जेया कर बैठ गया, और तनवी ने मुझे खुद पर खींच लिया. फिर वो मुझे किस करने लगी. मैं भी उसके जिस्म को पकड़ कर उसके किस का रिप्लाइ देने लगा.

15 मिनिट के इसी तरह किस करने के बाद मेरा लंड एक-दूं खड़ा हो चुका था. फिर मैने उसकी टॉप को खोलने की कोशिश की, तो वो शर्मा कर मुझे रोकने लगी.

तब मैने कहा: अपनी न्यूड पिक्स देते वक़्त नही शर्मा रही थी, तो अभी क्यूँ शर्मा रही हो?

तब उसने कहा: वो मेसेज था. ये लिव है इसलिए.

तब मैने उसको फिरसे किस करना शुरू कर दिया, और उसकी टॉप को आहिस्ता-आहिस्ता करके खोलने लगा. उसने अब कुछ ना बोलते हुए मुझे टॉप खोलने दी, और मैने उसकी टॉप खोल कर उसको बिस्तर पर लिटा दिया.

वो अब मेरे सामने बस स्कर्ट और ब्रा में थी. उसकी ब्रा वाइट कलर की थी, जो उसके गोरे बदन पर ज़्यादा खूबसूरत लग रही थी.

मुझसे ये देख कर बर्दाश्त नही हुआ, और मैं उसके सीने पर टूट पड़ा. मैं उसके दोनो बूंस को ब्रा के उपर से दबाने लगा, और फिर उनको मूह लगा कर काटने लगा.

वो आँखें बंद करके उसका मज़ा ले रही थी. मैं उसके बूब्स के उपर उसके खुले हुए सीने, गले, और उसके कंधे पर किस करने लगा.

वो एक-दूं बेचैन होने लगी, और मैं अपने एक हाथ से उसकी स्कर्ट को उपर उठाने लगा. फिर मैं उसकी छूट को पनटी के उपर से ही मसालने लगा. कुछ देर में उसकी पनटी गीली हो गयी.

उसके बाद मैने उसकी ब्रा को दोनो हाथो से खींच कर उसके सीने को आज़ाद कर दिया, जिससे उसकी ब्रा के फीते टूट गये. और फिर मैं उसके पिंक निपल्स को अपने मूह में लेकर चूसने लगा.

वो अभी नयी-नयी जवानी में कदम रखी थी, इसलिए उसको बहुत मज़ा आ रहा था. वो मेरे सर को पकड़ कर अपने दूध में दबा के मुझे अपने दूध चुस्वा रही थी. एक-एक करके दोनो दूध चूसने के बाद मैं उसके बगल में लेट गया.

उसके दोनो दूध और सीना एक-दूं लाल हो गया था, और उसके सीने पर मेरे दाँत के निशान सॉफ दिख रहे थे. फिर तनवी मेरे उपर चढ़ कर मुझे किस करने लगी, और मेरी त-शर्ट को मुझसे अलग करके मेरे सीने पर पागलों की तरह किस करने लगी.

वो इतनी भूखी थी, की वो मेरे सीने को दाँत से काट रही थी. वो मेरे लंड पर बैठी हुई थी, और मेरा लंड पंत फाड़ कर बाहर आना चाह रहा था.

मैने उसके पनटी पर हाथ दिया, और उसको फाड़ने की कोशिश करने का जैसे ही सोचा, उसने मुझे फाड़ने से माना कर दिया.

वो बोली: इसको मत फाड़ना, क्यूंकी पनटी फटत जाने से मेरे घर जाने में दिक्कत होगी.

और मैने ये सुन कर आराम से उसकी पनटी खोल दी, और साथ ही उसकी स्कर्ट को भी नीचे खींच कर उतार दिया. अब वो मेरे सामने एक-दूं नंगी सेक्स के भूख में मचल रही थी. मैं उस पर चढ़ कर उसके लीप को किस करने लगा, और उसकी ज़ुबान तक को चूसने लगा.

मेरा लंड उसकी छूट में पंत के अंदर से चुभ रहा था. उसने मुझे पंत खोलने को कहा, तो मैने उसको ही खोलने को बोला. वो भी मेरी बात मानते हुए मेरी पंत को खोलने लगी, और मैं उसकी मदद करने लगा. वो मेरी पंत को खोलते ही मेरे लंड को देख कर घबरा गयी.

फिर वो बोली: ये मेरे अंदर कैसे जाएगा? तुम्हारा लंड तो मोटा भी है, और बड़ा भी है. और मैं अब तक वर्जिन हू.

तो मैने कहा: ये ऐसा ही होता है. तुम्हारा वो दिखने में तुम्हे छ्होटा लगता है, जब उसमे मेरा लंड घुसेगा, तो तुम खुद देखना.

ये कहते हुए मैने उसकी छूट को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी छूट के अंदर डाल कर रगड़ने लगा. इससे वो बेचैन हो गयी. पहले तो उसको अछा लग रहा था, पर कुछ देर में ही वो बोलने लगी-

तनवी: अंदर जलन हो रही है, उंगली बाहर निकाल दो.

फिर वो लेट गयी, और मैने अपना गरम रोड के जैसा लंड उसके मूह के पास ले जेया कर उसके गालो को लंड से सहलाने लगा. और फिर उसके होंठो को सहलाने लगा. फिर मैने उसको लंड मूह में लेने को बोला. पर वो माना करने लगी.

लेकिन मेरे दोबारा बोलने पर वो हल्के से मूह खोल कर मेरे लंड की नोक को अंदर ले कर अपनी ज़ुबान से सहलाने लगी. उसके बाद उसको अछा लगने लगा, और वो मेरे पुर लंड को अपने मूह में लेकर चूसने लगी. उसको बहुत मज़ा आ रहा था, और मुझे भी.

तभी मुझे उसकी छूट को चाटने का मॅन किया, और मैं अपने लंड को उसके मूह के पास और अपने मूह को उसकी छूट के पास ले आया.

वो पूछने लगी: ये क्या करने जेया रहे हो? और मैने बोला: आयेज देखती जाओ.

मैं उसकी छूट को दोनो हाथो से फैला कर उसकी छूट के च्छेद पर अपनी ज़ुबान सत्ता कर रगड़ने लगा. वो सिसकने लगी, और पूरा बदन उसका काँप गया. उसके बाद मैने उसको अपने लंड को चूसने को बोला.

उसने जल्दी से मेरे लंड को चूसना शुरू किया, और मैं उसकी छूट के छेड़ के अंदर अपनी ज़ुबान डालने लगा. बहुत ही मज़ा आ रहा था हम दोनो को. मैं उसकी छूट की पानी को चाट रहा था, और वो मेरे लंड को मदहोश हो कर चूस रही थी.

तब वो आहिस्ते-आहिस्ते करके अचानक से झड़ने लगी, और मैं उसके रास को अमृत समझ कर पी गया. अब मैं भी मदहोश हो कर उसके मूह में ही अपना पानी छ्चोढने लगा, जिसे वो तोड़ा निगल ली, और तोड़ा बाहर गिरा दिया.

फिर मैने उसको मेरे लंड को दोबारा खड़ा करने को बोला. वो मेरी बात को समझ कर मेरे लंड को फिरसे चूसने लगी. वो ऐसे चूस रही थी, जैसे के कोई पॉर्न आक्ट्रेस हो.

उसके चूसने का अंदाज़ देख कर मेरा लंड फिरसे टाइट हो गया, और फिर मैने उसको बिस्तर पर लिटा दिया, और उसको बोला-

मैं: जिस चीज़ के लिए तुम इतने दिन तदपि हो, आज वो चीज़ तुम्हे मिलने वाली है.

वो मुस्कुरा कर अपने चेहरे पर हाथ रख दी, जैसे की उसको शरम आ गयी हो. और मैने उसके दोनो पावं को खोल कर, उसकी छूट के सामने आ कर, अपने लंड को उसकी छूट के च्छेद पर सेट कर दिया.

वो बेसबर हो कर मचल रही थी, और अपनी छूट को मेरे लंड पर नीचे से धकेल रही थी.

तब उसने मुझे कहा: तुम मुझे अपना बना लो जल्दी से. और सबर नही हो रहा है मुझसे. और जो मज़ा तुम्हे लेना है, वो दूसरी बार में पूरा कर लेना.

तो मैने अपने लंड को उसकी छूट में धकेलना शुरू किया, और बड़ी मुस्किल से मेरे लंड की नोक उसकी छूट के अंदर घुसी. इससे वो झटपटाने लगी.

वो चीखने वाली ही थी, की मैने जल्दी से उसके होंठो पर अपने होंठ रख कर उसका मूह बंद कर दिया. उसकी आवाज़ मेरे मूह में डब गयी, और मैने एक झटका लगाया, जिससे उसकी आँखों से आँसू आने लगे.

मैं थोड़ी देर वैसे ही लेता रहा. जब तनवी तोड़ा शांत हुई, मैने फाइनल झटका लगाया, जिससे उसकी छूट की सील मुझे टूट-ती हुई फील हुई, जैसे की कुछ मैने चियर दिया हो अपने लंड से. और तनवी झटपटाते हुए मुझे खुद से अलग करने की नाकाम कोशिश करती रही.

फिर करीब 5 मिनिट के बाद मैने उसके अंदर अपना लंड आहिस्ता-आहिस्ता हिलना शुरू किया, और वो आँखें बंद करके उसको फील कर रही थी. मुझे समझ में आ गया की अब उसको मज़ा आ रहा था.

तब मैने स्पीड को आहिस्ता-आहिस्ता बढ़ते हुए उसकी चुदाई शुरू कर दी. वो अब बिल्कुल ठीक थी, और मेरे होंठो को चूस रही थी.

और मैं नीचे से उसको झटके लगा कर छोड़ रहा था. वो हर झटके पर मूह से आअहह आअहह की आवाज़े निकाल रही थी.

35 मिनिट के ऐसे ही झटको के बीच वो काई बार झाड़ गयी थी, और अब मैं भी छूटने वाला था.

तब मैने तनवी से पूछा: मेरा माल गिरने वाला है. अंदर गीरौ या बाहर?

वो बोली: जिस्म मेरा अब तुम्हारा है. जो मॅन करे तुम करो.

तब मैने अपने झटको को और तेज़ करते हुए अपना सारा रस्स उसकी छूट में ही गिरा दिया.

घर एक-दूं शांत हो गया था, और हम दोनो पसीने से भीगे हुए थे. मेरे लंड से एक-एक कटरा करके अब भी रास उसकी छूट में गिर रहा था.

वो काफ़ी खुश थी. उसने मुझे किस किया और वैसे ही मुझे हग करके आँखें बंद करके सोने लगी.

अब मैं इसके बाद वाले पार्ट में बतौँगा, की उस दिन मैने तनवी को कितनी बार छोड़ा. क्यूंकी वो मेरे पास रात के 9 बजे तक थी. तब तक के लिए बाइ.

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