दोस्त के साथ हॉट रोमॅन्स शुरू हुआ

दोस्तों मेरी पहली चुदाई की कहानी का अगला पार्ट शुरू कर रहा हू. इसको शुरू करने से पहले पिछले पार्ट ज़रूर पढ़े.

सोनल: साहिल कहाँ है तू? ओये कुत्ते यहाँ आ!

मैं बातरूम से चेंज करके आया और बोला: यहीं हू पागल, चिल्ला क्यूँ रही है?

सोनल: मेरा दोस्त साहिल तू बहुत अछा है. तू वहाँ सोफे पे मत सो, यहाँ बेड पे आजा.

वो नशे में थी, इसलिए ऐसे बोल रही थी. मैने भी हा बोल दिया. मैं उसके पास गया, उसको सीधा सुलाया, और पीछे हटने लगा. तो उसने मेरा हाथ पकड़ के बूब्स में दबा लिया, और करवट बदल के सोने लगी.

मैं थोड़ी देर खड़ा रहा, पर उसके कोमल मुलायम सॉफ्ट बूब्स मुझे फील हो रहे थे. मेरा बाबू र्म खड़ा हो गया. मैने खुद पे काबू रखा, और हाथ चुधा के अलग हुआ, और सोफे पे सोने लगा. पर मुझे नींद नही आ रही थी. मैं फिरसे बातरूम में गया. वहाँ उसकी उसेड पनटी-ब्रा देखी, और उसको सूंघते हुए मूठ मारने लगा. जब मैं फ्री हुआ, तो आके सो गया.

सुबा मेरी नींद खुली, तो सोनल बातरूम में नहा रही थी. मैने उसको आवाज़ लगाई, तो वो बोली-

सोनल: बस 5 मिनिट.

मैने कहा: जल्दी कर, मुझे बातरूम लगी है.

वो 5 मिनिट बाद बाहर आई. क्या लग रही थी अफ वाइट त-शर्ट में. उसने मरून ब्रा पहनी थी. क्या बतौ मैं तो जैसे जाम गया उसको देख के.

उसने बोला: अब नही लगी क्या तुझे?

मैं फिर सीधे बातरूम गया, और फ्रेश होके बाहर आया. वो अपने बाल सूखा रही थी. उसने मुझे देखा, और स्माइल करते हुए बोली-

सोनल: थॅंक्स साहिल.

मैं: क्यूँ आज किस लिए थॅंक्स?

सोनल: कुछ नही छ्चोढ़.

मैं: बता ना?

सोनल: कल मैं इतने नशे में थी. तू मुझे घर लाया, सुलाया, मेरा ख़याल रखा. कोई और होता तो फ़ायदा उठा लेता, पर तू अलग है यार.

मैं: पागल है तू. वैसे फ़ायदा मैं अभी भी उठा सकता हू.

सोनल: कुत्ते! वैसे उठा भी लेगा तो कोई बात नही (और हासणे लगी).

मैं: जो मज़ा मिलन में है ना, वो ज़बरदस्ती में कहाँ.

और ये बोल के मैं बातरूम में नहाने चला गया. सोनल भी चेंज करके नाश्ता बनाने लगी. आज सनडे था तो कोई काम था नही. मैं बातरूम से आया चेंज करके, और नाश्ते का इंतेज़ार करने लगा. फिर उसने और मैने साथ में नाश्ता किया, और बातें करने लगे.

तभी मेरा फोन बजा. मेरे पुणे वाले ही एक फ्रेंड का कॉल था. मैने रिसीव किया तो वो बोला आज वो उसकी बंदी के साथ बाहर घूमने जाने वाला था 2 दिन के लिए, तो उसकी कार वो मेरे पास देना चाहता था. मैने भी हा बोला. फिर उसने कार मुझ दी, और वो चला गया.

तब सोनल ने बोला: यार मुझे कार चलना सीखा ना प्लीज़. अब तो 2 दिन ये कार यही है.

मैने भी हा कर दिया. वो बहुत एग्ज़ाइटेड थी. हमको कोई काम था भी नही, तो मैने सोचा कार भी सीखा दूँगा, और तोड़ा सोनल के करीब भी आ जौगा और पुणे की भी सैर कर लूँगा.

मैने कहा: चल तैयार हो जेया, चलते है.

वो बोली: चल.

उसने एक ढीला ट्रौसेर और उपर एक टॉप पहना हुआ था.

मैने पूछा: कोई सुनसान रास्ता बता, जहाँ पे ज़्यादा लोग नही रहते हो.

उसने मुझे अड्रेस बताया. हम दोनो वहाँ गये. मैने उसको ड्राइविंग सीट पर बिताया, और मैं उसके बाजू में बैठा था. पहले मैने उसको सब समझाया क्लच, आक्सेलरेटर ब्रेक, गियर, सब कुछ. फिर उसको चालू करने को कहा. जैसे ही उसने गियर डाला, और झटके से क्लच छ्चोढ़ दिया, गाड़ी बंद हो गयी.

मैने कहा: ऐसे तो तू कभी नही सीख पाएगी.

वो बोली: तो तू किस लिए है? सीखा ना.

मैने बोला: तू बाहर निकल. मैं सीट पे बैठता हू, फिर तू बैठना.

वो बोली: तेरी गोद में?

मैने बोला: नही आयेज सरक के सीट पे बैठ.

मैं जाके ड्राइविंग सीट पर बैठ गया, और तोड़ा पीछे सरका. फिर जो स्पेस बची थी, वहाँ वो बैठी. पर क्लच दबाते टाइम उसको बैठे में कंफर्टबल नही हो रहा था.

मैने बोला: तू मेरी गोद में बैठ जेया.

वो जैसे ही मेरी गोद में आके बैठी, मेरे लंड और बॉडी में सनसनी हो गयी. लंड खड़ा होने लगा. मैने कंट्रोल किया और उसको बताने लगा. वो भी धीरे-धीरे गाड़ी चलाने लगी. उसको मेरा लंड फील हुआ तो वो बोली-

सोनल: जज़्बातों पे काबू रख. तेरी दोस्त बैठी है, गफ़ नही.

मैं शर्मा सा गया उसकी बात पे. मैने अपने आप को संभाला, और गाड़ी चलाने में उसकी हेल्प करने लगा, और उसको सीखने लगा. वो अब सीख रही थी धीरे-धीरे. पर लंड कहाँ मानने वाला था दोस्त हो या गफ़. मेरा लंड पूरी तरह से अकड़ कर खड़ा होने लगा, और उसकी गांद और छूट पे रग़ाद खाने लगा. पर पता नही क्यूँ सोनल ने इस बार कोई रिक्षन नही दिया.

मुझे शॉक लगा, की उसने कुछ बोला क्यूँ नही. पर फिर 2 मिनिट में मैं मदहोश होने लगा उसकी खुश्बू से. उसके बालों की महक, उसके जिस्म की गर्मी से अब मैं बहकने लगा था. मैने मॅन में सोचा जो होगा देख लेंगे, और मैं उसको गाड़ी सीखने में मज़े ले रहा था.

मैं अपना लंड धीरे-धीरे रग़ाद रहा था उसकी गांद पे. उसको अब लंड पूरी तरह से फील हो रहा था, और वो बहक रही थी. मैने डरते-डरते एक हाथ उसकी थाइस पर रखा, और हल्का-हल्का सहलाने लगा. मैं उसके गले पे अपनी गरम साँसे फेंक रहा था. रास्ता पूरा सुनसान था, तो कोई ख़तरा था नही. उसने धीमी सी आवाज़ में कहा-

सोनल: उम्मह साहिल, क्या कर रहा है?

मैं कुछ नही बोला, और उसकी नेक पे किस कर दिया. वो पूरी पानी-पानी हो गयी. फिर अचानक ब्रेक लगा के वो पीछे पलटी, और मुझे वाइल्ड तरीके से किस करने लगी. मुझे तो ऐसे फील हुआ जैसे जन्नत मिल गयी हो. मैं भी उसको किस करने लगा, और गाड़ी को साइड में पार्क करके उसको अपनी तरफ घुमा दिया.

फिर उसकी नेक को सहलाते हुए किस करते जेया रहा था. वो भी मुझे जोश में किस कर रही थी.

इसके आयेज क्या हुआ, वो आपको इस कहानी के अगले पार्ट में पता चलेगा. आपको मेरी हॉट स्टोरी कैसी लगी, मुझे साहिल्देशमुख6988@गमाल.कॉम पर मैल करके ज़रूर बताए. आपकी फीडबॅक का इंतेज़ार रहेगा.

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