दोस्त के होटल की वेट्रेस के साथ रात रंगीन

दोस्तों स्नेहा मेरे दोस्त राजीव के होटल पर वेट्रेस का काम करने वाली एक बहुत सुंदर और कमसिन लड़की थी। वो इतनी सुंदर थी कि कोई भी आदमी या लड़का उससे सेक्स करना चाहता था। मैं राजीव के होटल पर जाता रहता था। एक दिन राजीव ने मेरी मुलाकात स्नेहा से कराई।

राजीव स्नेहा से बोला: स्नेहा एक बार तुम्हे अरुण सर की सेवा रात में भी करनी है।

वो बोली: बिलकुल सर, मेरा काम ही साहब लोगों की सेवा करना है।

राजीव मुझे अपने पर्सनल सुइट में ले गया, और हम ड्रिंक करने लगे। ड्रिंक हमे स्नेहा ही सर्व कर रही थी। राजीव दो पैग लेने के बाद चला गया, और स्नेहा से बोल गया साहब का खयाल रखना।

वो शनिवार की शाम थी। दूसरे दिन संडे था, तो मैं वहीं रुकने वाला था । मेरी बीवी के घर पर ना होने पर मैं अक्सर राजीव के होटल पर रुक जाता था। वो मेरे लिए अपना पर्सनल सुइट खोल जाता था, तो मैं वहीं रुकता था। स्नेहा ने मेरे लिए एक और पैग बना दिया।

वो बोली: सर मैं आपकी सेवा में आज रात भर हाजिर हूं।

मैंने उसे अपने पास कुर्सी पर बिठा लिया, और उसके लिए भी पैग बनवा दिया। हम दोनो ड्रिंक करने लगे और बाते करने लगे। उसने एक शॉर्ट स्कर्ट और उपर टॉप डाल रखा था। मैंने उसकी जांघो पर अपना हाथ रख दिया। उसने मेरे हाथ पर अपना हाथ रखा,‌ और मुस्कुरा कर बोली-

स्नेहा: सर पहले अपनी ड्रिंक और डिनर का मजा लीजिए। फिर बाकी सेवा करूंगी।

हम दोनों ने अपना ड्रिंक और डिनर आधे घंटे में फिनिश किया।

वो बोली: मैं अभी आती हूं चेंज करके।

और वो बाथरूम में चली गई। कुछ देर बाद वो एक टॉवल में बाहर आ गई। मैं उसे देखता ही रह गया। गीले बाल, एक दम चमकती हुई जांघें, और चूंची से चूत तक का शरीर सफेद टॉवल से ढका था। उसने मेरे पास आ कर अपना एक पैर मेरी कुर्सी पर रख कर अपने गीले बाल मेरे चेहरे पर डाल दिए।

मैं एक दम मदहोश उसकी खुशबू से हो गया। उसका बदन महक रहा था। मैंने उसकी जांघ पर हाथ रखा, और हाथ को ऊपर उसकी चूत तक ले गया। मेरा हाथ उसकी चूत से जा टकराया। वो टॉवल के नीचे एक-दम नंगी थी। उसकी एक-दम क्लीन शेव की हुई नरम सी चूत थी। उसको छूने में ही मजा आ गया।

तभी उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे बेडरूम में ले गई। वहां उसने मेरे कपड़े उतार दिए। सिर्फ अंडरवियर छोड़ कर सब कुछ। अब उसने मुझे किस किया। मैं खड़ा ही रहा। उसने मुझे उपर से नीचे तक चूमा और अपना हाथ फेरा।

उसने मेरे लंड को अंडरवियर उतार कर पकड़ लिया। लंड एक दम टाइट हो चुका था। वो अपने घुटनों पर बैठ कर लंड को पकड़ कर चूसने लगी। मैंने भी उसके बाल पकड़े और उसके मुंह को जबरदस्त तरीके से चोदने लगा। वो बड़ी अच्छी तरह से लंड को चूसे जा रही थी।

मैंने उसे उठाया और उसके टॉवल को उतारा। दोस्तों क्या हुस्न था। वो एक-दम नंगी थी मेरे सामने, गजब का फिगर था। एक-दम गोल-गोल चूंचियां 32″ साइज की, एक-दम टाइट प्यारी सी चूत, एक-दम गुलाबी। मैंने उसके होठों को चूसा और उसके बूब्स पकड़ लिए और दबाने लगा। वो मस्ती से सिसकारियां ले रही थी।

अब मैंने अपना एक हाथ उसकी चूत पर फेरा, और अपनी एक उंगली उसकी चूत में डाल दी। वो मुझसे कड़ा लिपट गई, और मेरे लंड को मसलने और निप्पल को चूसने लगी।

मैंने उसे बेड पर पटक दिया और उसकी दोनो टांगो को अपने कंधो पर रख लिया। फिर उसकी चूत को पूरा खोल दिया। चूत अंदर से एक-दम गुलाबी थी। मैंने अपना लंड उसकी चूत पर सेट करके धक्का लगाया तो वो बोली सर मजा आ गया।

उसने पूरे लंड को अपनी चूत में कड़ा दबा लिया‌। मुझे लंड पर टाइट लगा, मजा आ गया। मैं उसे दनादन चोदने लगा। वो मेरा पूरा साथ दे रही थी। उछल-उछल कर वो चूत को चुदवा रही थी।

करीब पंद्रह मिनट चोदने के बाद मैं उसकी चूत में ही झड़ गया। पूरे जोर से मैंने उसकी चूत को लंड से दबाए रखा। और ऐसे ही उसके उपर पड़ा रहा। पांच मिनट बाद मैं उठा तो वो मुझसे लिपट कर लेट गई।

मैंने उसके मुंह को बहुत देर तक चूमा। हमने एक-दूसरे को बाहों में रखा, और प्यार की बाते करने लगे।

वो बाथरूम गई और एक पिंक कलर का टॉवल गाउन डाल कर बाहर आई। अब वो एक अलग ही रूप में थी। मैं नंगा पड़ा था बेड पर। वो बोली-

स्नेहा: सर आपके लिए कुछ दूध या जूस ले कर आती हूं बताए क्या लेंगे?

उसने दो ग्लास दूध ऑर्डर किया। तभी दरवाज़ा नॉक हुआ वो बाहर गई, और दूध की ट्रे ले कर अंदर आ गई। वो दूध केसर और मलाई का था। उसमे ढेर सारे ड्राई फ्रूट्स डले थे। मैं बैठा तब तक वो मेरे लिए भी एक टॉवल गाउन ले कर आ गई। मैंने ऐसे ही गाउन डाला, और हम बाहर आ कर बैठ गए और दूध पीने लगे। ये दूध भी राजीव के होटल की एक फेमस डिश में से एक है।

हमने आधा घंटे बाते की। वो पुने की रहने वाली थी। वहां भी एक होटल में तीन साल काम करने के बाद अभी दस दिन पहले ही ज्वाइन हुई थी। दूध पीने के बाद हम बेडरूम में चले गए। फिर चुदाई का दौर शुरू हुआ जो सुबह ही जाकर रुका। मैंने उसे घोड़ी बना कर भी चोदा।

बाद में स्नेहा को बोला: यार तुम गज़ब की चीज हो। मुझे तुम्हारी गांड और लेनी है।

वो बोली: सर आज में आपकी हूं, जो मारना है मार लो।

उसने फिर से मेरे लंड से खेलना शुरू कर दिया और उसे चूसने लगी। हमने 69 की पोजिशन ली, और उसने मेरे लंड को और मैंने उसकी चूत को चूसना शुरु किया। करीब दस मिनट में मैंने उसे बेड पर ही घोड़ी बनाया, और उसकी गांड में थोड़ा तेल लगाया, और लंड पर भी तेल लगाया।

मैं उसकी गांड में लंड डालने लगा लेकिन लंड बार-बार फिसल रहा था। तो उसने लंड को पकड़ कर अपनी गांड के छेद पर लगा कर कड़ा पकड़ लिया। तभी मैंने एक जोर का धक्का लगा दिया। वो चीख उठी। मैंने वही अपने को एक मिनट रोका और फिर एक धक्का और मार दिया।

अब पूरा लंड उसकी गांड में चला गया था, पर उसे बहुत दर्द हो रहा था। कुछ देर रुक कर मैंने धक्के मारने शुरू किए। अब उसे भी मजा आने लगा। गांड टाइट थी पर अब खुल गई थी। और तेल लगा था तो लंड आराम से बाहर-भीतर होने लगा। वो भी अपनी गांड को आगे-पीछे करने लगी। मैंने करीब पंद्रह मिनट तक उसकी गांड को चोदा, और झड़ गया और उसी के उपर पड़ गया।

मैं उसे उठा कर बाथरूम में ले गया। वहां हमने शावर लिया, और एक-दूसरे को रगड़-रगड़ कर नहलाया। फिर दोनों ने गाउन पहने और बाहर आ गए, और आ कर बेड पर चिपट कर सो गए।

हम दोनों सुबह चार बजे सोए थे, तो सुबह नौ बजे तक सोए रहे। स्नेहा ने उस दूसरे पूरे दिन भी मुझे खूब खुश रखा। मजा आ गया उसके साथ में। कई बार बाद में भी मैंने उसे खूब चोदा। वो भी मेरा साथ मिलने से खुश रहती थी।

तो दोस्तों आपको मेरी ये कहानी कैसी लगी बताना जरूर।

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