यह एक ऐसी कहानी है जिसने मेरी दिमाग की खिड़कियाँ खोल के सेक्स की बहुत
सी बारीकियाँ सिखा दी.
मेरा नाम समीर है. मेरी लम्बाई ६ फुट और कमर का नाप उस समय २८ इंच था जब
की ये कहानी है. दिखने में ऊपर वाले की मेहरबानी से लड़कियों की नज़र
चिपकाने लायक चेहरा और बदन है. जवानी की दहलीज़ पे कदम चढ़ने के बाद,
लगभग २० साल की उम्र रही होगी।
मैंने लण्ड की सार संभाल ठीक से करने के लिए नहाते समय लण्ड की मालिश
सरसों के तेल से करनी शुरू कर दी. तेल बहुत तेज लगता था लेकिन थोडी देर
सहन कर लेता था. लेकिन इसका नुकसान ये हुआ कि लण्ड का सुपाडा थोड़ा लाल हो
गया और थोड़ा दर्द होने लग गया. ये देख के मुझे थोडी घबराहट हुई. मैंने
अपने सर्किल में पूछताछ कि तो किसी ने मुझे बताया कि पास की कालोनी में
हमारे घर से लगभग एक किलोमीटर दूर बड़े अस्पताल के स्किन रोग विशेषज्ञ
रहते है उनको दिखा दू, अच्छे डॉक्टर है. शाम को ५ से ७ बजे तक देखते हैं
एक दिन शाम डॉक्टर साब से मिलने गया, बेल बजाई, थोड़ा इंतजार के बाद
दरवाजा एक लेडी ने खोला, लेडी कहना तो उनकी शान में गुस्ताखी होगी, वो तो
क़यामत थी. ३१ इंच कमर, ३८ साइज़ के मम्मे, ५ फुट ७ इंच कद, २५ – २६ साल
उम्र, फार्मी गेहूं जैसा रंग, चेहरा ऐसा की मेरी नज़र उनके चेहरे पर से
हटने का नाम नही ले रही थी. उनकी आवाज आई “कहिये क्या काम है” मैंने पूछा
– डॉक्टर साब है क्या. वो बोली नही है, क्या काम था. मैं – उनको दिखाना
था. वो बोली – अन्दर आइये. उन्होंने दरवाजा बंद कर दिया.
वो मुझे कंसल्टिंग रूम में ले गई. बोली – हाँ बताइए क्या प्रॉब्लम है.
मेरे तो होश उड़ गए ये सुन कर. इन लेडी को मेरी प्रॉब्लम क्या बताऊँ. मैं
पहली बार किसी औरत के सामने ऐसी बात कर रहा था. मैंने हिम्मत करके कहा कि
डॉक्टर साब को दिखाना था. उन्होंने मुझे ऊपर से नीचे तक एक गहरी नज़र से
देखा और बोली कि वो तो है नही, उनका ट्रान्सफर इस समय जोधपुर है. और वो
शनिवार और रविवार को यहीं होते है. लेकिन मैं भी डॉक्टर हूँ, बिना किसी
दिक्कत के आप अपनी प्रॉब्लम मुझसे कह सकते हैं.
ये सुन कर मेरी हथेलियों और पगथलियों में पसीना चुह चुहा आया. बहुत
हिम्मत करके मैं ने हिचकते अटकते हुए धीरे धीरे अपनी प्रॉब्लम उनको बतानी
शुरू की कि सरसों के तेल कि मालिश के कारण मेरे लण्ड में कुछ परेशानी आ
गई है, उन्होंने लैंस उठाया और मेरे सामने आकर बोली – दिखाओ.
ये सुन कर मेरे छक्के छूट गए. बहुत मुश्किल से अपने आप को कंट्रोल किया,
मेरे कान गरम हो कर लाल हो गए. धीरे धीरे भारी हाथों से अपनी पैंट के हुक
और जिप खोला, ऐसा लग रहा था मानो युग युग बीत रहे हैं. किसी तरह से पैंट
को थोड़ा नीचे करके अंडरवियर के साइड से लण्ड को बाहर किया तो वो बोली –
ऐसे नही, अंडरवियर उतारो. मैं ने अंडरवियर का नाडा खोल कर अंडरवियर को
जांघो पर कर लिया. और लण्ड के सुपाडे की खाल को पीछे करके उनको दिखाया.
उन्होंने मेरे हाथ को हटा कर अपने हाथ से मेरे लण्ड को पकड़ कर लैंस से
सुपाडे को देखा. उनका मेरे लण्ड पर हाथ लगना था कि मेरे पूरे शरीर में
करेंट लग गया और लाखों चीटियाँ मेरे शरीर पर रेंगने लगी, लण्ड ने अंगडाई
लेनी शुरू कर दी. जिंदगी में पहली बार किसी स्त्री जात का हाथ लगा था वो
भी किसी अप्सरा का.
डॉक्टर बोली- ये क्या हो रहा है?
तो मैंने कहा – इसमे मेरा क्या बस है।
वो बोली – हाँ ये तो है! उन्होंने मेरी झांटो के बाल में ऊँगली से चारों
ओर दबा के देखा, पूछा कोई गांठ है?
मैंने कहा – नही.
डॉक्टर बोली – किसी औरत के पास गए थे?
मैंने कहा – नही! आज तक नही.
देख-दाख के उन्होंने बताया कि सरसों के तेल की तेज़ी ने खाल छील दी है.
मैं दवा लिख देती हूँ, दिन में तीन बार लगाओगे दो चार दिन में ठीक हो
जाएगा.
अब तक मेरा लण्ड अकड़ चुका था.
मैंने थोडी हिम्मत जुटाई और पूछा- डॉक्टर साब मैं साइंस का स्टुडेंट हूँ.
क्या आप मेरी जिज्ञासा को शांत कर सकती हैं, मैं शरीर के विज्ञानं में
बहुत रूचि रखता हूँ. ये कहते हुए मैंने अपना अंडरवियर और पैंट ऊपर सरकानी
चाही तो डॉक्टर ने कहा – अभी रुको और पूछो क्या पूछना चाहते हो?
अब तक मेरी शर्म बहुत हद तक काबू में आ चुकी थी. कपड़े वैसे ही रहने दिए
और मैं ने पूछा – ये होने का कारण क्या था?
डॉक्टर – सरसों के तेल में बहुत तेज़ केमीकल होते हैं और ये अंग ढके रहने
और नमी के कारण यहाँ की खाल बहुत नाजुक होती है जो ये तेज़ सहन नही कर
Nice to hear