दिन मेी भैया रात मेी सैया-5

(इनकमिंग कॉल)

उमेश – हन, जीजू..

थोड़ी देर बात होंने के बाद-

उमेश ( उषा से) – जीजा की फ्लाइट थोड़ी लाते हा कल आज रात तो न्ही सुबा तक आ जाएँगे.

उषा – आबे छूतिए ये तो बहोट अची खबर है.

उमेश – केसे?

उषा – बतौँगी लेकिन अभी मैं जो बोलू उसमे सिर्फ़ तुझे हामी भरनी है.

उमेश – साली तू सुबा से बाकचोड़ी ही किए जा रही है, तिककक है जो तू बोलेगी वही मई भी बोलूँगा.

उषा – आईयी मेरी भाई, आज अपनी बेहन छोड़ने की तैयारी कर ले.

फिर दोनो मम्मी पापा के कमरे मे गये-

उषा – पापा वो उनका फोन आया था, बोल रहे थे उनकी फ्लाइट एक घंटे मे आने वाली है.

पापा – अरे ये तो अची खबर है.

मा – हम भी चलते हा, चलिए उनको लेने.

उषा – अरे मा अप रेस्ट कीजिए मई और उमेश जेया रहे थे उनको लेने बस पर्मिशन लेने आए थे.

पापा – लेकिन…

उषा – लेकिन नही पापा, मैने सोच लिया हा, अब जो हो गया है सो हो गया, मुझे रीयलाइज़ हो गया हा अप ने मेरे लिए अछा ही सोचा होगा.

पापा – थॅंक गोद तुझे भूड्डी तो आई, जाओ और हॅन आराम से जाना.

ये सुनकर उषा चेहरे पे मुस्कान लेके रूम से बाहर निकली और उमेश अपने चेहरे पे नासमझी का क्वेस्चन लेके. उमेश ने कार निकली और दोनो एरपोर्ट की तरफ निकल लिए…

उमेश – अब बताएगी ये सब तूने क्यू किया?

उषा – तेरे बारोशे रहते ना तो हम दोनो बस एक दूसरी के चूस्ते और च्चटे ही रहते बस.

उमेश – लेकिन जीजू तो सुबा आने वेल है.

उषा – तो सुबा तक घपा घाप.

उमेश – घर से फोन आया तब क्या करेगी?

उषा – गान्डू बाकचोड़ी कम कर और रूम बुक कर एरपोर्ट के आस पास.

उमेश – हड्द होती है यार किसी चीज़ की भी.

थोड़ी देर बाद एरपोर्ट पे घाड़ी लगा के वही आस पास रूम बुक करके अपनी रात रंगीन करके के लिए कुश जाते है.

उमेश – ओ फक! कॉंडम लाना तो भूल ही गया.

उषा – कोई नही, मुझे चेलेगा.

उमेश – जब तुझे चेलेगा तो मुझे तो धोड़ेगा.

क्केहकर दोनो एक दूसरे से इतनी ज़ोर से चिपकते है की उषा के बूब्स बिल्कुल उमेश की च्चती से चिपक जाते है और दोनो के होंठ एक दूसरे के मूह मे लगे होते है

उमेश अपने दोनो हंत उषा की गांद पर रख कर मसालने लगता है, उसके गांद के छेड़ पे पालाजो के उपर से ही उंगली करने लगता है, जिससे उषा उछाल कर उमेश की गोध मे आजाती है, उमेश भी उसको गोध मे भरकर उषा की गांद मसलता हुआ उसकी होंठो को चूस्ता चला जाता है….

उषा अपने एक हंतो से उमेश के शर्ट बटन खोलने चालू कर देती है और उसके जिस्म पे कामुकता से हंत फेरने लगती है, और फिर जोश से और तेज़ी से उमेश के होंठो को चूसने लगती है, उमेश के हंतो भी उषा की पलजो के अंदर गुश कर उसकी पनटी से खेलने लगता है.

उमेश फिर गोध मे लटकी हुए उषा को पलंग पे गिरा कर उसकी पालाजो को उतार मे लग जाता और उसका तब तक उपेर के कपड़े उतार कर ब्रा मे जेया जाती है, पालाजो निकलने के बाद उषा की ट्रॅन्स्परेंट पनटी से उसकी बालो भारी छूट चमकने लगती है.

उषा अपने बूब्स को दबाकर उमेश को अपने उपर आने का इशारा करते हुए अपने टाँगे फेला देती है, एसी हरकत देख कर उमेश जल्दी से अपना कक्चा समेत लोवर निकल कर वो भी पलंग पे चॅड जाता है.

उमेश का तन्ना हुआ लंड देख कर उषा उठ कर पहले उमेश का लंड हंतो पकड़ कर होंठो से लगते हुए घपप से मूह मे लेकर चूसने लगती है,उमेश उषा का सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ दबाते लगता है, फिर थोड़ी देर तक उमेश उषा की मूह के चुदाई का आनंद ही लेने लगता है.

जब उषा मूह से लंड को बाहर निकलती हा तो लंड इतना गीला हो जाता हा, उससे भी पानी टपकने लगता हा, और साथ मेी उषा का मूह भी लार से भर जाता है, जिससे देख कर उमेश उसका मूह पकड़ कर दोबारा उसके होंठो को चूसने लगता है.

उषा – होंठ ही चूस्ता रहेगा क्या सिर्फ़, गांद भी मार ले.

ये सुनकर उमेश उसको पीछा ढाका देगा उसको ऊलता देता, उसकी ट्रॅन्स्परेंट पनटी पे च्चटे मारने के बाद उसको उतार कर नीचे फेक देता हा, पीछे से ही उसके परो को फेला कर उसकी गांद मेी उंगली डाल कर ताकि रास्ता सॉफ हो करके अपना खड़ा लोला उसकी (उषा की) गांद के दरवाजे पे लगा कर अपने कमर से जानदार ढाके की शुरुआत कर देता है.

“हाययययए मेी मार गायईीईई…. ”

उषा की च्ीकख सुनकर उमेश का होसला और भद्ध जाता हा और एक बार फिर लंड को बाहर निकल कर तेज़ी से दोबारा उसकी गांद मे डाल देता है, ” ओह आहहहहाहा, एसए ही छोड़ एसए ही जस्ट फक मे लीके तीस “करके उषा उमेश का तेज़ी सी करने के लिए उकसाए जेया रही थी

तकिये को मूह मे दबा के उषा अपने भाई के लंड से गांद चुदाई का मज़े लिए जेया रही थी, पीछे से उमेश गांद मारने के साथ साथ उसके गांद पे छ्चाते और मारे जेया रहा था, जिससे उसकी गोरी गांद हल्की लाल हो गयी थी. लेकिन उमेश का लंड जो उषा की गांद मे गुस्सा हुआ था और उसका हंत चटा चत्ट उषा की गांद पे बरश रहे थे दोनो तेज़ी से रुकने वालो मे से तो नही थे

फिर उमेश उषा के उपर लाते गया और उसके बूब्स दाबने लगा अब उषा अपनी गांद की चुदाई के दर्द से बाहर निकल कर और उतेज़ित होकर अपनी गांद की चुदाई का आनंद लेने लगी, हंतो से बहारे हुए बूब्स के निपल्स को उमेश अपने हंतो से बिछने लगा

ऊओए मा अहहहहा, निपल को एसए मत्ट निचोड़े कर छूतिए – उषा

उमेश – मुझे मज़ा आता है

उषा – ये तेरा लंड कब तक शांत होगा

उमेश – अभी तो नही होंने वाला

उषा – सुन, भाई

उमेश – बोल मेरी बेहन

उषा – ई लोवे योउ

उमेश – लोवे योउ टू

उषा – एसए ही प्यार करता रहेगा ना हमएसा मुझसे

उमेश – हन्णन्न्, हमएसा,लेकिन अब मेरा झड़ने वाला है

उषा – चोरदे दे फिर मेरी गांद मेी ही

अहह करते हुए उमेश उषा की गांद अपने माल से भर देता है और अपना लंड बाहर निकल कर उसका गांद पे लंड को मसल मसल के सॉफ करके बगल मे लेट जाता है, उषा भी सिद्धि होकर उमेश के लंड अपने मूह मे लेकर हल्का फूलका सा निकलता हुआ माल को भी अपने मूह मे लेकर लंड को सॉफ करके दोनो नंगे ही लाते लाते सर को देखने लगते है

उमेश – वेसए जीजू की आनने के तू सही मे कुश ह

उषा – हाँ

उमेश – लेकिन जीजू तो तुझे पसंद नही हा

उषा – ये भी सही है

उमेश – फिर तू जीजू के आने से कुश केसे है

(उषा फोन से टाइम देखते हुए)

उषा – बताती हू पहले मेरी छूट च्चत

उमेश – वो तो तू न्ही बोलती फिर भी च्चता

(कहकर उमेश उषा की छूट के पास आकर उसके छूट च्चटने लगता है….)

फिर उषा अपने फोन से अपने हज़्बेंड को फोन लगती हा ( उमेश का जीजा ) थोड़ी देर तक रिंग जाती है….

उषा – जी अभी कितना टाइम और लगेगा?

तो उषा का पति – बस 30 मिंट मे फ्लाइट टेकोफ करने वाली हा

उषा – अछा तो फिर वही रुकियगा हम आ रहे हा लेने आपको

उषा का पति – ठीक.

( फिर उषा फोन काट देती है)

उषा – भैया, सब 15 मिंट हा हमरे पास.

उमेश – हॅन बस निकल देता हू तेरा पानी भी.

उषा – मैं तो आपका पानी निकालने की बात कह रही थी.

उमेश – साली तू पक्का रॅंड हा.

उषा – रॅंड तो मैं लेकिन आपकी.

(फिर दोनो ज़ोर से हासणे लगते है)

15 मिंट बाद दोनो अपने कपड़े पहकर होटेल से चेक आउट करके एरपोर्ट की तरफ निकल जाते है.

वाहा पहुचने पे उसका का पति वही उनका वेट कर रहा होता हा, सभी आपस मे मिलते है और हल्की फुल्की बाते करके एरपोर्ट से बाहर निकल कर कार मेी बैठ कर घर के लिए निकल जाते है.

(वेट फॉर नेक्स्ट पार्ट)

यह कहानी भी पड़े  लोडू़ भाई की रंडी बहन की सेक्सी हिंदी कहानी


error: Content is protected !!