देवर ने प्रेग्नेंट भाभी को चोदा

ही दोस्तों, तो कहानी तब की है जब मैं 9 मंत्स प्रेग्नेंट थी, और कुछ ही हफ़्तो में मेरी डेलिवरी थी.

तभी मुझे मेरे देवर मोनू की कॉल आई. मोनू अमेरिका की किसी बड़ी कंपनी में काम करता था. हमारी शादी के बाद से मोनू पहली बार वापस आया था. मोनू ने कॉल पे मेरा अड्रेस लिया, और दूसरे ही दिन हमसे मिलने आ गया.

मोनू: अर्रे भाभी, आप इस हाल में? क्या हुआ, आप तो इतने आचे परिवार से थी.

मे(मेरी आँखों में आँसू आ गये): मत पूछो मोनू. हमने घर वालो के खिलाफ जेया कर शादी कर ली. जिसके कारण हम दोनो की फॅमिली वाले ने हमसे सारे रिश्ते नाते तोड़ दिए. तुम्हारे भैया भी कुछ ख़ास नही कमाते, और अक्सर घर के बाहर ही रहते है. कुछ हफ़्तो में मेरी डेलिवरी है, और मेरे पास खाने तक के पैसे नही है.

मोनू: अर्रे भाभी रो मत. मैं आ गया हू ना, सब ठीक हो जाएगा. चलो डॉक्टर के पास चेकप करवा कर आते है. जाओ तैयार होके आ जाओ.

मुझे तोड़ा हॉंसला आया. मैं आँसू पोंछते हुए कपड़े बदलने चली गयी. क्यूंकी हुमारा घर एक ही कमरे का था, तो हम घर के एक कोने को ही कपड़ो से घेर कर नाहया या कपड़े बदला करते थे.

जब मैं कपड़े बदल कर निकली, तो मोनू के हाव-भाव ही बदले हुए थे. फिर हम उसकी कार में बैठ कर पास के हॉस्पिटल में गये, और मैने अपना ठीक से चेकप कराया. सब कुछ सही था, मगर मोनू एक-दूं चुप था.

वापसी में मैने मोनू से पूछा: क्या हुआ देवर जी, इतने चुप क्यूँ हो?

मोनू: सच बोल डू?

मे: हा बोलो, मुझसे क्या शरमाना.

मोनू: भाभी जब आप कपड़े बदलने गयी थी, तो मैने आपको छेड़ से कपड़े बदलते हुए देख लिया. तब से आपकी चूची पे मेरा दिल आ गया है. इससे पहले मेरे ऐसे कुछ दिमाग़ में नही था. पर मैं अब कैसे भी बस एक बार आपको इस हालत में छोड़ना चाहता हू. मुझे पता चला है की आप मदद के बदले लाला से चुड़वति हो. मुझसे भी एक रात के लिए छुड़वा लो. आपके हॉस्पिटल का सारा बिल मैं देख लूँगा.

मे: मोनू ये तुम क्या उल्टी-सीधी बात कर रहे हो? मैने तुम्हे हमेशा भाई जैसा माना है.

मोनू: अपने इस देवर की एक बात मान लो भाभी. आपको भी पैसों की बहुत ज़रूरत है, मुझे पता है.

मैने थोड़ी देर सोचा: बात तो मोनू सही बोल रहा है. पैसों की मुझे सख़्त ज़रूरत है, और मेरे पति का भी कोई भरोसा नही की वो कितना साथ देगा. लाला भी एक बार की चुदाई का सिर्फ़ 1500-2000 देता है. एक आखरी बार इससे भी छुड़वा लेती हू.

मे: ठीक है, पर इसके बारे में फॅमिली में किसी को पता नही चलना चाहिए.

मोनू: हा भाभी, बिल्कुल जैसा आप बोलो.

मोनू ने तुरंत कार घुमाई, और जंगल की तरफ ले गया.

मे: हम कहा जेया रहे है? हम मेरे घर पर भी सेक्स कर सकते है. कोई नही होगा इस वक़्त वाहा.

मोनू: नही, एक मौका मिला है तुझे छोड़ने का. सारी कसर निकाल लेना चाहता हू.

मोनू रास्ते से ही मेरे ब्लाउस में हाथ डाल कर मेरे बूब्स दबाने लगा था. फिर मोनू ने कार एक सुनसान सड़क पर लगा दी, और मुझे लेकर जंगल में चला गया.

मोनू: भाभी अमेरिका जाने से पहले मैं अपनी कॉलेज की लड़कियों को यही ला कर छोड़ता था.

मोनू ने तुरंत मेरी सारी खोल दी, और उसको ज़मीन पर बिछा दिया. फिर मोनू ने मेरे ब्लाउस को उपर किया, और दोनो हाथो से मेरे चूचे दबाने लगा, और उन्हे मूह में ले कर चूसने लगा.

मोनू: भाभी आप तो महँगी रंडियों से भी मस्त हो. आपको भैया के साथ होना ही नही चाहिए था.

मोनू मेरे चूचे बड़े ज़ोर से दबा रहा था. मैने मोनू को धीरे करने को भी कहा, मगर उसने नही सुना. बीच-बीच में मोनू मेरे चूचे दाँत से पकड़ के खींचता.

पहले तो मुझे बहुत दर्द हुआ, मगर धीरे-धीरे मज़ा आने लगा. फिर मोनू ने मेरा पेटिकोट भी उतार दिया, और खुद भी अपनी जीन्स उतार दी और मुझे घोड़ी बनने को कहा.

मैं जैसे-तैसे पीछे हुई, और सारी में अपने पेट को संभाल कर घोड़ी बन गयी. फिर मोनू से अपनी जीन्स से बेल्ट निकली, और मेरी गांद पर एक ज़ोर का मारा.

मे: आहह… मोनू इस सब की बात नही हुई थी. मैं पेट से हू.

मोनू: चुप साली रंडी. तेरे हॉस्पिटल का खर्च कितना आएगा पता है?

ऐसा बोल के उसने एक बार और बेल्ट मेरी गांद पर मारी. ऐसे ही लगभग 8-9 बार जाम के मारा. मेरी गांद लाल हो चुकी थी. फिर मोनू मेरी छूट में उंगली करने लगा, और उससे निकलता पानी पीने लगा. घोड़ी बने-बने मेरे हाथो में दर्द होने लगा था.

मे: मोनू तोड़ा जल्दी करो, मेरे हाथो में दर्द होने लगा है.

मोनू ने फिर मुझे पलताया, और मैं पीठ के बाल ज़मीन पर लेट गयी.

मे: मोनू मुझसे इस हाल में ज़्यादा हिला नही जाता, जो करना है ऐसे ही कर लो.

मोनू: चुप साली रंडी. लाला से तो उछाल-उछाल कर चुड़वति थी.

फिर मोनू ने मेरे मूह में लंड डाल कर मेरे मूह को छोड़ना शुरू किया. मोनू का लंड लगभग 8 इंच लंबा, और 3 इंच मोटा था, और मोनू इतनी फोर्स से मेरे मूह को छोड़ रहा था, की पूरा लंड गले तक चला जेया रहा था.

जब मोनू का मूह से मॅन भर गया, तो फिर मोनू ने मेरी दोनो जांघें उठाई, और अपना लंड मेरी छूट में सेट किया, और एक बार मैं पूरा लंड मेरी छूट में घुसा दिया.

मे: मोनू आराम से करो भाई. तुम्हारा लंड बहुत मोटा और लंबा है.

मोनू: चुप साली रांड़. तुझपे इतना करछा तेरे नखरे सुनने कर लिए नही कर रहा. मैं बहुत लकी हू, जो मुझे तेरी जैसी रंडी भाभी मिली.

मैं पसीने से भीग चुकी थी. मोनू मेरे बदन के पसीने को चाटने लगा. फिर मोनू मेरे बगल को भी उपर करके उन्हे चाटने लगा. इससे मुझे गुदगुदी होने लगी. मगर मेरे हिलने पर मेरे चूचों पर थप्पड़ मारता.

मोनू ने मेरी चुदाई जारी रखी. वो इतनी ज़ोर से मेरे बूब्स दबा रहा था, की मेरी चूचों पर नाख़ून के दाग लग चुके थे. लगभग 1 घंटे तक मोनू ने मुझे अलग-अलग तरह से छोड़ा, और मेरे फूले हुए पेट से खेलता रहा. फिर मोनू मेरे अंदर ही झाड़ गया.

मोनू का इतना माल निकला था, की मेरी छूट भर के माल बाहर तपाक रहा था. वो मेरे बगल में ही ले गया.

मोनू: ऐसी चुड़क्कड़ भाभी बहुत किस्मत से मिलती है.

फिर हम दोनो उठे, और कपड़े पहनने लगे. मैं ब्लाउस और पेटिकोट पहन ही रही थी, की इतने में मोनू को पेशाब लगा, और उसने मुझे ह्युमिलियेट करने के लिए मेरी बिछी हुई सारी पर ही मूट दिया.

मुझे मजबूरन वही मूट में भीगी सारी पहन के घर वापस आना पड़ा. घर आ कर भी मोनू ने मेरी चुदाई की, और रात भर मुझे छोड़ता रहा. मगर मुझे इस बात का आनंद था की मेरी बेबी की डेलिवरी सही से हो जाएगी. इसी कारण से मैं मोनू की हर बात मानती गयी.

तो दोस्तों कहानी कैसी लगी मुझे कॉमेंट सेक्षन में ज़रूर बताए, और अगर आपकी कोई फॅंटेसी है, तो वो भी बताए.

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