देवर ने दिखाया भाभी को लंड

माल निकालने के बाद मैं मोविए देखता रहा. फिर थोड़ी देर बाद मैने देखा तो माल सूखना शुरू हो गया. क्यूंकी मुझे ये भी दर्र था की भाभी ना देख ले. मैने ब्लंकेट हटा कर नीचे देखने की कोशिश की, लेकिन दर्र की वजह से मैने कुछ नही किया. फिर थोड़ी देर बाद मैं उठ के अपने रूम में आ गया और सो गया.

सुबह जब उठा तो भाभी नाश्ता बना रही थी. मैं फ्रेश हो कर आया तो देखा भाभी ने वही सलवार पहनी हुई थी. मैने माल जहा निकाला था वो जगह देखी, तो शर्ट की वजह से मुझे दिखी नही. खैर…

भाभी: तुम रात को कब गये?

मैने कहा: आप सो गये थे, तो मैं भी थोड़ी देर बाद उठ के अपने रूम में आ गया था. मुझे नींद आ रही थी.

भाभी: चलो फिर आज अगर टाइम मिला तो मोविए कंप्लीट कर लेंगे.

बस फिर हमने साथ नाश्ता किया. देन वही सेम रुटीन. रात को भाभी ने मुझे बुलाया नही. मैने उनका रूम खटखटाया और पूछा-

मैं: आप सो रही है क्या?

भाभी: नही.

मैं: मोविए देखे?

भाभी: हा, मैं तो भूल गयी थी. आ जाओ देखते है.

फिर मैं अपनी अलमारी से चिप्स और पॉपकॉर्न ले आया, आंड हम दोनो टांगे सीधी करके बेड पे बैठ गये. मैने पॉपकॉर्न अपने लंड पे सेट किए पिछली रात की तरह, और चिप्स उनको दे दिए. इसी तरह हम खाते रहे. जब पॉपकॉर्न कम हुए तो उनका हाथ हल्का-हल्का मेरे लंड पे लगना शुरू हुआ.

मैने पहले ही सेट ऐसा किया था की उनको फील ना हो. वो जब पॉपकॉर्न निकालने के लिए हाथ डालती, मेरे लंड की नीचे की साइड उनके हाथ पे टच होती, और मुझे मज़ा आ रहा था. लेकिन उनके चिप्स आज पेट पे रखे थे, तो मुझे कुछ फील नही हो रहा था.

भाभी ने आज सलवार कमीज़ बहुत हल्के कपड़े की पहनी थी. फिर बीच में उन्होने जब अपना ब्लंकेट सही करके ओधी, उस टाइम मेरा हाथ चिप्स के पॅकेट में था, जो मैने पूरा नीचे कर दिया.

अब चिप्स का पॅकेट उनकी पूरी छूट पे था. मैं कुछ देर बाद हल्का सा हाथ दबा के चिप्स निकाल कर खाने लगा, आंड उनकी छूट फील करता रहा. भाभी को पता नही चला.

बस उस रात भी ये सब चला. भाभी अब तक सोई नही थी की मैं माल निकाल कर चला जौ. क्यूंकी मैने आधा लंड ट्राउज़र के उपर की साइड रखा था, जिसकी वजह से मुझे अब दर्द शुरू हो गया था.

1 घंटा इन सब कामो में गुज़र गया था. मैं वॉशरूम के बहाने से उठा, आंड वॉशरूम जेया कर अपना लंड सही किया. फिर ऐसे ही नॉर्मली बाहर आया. कुछ देर बाद भाभी की आँख लग गयी थी, आंड उनकी तंग ब्लंकेट से बाहर थी. मैने कुछ देर गुज़रने के बाद उनकी सलवार टाँग की साइड से हल्की सी उपर की. तो मुझे गोरी टाँग दिखी.

फर्स्ट टाइम मैने अपनी भाभी की टाँग देखी, और उसपे भरे हुए ब्लॅक हेर्स. मेरा लंड तो वही पूरा खड़ा हो गया क्यूंकी, इससे पहले कभी लड़कियों के बाल नही देखे थे. ना ही पॉर्न में. उस वक़्त से मुझे लड़कियों के जिस्म के बाल आचे लगने शुरू हो गये.

मैं भरे हुए ब्लॅक हेर देख कर अपना लंड ट्रौसे के अंदर ही हल्का-हल्का हिलने लगा. अब मुझे ये था की भाभी की छूट, गांद, और बगल में बाल भी ऐसे ही होंगे क्या.

मुझे क्यूरीयासिटी होने लगी. लेकिन मैं देख नही सकता था, क्यूंकी वो हमेशा सलवार कमीज़ में होती थी. खैर मैं कही माल भी नही निकाल सकता था, क्यूंकी ब्लंकेट था पूरा आंड बस लेग बाहर थी. फिर मैं बाहर आ गया, और मूठ मार कर सो गया. अब मैं ये सोच रहा था की कोई तो मौका मिले की मैं भाभी को नंगा देख साकु.

फिर काफ़ी दिन यू ही गुज़र गये. भाई भी वापस आ गया. मैं रात को उनके गाते पे कान लगा कर आवाज़ सुनने की कोशिश करता, लेकिन कोई आवाज़ नही आती. बस मैं पॉर्न ही देख कर गुज़ारा करता.

फिर एक दिन मैने ट्राउज़र पहना हुआ था. मेरा ट्राउज़र लंड की साइड से काफ़ी फटता हुआ था. लेकिन शर्ट लंबी होने की वजह से वो कवर हो जाता था.

एक दिन भाभी किचन में काम कर रही थी. मैं डिसपेनसर से पानी निकालने के लिए बैठा तो मेरा लंड दिखने लग गया. क्यूंकी शर्ट उपर हो गयी थी. मैने ध्यान नही दिया, और मैं एक हाथ से बॉटल पकड़ा हुआ था, और एक हाथ से मोबाइल उसे कर रहा था. ये टाइम रात 8 बजे का था.

उसी टाइम भाभी भी पानी पीने आई तो उसी टाइम उन्होने मेरा डिक देख लिया था. मैने जब उनके हाथ में ग्लास देखा, तो मैने कहा-

मैं: भाभी मैं आपको पानी दे देता हू.

भाभी ने अपना ग्लास आयेज किया और मेरे लंड को देखती रही. मैने लंड के बाल और बगल के बाल सॉफ करने छ्चोढ़ दिए थे, जब से मैने भाभी के बाल देखे थे. खैर मैने उनको पानी दिया. उन्होने किचन में जेया कर पानी पिया, और तेज़ी से अपने रूम में गयी, और अपना मोबाइल मेरे पास ला कर मेरे सामने मेरी पोज़िशन में बैठ गयी.

भाभी: तुम पानी की बॉटल छ्चोढो, पहले मेरा मोबाइल देखो. बहुत हांग हो रहा है.

मैं उनका मोबाइल चेक करने लगा. मुझे बाद में फील हुआ उनका मक़सद सिर्फ़ ये था की मैं ऐसे ही बैठा राहु. 3-4 मिनिट गुज़र गये तो मैने कहा-

मैं: भाभी आप अपनी मेमोरी थोड़ी खाली करो, शायद इसकी वजह से हो रहा है.

भाभी: तुम ही कर दो.

मैं फिर करने लगा. अब मेरी टाँग में दर्द होने लगा. फिर मैं जैसे ही खड़ा हुआ-

भाभी: पहले कर तो दो मोबाइल सही.

मैने कहा: कर रहा हू, टाँग में दर्द हो गया.

भाभी: ओक बैठ कर कर लो.

मैं सोफे पे शर्ट सही करके बैठ गया. वो कुछ देर सामने आती-जाती रही, बुत उनको कुछ दिखा नही. मैने फिर मोबाइल ठीक करके उनको दे दिया. फिर कुछ दिन बाद सेम चीज़ रिपीट हुई. लेकिन उस टाइम भाभी किचन में नही थी. मेरा लंड पूरा दिख रहा था, आंड फिर फ़ौरन मुझे याद आया की उस दिन भी मैने यही ट्राउज़र पहना था जब भाभी मेरे पास बैठी थी.

फिर मुझे ख़याल आया ये सब क्यूँ. वो तेज़ी से अपना मोबाइल लेकर आई थी, और बहाने से मेरे पास बैठी थी. उसके बाद से ही जब भी वो काम करती या साथ होती, तो दुपट्टा बिल्कुल उनकी ब्रेस्ट से हटता हुआ होता.

शायद ये मेरी इमॅजिनेशन भी हो. बुत मुझे कही ना कही शक भी था. लेकिन उन्होने कभी कोई ऐसी बात नही करी.

खैर फिर एक दिन वो सफाई कर रही थी. दुपट्टा नही पहना था, और उस दिन फर्स्ट टाइम उन्होने ब्रा भी नही पहनी हुई थी. मैं नहा कर बाहर आया तो वो मेरे रूम में झाड़ू दे रही थी.

पीछे से उनकी कमर सॉफ दिख रही थी, और ब्रा भी नही दिख रही थी. मैं बाहर बैठ गया की सॉफ हो जाए रूम फिर जाता हू. जैसे ही वो सफाई करके खड़ी हुई मेरे सामने उनके दूध थे विदाउट ब्रा, आंड निपल दिख रहे थे.

मैने कहा: काम हो गया?

भाभी ने कहा: हा हो गया. आंड तुम जगह-जगह टिश्यू क्यूँ फेंक देते हो?

ई साइड: सॉरी भाभी, वो पता नही चलता.

फिर अगेन वॉशरूम गया और माल निकाला और सोचता रहा काश मोबाइल हाथ में होता तो थोड़ी सी वीडियो बना लेता बाद में मूठ मारने के लिए. खैर बस फिर मैने अगेन अपना एक ट्राउज़र फादा, आंड जब भाभी खाना बना रही थी, तो फिर पानी भरने बैठ गया.

भाभी ने मुझे फिरसे देख लिया. फिर वो रोटी बनाने लगी. मैं फील कर रहा था मेरा लंड टाइट होने लगा. लेकिन मैने खुद पे कंट्रोल किया, वरना शायद उनको पता चल जाता. खैर मैं पानी भर के उठा. 5-10 मिनिट भाभी ने मुझे ज़ोर से आवाज़ दी. मैं फ़ौरन किचन की तरफ गया, तो भाभी उपर से कुछ उतार रही थी.

दुपट्टा था नही, आंड शर्ट सलवार में उपर फ़ससी हुई थी. इसी की वजह से सलवार के उपर से उनकी गांद का शेप दिख रहा था.

मैने पूछा: क्या हुआ भाभी?

शी साइड: जल्दी से जुयसेर पाकड़ो, मैं प्लेट निकाल रही थी, ये गिर रहा है.

लेकिन मेरा हाथ नही जेया रहा था.

फिर वो बोली: अर्रे मेरे पीछे से आ कर पाकड़ो.

मैं जैसे होई उनके पीछे गया, मेरा लंड उनकी गांद से चिपक गया, और गरम फील हुआ मुझे. मैने जुयसेर को सेट करने में 2-3 मिनिट लगा दिए. उसी दौरान मेरा लंड खड़ा हो कर गांद में चिपक गया था, और ये उनको भी फील हुआ था.

खैर फिर जैसे ही जुयसेर सेट किया भाभी ने कहा: उपर से प्लेट भी उतार दो यही से खड़े हो कर. ऐसा ना हो फिर गिर जाए.

मैं तोड़ा सा उपर हुआ प्लेट निकालने के लिए. मेरा लंड पूरा उनकी गांद से रगड़ता हुआ उपर गया. मुझे दर्र भी लगा. मैने फिर बस जल्दी ही प्लेट उतार कर उनको दी, और फ़ौरन लंड को ट्राउज़र के उपर की साइड फसाया.

भाभी बोली: क्या हुआ?

मैने कहा: कुछ नही, बस वो हाथ में दर्द हो गया था.

वो समझ गयी थी और नीचे भी देख रही थी. लेकिन उनको मेरा खड़ा लंड नही दिखा. अब दोनो को ही समझ नही आ रहा था की दोनो के मॅन में क्या था. बाकी अगले पार्ट में. फीडबॅक स्टोर्यपाक2023@गमाल.कॉम

पर दे.

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