देसी लड़की की मस्त चूत

मैंने उससे कहा- चलो मेरे दोस्त के रूम पर चलते हैं।
अगर उसने मना किया होता तो मैं समझ जाता कि उसे नहीं चुदवाना.. लेकिन उसने एक बार झूठ भी ‘ना’ नहीं कहा।

मैं उसे अपनी बाइक पर लेकर कमरे पर आया।
राकेश को पहले ही रिक्वेस्ट करके मैंने उसके कमरे से शराब की बोतलें और सिगरेट के बट्स हटा दिए थे।

भावना ने कमरे में बैठते हुए मुझे पूछा- तुम्हारी तो दिल्ली में काफी लड़कियों से सैटिंग होगी?
मैंने हँस कर कहा- नहीं.. अब तक तो सिर्फ तुम पर ही दिल आया है।

वो हँस कर मुझे कंधे पर मारने लगी। मैंने भी मौका देख कर उसके साथ मस्ती चालू कर दी।

मैंने उसे कंधे से पकड़ा और पूरा झंझोड़ दिया, उसके भारी चूचे जैसे की हवा में लहरा गए।

उसने मस्ती में तकिया उठा कर मेरे मुँह में दे मारा..
मैंने उठ कर उसे कमर से पकड़ कर बिस्तर पर डाल दिया..
और देखते ही देखते मैंने उसके सेक्सी चूचे अपने हाथ में पकड़ लिए।

एक ‘आह..’ के साथ वो हँस पड़ी। उसने हथियार डाल दिए जैसे कि उसका मकसद मुझसे चूचे पकड़वाने का ही था। उसने बिना हिले हुए चूचों को पकड़वाना जारी रखा।

मेरा लंड इधर मेरी हालत ख़राब किए हुआ था.. मैंने उसके गले पर किस किया और फिर उसके होंठों को अपने होंठ का स्पर्श किया।

मैं कुछ आगे करता.. उसके पहले तो भावना का हाथ मेरे माथे के पीछे आया और इस देसी लड़की ने अपने होंठ से मेरे होंठ लगा दिए।
मैंने अपने दोनों हाथ उसकी कमर में देते हुए उसे बिल्कुल जकड़ लिया और उसे और भी जोर से चूमने लगा।

यह कहानी भी पड़े  मेरे ऑफ़िस की लड़की ने चूत चुदवाई

भावना की साँसें लंबी हो गईं और वो मुझे चूमते चूमते मेरी गर्दन वाले हिस्से में नाख़ून मारने लगी।
मैंने उसे कमर के ऊपर से पकड़ा और खड़ा कर दिया।

भावना हल्के रंग की टी-शर्ट और लाल जीन्स पहन कर आई थी।
मैंने उसकी टी-शर्ट के गले वाले हिस्से से उसके चूचे दबाये और फिर टी-शर्ट को पूरा ही खोल दिया।

बॉलीवुड की फिल्म की तरह उसने अपने चूचे जो काली ब्रा में छिपे थे.. उन्हें अपने हाथ से ढकने की कोशिश की।
मैं उसके दोनों हाथ हटा कर उसकी ब्रा के ऊपर से उसके चूचे दबाने लगा।

भावना भी अब चुदाई के रंग में रंग चुकी थी। मेरे लंड ने भी अब चूत की खुश्बू जैसे की सूंघ ली थी और वो भी बस चूत फाड़ने के लिए बेताब था।

भावना के बड़े चूचे मेरे हाथ में जैसे कि समां ही नहीं रहे थे। भावना अपने चूचे दबवा कर बिस्तर में लेटी हुई थी और मैंने अपने दिमाग में उसकी चूत से अपना बच्चा भी निकाल लिया था।

इस देसी लड़की के कड़े हुए भारी चूचे दबाते हुए मुझे जन्नत की अनुभूति होने लगी थी, अब मेरे से जरा भी रहा नहीं जा रहा था, मैंने अपना खड़ा लंड निकाल कर उसके सामने रख दिया और उसका मुँह खुला का खुला ही रह गया।

मेरा लंड बड़ा और मोटा है। मैं यह नहीं कहता कि वो सबसे मोटा है.. लेकिन वो औसत लंड से तो काफी तगड़ा और मोटा है।
देसी लड़की ने अपना हाथ आगे करके मेरे लंड को छू लिया।

यह कहानी भी पड़े  मेरी पत्नी यही तो चाहती थी

आह.. मुझे मजा आ गया।

भावना ने फिर से लंड को छुआ और अबकी बार तो उसने लंड के गोलियों को भी अपने हाथ में पकड़ कर खींचा।

Pages: 1 2 3 4



error: Content is protected !!