नमस्ते मेरा नाम शुभम है। मेरे दोस्त मुझे गोल्डी के नाम से पुकारते हैं। मैं इंदौर का रहने वाला हूँ और मेरी उम्र 19 वर्ष है। मेरा कद 5 फुट 9 इंच का है और मेरे लंड का साइज़ भी खासा लम्बा और मोटा है।
यह बात उस समय की है जब मैं अपनी मौसी की लड़की की शादी में खरगोन गया हुआ था। वहाँ हमारे समाज की धर्मशाला में शादी थी और लड़के वाले भी वहीं ठहरे हुए थे।
वहाँ लड़के वालों की तरफ से एक लड़की आई हुई थी.. जिसका नाम रिया (बदला हुआ) था। रिया 5 फुट 4 इंच की एक सुन्दर लड़की है उसका बदन 30-26-32 का होगा। वो दिखने में दुबली-पतली थी और रंग भी सांवला था.. मगर उसका चेहरा इतना सुन्दर था कि मैं बता नहीं सकता। पहले तो मैंने उस लड़की से बात करने के लिए अपनी बहन से मदद ली।
फिर जब हमारी दोस्ती हो गई तो मैं उसको खरगोन में ही घुमाने ले गया। चूंकि मेरे मामा वहीं के थे तो मैं वहाँ आता-जाता रहता था।
हम लोग खरगोन के बाजार आदि घूम कर आए। घूमने के दौरान मैंने उससे अपने मन की बात कह दी और घर में घुसने से पहले ही मैंने उसको प्रपोज़ कर दिया, उसने भी देर न करते हुए मुझे ‘हाँ’ बोल दिया।
मैंने उससे बोला- मुझे तुमसे बात करनी है.. तो तुम रात खाना खाने के बाद मुझसे मिलने छत पर आ जाना।
उसकी मूक सहमति थी।
खाना खाने के बाद हम दोनों छत पर आ गए और मैंने वहाँ उसको किस करना शुरू कर दिया, उसने भी कोई विरोध नहीं किया।
कुछ देर बाद हम दोनों वापस नीचे आ गए।
शादी का माहौल था.. तो सब जल्दी नहीं सोते हैं। सब रात को लगभग 2 बजे तक सो गए.. तो मैं रिया को ढूंढने गया वो उसकी दीदी के साथ सो रही थी।
मैंने उसको उठाया और उसको धीरे से बोला- ऊपर छत पर आ जाओ।
वो बोली- मैं आती हूँ.. तुम आगे जाओ।
मैं छत पर जाकर उसका वेट कर रहा था। वो भी कुछ ही पलों बाद आ गई और मुझसे इठला कर बोली- क्या बात है शुभ.. इतनी रात में क्यों उठा कर बुलाया?
तो मैंने बोला- मुझे नींद नहीं आ रही है।
उसने बोला- फिर क्या आ रहा है?
मैंने बोला- तुम पर प्यार आ रहा है।
तो उसने बोला- आ रहा है.. तो कर लो.. मैं आपको नहीं रोकूँगी।
उसने खुलते हुए कहा तो बस मैंने भी उसको किस करना चालू कर दिया। उसने भी मेरा साथ दिया।
मैंने उसको बोला- रुको.. मैं दो मिनट में आया।
मैं नीचे से एक गद्दा और रजाई ले आया, उसको बिछा कर हम दोनों उस पर लेट गए। मैं उसके ऊपर चढ़ गया और उसको किस करने लगा। उसने भी मेरा साथ दिया।
मैंने एक हाथ उसके बोबे पर रख दिया। उसकी तरफ से कोई विरोध न होने की वजह से मेरी हिम्मत बढ़ गई। उसको किस करते टाइम ही मेरा लंड खड़ा हो गया था।
मैंने बोला- मैं तुम्हारे साथ राजा-रानी वाला खेल खेलना चाहता हूँ।
वो बोली- ये कैसा खेल है?
मैंने बोला- पहले प्रॉमिस करो.. इसके बारे में किसी को नहीं बताओगी और जैसा में कहूँगा वैसा करोगी।
उसने बोला- प्रॉमिस..
मैंने बोला- उसके लिए हमें अपने कपड़े उतारने होंगे।
उसने मना किया.. मगर मेरे द्वारा प्रॉमिस का याद दिलाने पर.. उसने अपने कपड़े उतार दिए और मैंने भी मेरे कपड़े उतार दिए।
उसने अन्दर कत्थई रंग की पैंटी पहनी हुई थी.. और ऊपर कुछ नहीं पहना था।