फिर मैंने उसे किस करना चालू कर दिया वो भी मेरा साथ देने लगी। हम दोनों एक-दूसरे को पागलों की तरह चूम रहे थे।
मैं धीरे-धीरे उसके मम्मों को जोर-जोर से मसलना बढ़ाता जा रहा था, इससे वो और भी ज्यादा गर्म हो रही थी।
मैंने धीरे से उसका ब्लैक कलर का टॉप उतार दिया और फिर मैंने उसकी जींस भी उतार फेंकी।
अब वो सिर्फ गुलाबी ब्रा-पैन्टी में क्या मस्त लग रही थी.. जैसे कोई परी खुद मुझसे कह रही हो कि आओ और मुझे चोद दो।
मेरा तो पूरे दिमाग ने काम करना बंद कर दिया था, अब मैं सिर्फ उसे चोदने की सोचने लगा और उसकी तरफ बढ़ने लगा।
तभी वो बोली- सिर्फ मेरे ही कपड़े उतारोगे या अपने भी उतारोगे।
मैंने कहा- तुम खुद ही उतार दो।
उसने मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मेरी चड्डी भी उतार दी। उसने जैसे ही मेरी चड्डी उतारी.. मेरा लम्बा लण्ड फनफनाते हुए बाहर आ गया और उसके चेहरे से टकरा गया।
वो मेरा लण्ड देख कर घबरा गई और कहने लगी- हाय कितना लम्बा और मोटा है.. ये मेरी चूत में कैसे जाएगा। यह तो मेरी चूत को फाड़ देगा।
मैंने कहा- ऐसा कुछ भी नहीं होगा.. बस शुरूआत में थोड़ा सा दर्द होगा फिर तुम्हें भी बहुत मजा आएगा।
उसने कहा- ठीक है.. पर धीरे करना।
फिर मैंने उसकी कसी हुई ब्रा के हुक को एक ही बार में खोल दिया। उसके बड़े-बड़े चूचे उछल कर बाहर आ गए और मैं उसके मम्मों को पागलों की तरह चूसने लगा।
अब मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया और खुद उसके ऊपर चढ़ गया, मैं उसको चूमते हुए धीरे-धीरे नीचे आने लगा और उसकी पैन्टी के ऊपर से ही उसकी चूत पर जुबान फिराने लगा।
मुझे महसूस हुआ कि उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया है.. जिससे उसकी पैन्टी गीली हो गई थी।
मैंने उसकी पैन्टी भी उतार फेंकी, फिर मैंने जो देखा मेरे तो होश ही उड़ गए.. मैंने देखा की उसकी गुलाबी चूत क्या मासूम सी लग रही थी।
मैं चूत चाटने लगा और वो सिसकारियाँ लेने लगी- आह.. आह.. पीइइ.. लेइइ.. सअ.. अअ मत.. करोओ..
मैं उसकी चूत को अपनी जुबान से चोदने लगा, वो कहने लगी- प्लीज़ मुझे और मत तड़पाओ मेरे राजा.. जल्दी कुछ करो.. नहीं तो मैं मर जाऊँगी।
मैंने सोचा यही सही मौका है, मैंने उसकी दोनों टाँगें चौड़ी कर दीं और अपना लौड़ा उसकी चूत पर सैट कर दिया, एक धक्का मारा.. पर पहली बार में मैं नाकाम हो गया और मेरा लण्ड उसकी टाइट चूट होने की वजह से फिसल गया।
मैंने इस बार फिर सैट किया और जोर से धक्का मारा।
इस बार मेरा आधा लंड उसकी चूत को चीरता हुआ अन्दर चला गया।
वह जोर से चिल्ला उठी।
मैंने फौरन अपने होंठ उसके होंठों पर रखे और उसका मुँह बंद कर दिया ताकि वह चीख ना सके।
उसकी आँखों से आंसू आ गए थे, मैं थोड़ी देर रूका और फिर धीरे-धीरे ऊपर-नीचे होने लगा।
वो शांत होने लगी थी, अब मैंने एक और शॉट लगाया और पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में उतार दिया।
अब वह अपना दर्द चाह कर भी नहीं निकाल पा रही थी, उसकी चीखें अन्दर दबी की दबी रह गई थीं, वो दर्द से तड़प रही थी, उसका चेहरा दर्द से लाल हो गया था।
कुछ देर रूकने के बाद मुझे नीचे से धक्के का अहसास होने लगा, शायद अब उसका दर्द कम हो गया था, अब मैं भी उसके धक्कों का जबरदस्त जवाब दे रहा था।