कंप्यूटर कालेज वाले सर से चुदवाया-2

सर बोले ” हां आ जाऊंगा” फिर सर बोले ”चलो कही बाहर चलते है पास के किसी दूसरे शहर में भर किसी होटल में रहते है” तब मैं बोली ”ये तो नही होगा” फिर सर ने बोला ”ठीक है रात में जाता हूँ पर बार बार रात में घर से बाहर रहुगा तो पत्नी को संदेह होगा” तब मैं बोली ” वैसे सुबह सुबह भी मिल सकती हूँ क्योकि बड़ी बिटिया 7 बजे स्कूल चली जाती है और छोटी वाली सोती रहती है” सर बोले ”टीक है जब बोलोगी तब सुबह सुबह आ जाया करूंगा” इस तरह और बहुत बातें किया ! इस बात के अगले दिन मैं गाँव चली गई और जब तक लौट कर आई दिसंबर माह निकल गया !

रात में घर आने वाली बात जब से हुई तब से सर कई बार आने के लिए कह चुके पर मैं डर मैं डर के कारण हिम्मत नहीं पड़ रही थी पर सर पीछे पड़ गए तो हिम्मत करके जनवरी 2015 के दूसरे सप्ताह के सातवें दिन आने को कह दिया ! मैंने कह तो दिया आने के लिए पर मन ही मन डर भी रही थी क्योकि कही बड़ी बेटी जाग रात में या मकान मालिक न जाग जाए फिर भी हिम्मत कर लिया और सर आने के पहले ही दिन में कनफर्म किया तो मैंने आनाकानी किया आने के लिए तो सर नाराज पड़ गए तो फिर से हां कह दिया ! मैं मन ही मन डरते हुए सर के आने का इन्तजार करने लगी ! रात के 11 बजे सर ने फोन किया और बोले ”मैं आ गया हूँ और अपने इंस्टीटूट पर सीढ़ी के नीचे बैठा हूँ कब तक आ जाऊ” तब मैं बोली ”अभी तो छोटी वाली रही है जब ये सो जाएगी तब मिस काल दे दूंगी” और फिर रात के 12 बजे सर को मिसकाल दिया और मकान का मुख्य गेट और अपने कमरे का दरवाजा ही खोल रखी थी

सर दबे पाँव बिना आवाज किये चुपचाप करीब 12:7 बजे आ गए और आते ही धीरे से दरवाजा को लगा लिए मैं आगे के कमरे वाले बेड पर एक कम्बल ओढ़ कर लेटी हुई थी ! सर आते ही जूते उतारा और मेरे पास कम्बल ओढ़कर लेट गए और ताबड़तोड़ मुझे किस करने लगे,मेरी चूचियों को गालो को हलके हलके हाथ से सहलाने लगे और फिर मुझे अपनी तरफ खीचकर सीने से लगा लिया और धीरे से मुझे अपने ऊपर लिटा लिया और चूमने लगे मुझे और फिर मुझे अपने ऊपर सिर की तरफ खिसकाया और गाउन के गले से चुचियो को चूसने लगे धीरे-धीरे ठंढी में भी गर्मी का अहसास होने लगा मैं चूमने लगी तो सर ने मेरे होठो को चूसना सुरु कर दिया मेरी जीभ को चाटने लगे जीभ चाटते ही मेरी उत्तेजना बढ़ गई सर की जीभ को लालीपाप की तरह चाटने लगी अचानक सर ने मुझे दो साल से नहीं चुदवाने के कारण मेरी चूत का छेद एकदम से सकरा हो गया है नीचे गिराते हुए मेरे ऊपर चढ़ गए और मेरी गाउन को उतारने का इसारा किया तो मैंने मना कर दिया बच्चो हवाला देकर तब सर ने मेरी गाउन को कमर तक खिसकाया और पेंटी को निकाल दिया और मेरी चूत को चाटने के लिए झुके तो मैंने मना कर दिया

क्योकि माहवारी हुए अभी 4 दिन ही हुए है तब सर नहीं माने टांगों को फैलाकर अपनी उँगलियों से चूत को फैलाया और देखने के बाद बोले ”कही भी तो खून नहीं दिख रहा है” और फिर मना करने के बाद ही चूत में जीभ लगा कर चाटना सुरु कर दिया ! चूत चटवाना मुझे बहुत अच्छा लगता है, एक सहेली बता रही थी की जो मर्द सच्चा प्यार करता है वही औरत की चूत चाटता है, मुझे अब पूरा विश्वास हो गया की सर सच्चा प्यार करते हैं इन्हे आसानी से लुटती रहूगी ! आज पहली बार कोई मर्द मेरी चूत चाट रहा है ! मेरे पति तो चूत चाटने से घिनाते थे ! उनको चुदाई-फुदाई में ज्यादा इंट्रेस्ट भी नहीं था ! कभी कभी तो मैं गर्म पड़ जाती थी चुदवाने पर मेरे मरियल पति समझ ही नही पाते थे ! गर्मियों में कई बार तो मैं अपनी चूचियों को ब्लाउज से बाहर निकालकर सो जाती थी की विनोद (मेरे पति का नाम था) रात में चूचियों को देखकर हो सकता है उत्तेजित हो जाए और चोदना सुरु कर दें पर ओ मरियल सराबी महीने में एकात दो बार ही चोदते थे, विनोद सराब,गुटखा,और सिगरेट बहुत पीते थे उनके मुह से हमेसा किसी न किसी नसे दुर्गन्ध आती रहती थी ! सायद इसीलिये मैं पति की चुदाई से कभी संतुष्ट नहीं हुई इसी कारन उनके मरने के बाद मैं उनके लिए ज्यादा दुखी नहीं हुई ! पर ये विनोद से एकदम से अलग है सर कोई भी नसा नहीं करते है ! छोड़िये पति को,सर की बेहतरीन चुदाई को बताती हूँ !

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चूत चटवाते चटवाते मैं चुदाई के लिए पूरी तरह से तैयार हो गई, और सर को अपनी तरफ पकड़ कर खीचने लगी तो ओ समझ गए और अपनी पेंट सर्ट – बनियान -चढ्ढी उतार कर बगल में रखी कुर्शी पर रख दिया और एकदम से नंगे होकर अपने दोनों हाथों के मेरी बाहों के पास रखा और मेरे ऊपर चढ़ गए के व् डॉटेड वाला कोहिनूर कंडोम मेरे हाथ में रख दिया ! सर जैसे ही अपनी चढ्ढी को उतारा तो उनका लण्ड दिखा OMG सर का लण्ड अच्छा खासा लंबा व् खूब मोटा था (मेरे मरियल पति के लण्ड से कही ज्यादा मोटा और लंबा) मैं मोटे लम्बे लण्ड की चुदाई के सपने में खो गई ! सर मेरे ऊपर चढ़ कर मेरी चूचियों की निप्पल को अंगूर की तरह जीभ से चाटने लगे तो मैं फिर से सर की तरफ देखने लगी इतने में सर ने मेरे होठो को चूमते चूमते अपनी जीभ मेरे मुह में डाल दिया तो मैं उनकी जीभ को चूसने लगी

उधर सर के हाँथ की उंगलियाँ मेरी चूत पर घूमने तो मेरे मुह से उउउउउउ आआअहहहहह आअह्ह आअह्ह सीई स्स्स्स स्स्स्स की उउउउउ आआअहहहहह आअह्ह आअह्ह सीई स्स की आवाज निकलने लगी और मुझे खूब अच्छा लगने लगा तो मैंने सर को पकड़ कर जोर से चिपका लिया इतने में सर ने अपना मोटा सा लण्ड का सुपाड़ा मेरी चूत में फसा दिया जैसे ही लण्ड का सुपाड़ा घुसा मुझे दर्द हुआ तो सर मेरे गालों पर हाथ घुमाते हुए बोले ”दर्द हो रहा है जानू” (सर प्यार से मुझे जानू कहते हैं) ता मैंने अपने सिर को हिला दिया

तब सर मेरे होठ को चूमते चूमते मेरी जीभ को चूसने लगे और मैं दर्द भूल गई और सर की जीभ को चूसने लगी ! उधर सर धीरे धीर लण्ड आगे पीछे करने लगे और पूरा लण्ड मेरी चिकनी, नर्म, मुलायम, सकरी चूत में धीरे धीरे डाल दिया और फिर मुझे किस करते हुए लण्ड को आगे पीछे करने लगे जो मुझे खूब अच्छा लगने लगा सारा दर्द गायब हो गया और मैं मजे से चुदाने लगी की अचानक मुझे याद आया की कंडोम तो लगाया नहीं तब मैंने तकिया के पास से कंडोम निकाला और पैकेट से फाड़ कर सर की तरफ कंडोम बढ़ाया तो सर ने अपना लण्ड निकाला और मेरे सामने कर दिया ! ओह क्या लाल सुर्ख कड़क लण्ड था ऐसा लग रहा था जैसे सुपाड़े से खून टपक पड़ेगा ! सर ने कंडोम को लगाने का इसारा किया तो मैं लण्ड पर बड़ी आसानी से कंडोम चढ़ा दिया (पति के लण्ड पर कंडोम लगाने बहुत दिक्कत आती थी क्योकि उनका लण्ड इतना कड़क होता ही नहीं था) जैसे ही कंडोम लगाया सर ने फिर से लण्ड घुसेड़ दिया और और चोदने लगे लगातार 5 मिनट तक लण्ड आगे पीछे करते रहे मैं स्वर्ग की सैर करने लगी की सर ने अचानक चोदना बंद कर लण्ड डाले डाले ऊपर अपना पूरा वजन डाल कर मेरे ऊपर लेट गए चूमने लगे

सर का 80 किलो वजन उस समय मुझे बहुत कम लगा पर चुदाई बंद करने से मैं तड़प उठी और अपने चूतड़ों को ऊपर-नीचे अगला बगल हिलाने लगी और तड़पने लगे पर सर चोदना सुरु नहीं किया तो मैं उठी और सर को नीचे गिराते हुए उनके ऊपर चढ़ गई और खड़े लण्ड पर मलखम्ब करने लगी तो मेरी छोटी छोटी चूचियाँ ऊपर नीचे कूदने लगी तो सर आधा शरीर को उठाते हुए मेरी चूचियों को पीने लगे तो मुझे अधिक मजा आने लगा मैं जितनी जल्दी जल्दी लण्ड पर अपने चूतड़ को पटकती सर उतनी ही जल्दी जल्दी मेरी चूचियों को चूसते जाते मुस्किल से 4 मिनट में ही मैं थक गई और सर के सीने में अपना सिर रखकर लेट गई और ऊपर लेटे लेटे ही अपनी चूतड़ को लण्ड पर घिसने लगी तो सर जल्दी से मुझे नीचे किया और मेरे ऊपर चढ़ गए अपना बाया हाथ मेरे गले के नीचे डाला और दाया हाथ कमर के नीचे किया और ताकत कर जोर जोर से धक्के मारने लगे मैं चरम सुख का अनुभव करने लगी तो मुह से उउउउउउ आआआअ अआआहहहहहह आआअह आआह्ह्ह्ह सीए ईईईई उउउउउउउउउउउ आआआआआआ स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स्स आह्ह आअह्ह आआअहहहहह की जोरजोर से आवाज निकलने लगी सर ने मेरे मुह में अपना मुह रख दिया और मेरी जीभ को चूसते हुए जोर से झटके मारने लगे तो कमरे में फटफट की आवाज आने लगी तो मैंने सर के चूतड़ पर हाथ रखी और आवाज को कम करने के लिए स्पीड को कम करने लगी तो सर समझ गए और बिना आवाज किये झटके मारने लगे और फिर मैं अचानक झर गई तभी भी सर लगातार झटके मारे जा रहे थे ! सर की गरदन की पकड़ से मेरी गर्दन दर्द करने लगी तो मैंने सर का हाथ निकालने लगी ने अपना हाथ निकालालिया और जोर जोर से झटके मारते रहे

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तीन मिनट बाद सर ने पूरी ताकत के साथ लण्ड को जोर से गर्भासय की तरफ ठेला और मेरे ऊपर लेट गए उस समय ऐसा लगा जैसे मेरी चूत फट गई हो जोर दर्द हुआ पर भी भैस की तरह लण्ड को ठेले हुए थे मुझे जोर जोर से किस किये जा रहे थे तब मैंने धीरे से बोली ”अब बस भी करिये” तब सर ने लण्ड ठेलना बंद किया और मेरे ऊपर 3 मिनट तक लेटे रहे उनका लण्ड मेरी चूत के अंदर बार बार हलके हलके फुदक रहा था ! तब मैं बोली ”अब उठिए भी ” तब ओ बगल में लेट गए और उनका लण्ड चूत से बाहर आ गया ! हम दोनों की ठंढी ख़त्म थी फिर भी मैं सरम के मारे रजाई ओढ़ लिया उढा लिया और दोनों चिपक कर लेटे रहे करीब 5 मिनट बाद मैं उठी और ब्रा -पेंटी पहनने लगी तो सर ने दोनों अपने हाथ से छीन लिया और गाउन को आगे कर दिया तो उनके कान में धीरे से बोली ”पहनने दीजिये न” तो धीरे से बोले ”सिर्फ गाउन पहन लो, नहीं तो बार बार उतारना पडेगा” तब मैं उनकी तरफ आस्चर्य से देखते हुए बोली ” अभी और करेंगे क्या” तो उन्होंने हां में गर्दन हिला दिया ! मैं मन ही मन सोचने लगी मेरे पति तो कभी भी एक रात में दो बार नहीं किया सुहागरात में भी रात के एक ही बार किया था ओ भी जल्दी ही टॉय टॉय फिस्स हो गए थे

उसके बाद सर्म के मारे एक सप्ताह तक आये ही नहीं थे मेरे पास ! मैं गाउन पहन कर लड़कियों के रूम में गई तो दोनों गहरी नींद में सो रही थी तब मैं वापस आ गई तो देखी की वीर्य से आधा भरा हुआ कंडोम फर्स पर पड़ा था मैं फिर मन ही मन सोचने लगी पतिदेव के कंडोम में तो वीर्य की १०-१५ बुँदे ही रहती थी मैं समझ गई सर में इसी लिए इतना दम है ! रूम से बाहर वाथर्रूम चली गई वापस आई तो सर बोले मुझे भी जाना है और कपडे पहने हुए दरवाजे के पास जाने लगे तो मैंने हाथ पकड़ कर खीच लिया और बोली ”पागल हो गए क्या,कोई देख लेगा” तो ओ बोले ” बाहर चला जाता हूँ रेलवे ट्रेक के पास” तब मैं बोली ”आप बाहर जाना तो वापस मत आना” तो ओ बोले ”फिर क्या करूँ मुझे बहुत जोर से पेसाब लगी है” मैं मन ही मन गुस्सा तो बहुत हुई लगा की कह दूँ चले जाओ अब पर मस्त चुदाई की लालच में अपने को रोक लिया और बोली ”रुकिए आपकी ब्यवस्था करती हूँ” और दूसरे कमरे में जाकर एक खाली एशियन पेंट का 2 लीटर डिब्बा लाइ और दे दिया और बोली ”लीजिये इसमें कर लीजिये” तो हँसने लगे डिब्बा हाथ से ले लिया और मूतने लगे आधा से थोड़ा कम डिब्बा भर दिया ! घड़ी में देखा तो रात के 1 बज गए थे दोनों फिर से लेट गए और धीरे धीरे बात करने लगे बात करते करते मैं कब सो गई पता ही नहीं चला ! रात में ऐसा लगा जैसे कोई मेरी चूचियों को चूस रहा है नींद खुली तो सर होठो को चुम रहे है पर मैं गहरी नींद में थी तो हाथ से सर के मुह को ठेल कर अलग कर दिया फिर से चूमने लगे मेरी नींद खुल गई ……………………….

इस तरह से रात में तीन बार मेरी तबियत से चुदाई किया और सुबह सुबह 6 बजे घर से चले गए ! पर मेरे कमरे से निकलते हुए मकान मालिक के 26 साल के लड़के ने देख लिया और उस दिन से उसने मुझे लाइन मारना सुरु कर दिया तो मैंने माकान छोड़कर उसी कालोनी में दूसरे मकान में रहने चली गई इस मकान में तो दिन में भी कई बार चुदवा चुकी हूँ !
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