कॉलोनी की सेक्सी भाभी की गंगबांग चुदाई

मुझे ये सब एकदम अजीब सा लग रहा था. एक तरफ ख़ुशी थी की तिन लड़के मुझे नंगा करने को बेताब से थे और डर भी लग रहा था की किसी को पता ना चल जाए. पर मैं मना करती तो वो लोग सूरज वाली बात सब को बता देते और मेरी बदनामी होती.

मैंने कहा, रोहन तुम खुद ही क्यूँ नहीं कर देते ये काम.?

इतना कह के मैंने समाईल करते हुए उसको आँख मारी. वो मेरे करीब आ गया और मेरे कपडे खोल दिए. अब मैं सिर्फ ब्रा और पेंटी में थी और विजय ने मुझे पीछे से पकड़ा और मेरी ब्रा को खोल के फेंक दिया. मैं भी मस्त हो गई थी और नाचते हुए अपनी पेंटी को मैंने उतार के रोहन के मुहं पर फेंका. उसने पेंटी को ले के उसके ऊपर किस कर ली. अब मैं पूरी नंगी हो के उन तीनो के लिएय नाच रही थी और मेरी चूत बेकाबू हो रही थी. वो तीनो भी एकदम नंगे हो गए नाचते हुए.

अक्षय: भाभी जो सूरज करता हे वो हमें भी करने दो आज के लिए. मैं आप को ऐसे ही चोदुंगा की आप भैया का लंड भूल जायेंगी.

तभी रोहन ने कहा: नहीं भाभी को तो मैं पहले चोदुंगा. ऐसे उनकी चूत बजाऊंगा की चल नहीं सकेंगी.

विजय ने कहा, भाभी पहले मैं आप की चूचियां पियूँगा और फिर आप की चूत को चोदुंगा.

तीनो की बातों से मैं पागल हो रही थी. और मेरी चूत भी चुदने के लिए बेताब थी. मैंने हँसते हुए कहा, बस अब लड़ाई मत करो तुम लोग. तीनो साथ में मिल के अपनी भाभी के मजे लो!

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ये कह के मैं सोफे पर लेट गई और रोहन और विजय मेरी चूचियां चूसने लगे. अक्षय निचे मेरी चूत को चाट रहा था. मैं जोश से पागल होने लगी और वो तीनो मेरी चूची और चूत के मजे लेने लगे. आधे घंटे के बाद रोहन ने मुझे गोद में उठाया और बोला चलो अब बेडरूम में चल के भाभी को बारी बारी से चोदेंगे.

उन्होंने मुझे बेड पर लिटाया और अक्षय और विजय ने मेरी चूचियां चूसते हुए और रोहन ने तभी चूत में लंड डाला. उसने बड़े ही प्यार से मेरी चूत में अपना लंड रख के धक्का दे दिया था. मैं तो ख़ुशी से झुमने लगी थी. उसने आधे घंटे तक मेरी चूत चोदी और फिर झड गया. अक्षय को उसने आने के लिए कहा. अब अक्षय ने मुझे चोदना चालू कर दिया. और रोहन और विजय मेरी चुचियों से खेल रहे थे. अक्षय चोदते वक्त मेरे होंठो को चूमता रहा. इतना मजा आ रहा था की आप को बता नहीं सकती.

और फिर विजय की बारी आई. विजय ने एक झटके में अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी तो चीख ही निकल गई. वो मस्ती से मुझे चोद रहा था की मैं मस्ती में आके जोर जोर से गांड को हिलाने लगी थी. जब मैं थक गई तो विजय ने बोला: मेरी प्यारी भाभी की चूत को अब मैं चूमुंगा जिस से दर्द कम हो जाए.

मैंने कहा: सच में आप तो बहुत ही मजा आ गया. सच में पार्टी तो ऐसी ही होनी चाहिए!

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हम चारों हंसने लगे और विजय मेरी चूत को चाटने लगा. काफी देर मस्ती करने के बाद रोहन ने कहा, अब तुम दोनों घर जाओ क्यूंकि आज रात को सब से कम मौका मुझे मिला हे. आज तो रात भर मैं अपनी प्यारी सी भाभी को खुश रखूँगा.

विजय और अक्षय चले गए और रोहन और मैं रात भर एक दुसरे से नंगे ही लिपटे रहे. मैंने उसका लंड चूसा और वो मेरी चूचीं चूसते हुए सो गया. सुबह उठते ही उसने मुझे एक बार फिर से घंटा भर चोदा.

जब वो जाने लगा तो मैंने उसे कहा, रोहन आते रहा करो!

वो बोला, अब तो कभी मैं, कभी विजय तो कभी अक्षय आते हीर रहेंगे आप के वहाँ. या फिर आप को हम अपने कमरे पर बुला लेंगे.

उस दिन के बाद हर एक दिन एक लड़की की बारी होने लगी दोपहर को मेरे साथ में. एक दिन सुरज, फिर अक्षय, रोहन और विजय मुझे चोदते हे. कभी मेरा मन होता तो मैं चारों को साथ में बुला के भी उनका लंड ले लेती हूँ!!

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