कॉलेज की फ़्रेंड को उसके घर पर चोदा

college ki friend ki chudai sex मेरा नाम राज शर्मा है और यह मेरी एक और मस्त कहानी है । दोस्तों , मैं दावे से कह सकता हूँ क़ी मेरी यह कहानी पढ़ने के बाद सभी लड़के अपने लण्ड को मसले बिना नहीँ रह पाएंगे और सभी लड़िकयाँ अपनी चूत में ऊगली करती नज़र आयेंगी। दोस्तों मेरी उम्र २५ साल है और मैं अजमेर का रहने वाला हूँ । बात उन दिनों की है जब मैं कॉलेज में पढ़ता था। कॉलेज मै प्रवेश लेने के कुछ ही दिन में हमारा अ छा खासा ग्रुप बन गया। उसी ग्रुप में एक लड़की थी सिम्मी ।

दे खने में वो एकदम सेक्सी लगती थी। जब चलती थी तो ऐसा लगता थाकि दिल पर छुरियां चला गई। उसकी गांड बहत ही मस्त और मोटी थी। उस पर उसका गोरा बदन और मोटे मोटे बोबे ! उसको दे खते ही ऐसा लगता था कि बस कैसे भी इसे चोद डालूँ ! धीरे धीरे हमारी दोस्ती बढ़ती जा रही थी और हम एक दसरे से मस्ती करने लगे थे। कछ दिनों बाद इससे पहले कि कोई और उसे प्रपोज करता मैंने उसे प्रपोज कर दिया और उसने भी हाँ कह दी। बस फिर क्या था, मेरे तो मन की हो गई थी। अब तो मुझे अपना काम बनता नज़र आ रहा था। धीरे धीरे हमारा रिश्ता बढ़ने लगा और हम एक दसरे से काफी खुलने लगे।

कभी कभी मैं उसके अंगों को भी छु लेता। शुरू में तो उसने एक दो बार एतराज़ किया पर फिर धीरे धीरे उसे भी ये सब अ छा लगने लगा। अब हम दोनों काफी खुल गए थे और सेक्स के बारे में भी बातें करने लगे थे। मेरी सारी योजना मुझे सफल होती नज़र आ
रही थी। एक दिन मैंने उसे एक रेस्टोरेंट में चलने को कहा तो वो झट से राजी हो गई। मैं उसे अपने ही एक दोस्त के रेस्टोरेंट में ले गया जहाँ पर हट-सिस्टम था। हम वहाँ कछ दे र बैठे और फिर मैंने उसका हाथ पकड़ा और अपनी तरफ खींच लिया । पहले तो वो बोली- यह क्या कर रहे हो ? कोई दे ख लेगा ! पर जब मैंने उसे बताया- कोई नहीं आयेगा !

यह मेरे दोस्त का ही रेस्टोरेंट  है और मैंने उसे पहले ही मना कर दिया है कि हमारी हट में वेटर को दोबारा मत भेजना ! तो उसने कोई आपत्ति नहीं जताई और सीधी मेरी बाहों में आ गई।
मैंने भी बिना कोई दे र किये अपने होंट उसक होंटों से सटा दिए और उसे जोर से चूमने लगा। शुरू में तो वो साथ नहीं दे रही थी पर जब मेरे हाथ धीरे धीरे उसक बदन पर रें गते हए उसक वक्ष तक पहुंचे और मैंने उन्हें उसके कुरते के ऊपर से ही सहलाना शुरू कर दिया तो कछ ही दे र में वो भी गरम हो गई और मेरा साथ दे ने लगी। उस दिन मैंने उसक होटों का मस्त रसपान किया और
उसकी चुचियो को भी दबा दबा कर लाल कर दिया । इस तरह हमारा एक दुसरे के साथ बदन से खेलना कुछ दिनों तक जारी रहा और फ़ोन पर भी मैं उससे सेक्सी बातें करता रहा। एक दिन उसक घर कोई नहीं था तो वो कॉलेज नहीं आई। मैंने उसक घर पर फ़ोन किया तो उसने मुझे घर पर ही आने को कह दिया । मै तो कब से ऐसे ही मौक की तलाश में था।

मैंने समय बबार्द न करते हए तुरंत ही अपनी गाड़ी उठाई और उसक घर पहुँच गया। जैसे ही मैंने घण्टी बजाई सिम्मी ने  दरवाजा खोला। उसने हल्क गुलाबी रं ग की नाइटी पहनी हई थी और वो उसमे मस्त लग रही थी। उसने मुझे अन्दर बुलाया और बैठने को कहकर पानी लेने चली गई। वो पानी लेकर आई और मेरे सामने बैठ गई। मैंने उससे पूछा- सब कहाँ गए हैं ? तो उसने बताया कि भाई कौलेज गया है और ५ बजे तक आयेगा और मम्मी और पापा किसी रिश्तेदार के यहाँ गए हैं और वो भी शाम तक ही आएंगे। यह सुनकर मेरे चेहरे पर ख़ुशी साफ़ नज़र आ रही थी। तभी उसने मुझसे पूछा- क्या लोगे ? तो मैं भी तपाक से बोला- तुम को !इतना सुनते ही वो बोली- तुम बहत शरारती हो गए हो !

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इतने में मैंने खड़े होकर उसे चूम लिया और अपनी बाँहों में भर लिया । धीरे -धीरे मेरे हाथ उसक बदन पर ऊपर-नीचे रें गने लगे। वो भी मेरी बाँहों में समाती चली गई। उसक होंट मेरे होंटो से सट चुक थे। तभी मैंने उसक वक्ष पर हाथ डाल दिया और उसकी मस्त मोती चुचियों को हाथ में ले लिया और सहलाने लग गया। उसकी चुचियों को हाथ में लेते ही मैं समझ गया कि आज उसने ब्रा नहीं पहनी है । मैंने उसे एक ही झटके में गोद में उठा लिया और पूछा- तुम्हारा बेडरूम कहाँ है ? उसने हाथ के इशारे से मुझे रास्ता बताया। बेडरूम में आकर मैंने उसे बिस्तर पर लेटा दिया ,और उसकी बगल में लेट कर उसे चूमने लगा और बोला- आज मैं तुम्हारा बदन दे खना चाहता हँू !

यह कहकर मैंने उसे नाइटी उतारने के लिए कहा। पहले तो उसने मना किया पर मेरे जोर दे ने पर वो मान गई और नाइटी उतार दी। जैसे ही उसने नाइटी उतारी, उसक गोल गोल संतरे जैसे स्तन मेरी आँखों के सामने थे। क्या मस्त चूचियां थी ! उन्हें दे खते ही मेरा सात इन्च का लंड सलामी दे ने लगा और मैं उसे अपनी बाँहों में लेकर मस्त तरीक से चूमने लग गया। इस पर वो बोली- अब तुम्हें भी अपने कपड़े उतारने होंगे ! उसके इतना कहते ही मैंने भी अपने सारे कपड़े उतार कर बिस्तर पर एक तरफ़ लेट गया और उससे चिपक गया। उसका गोरा बदन दे ख कर मैं मस्त हुआ जा रहा था।

अब मैं उसक गोरे गोरे और मोटे स्तन चूसने लग गया और एक हाथ को उसक पूरे बदन पर ऊपर से नीचे तक घुमा रहा था। धीरे धीरे वो गरम होने लगी और उसक मुँह से सिस्कारियां निकलने लगी- आआअअअह ओह्ह्ह्हह्ह्ह्ह राज ओह्ह्हह्ह राज उसने लाल रं ग की पैंटी पहन रखी थी मैंने उसकी पैंटी के ऊपर से ही उसकी चूत को दबा दिया और सहलाने लगा। इसके बाद उसके मुँह से लगातार सिस्कारियां निकल रही थी और वो मुझे अपनी तरफ खींच रही थी। मैंने भी मौका दे खकर उसकी पैंटी मै अपना हाथ डाल दिया और धीरे से उसकी चूत के दाने को रगड़ दिया ।

सिम्मी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- नीचे नहीं ! पर मैं कहाँ मानने वाला था, मैंने भी उसे अपनी कसम दी और उसके हाथ से अपना हाथ छुड़ा कर मैंने उसकी चूत पर रख दिया और धीरे धीरे रगड़ने लगा फिर मैंने एक उंगली उसकी चूत के अन्दर करने लगा इतना करते ही वो एकदम से उठी और मेरे हाथ को अपनी अपनी चूत से हटा दिया । मैंने फिर से अपना हाथ सिम्मी कि चूत पर रख दिया अब मैं उसकी चूत की फांकों को अपनी उं गिलयों से अलग करने लगा और उसकी चूत के दाने को रगड़ने लग गया। वो बेचैन हो उठी और मुझे अपने से कसने की कोशिश करने लगी, उसकी सिस्कारियां और भी बढ़ गई। थोड़ी दे र में उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मैं समझ गया कि यह चुदने क लिये बिलकुल तैयार है ।

तभी मैंने उसकी पैंटी को उसक बदन से अलग कर दिया और उसने भी कोई विरोध नहीं किया । उसकी चूत क्या मस्त थी ! बिलकुल गुलाबी ! एक भी बाल नहीं था उसकी चूत पर ! उसे दे खते ही मैं तो जैसे पागल हो गया। मैंने बिना किसी दे री के उसकी चूत पर एक चुम्मा जड़ दिया और अपने हाथ से उसे दबाने और मसलने लग गया। वो और भी  उत्तेजित हो गई और मुझसे चिपक गई। मैंने एक बार फिर से उसक होटों को  चूसना शुरू कर दिया और एक हाथ से उसकी चूत के दाने को छे ड़ता रहा। अब वो भी साथ दे ने लगी थी और उसका हाथ अपने आप मेरे लंड तक पहुँच गया था। मैंने भी धीरे से अपना जॉकी उतार दिया और अपना लंड उसक हाथों में थमा दिया ।

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वो भी अब मेरे लंड से खेलने लगी थी मैंने उसे लंड मुंह में लेने को कहा तो उसने मना कर दिया पर मेरे जोर दे ने पर मान गई और उसे चूसने लगी, मेरे पूरे बदन में एकदम से बिजली सी दौड़ गई और मेरा लंड एकदम लोहे की छड़ की तरह सख्त हो गया। मेरे लंड को दे खकर वो बोली- यह तो बहत बड़ा है ! मैंने भी कह दिया – मजा भी बड़े से ही आता है ! और हम दोनों हं स पड़े । फिर मैंने उसे लिटा कर उसक बोबों को चूसना शुरू कर दिया और फिर से उसकी चूत के दाने को रगड़ने लगा और धीरे से अपनी एक ऊगली उसकी चूत के छेद में ड़ाल दी और उसे अन्दर बाहर करने लगा दोस्तों क्या मस्त और कोरी चूत थी मेरी एक उंगली भी उसमे बहुत टाईट जा रही थी अब मैंने दूसरी उंगली भी सिम्मी कि चूत में डाल दी जैसे जैसे मेरी उंगली का घर्षण बढ़ता गया सिम्मी मस्त होने लगी ……..

उसकी मस्ती बढ़ने लगी थी, उसकी चूत से पानी निकलने लगा और मै समझ गया कि यही सही समय है और उसक ऊपर आकर अपने लंड को उसकी चूत के मुख का रास्ता दिखा दिया और एक हल्का सा झटका मारा वो सिसकियाँ लेने लगी चूत कसी होने की वजह से लंड अंदर नहीं गया…..मैंने थोड़ा और जोर लगाया और लंड का सुपारा उसकी चूत में घुस गया और वो चीख उठी ! यह उसकी पहली चुदाई थी….. वो मुझे हटाने लगी पर मैंने उसे समझाया- पहली बार में थोड़ा दर्द होता ही है !मैं उसे चूमने लग गया, थोड़ी दे र में वो शांत हो गई तो मैंने दूसरा झटका लगाया और करीब आधा लंड उसकी चूत में घुस गया।

उसक मुँह से चीख निकल गई और वो रोने लगी। पर मैंने रहम ना करते हुए एक और झटका मार दिया और मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जड़ तक जा बैठा। वो जोर से चिल्लाई पर मैंने अपने हाथ से उसका मुँह बंद कर दिया और उसे शांत रहने को कहा। उसकी आँखों से आँसू बह रहे थे। मैं कछ दे र ऐसे ही उसक ऊपर पड़ा रहा और उसे चूमता रहा। उसकी चूत से खून निकल रहा था। कछ दे र में उसका दर्द कम हो गया और वो कमर हिलाने लगी। मैंने भी अब लंड अंदर-बाहर करना चालू कर दिया ।

अब वो भी मजे लेने लगी थी और मेरा साथ दे रही थी और उसक मुँह से मस्त आवाज़ भी आ रही थी-आ आहऽऽ आआऽऽ अँऽऽ आ……..आआअ॥हह……और अब मैंने भी अपनी गति बढ़ा दी थी…….करीब आधा घंटा की चुदाई के बाद अब वो अकड़ने लगी और अब मैं भी झड़ने वाला था। दस पंद्रह झटकों क बाद हम दोनों एक साथ ही झड़ गए। उसके बाद मैंने उसे कई तरीकों से चोदा, वो फिर कभी बताऊगा….. आपको मेरी यह सच्ची कहानी कैसी लगी लगी, मेल करक बताएँ ! आपका दोस्त



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