कॉलेज गर्ल साइमा की चुदाई

हेलो फ्रेंड्स,,माइ सेल्फ़ ज़ैद फ्रॉम कोलकाता. मैं आप लोगों को अपनी एक सच्ची घटना बताने जा रहा हूँ जो आप रीडर्स को शायद पसंद आए. ये मेरी पहली देसी गर्ल्स सेक्स स्टोरी है तो थोड़ी बहुत ग़लती अगर हो जाए तो प्लीज़ इग्नोर करना और कहानी के मज़े लेना और हाँ अपना फीडबैक ज़रूर देना मुझे.

तो अब ज़्यादा बोर ना करते हुए डाइरेक्ट स्टोरी पे आता हूँ. मैं बी.ए का एक स्टूडेंट हूँ और ये स्टोरी मेरे फर्स्ट ईयर की है. 1स्ट्रीट ईयर का क्लास स्टार्ट हुआ एक हफ्ते हो चुके थे और आज मैम क्लास रुटीन लिखवाने वाली थी.

मैं अपने फ्रेंड के साथ बैठा रुटीन लिख रहा था के अचानक गेट ओपन हुआ और गेट पे एक लड़की खड़ी थी फिर वो अंदर आई और मेरे बगल मैं आ के बैठ गई. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

उसने ओफ्फ-वाइट कलर का सूट पहेन रखा था जिस मे से उस के 32 के बूब्स उभर के सॉफ दिख रहे थे. वो क़रीब क़रीब मेरे ही एज की थी दिखने मे फेयर, सिंपल, स्लिम और हाइट मीडियम था. वो मेरे बगल मैं आ के बैठ गई और रुटीन उतारने लगी. क्लास ख़त्म होने के बाद उसने मुझसे मेरी रुटीन माँगी ताकि जो छूट गया है वो नोट कर सके.

उसी दोरान हमारी कुछ बाते हुई इस एक हफ़्तो मे क्या क्या हुआ इस से रिलेटेड और उस ने अपना नाम साइमा बताया. रुटीन कॉपी करने के बाद हम दोनो अपने अपने रास्ते निकल गये. इस के बाद से हम कॉलेज मे एक साथ ही बैठते थे और हमारी अच्छी ख़ासी फ्रेंडशिप हो गई थी.

एक दिन घर जाते वक़्त उसने मुझसे मेरा मोबाइल नंबर माँगा. ताकि वो मुझसे टच मे रह सके और कॉलेज से रिलेटेड नोटीस और अपडेट उसे मुझसे मिलती रहे मैने भी देर ना करते हुए अपना मोबाइल नंबर उसे दे दिया.

उसी रात मुझे एक अननोन नंबर से व्हातसपप आया. मैने पूछा हू आर यू?तो उसने मुझे अपना नाम बताया तभी मैं समझ गया के वो साइमा है फिर हमारी दरमियाँ काफ़ी देर तक चैटिंग होती रही और हम एक दूसरे के बारे मैं इन्फो लेने लगे..

और तब मैं समझ गया के वो थोड़ी फ्रेंड्ली नेचर की है बुत उसे देखने से ऐसा नही लगता था. फिर इसी तरह हमारी व्हातसपप पे बात होती रहती थी और इसी बीच हम काफ़ी क्लोज़ आ गये थे. वो मेरे घर से कुछ एक घंटे की दूरी पे ही रहती थी. उसने अपने बारे मे सब कुछ बताया जैसे उस के फादर एक बैंक मे काम करते है और वो अपने पेरेंट्स की एक लौति औलाद है.

मैं अब उस के साथ काफ़ी फ्लर्ट भी करने लगा था और कुछ वो भी मेरे साथ फ्रैंक हो गई थी और मुझे रोकती भी नही थी. इसी तरह एक दिन व्हातसपप पर बाते करते करते हम सेक्स के टॉपिक पर बात करने लगे और वो भी काफ़ी इंटरेस्ट से मेरा साथ दे रही थी.

फिर धीरे धीरे हम सेक्स की टॉपिक पे भी काफ़ी फ्रेंड्ली हो गये और फिर हमने फोन सेक्स भी स्टार्ट कर दिया. अब वो भी काफ़ी मज़ा और इंटरेस्ट लेने लगी थी इस सब मे और कुछ दीनो बाद ऐसा लगने लगा था के वो अब मुझसे ज़्यादा एक्साइटेड है रियल मे चुदाई के लिए

वैसे मैं बता दू के मैं अपने भाई के साथ कोलकाता मे रेंट के एक रूम मे रहता हूँ और मेरे भाई एक शॉप पे काम करता है जिस की ड्यूटी 8 ए.एम टू 8 पी.एम है. बेसिकल्ली मैं बिहार से हूँ और मेरे पेरेंट्स वहीं रहते है.

इसी बीच हम दोनो मे एक स्ट्रॉंग बॉन्डिंग बन गये और हम फ्रेंड की हद से आगे बढ़ गये थे बट उस रिस्ते का कोई नाम नही था. हम अक्सर अपनी हवस की प्यास चैटिंग मे या फोन पे ही बुझाने लगे.

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एक दिन मैने उसे अपने बूब्स की पिक भेजने को कही बट उसने पहेले माना कर दिया बट मेरी ज़िद करने पे आख़िर वो मान ही गई बट एक शर्त रखा के मुझे अपना लंड दिखाना होगा और फिर क्या था मैने झट से हाँ करदी. फिर कुछ देर बाद उसने 5,6 पिक सेंड की. सच्ची दोस्तो क्या बूब्स थे. देखते ही मूह मैं पानी आ गये थे. 32 का साइज़ मुझे ललचा रहा था,मुझे अपने पास बुला रहा था और दिल कर रहा था के खा जाऊं बट पास ही नही था.

फिर मैने अपना हाथ अपने लंड पे रखा और एक ज़ोरदार मूठ मारा और सारा माल निकाल दिया और माल के साथ मैने अपने 7 इंच के लंड की पिक उसको सेंड करदी.

उसने फोटो देखते ही मेरे 7 इंच के लंड की तारीफ की जो दिखने मे तगड़ा,ब्राउन,मोटा था और जिसमे लाइट ब्राउन की टोपी पेहेन रखी थी और जिस के मूह से सफेद वाइन टपक रहा था.

फिर उसने मुझसे उस सफेद पानी के बारे मे पूछा तो मैने बता दिया के मैं उसके बूब्स को देख के उत्तेजित हो गया और मेरा लंड अपने आप सलामी देने लगा तो मैने उसकी नाम की मूठ मार ली. तो उसने भी कहा के वो अभी फिंगरिंग ही कर रही है अपनी चूत मे मेरे लंड को देख कर और मेरा नाम लेकर.

मैने साइमा को फिंगरिंग करते हुए वीडियो बनाके मुझे भेजने को कहा बट उसने सॉफ इनकार कर दिया. फिर हम इसी तरह कुछ दीनो तक पिक एक्सचेंज कर कर के अपनी फैंटसीज को पूरा करते. कभी मैं अपने लंड की पिक भेज देता तो कभी वो अपने बूब्स या अपनी चूत की पेंटी के उप्पर से बट मेरे दिल मे तो उसकी चूत को देखने की ख्वाहिस तड़प रही थी

एक दिन सुबह जब मैं ऑनलाइन हुआ तो देखा के उसने एक वीडियो भेजा था जो उसकी फिंगरिंग का था. मैं देखते ही दंग रह गया और मेरी खुशी का कोई ठिकाना नही रहा.

मैं झट से बेड से उठा और सीधे बाथरूम मे चला गया और अपने सारे कपड़े उतार दिए और फिर वीडियो ऑन कर दिया जिस मे उसने ब्लॅक कलर की पेंटी पहेन रखी थी और फिर वो अपनी पेंटी को आहिस्ता आहिस्ता उतारने लगी और कुछ ही पल मे उसकी चूत मेरे सामने थी जिस पर काले काले जंगल उगे हुए थे.
उसे देखते ही मेरे लंड ने उड़ान भरना स्टार्ट कर दिया था और कुछ ही पल मे बिल्कुल लोहा बन गया था. उसकी चूत ऐसी लग रही थी जैसे किसी काले जंगल मे दरार आ गई हो. और मेरा लंड उस दरार मे गिरना चाह रहा था.

फिर साइमा ने अपनी मिड्ल फिंगर को आहिस्ता आहिस्ता चूत मैं डाला और डालते ही उसके मूह से एक लंबी सी अहह निकली जो मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी. इधर मेरा हाथ खुद बा खुद मेरे लंड पे चला गया था और मूठ मारने के लिए रेडी हो रहा था उधर साइमा ने अब अपनी रिंग फिंगर भी चूत मे डाल रही थी और साथ ही साथ उसकी सिसकियाँ भी बढ़ रही थी और मेरे मूठ की स्पीड भी.

साइमा अब अपनी उंगलियो को अपनी चूत मे अंदर बाहर कर रही थी और आह अहह की बैकग्राउंड मे मुझे सॉफ सुनाई दे रही थी इधर मेरी मूठ की भी स्पीड तेज़ होती चली गई और साइमा की भी. आख़िर कुछ देर बाद वीडियो ख़तम हो गया और मेरा पानी भी मैने बाथरूम मे ही निकाल दिया. मूठ मारने के बाद मैने बाथ लिया और बाहर आ गया. ड्रेस चेंज करने के बाद मैने साइमा को थैंक्स व्हातसाप कर दिया.

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उसी दिन शाम को उसका कॉल आया मैने कॉल उठाते ही उसे फिरसे थैंक्स कहा तो उसने यू वेलकम रिप्लाइ किया. जब मैने साइमा से पूछा के उसका मूड कैसे चेंज हो गया जो उस ने वीडियो भेज दिया तो उसने रिप्लाइ मे कहा के पता नही बस दिल किया तो भेज दिया

मैं समझ गया था के अब माल पूरी तरह पक गया है अब बस कोई तोड़ने वाला चाहिए. फिर हमने कॉलेज मे मिल के कहीं घूमने जाने का प्लान बनाया तो वो राज़ी हो गई. ये कहानी आप देसी कहानी डॉट नेट पर पढ़ रहे है.

नेक्स्ट डे मैं जल्दी उठ गया और नहा के बिल्कुल रेडी हो के कॉलेज पोहच गया और साइमा को कॉल किया तो उसने 3र्ड फ्लोर पे आने को कहा. वैसे मैं बता दू के हमारे कॉलेज मे 3र्ड फ्लोर पे ज़्यादा कोई नही आता जाता. तो मैं 3र्ड फ्लोर पे पहोच गया और जाते ही उसके पीछे से उसकी आँख बंद करदी और उसकी बॉडी से बिल्कुल चिपक गया. उसने मेरे हाथों पे मारते हुए कहा के वो जानती है के मैं हूँ.

फिर वो मेरी तरफ पलट गई. उफफफ्फ़ उस दिन वो क्या लग रही थी दिल कर रहा था यहीं पे चोद दू उसको. उसने येल्लो कलर की लोंग सूट पहेन रखी थी और वाइट लेगींस, जिस मे से उसकी बॉडी का पूरा आर्किटेक्चर सॉफ सॉफ दिख रहा था. उफ़फ्फ़ उसकी गांड तो बिल्कुल बाहर निकले हुए थे और मेरे लंड को अपनी तरफ खींच रहे थे. और उसकी बूब्स मेरे हाथों को क़ाबू मे रखने पे मज़बूर कर रहे थे.

उसने आज हल्की मेकप की थी बट उस मे भी वो ग़ज़ब लग रही थी उसके लाल लाल रसदार होंठ मेरे होंठ को अट्रैक्ट कर रहे थे किस के लिए. बट किसी तरह मैने खुद पे क़ाबू पाया और फिर हम विक्टोरीया मेमोरियल के लिए निकल गये और कुछ ही पल मैं हम दोनो वहाँ थे. हमने पूरा विक्टोरीया हाथों मैं हाथ डाले देखा और आख़िर मैं एक झाड़ के नीचे जाके बैठ गये.

हर तरफ ताज़गी थी और ठंडी ठंडी हवा भी चल रही थी और कोई डिस्टर्ब करने वाला भी नही था. कुछ देर हम यूही इधर उधर की बाते करने लगे और इसी दोरान मैने उसकी हाथों को अपने हाथ मे ले लिया. वो अब मुझे ही देख रही थी.

मुझे अपना फीडबैक देने के लिए कृपया कहानी को ‘लाइक’ ज़रूर करे, ताकि कहानियों का ये दोर देसिकहानी पर आपके लिए यूँ ही चलता रहे.

उसका चहेरा मेरे चहेरे के सामने था और मैं उसकी तरफ बढ़े जा रहा था और फिर उसकी होंठों पे अपने होंठ को रख दिया. वो भी मेरे क़रीब आते गई और मेरा साथ भी देने लगी. फिर मैने अपने हाथ को उसकी बालो मे फसा लिया और उसको अपनी तरफ खिचने लगा. उसने भी मेरे बालो मे अपना हाथ घुमाना स्टार्ट कर दिया.

मैं उसकी लिप्स को बिना किसी बात के फिकर किए बस चूसे जा रहा था. कभी मैं उसकी ज़ुबान को अपनी ज़ुबान से टकराता तो कभी उसके होंठों को अपने होंठों से. कभी उस की ज़ुबान को चूस्ता तो कभी उसकी लिप्स को दाँत से काटता.

थैंक्स फ्रेंड्स फॉर रीडिंग. मैं इस स्टोरी की नेक्स्ट पार्ट जल्द ही सब्मिट करूँगा. तब तक के लिए मुझे अपना प्यार दीजिए और अभी के लिए इज़्ज़त दीजिए और हाँ मुझे इस देसी गर्ल्स सेक्स कहानी का फीडबैक मेरे ईमेल आइडी पे देना मत भूलना



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