हेलो दोस्तों, मैं सोनू एक बार फिरसे अपनी कहानी का अगला पार्ट लेकर हाज़िर हू. आशा करता हू आप सब ठीक होंगे. आपने पिछला पार्ट ज़रूर पढ़ा होगा. अगर नही पढ़ा है तो पढ़ ले, तभी आपको ये वाला पार्ट समझ आएगा.
मैं और मम्मी शादी कर चुके थे, और सुहग्रात में खूब चुदाई किए थे. हमारी शादी को अब 2 महीने हो गये थे. इन 2 महीनो में मैं और मम्मी खूब चुदाई किए थे. अब तो मम्मी का दूध और ज़्यादा बड़ा हो गया था, और चूतड़ भी बहुत बड़े हो गये थे, और ज़्यादा बाहर निकल गये थे.
मम्मी अब और भी ज़्यादा मादक लगती थी. एक दिन मैं और मम्मी दोपहर में खाना खा रहे थे. तब मम्मी बोली-
मम्मी: सोनू जब से हम दोनो की शादी हुई है, तू मेरे को घर से बाहर घूमने लेके जाता ही नही है.
सोनू: अर्रे जब इतनी कड़क माल मेरा पास है तो बाहर जाके हम लोग क्या करेंगे?
मम्मी: मैं मज़ाक नही कर रही हू. तू शादी से पहले मेरे को बाहर लेके जाता था, लेकिन शादी के बाद कही नही ले जाता है. मेरा भी मॅन करता है की हम दोनो साथ में कही घूमे.
सोनू: अछा ठीक है, आप गुस्सा मत हो. बताओ आप कहा घूमना चाहती हो? आप जहा बोलॉगी वही जाएँगे.
मम्मी: पक्का मेरे को बाहर लेकर जाएगा ना?
सोनू: एक-दूं पक्का स्वीटहार्ट.
मम्मी: मैं कभी क्लब नही गयी हू. एक बार जाके देखना चाहती हू. आज मेरे को किसी क्लब में लेके चल ना.
सोनू: ठीक है स्वीटहार्ट. आज शाम हम लोग क्लब जाएँगे, और खूद दारू पिएँगे, और डिन्नर भी बाहर ही करेंगे.
मम्मी: वाउ! मज़ा आएगा. थॅंक योउ पातिदेव.
सोनू: लेकिन स्वीटहार्ट आज आप मेरे पसंद का ड्रेस पहन के क्लब चलॉगी, और मैं जैसे पहनने बोलूँगा, वैसे ही पहनोगी. माना नही करोगी.
मम्मी: पातिदेव मैं तो आपकी गुलाम हू. आपकी हर बात मानती हू. आप जो भी ड्रेस पहनओगे, मैं पहन लूँगी.
सोनू: हा मेरी गुलाम.
फिर हम लोगों का खाना पीना हो जाता है. मैं बोला-
सोनू: मम्मी मैं आता हू. मेरे को कुछ काम है.
मम्मी: ठीक है तो फिर मैं बर्तन धोके थोड़ी देर आराम कर लेती हू.
सोनू: हा ठीक है.
फिर मैं कार लेकर माल चला जाता हू. माल में लॅडीस के कपड़ों की दुकान में जाता हू, और शॉपकीपर को बोलता हू-
सोनू: वन पीस दिखना. लेकिन वो ज़्यादा डीप नेक वाला होना चाहिए, और स्लीव्ले होना चाहिए, और पूरा बॅकलेस होना चाहिए, और लंबाई सिर्फ़ जांघों तक होना चाहिए.
मैने फिर उसको मम्मी का साइज़ बता दिया. उसी के हिसाब से शॉपकीपर मेरे को कुछ ड्रेसस दिखती है. उसमे से मैं 2 ड्रेस लेता हू, एक ब्लॅक कलर की और रेड कलर की. दोनो ड्रेसस बिल्कुल वैसा ही रहती है जैसी मैं चाहता था.
फिर मैं ड्रेस लेकर घर आ जाता हू. रूम में देखता हू मम्मी सो रही होती है. मैं ड्रेस रख के मम्मी से लिपट के सो जाता हू. मम्मी बोली-
मम्मी: आ गया काम से?
सोनू: हा आ गया.
मम्मी: चल अछा है. मेरे को ज़ोर से अपने सीने से लगा ले.
मैं मम्मी को ज़ोर से अपने सीने से लगा लेता हू, और हम दोनो सो जाते है. शाम में 7 बजे मम्मी मेरे को उठती है, मैं उठता हू. मम्मी बोलती है-
मम्मी: जल्दी से फ्रेश हो जेया, क्लब जाना है. और मेरे को कों सा ड्रेस पहनना है, वो भी बता दे.
सोनू: हा बता रहा हू.
मैं दोपहर में जो ड्रेसस माल से लाया था, उसमे एक रेड वाला मैं मम्मी को देता हू, और बोलता हू-
सोनू: ये लो स्वीटहार्ट, आज आप ये पहनोगी.
मम्मी ड्रेस को देख कर शर्मा जाती है, और बोलती है-
मम्मी: तू भी ना कम हरामी नही है.
सोनू: वो तो मैं हू. अछा सुनो आप इसके अंदर रेड कलर वाली चड्डी पहनना, जिसमे सिर्फ़ आपकी छूट का च्छेद धकता है, और चूतड़ पुर दिखते है, और ब्रा मत पहनना, और बाल खुले रखना, डार्क रेड लिपस्टिक लगाना, और हील्स पहनना.
मम्मी: ठीक है, मैं तैयार होने जेया रही हू. तू भी तैयार हो जेया.
सोनू: हा मैं भी तैयार होता हू.
मैं तैयार होके हॉल में बैठा रहता हू. 8 बजने वाले रहता है. तभी मम्मी तैयार होके आती है. मैं मम्मी को देखता ही रह जाता हू. खुले बाल, डार्क रेड लिपस्टिक, और ड्रेस में मम्मी का आधे से ज़्यादा दूध बाहर रहता है, और ड्रेस का लंबाई मम्मी के चूतड़ के तोड़ा सा और नीचे तक रहती है.
फिर मैं मम्मी को पीछे से देखता हू. मम्मी की पूरी पीठ और कमर नंगी दिखती रहती है. बस चूतड़ ढके हुए रहते है, और मम्मी तोड़ा सा भी झुकेंगी तो मम्मी के चूतड़ पुर दिखने लग जाएँगे. मम्मी के बड़े-बड़े दूध और चूतड़ बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रहे होते होते है, और साथ ही मम्मी की जांघें भी पूरी नंगी रहती है. जांघें पूरी क़यामत लगती है.
मम्मी भी फुल मेकप की रहती है, और हील्स भी पहनी रहती है. उनके बदन से बहुत ही अची खुश्बू आती रहती है. मम्मी बहुत ही ज़्यादा सेक्सी लगती है. ड्रेस स्लीव्ले रहती है, और उसमे मम्मी का पूरा कंधा दिखता है. फिर जैसे ही मम्मी अपने हाथो को उपर करती है, मम्मी का गोरा-गोरा बिना बाल वाला बगल दिखने लगता है. मैं बोला-
सोनू: मम्मी आप तो क़ायंत लग रही हो.
मम्मी: सच में?
सोनू: हा स्वीटहार्ट, क्लब में तो सब आपको देख के ही मूठ मार लेंगे.
मम्मी शरमाते हुए बोली: सच में मैं इतनी अची लग रही हू?
सोनू: हा मम्मी, आप किसी हेरोयिन से कम नही लग रही हो. आपका चेहरा बहुत खूबसूरत लग रहा है. ये बड़ा-बड़ा दूध, आपका बड़ा-बड़ा उठा हुआ, और बाहर निकला हुआ गोल चूतड़, और आपका ये मोटा-मोटा जाँघ आपकी खूबसूरती में और जान डाल रहा है.
मम्मी शरमाते हुए बोली: सब तेरा कमाल है. तू ही मेरे को इतनी खूबसूरत बनाया है. रोज़ मेरे दूध को दबा-दबा के बड़ा किया है, और मेरे चूतड़ को छोड़-छोड़ के बड़ा किया है.
सोनू (हेस्ट हुए): इसमे तो कोई शक नही है.
मम्मी: हा मेरे पातिदेव. ई लोवे योउ.
सोनू: ई लोवे योउ टू स्वीटहार्ट. अब चले?
मम्मी: हा जल्दी चल, मैं पहली बार क्लब जेया रही हू. बहुत ज़्यादा एग्ज़ाइटेड हू.
फिर मैं और मम्मी कार में निकल पड़ते है. कुछ देर में हम लोग क्लब पहुँच जाते है. मैं पार्किंग में कार खड़ी करता हू. (ये क्लब हमारे शहर का सबसे बड़ा क्लब है. यहा बहुत सारे लड़के-लड़कियाँ और मम्मी की उमर की औरतें भी आती है).
फिर मैं और मम्मी क्लब में एंट्री करते है, और अंदर जाते है. अंदर गाना चलते रहता है. लोग नाचते रहते है, और दूसरी तरफ बार रहता है. वाहा लोग दारू पीते रहते है, और एक तरफ टेबल कुर्सी लगे रहते है बैठ के दारू पीने के लिए. क्लब में बहुत सारे आदमी मम्मी को घूरते रहते है, और अपने लंड को खुजलने के बहाने से मसालते रहते है. मैं बोला-
सोनू: देखो मम्मी, आपको देख कर कैसे ये लोग अपना लंड खुज़ला रहे है.
मम्मी: हा मैं भी देख रही हू. बेटा सुन, प्लीज़ यहा पर मेरे को एक मिनिट के लिए भी अकेला मत छ्चोढना. वरना ये लोग तो मेरे को छोड़ खाएँगे.
सोनू: मम्मी आप तो बोली थी की आपको कोई छूटा है तो आपको अछा लगता है. अब क्या हुआ?
मम्मी: वो लोग तो मेरे को भीड़ भाड़ वाले इलाक़े में च्छुए है, जहा वो लोग मेरे को छोड़ ही नही सकते थे. और उपर से वो लोग नशे में भी नही थे. पर ये लोग तो नशे में मेरे को छोड़ खाएँगे. और नशे में तो चूहा भी शेर बन जाता है.
मम्मी: मेरे को तो दर्र लग रहा है. मैं तो बोलती हू चलते है यहा से. मैं देख ली क्लब कैसा होता है. अब नही रुकना मेरे को यहा.
सोनू: मम्मी आप दररो मत, कुछ नही होगा. मैं हू आपके साथ, और मैं आपको अकेला बिल्कुल नही छ्चोधुंगा.
मम्मी: ठीक है, लेकिन मेरे को एक सेकेंड के लिए भी मत छ्चोढना.
सोनू: बिल्कुल नही छ्चोधुंगा.
फिर मैं मम्मी की कमर में हाथ डाल कर टेबल कुर्सी वाली जगह पर ले जाता हू. और वाहा बैठ हम जाते है. मम्मी मेरी बगल में बैठी होती है. मैं बोला-
सोनू: क्या पियोगी हनी?
मम्मी: आप जो पीला दो.
फिर मैं वेट्रेस को बुलाता हू, और दारू का ऑर्डर देता हू. कुछ देर में वेट्रेस दारू लेके आती है, मम्मी और मेरे लिए पेग बनती है, और चली जाती है. फिर मैं और मम्मी चियर्स करके दारू पीते है. उसके बाद मैं एक सिगरेट निकालता हू, और हम दोनो सिगरेट पीते हुए और दारू पीते है. हम लोग बैठ के दारू पीते-पीते नाचते हुए लोगों देखते रहते है.
बहुत सारी खूबसूरत आंटीस भी नाच रही थी. मैं तो उनको देख रहा था. हम लोग अब तक 6 पेग पी चुके थे, और दोनो को नशा भी हो चुका था. मम्मी बोली-
मम्मी: चलना बेटा तोड़ा नाचते है.
सोनू: हा-हा चलो.
फिर सब लोग जहा पर नाच रहे थे, मैं और मम्मी वाहा गये, और नाचने लगे. मम्मी कूद-कूद के नाच रही थी, और मम्मी का दूध पूरा उछाल रहा था, और मम्मी के चूतड़ भी उछाल रहे थे. कमाल का नज़ारा था. वाहा पर टेबल पर बैठ के दारू पीते हुए आदमी लोग भी मम्मी के दूध और चूतड़ को उछालता हुआ देख कर मज़े ले रहे थे.
फिर मम्मी नाचते हुए अपने चूतड़ को मेरे लंड पर रगड़ने लगी, और मैं मम्मी के दूध को पकड़ के हल्का-हल्का दबाने लगा. मैं और मम्मी बड़े मज़े करते हुए नाच रहे थे, और टेबल पर बैठ के दारू पीते हुए आदमी लोग मम्मी के मादक शरीर को देख कर लंड मसल रहे थे.
फिर हम लोग नाचते हुए गोल-गोल घूम जाते है, और मम्मी का मूह मेरे तरफ हो जाता है, और मम्मी की पीठ उन आदमियों के तरफ हो जाती है.
अगले पार्ट में बतौँगा आयेज क्या हुआ. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.