Chut Ki Seal Todi Arhar Ke Khet Me

फिर मैंने उसका सलवार को खुद उतारा और उसके पैरों के बीच में आ गया।
उसने चड्डी नहीं पहनी हुई थी और उसकी झांटें बिल्कुल छोटी-छोटी सी थीं।
चुदाई का मेरा ये पहला मौका था और उसका भी.. इसलिए ज़्यादा समय खराब ना करते हुए मैं अपने खड़े लण्ड को सीधा उसकी चूत में डालने लगा…
अब चोदने का आईडिया तो था नहीं तो मेरा लौड़ा बार-बार फिसल जाता था।
फिर उसने लण्ड को चूत पर सैट किया और धक्का मारने को बोली।

दोस्तो, मैं था सेक्स में अनाड़ी.. पहली बार चुदाई कैसे करना चाहिए.. मुझे पता ही नहीं था। सो मैंने सीधा एक ज़ोर का धक्का मारा और मेरा आधा लण्ड अन्दर घुसता चला गया।
उससे बहुत तेज दर्द हुआ.. वो चिल्लाना चाह रही थी.. पर चिल्ला नहीं पाई। मैंने पहले ही उसका मुँह दबा रखा था क्योंकि मैंने एक कहानी में पढ़ा था कि पहली बार में लड़कियाँ चिल्लाती हैं।

फिर मैं 2-3 मिनट रुक गया.. उसके बाद फिर धीरे-धीरे धक्के लगाने लगा। कुछ पलों बाद वो भी मेरा साथ देने लगी।
हम दोनों इतने जोश में थे कि पता ही नहीं चला कि कब मेरा पूरा लण्ड उसकी चूत में घुस कर उसका भोसड़ा बनाने लगा था।
फिर हमरी चुदाई की रफ़्तार बढ़ती गई। करीब दस मिनट बाद वो बोली कि उसे कुछ हो रहा है..

वो अकड़ने लगी और 10-12 धक्कों के बाद वो झड़ गई.. पर मेरा अभी नहीं हुआ था.. क्योंकि मैं पहले ही मुठ्ठ मार कर आया था, मैं उसे चोदता रहा..
वो बोली- उई.. माँ.. बस करो.. मुझे जलन हो रहा रही है और दर्द भी तेजी से हो रहा है।

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पर मैं उसकी बात को अनसुना करके उसे धकापेल चोदता रहा और लगभग 4-5 मिनट बाद उसकी चूत में ही झड़ गया। मैं झड़ने के बाद उसके ऊपर ही लेट गया। तभी उसकी माँ की ज़ोर से आवाई आई- सोनी.. कहाँ हो? कब की गई हो?
वो बोली- हटो जल्दी.. काफ़ी देर हो गई आज डांट पड़ेगी।
वो जल्दी से उठी और उसने लोटे से पानी से चूत साफ की और कपड़े पहन कर भाग गई।

दोस्तो, हमारे गाँव में नौकरानी और उनकी बेटियाँ खेतों में लेट्रिन करने जाती है.. वो भी लेट्रिन का बहाना बना कर आई थी।

अगले दिन वो मिली.. तो बताने लगी कि सुबह तक लगातार बहुत खून निकलता रहा था.. क्योंकि रात के अंधेरे में पता ही नहीं चला था और माँ भी डांट रही थी कि इतनी देर कैसे लगा दी।
फिर मैंने पूछा- तो तुम क्या बोलीं?
तो वो बोली- कह दिया.. कि पेट दर्द कर रहा था.. तो देर हो गई.. क्या करूँ..
मैंने पूछा- चल छोड़.. ये बता रात को मजा आया?
तो आँख मार कर मुस्कुराने लगी.. तभी मैंने उसे गर्भनिरोधक गोली दे दी.. ताकि वो पेट से ना हो जाए।

दोस्तो, चार महीने बाद उसकी शादी थी.. तो इन चार महीनों में मैंने उसे जब भी हम मिले.. तब उसे हचक कर चोदा और मैंने उसकी गाण्ड भी फाड़ी.. अब तो वो भी मुझसे चुदने को बेताब रहती है।

तो दोस्तो, यह थी मेरी पहली सच्ची सेक्स स्टोरी.. आपको अच्छी लगी या नहीं, मेल ज़रूर करें.. खास कर जवान और चुदास से भरे लड़के-लड़कियाँ..
कहानी पढ़ने के बाद अपने विचार अन्तर्वासना में नीचे कमेंट्स में ज़रूर लिखें.. ताकि हम आपके लिए रोज़ और बेहतर कामुक कहानियाँ पेश कर सकें।

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