चुदक्कड़ बन गई बहनिया

दीदी सिसकारियां लेने लगीं ‘आह आह.. भाई.. अब चूस ले.. रहा नहीं जाता।’
मैंने कहा- पहले मैं अपने कपड़े निकाल लूँ।
मैंने जल्दी से सारे कपड़े उतार दिए बस निक्कर नहीं निकाला।

अब मैंने दीदी के मम्मों को चूसना स्टार्ट किया। मुझे बहुत मजा आ रहा था। अब मैंने दीदी की कैपरी निकाल दी। उन्होंने चूत के ऊपर ब्लैक पैन्टी पहनी हुई थी।
मैंने कहा- दीदी, पैन्टी भी निकालो।

उन्होंने मुझे निकालने को कहा।
मैंने दीदी की पैन्टी भी निकाल दी।

दीदी की गोरी चूत पर बाल नहीं थे। मैंने चूत चूसना चालू किया। चूत की क्या खुशबू थी.. आह.. मैंने देर तक चूसी। चूत के दाने को भी खूब रगड़ा।

फिर मैंने अपनी बहन को अपना लंड चुसाया। इसके बाद मैं झड़ गया। उसके कुछ देर बाद मेरा लौड़ा जैसे ही खड़ा हुआ.. मैंने कहा- आजा साली बहन की लौड़ी.. घोड़ी बन जा।

वो घोड़ी बन गईं.. मैंने पीछे से चूत में लौड़ा पेल दिया।
‘आहा.. आह.. भाई.. दर्द हो रहा है..’
मैंने कहा- होने दे राण्ड बहन.. ले साली आह आह..

मेरी जबरदस्त चुदाई से उसकी चूत फट गई। कुछ देर बाद उसको भी मजा आने लगा। वो झड़ गई तो मैंने भी अपना पानी उनकी चूत में ही छोड़ दिया।

फिर मैंने अगले दिन भी बहन को चोदा.. और उसने भी खुल कर चुदवाया। मैंने अपने दोस्त को बुलाया। वो अपनी बहन को लेकर आया.. उसने दीदी को चोदा और अपनी बहन को मुझसे चुदवाया। उसकी बहन प्रिया 21 साल की थी। मैंने उसकी गाण्ड चुदाई भी की।

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