चुड़क्कड़ भाभी को किरायेदार ने ताबाद-तोड़ चोदा

अब मैं अपनी स्टोरी पर आती हू. मेरे हज़्बेंड शुरू में जब भी मौका मिलता था, मेरी चुदाई कर देते थे. मैं भी मज़े से चुदाई का पूरा मज़ा लेती थी. पर एक साल के बाद हज़्बेंड अब सेक्स में तोड़ा कम ही इंटेरेस्ट देना शुरू हो गये थे. मैं रोज़ बेड पर चुदाई के लिए तरसने लगी.

मेरे हज़्बेंड का लंड 5.5 इंच का है. अब मैं तड़प कर टाइम निकालती थी, या छूट में उंगली डाल कर अपनी आग शांत करती थी. एक दिन हमारे घर एक किरायेदार रहने को आया. वो एक अची बॉडी का मालिक था. एक दिन मैं च्चत पर कपड़े डालने गयी, तो वो बातरूम में शायद नहा रहा था. साथ में ही उसका रूम था.

जब वो बातरूम से बाहर आया, तो उसने टवल नीचे पहना हुआ था. जैसे ही वो बाहर आया उसका पैर फिसल गया, और वो नीचे गिर गया. साथ में उसका टवल भी उसके लंड के उपर से निकल गया. मैं तो उसके लंड को ही देखती ही रह गयी.

अब वो एक दूं से उठा, और अपने रूम में चला गया. मैं भी अब अपने रूम में आ गयी, और आँखें बंद करके उसके लंड के सपने देखने लगी. कब मेरा हाथ छूट पर चला गया, मुझे पता ही नही चला, और छूट ने पानी क्भॉढ़ दिया.

अब मैं उससे छुड़वाने के लिए तड़पने लगी. मैने घर पर ब्रा-पनटी पहनना बंद कर दिया, ताकि वो खुद मेरे पास आए. काफ़ी दिन निकल गये. फिर एक दिन हज़्बेंड ऑफीस के काम से कुछ दिन के लिए बाहर गये थे. मैं घर मैं अकेली थी, और उसके आने की वेट कर रही थी.

शाम हो गयी, पर वो नही आया. मैं रात 10 बजे तक उसकी वेट करती रही. फिर मुझे नींद आ गयी. रूम का डोर भी खुला हुआ ही रह गया था. काफ़ी टाइम बाद मुझे महसूस हुआ कोई मेरी बॅक को सहला रहा था, और कभी मेरी लेग्स को किस कर रहा था. और कभी सलवार के उपर से ही मेरी गांद को मसल रहा था.

मैं एक-दूं से पलट गयी, और सामने वो मेरे बेड पर बैठा हुआ था. अब उसने मेरे मूह पर हाथ रख दिया, ताकि मैं चिल्ला ना साकु. मैं उससे छूटने की ऐसे ही कॉसिश करने लगी, तो वो बोला-

वो: भाभी अपने इस देवर को भी अपनी जवानी का मज़ा लेने दो. बहुत तडपया है आपने.

मेरे मूह में हाथ होने के कारण मैं कुछ बोल नही पा रही थी.

फिर वो बोला: भाभी प्यार से करने डोगी तो ज़्यादा तकलीफ़ नही होगी.

मुझे अब तोड़ा दर्र भी लगने लगा, की कही कुछ ग़लत ना हो जाए मेरे साथ. फिर उसने एक हाथ को मेरी कमीज़ के उपर से डाला, और मेरे एक बूब को पकड़ लिया. उसने बूब को ज़ोर से दबा दिया, जिससे मेरी चीख निकल गयी. पर वो तो मेरे बूब्स को दबाने में मस्त था.

अब उसने मेरी सलवार का नाडा खोल दिया एक झटके में. पनटी तो मैने पहनी नही थी, तो उसने एक हाथ मेरी छूट पर लगा दिया. फिर उसने मेरे मूह से अपना हाथ हटा दिया, और मुझे बोला-

वो: भाभी आपकी छूट तो बहुत चिकनी है.

क्यूंकी मैं हर दूसरे दिन छूट को सॉफ करती हू. अब उसने अपने लिप्स मेरे लिप्स पर रख दिए. उसके मूह से शराब की स्मेल आ रही थी. पर मुझे भी अपनी छूट को शांत करवाना था, तो मैं कुछ नही बोली. वो अपनी जीभ मेरे मूह में डाल कर घुमा रहा था, और अब उसने एक उंगली मेरी छूट के अंदर डाल दी, और मेरी छूट को अपनी उंगली से छोड़ने लगा.

मेरी छूट ने जल्दी पानी छ्चोढ़ दिया. फिर वो अपनी उंगली बाहर निकाल कर मुझे दिखाते हुए हासणे लगा. मैने शरम से सर नीचे कर लिया. अब उसने मेरी सलवार को पूरा उतार दिया, और मेरी दूध सी छूट पूरी उसके सामने चमकने लगी. फिर उसने अपना मूह मेरी छूट पर लगा दिया, और छूट को चाटने लग पड़ा.

मेरे हाथ उसके सर पर चले गये. मैं उसके सिर को अपनी छूट पर दबाने लगी. अब उसने मुझे खड़ा किया, और मेरी कमीज़ को भी उतार दिया. मैं उसके सामने अब पूरी नंगी थी. उसने मेरे पुर जिस्म को चूमना शुरू कर दिया, और बूब्स को हाथ में ले कर दबाने लगा. मुझे भी मज़ा आ रहा था.

फिर मैने उससे पूछा: आपका नाम क्या है?

तो वो बोला: तेरे पति को जो बताया है, वो वाला बतौ? या अपना असली वाला?

मैं बोली: असली वाला.

वो: फिर वो वाला है रहमान ख़ान.

मैं तो नाम सुन कर ही दर्र गयी. फिर सोचा, जो हो रहा है होने दे पूजा. अब उसने अपने पुर कपड़े निकाल दिए, और लंड को मेरे मूह के पास ले आया. उसका लंड तो मेरे हज़्बेंड के लंड से भी बड़ा और मोटा निकला. उसने मेरा एक हाथ अपने लंड पर रख दिया, और मैं लंड को सहलाने लग पड़ी.

फिर रहमान बोला: सहलाती ही रहेगी या मूह में लेगी?

उसका लंड बहुत मुश्किल से मेरे मूह में गया. अब मेरे सर को पकड़ कर मेरे मूह में लंड अंदर-बाहर करने लगा. उसके लंड से बहुत अजीद स्मेल आ रही थी.

अब रहमान मेरी लेग के बीच आ गया, और लंड के टोपे को मेरी छूट में सेट किया, और एक हाथ से मेरा मूह बंद कर दिया. फिर उसने एक ज़ोर का झटका मारा, और तोड़ा लंड मेरी चूत को फाड़ता हुआ अंदर चला गया.

मेरे मूह से चीख निकल गयी, पर उसने मूह बंद करके रखा था, तो अंदर ही रह गयी. फिर दोबारा से उसने एक झटका मारा, और पूरा लंड छूट में चला गया. मैं तो मछली की तरह तड़प उठी.

मेरी आँखों के आयेज अंधेरा सा हो गया. मुझे लगा जैसे लंड मेरी बच्चे-दानी को फाड़ कर अंदर चला गया हो. रहमान थोड़ी देर वैसे ही रुका रहा. दीर उसने आराम-आराम से लंड को अंदर-बाहर करना शुरू किया.

थोड़ी देर बाद मैं भी कुछ नॉर्मल हुई, तो उसने मेरे मूह से हाथ हटा दिया, और लंड की स्पीड तेज़ कर दी. मुझे भी मज़ा आने लगा, तो मैं भी अपनी गांद उठा कर रहमान का लंड अंदर लेने लगी.

मुझे ऐसा करते देख रहमान बोला: रंडी साली, तेरे इस जिस्म को तो बहुत छोड़ूँगा. तेरे जैसी औरत हमारे लंड के लिए ही बनी है.

मैं सब सुन भी रही थी, और चुदाई का मज़ा भी ले रही थी. अब मेरी छूट ने पानी छ्चोढ़ दिया. पर रहमान ने मुझे छोड़ना जारी रखा. 30-35 मिनिट के बाद रहमान ने मेरी छूट के अंदर अपना पानी निकाल दिया, और मेरे उपर ही लेट गया. उसका लंड मेरी छूट से बाहर निकल गया.

थोड़ी देर बाद मैने रहमान को अपने उपर से हटाया, तो मेरी नज़र उसके लंड पर गयी. उसके लंड के उपर खून लगा था.

फिर मैने अपनी छूट में देखा, तो छूट फूल गयी थी, और मेरे ब्लड के साथ उसका पानी बाहर निकल रहा था. मैं बातरूम में गयी, जहा गरम पानी से अपनी छूट को आचे से सॉफ किया, और नहा कर बाहर आई.

रहमान रूम से चला गया था. बेड के उपर 1000 रुपय रखे थे, और एक पेपर पर लिखा था-

रहमान: और चाहिए हो तो उपर मेरे रूम में आ जाना.

मैने बहुत देर उस बारे में सोचा. मैं टवल में ही नंगी रहमान के रूम में चली गयी. वो नंगा सोया था, और मुझे देख कर बोला-

रहमान: आ गयी पूजा रंडी?

मैने हा में सर हिला दिया. उसने मुझे लंड चूसने को बोला, और मैं लंड को मूह में ले कर चूसने लग पड़ी. अब रहमान का लंड फिरसे पूरा खड़ा हो गया. उसने मुझे घोड़ी ब्नने को बोला, और मैं बन गयी.

अब रहमान मेरी गांद पर अपनी जीभ घूमने लगा. मुझे अजीब सा फील हो रहा था. फिर रहमान ने साथ में रखी वैसेलिने को मेरी गांद में लगा दिया, और अपने लंड पर भी लगा लिया. मैं कुछ बोल पाती, उससे पहले ही रहमान ने मेरी कमर को मज़बूती से पकड़ कर लंड को गांद में सेट कर दिया.

फिर उसने एक धक्का मारा, और लंड गांद को चीरता हुआ अंदर चला गया. मेरी ज़ोर की चीख निकल गयी. उस चीख को सुनने वाला कोई नही था. अब रहमान मेरी गांद पर थप्पड़ मारता हुआ बोल रहा था-

रहमान: पूजा, आज तू असली रंडी बनेगी. तुझे तो बहुत छोड़ूँगा रंडी.

और फिर एक और झटके के साथ पूरा लंड गांद में चला गया. अब रहमान मेरे हेर पकड़ कर घुड़-सवारी कर रहा था. मैं सच मैं एक घोड़ी ही लग रही थी. एक हाथ से मेरे हेर पकड़े थे उसने, और दूसरे हाथ से मार-मार कर मेरी गांद लाल कर दी थी.

काफ़ी देर मुझे छोड़ने के बाद रहमान मेरी गांद में झाड़ गया. अब उसने मुझे अपनी और खींचा, और अपना लंड मेरे मूह मैं डाल दिया. मुझे उल्टी आने को हो गयी थी, पर इतना मोटा लंड मूह में होने से कर नही पाई. और उसका लंड मुझे मूह में ही सॉफ करना पड़ा.

अब हम दोनो उसके ही रूम में नंगे सो गये. सुबा जब उठे, और मैं जब बेड से उठने लगी, तो मेरे से चला नही जेया रहा था. मेरी गांद में बहुत दर्द हो रही थी.

रहमान ने मुझे लंगड़ा कर चलते हुए देख लिया. उसका लंड पूरा खड़ा था, तो अब रहमान ने मुझे दीवार के साथ घोड़ी बना दिया, और अपनी थूक को लंड पर लगाया, और लंड फिरसे मेरी गांद में डाल दिया. अब भी मुझे काफ़ी दर्द हुआ. मैं उससे अलग होना चाहती थी, पर हो ना पाई.

रहमान मुझे बहुत ज़ोर-ज़ोर से छोड़ रहा था. थोड़े टाइम बाद वो फिरसे मेरी गांद में झाड़ गया. अब मैं खुद ही नीचे बैठ गयी, और रहमान का लंड मूह में लेकर चाट कर सॉफ कर दिया.

अब मैने टवल से अपना जिस्म धक लिया, और अपने रूम को आने लगी. तो रहमान ने मेरे हाथ में 2000 रुपय रख दिए, और बोला-

रहमान: रंडी अब तुझे रोज़ आना पड़ेगा.

मैने हा बोला, और लंगदाते हुए अपने रूम में आ गयी.

रहमान ने मुझे मेरे हज़्बेंड के आने तक रोज़ बहुत छोड़ा.

नेक्स्ट स्टोरी में बतौँगी रहमान ने मुझे अपने दोस्तों से कैसे चुडवाया. और मेरी हर चुदाई की कीमत भी मुझे मिलने लगी थी. आपको मेरी स्टोरी कैसी लगी मैल करके ज़रूर बताना.

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