मकानमालिक की बीवी चूत मे लंडा डाला

मेरा नाम रमेश गुप्ता हे और ये मेरी रियल लाइफ की कहानी हे. मैं पहले अपने बारे में बता दूँ. मेरी लम्बाई 5 फिर 7 इंच हे और मैं थोडा पतला हूँ. मेरा पेनिस 6 इंच लम्बा और ढाई इंच मोटा हे. मेरी वाइफ मेरे से पूरी तरह से संतुष्ठ हे. हम नॉर्मली हफ्ते में 4 से 5 बार तो सेक्स करते ही हे. और कभी कभी दिन में दो बार भी हो जाता हे. जब मेरा पेनिस खड़ा होता हे तो मुझे चुदाई के बिना चेन नहीं मिलता हे.

मैं जिस मकान में रहता हु वो किराए का हे. और मकानमालिक की वाइफ का नाम वीणा हे. वो बस 22 साल की हे और नाटी हे करीब 5 फिट 3 इंच जितनी. उसका फिगर 32,28,34 हे. उसका रंग सान्वला हे लेकिन वो बहुत ही सेक्सी हे. जून में मेरी वाइफ मइके गई हुई थी. और मैं घर पर अकेला था. और एक दिन मकान मालिक और उसकी माँ भी घर पर नहीं था. मैं शाम को ऑफिस से आया तो वीणा भाभी ने कहा की उन लोगों को आने में शायद सुबह भी हो जाए क्यूंकि लास्ट बस से आते वक्त उस बस का पंक्चर हो गया था और इसलिए वो लेट हो गए थे. वीणा भाभी फिर मेरे कमरे में आई और पूछने लगी की क्या हो रहा हे. तो मैंने कहा खाना बना रहा हूँ.

वीणा: आज आप मेरे साथ ही खा लेना मैंने अपने लिए और उन दोनों के लिए बनाया था. वो लोग तो अब सुबह को ही आयेंगे शायद.

मैंने कहा ठीक हे मैं फ्रेश हो कर आता हूँ तब तक आप खाना लगाओ.

मैं बाथरूम में चला गया और नहाने के बाद टी-शर्ट और बरमूडा पहन लिया मैंने. मैंने बनियान और अंडरवेर नहीं पहनी थी. जब मैं बाथरूम से बहार आया तो वीणा डिनर टेबल पर रेडी कर के मेरी वेट कर रही थी. उसने सेक्सी नाइटी पहन रखी थी. उसकी नाइटी के ऊपर से उसकी ब्रा की लाइन दिख थी. मैं उसको इस रूप में देख के उत्तेजित होने लगा और मन ही मन सोचने लगा की आज के जैसा मौका फिर कभी नहीं मिलेगा वीणा को चोदने का!

मैं मन ही मन में उसको चोदने का प्लान बनाने लगा. हम दोनों खाने के लिए टेबल के ऊपर बैठे हुए थे. वीणा मेरे सामने वाली चेयर में बैठी हुई थी. और जब वो झुक कर खाने के निवाले को अपने मुहं में रखती थी तो उसके दो बूब्स के बिच की दरार करिब 2 इंच जितनी दिखती थी मुझे. और उसे देख के मेरी उत्तेजना और भी बढ़ जाती थी.

मेरी नजरें उसकी घाटी पर ही थी और बरमुडे के अंदर मेरा लंड खड़ा होने लगा था. चड्डी ना पहनी होने की वजह से लंड का उभार बहार से पता चल रहा था. मुझे अपनी नाइटी में झांकते हुए वीणा ने देखा लिया और बोली: क्या देख रहे हो?

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मैं: वीणा जी आप बहुत ही सुन्दर हो और?

वीणा: और क्या?

मैं: और सेक्सी भी.

वीणा: लेकिन आप की वाइफ तो मेरे से ज्यादा गोरी और अधिक सेक्सी हे.

मैं: हां पर आज तो तुम मेरी वाइफ को भी फेल रही हो.

वीणा: ऐसा क्या?

इतना कह कर वो तेजी से हसने लगी और कहा की कई बार आप की वाइफ ने मुझे अपनी सेक्स लाइफ के बारे में बताया हे और ये भी बताया हे की आप कैसे उनकी चुदाई करते हे. और कितने तरीके इस्तेमाल कर के आप चोदते हो उसे. मैं कब से इस मौके की तलाश में थी की कब आप की वाइफ और मेरे घर के लोग बहार हो एक साथ. और मैं आप के साथ सेक्स कर सकूँ.

इतना कह के वीणा ने मेरे होठो के ऊपर एक किस दे दिया और बोली डिनर करने के बाद आप मेरे बेडरूम मे ही सो जाना आज,

मैंने सोचा की आज तो सच में मेरी लोटरी ही लग गई. कहाँ मैं वीणा को चोदने का प्लान बना रहा था और कहाँ वीणा स्वयं मुझसे चुदने को तैयार बैठी हुई थी. डिनर के बाद हम दोनों साथ में सेक्स की बातें करने लगे और मैं उसे सेक्स के तथा वाइफ को उत्तेजित करने के तरीके बताने लगा. और मैंने उसे पूछा: तुम्हारी सेक्स लाइफ कैसी चल रही हे?

वीणा बोली, एकदम नीरस!

मैं: क्यूँ तुम्हारे हसबंड तो शरीर से बहुत ही शक्तिशाली हे.

वीणा: केवल दीखते हे, हे नहीं. वो रात को मुझे उत्तेजित किया बिना ही मेरे ऊपर चढ़ जाते हे और धक्के लगाने के बाद पलट कर सो जाते हे. जब की मैं सेक्स की आग में रात भर सुलगती रहती हूँ. जब आप की वाइफ ने मुझसे बातें की थी तब से मैं आप से चुदवाना चाहती थी. लेकिन मौका ही नहीं मिल रहा था. आज रात मौका भी हे और दस्तूर भी हे. आज मैं आप से रात भर चुदुंगी.

मैं: ठीक हे लेकिन मुझे आप आप मत करो मेरे नाम से बुलाओ.

वीणा: आप भी मुझे मेरे नाम से बुलाएँगे!

इतना कह के मैंने अपने होंठो वीणा के होंठो पर रख दिया. विना के होठ भठ्ठी के जैसे सुलग रहे थे. वीणा का उपरी होंठ चुसना शरु कर दिया जब की वीणा निचले होंठ से मेरे होंठो को चूस रही थी.

होंठो को चूसने के साथ मेरा हाथ नाइटी के ऊपर से ही उसके बदन पर घूम रहा था. वीणा ने अपने दोनों हाथो से मुझे बाँध लीया था जैसे. मैंने वीणा के होंठ चूसते हुए एक हाथ उसकी गर्दन के निचे लगाया और दुसरे हाथ कमर के निचे लगा कर उसे अपनी गोद में बिठा लिया.

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वीणा ने अपने दोनों हाथ मेरी गर्दन में डाल दिए. मैं वीणा को लेकर उसके बेडरूम में चला गया और बेड पर बिठा दिया और लाईट को चालु कर ड़ोया. वीणा: लाईट क्यूँ ओं की. मुझे शर्म आ रही हे.

मैं: शर्म कैसी मेरी जान. जब चुदवाना हे तो पूरी तरह से उसका मजा लो ना!

इतना कह के मैंने उसकी नाइटी खोल दी और नाइटी निकाल कर बेड के निचे फेंक दी. वीणा ने रेड ब्रा और रेड पेंटी पहनी हुई थी. जिसमे उसका बदन बहुत ही सेक्सी लग रहा था. वीणा ने मेरी टी-शर्ट निकाल दी और मेरी उपरी बदन को पूरा नंगा कर दिया.

मैंने वीणा को बेड पर लिटा दिया और उसके होंठो को फिर से चूसने लगा. मेरा एक हाथ उसके बूब्स को दबा रहा था और दूसरा हाथ उसकी जांघे सहला रहा था. वीणा भी अपने दोनों हाथ मेरी नंगी पीठ के ऊपर फेर रही थी.

मैं अपनी जीभ से वीणा के दांतों को खोलते हुए अपनी जीभ को उसके मुहं में डाल दी. वीणा मेरी जीभ को अपने मुहं में पाकर पागल सी हो गई और मेरी जीभ को लोलीपोप के जैसे चूसने लगी. मैंने अपना हाथ वीणा की ब्रा में डाल दिया और उसके निपल्स को अंगूठे और ऊँगली में लेकर मसलने लगा.

दुसरे हाथ से उसकी चूत को पेंटी के उपर से रगड़ने लगा. उसकी पेंटी गीली हो रही थी. अपनी जीभ चूसने के बाद मैंने अपनी जीभ को वीणा के बदन के सफर पर ले चला और उसके गाल, दाढ़ी, गर्दन को भी चाटने लगा धीरे धीरे मैं निचे की तरफ चला और वीणा के हुक खोल दिए. वीणा के बूब्स और निपल्स देख कर मुझे  एक बोतल का नशा होने लगा था, मैंने वीणा के राईट बूब के निपल्स को अपने मुहं में भर के चूसा और लेफ्ट बूब के निपल को ऊँगली और अंगूठे से मसलने लगा.

अब वीणा धीरे धीरे मोअनिंग करने लगी थी और उसके मुहं से सिसकियाँ निकल रही थी. मैं भी उसके दोनों निपल्स को बारी बारी चूस रहा था और काट रहा था. करीब आधे घंटे के बाद उसके निपल्स काटने और चूसने बंद किये मैंने और फिर मैं निचे की तरफ बाधा. मेरी जीभ वीणा के साइन से होती हुई उसके पेट की और चली और जैसे ही मैंने उसकी नाभि में जीभ लगाईं तो वो बोली अह्ह्ह्ह अह्ह्ह्ह ये मुझे क्या हो रहा हे! मेरा खुद पर से कंट्रोल खत्म हो रहा हे मेरे बदन में आग सी लगी हे. और कितना तडपाओगे मुझे? अब बर्दाश्त नहीं होता हे जल्दी से मुझे चोदो अपने लोडे से. मेरी चूत को अब तुम्हारे लंड की प्यास लगी हे. मेरी चूत की प्यास को बुझा दो और उसकी आग को शांत कर दो.

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