छोटे भाई ने चोदी मेरी चूत

अब आयेज की कहानी…

मैं – (हल्की स्माइल करते हुए) ऑश सॉरी सोररय्ययी बाबययययी. अब तेरी तड़प दूर करती हू.

और बिना टाइम गवाए मैं एक दूं से भाई के टॅंगो के पास झुक गयी और भाई की दोनो टॅंगो को खोल कर भाई के लंड को पकड़ा. और एक दूं से मूह में भर लिया.

जैसा मैने भाई से प्यार लिया वैसा मैं भी अब भाई को आचे से प्यार देना चाहती थी और उसकी नाराज़गी को दूर करना चाहती थी.

इषली मैं अब आचे से भाई के लंड को चूसने लगी. और अपने मूह को टीएट कर के पूरा का पूरा लंड अपने मूह में आयेज पीछे करने अंदर बाहर लगी. अब भाई भी हल्की सिसकियाअँ लेने गया.

भाई भी लका लका अपनी कमर को उठा कर मेरे मूह में अपना लंड आयेज पीछे करने लगा. और मेरे मूह में अपने लंड के ढके मरने लगा.

भाई का लंड काफ़ी कड़क और बहुत गरम हो चुका था. भाई के लंड की लारो से मेरा मूह पूरा भर चुका था. मैं भाई के लंड को गले तक ले जा कर चूस रही थी.

अब भाई भी बहुत पागल सा होने लगा उसकी भी आँखे बंद होने लगी. और सिसकियाअंन बादने लगी…

आआआआअ ऊओह डीडीिईईईई उउउफफफफफफफ्फ़ सस्स्सिईईईईईईईईईईईई

भाई के दोनो हाथ मेरे सर पर आ गये और उसने अपने दोनो हाथो से मेरा सर पकड़ लिया.

और मेरे सर को पकड़ कर अपने लंड पर दबाने लगा. और अपनी कमर से ढके मरते हुए मेरे मूह में अपना लंड अंदर बाहर करने लगा.”भाई एक दूं से जोश में आ गया उसने मेरे सर को दबा कर एक दूं अपना लंड मेरे मूह में पूरा का पूरा डाल कर फसा दिया.

मैं समझ गयी जैसे मैं अपनी छूट भाई के मूह पर तेज़ी से रग़ाद रही थी. वैसा ही भाई भी अब मुझसे गंदे वाला प्यार चाहता था.

अब मेरी भी साँसे बंद सी होने लगी और भाई ने अपना पूरा लंड मेरे मूह में ज़ोर से फसा रखा था. लेकिन मैं भी उसकी तड़प को साँझ रही थी. क्यूकी काफ़ी महीने हो चुके थे एक दूसरे को प्यार किए.

इशलएे मैं भी बर्दाश कर रही थी और भाई का पूरा साथ देने की कोशिश कर रही थी. मैं और भी जयदा मूह में अंदर तक भाई का लंड लेने गयी.

मेरे होन्ट भाई के टट्टो पर टच होने लगे. भाई ज़ोर से मेरा सर पकड़ कर तेज़ी से अपने लंड के मेरे मूह में ढके मरने लगा. और भाई का लंड ज़ोर ज़ोर से मेरे गले को टच होते हुए मेरे मूह के अंदर बाहर होने लगा.

भाई अब तेज तेज सिकियाअंन्न भरने लगा… आअहह मेरी आँखो में से पानी निकालने लगा.

लेकिन भाई तो अपने पूरे जोश में मेरे मूह को अपने लंड से छोढ़ने में लगा था. फिर भाई ने अपने लंड को स्पीड को और तेज बड़ा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरे मूह में अपने लंड के झटके मरने लगा.

मेरे मूह से लंड के छोढ़ने की तेज तेज आवाज़े आने लगी.

घाप घाप फक फक पाख पाख उुउऊहह आआआहह

और भाई के झटको की स्पीड से भाई की सिसकियाँन्न बादने लगी.

आअहह ओह नीलू डीडीिईईईईईई हहााआअ

भाई के लंड की स्पीड और उसकी सिसकियों से मैं साँझ गयी की भाई का लंड झड़ने वाला है. मैं जैसे कैसे बहुत मुश्किल से बर्दाश किया जा रही थी.

फिर मुझे लगा की बस हो गया भाई का. अभी भाई अपना लंड बस मेरे मूह से निकालने वाला है और झड़ने वाला है.

छोटे भाई का अब झदाने ही वाला था. की भाई ने अपने लंड का एक आखरी झटका मेरे मूह में ज़ोर से मारा. और उसने मेरे सर को अपनी पूरी जान लगा कर अपने लंड पर दबा दिया.

भाई के लंड का वो आखरी झटका मेरे गले को चीरता हुआ मेरे मूह में गले के अंदर तक गुस गया और भाई ने मेरा सर पकड़ कर अपना लंड मेरे मूह में फसा दिया. मुझे इसकी उमिद नही थी की भाई मेरे मूह के अंदर ही झाड़ देगा.

अब मेरी साँसे रुक ही गयी और मेरी बर्दाश ख़तम सी हो गयी मैने भाई की टॅंगो को कस कर पकड़ लिया.

लेकिन भाई की एक आखरी सिस्कीईइ निकली आआहह

और एक दूं से भाई के लंड से गरम गरम माल की पिचकारी निकली और मेरे गले में इतनी सारी गरम गरम माल की धार मुझे महसोस होने लगी.

भाई ने कस कर तब तक अपना लंड मेरे मूह में गले तक फसाए रखा जब तक भाई के लंड का सारा माल मेरे मूह में गले तक ना निकल जाए.

फिर एक दूं से भाई ने अपने हाथ हटाए और एक दूं से मैने अपने भाई के लंड को मूह से बाहर निकाला और एक दूं मुझे सांस आई… उूउउफफफफफफफफफफफफफ्फ़

और सारा माल मेरे गले से एक दूं से बाहर की और निकाला और सारा माल मैने भाई के लंड के उपर ही थूक दिया.

अब छोटा भाई मुझे देख कर एक दूं स्माइल करने लगा. उसकी स्माइल देख कर मुझे बहुत गुसा आया.

मैं गुस्से में एक दूं से भाई के उपर लेट कर उसका गला दोनो हाथो से पकड़ कर दबाते हुए बोली…

मैं – (हल्के गुस्से में) कामिनीईए… अभी मैं मार जाती तो. ऐसे कों करता है.?

छोटा भाई – अछा डीडीिईई… जब आप कर रहे थे मेरे मूह पर पूरा बेत गये थे तब….???

मैं – (हेस्ट हुए) हहहे मैं तेरी बड़ी बेहन हू. मैं ऐसे कर सकती हू. तू अभी बहुत छोटा है कामिनईए इतने गंदे ताके से कोई अपनी बड़ी दीदी के साथ ऐसा करता है क्या.

छोटा भाई – सोररय्ययी नीलूउउ डीडीी..

मैं – (छोटे भाई के गाल खिचते हुए) – हहेहहे मज़ाक कर रही हू मेरे पागालुउउ… तू तो मेरा छोटा सा पायरा सा कूटीई सा बचा है तू मेरा. छोटे गोल गपुऊउ भाई मेरे हहे.

छोटा भाई – नीलू दीदी.. आपसे मुझे दर भी बहुत लगता है. जब आप दाँत देते हो मुझे. लेकिन आप प्यार भी बहुत करते हो मुझसे.

मैं – अछा पग्लुउउ.. क्या करू तू है ही इतना क्यूट पायरा सा. तेरी मासूमियत देख कर मुझसे रहा नही जाता. फिर बहुत प्यार करने का मॅन करता है. मॅन करता है की खा जौ तुझे हहहे.

रात के 3 बाज चुकी थी. ऐसे ही हम काफ़ी देर बात करते करते नंगे ही सो गये. मैं भाई को हग कर के कब सो गयी मुझे पता ही नही चला.

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