चाची की तेल मालिश के बाद चुदाई की

दोस्तो उमीद है आप सब इस कहानी को रेड कर के बहोट एग्ज़ाइटेड होंगे. वैसे तो हर कोई ये ही कहता है के यह मेरी लाइफ की ट्रू स्टोरी है. लेकिन मैं ऐसा कुछ नही कहूँगा. जब की मैं आप पे इस का फ़ैसला चोर्ता हूँ के आप इसको कितना रियल और कितना फेक समझते हो.

अब मैं अपनी कहानी पे आता हूँ. यह मेरी पहली स्टोरी है, उमीद करता हूँ का आप सब को पसंद आएगी और आप मुझे अपने कॉमेंट्स में इसके बारे में बताओ.

यह कहानी मेरे और मेरी चाची और उनकी बेटी के बीच में हुई एक घटना की है. जिसके हम तीनो में से पहले किसी को गुमान भी नही था.

ये उस वक्त की बात है जब मैने इंटर (फ्स्क प्री-एंग्र) के बोर्ड के एग्ज़ॅम्स क्लियर कर लिए थे. और अब बारी थी यूनिवर्सिटी एंट्रेन्स टेस्ट की. तो यक़ीनन मुझे प्रिपरेशन्स के लिए किसी अकॅडमी को जाय्न करना था.

घर वालों ने मेरा अड्मिशन एक अकॅडमी मैं करवा दिया. अकॅडमी रॅवॉल्पींडी में थी तो मुझे 2 ऑप्षन्स दिए गये के या तो मैं अपने चाचू के घर स्टे करूँ या फिर रमई के कज़िन के घर. फाइनल डिसिशन यह हुआ के वैसे तो रेग्युलर स्टे मैं चाचू के घर करूँगा लेकिन वीकेंड पे अगर उन्होने कही जाना हुआ तो फिर रमई के कज़िन के घर.

सो मैने अपना समान पॅक किया और रॅवॉल्पींडी चाचू के घर पहुँच गया. चाचू के घर मैं 5 लोग थे. एक चाचू जो के एक प्राइवेट चॅनेल पे जॉब करते हैं. उनकी वाइफ यानी मेरी चाची और उनके 3 बचे. सब से बड़ा बेटा उस वक्त मेट्रिक 10त में था. बेटी 9त मैं और सब से छोटा बेटा अभी 1.5 या 2 साल का था.

उनके बड़े बेटे और बेटी की मॉर्निंग में स्कूल मैं क्लासस होती थी और शाम को वो टुटीओन पे जाते थे. तो चाची सुबा ही उनको लंच भी पॅक कर देती थी. क्यू के वो स्कूल से सीधा टुटीओन पे चले जाया करते थे.

चाचू का कोई फिक्स टाइम्टेबल नही था तो, वो अक्सर घर रात को लाते ही आते थे. मेरी कोचैंग क्लासस ज़्यादा तार ईव्निंग में ही होती थी तो मैं ज़्यादा तार घर पे ही होता था.

3 बच्चे होने के बावजूद चाची ने अपने आप को बहोट मेनटेन कर के रखा हुआ था. जब के वो अपने सब से छोटे बेटे को फीड भी करवा रही थी. उस वक्त उनकी आगे तकरीबन 35-36 साल थी. रंग तो उनका शुरू से ही गोरा चितता था. अब बच्चे हो जाने की वजा से तोरा सा जिस्म भर गया था. लेकिन अब भी वो 28-30 से ज़्यादा की नही लगती थी.

चाची ने जब भी छोटे बेटे को फीड करवाना होता वो उसको मेरे रूम मैं ही आ के करवातीएन. फीड करवाते वक्त उनकी मेरी तरफ बॅक होती थी. एक दिन चाची ने फीड करवाते हुआ मुझ से कहा की. मैं इसको इसलिए यहाँ फीड करवाती हूँ के इस रूम मैं एसी लगा हुआ है. और फीड के बाद यह यहाँ सकूँ से सो जाता है. जब के वो ईज़िली अपने काम कर लेती हैं जितनी देर ये सोया रहता है.

उनके अचानक बोलने पे मेरी तावजो उनकी तरफ हुई तो मुझे एक करेंट सा लगा. उनकी बॅक से थोड़ी से कमीज़ उठी हुई थी और उनकी कमर नज़र आ रही थी. और उनके एक बूब का साइड पोज़ भी मुझे साफ नज़र आ रहा था.

इस नज़ारे ने तो मेरी पेंट मैं तंबू बना दिया था. खैर मैने बड़ी मुश्किल से अपनी टॅंगो में अपने लंड को काबू किया. और दोबारा अपनी बुक्स की तरफ अपनी तवजो करने की कोशिश की. लेकिन बार बार मेरी नज़र उनकी बॅक और साइड बूब पे जा रही थी. फीड करवाने के बाद चाची उठी और रूम से बहिर चली गयी.

अब मुझ से चैन से बैठ नही जा रहा था तो मैं भी उठ के बहिर आ गया. चाची अपने कामो में मशरूफ थी. फिर थोड़ी देर बाद चाची ने मुझे कहा की मैं उनको उनका फोन ला के डून.

मैने उनको उनका फोन ला के दे दिया और दोबारा सोफे पे जा के बैठ गया. चाची ने अपनी मैड को कॉल की थी और उससे पूच रही थी की उसने कब तक आना है, उनकी मालिश भी करनी थी चाची की मैड ने. जिस पर उनकी मैड ने शायद आने से माना कर दिया था. वजा बाद में चाची ने ही बताई के उसके हज़्बेंड की तबीयत ठीक नही है जिसकी वजा से वो इस वीक नही आएगी.

चाची को तोरा गुस्सा भी आया हुआ था क्यू के अब उनको खुद ही सारे काम करने थे.

खैर दिन को जब हम ने खाना खा लिया तो चाची ने मुझे कहा की. अगर मैं उनकी मालिश कर डून अगर मुझे कोई और काम नही करना अभी तो?

यह मेरे लिया एक गोलडेन चान्स था भला मैं इसको कैसे मिस करता, तो मैने हन कह दिया.

चाची ने मुझे कहा के किचन में देसी गीयी और ज़ैतून का तेल पड़ा है उसको मिक्स कर के गरम कर के ले आओं.

मेरे दिल मैं लड्डू फूटने लगे की उनकी कमर को टच करने का मोका मिलेगा. मैं जल्दी जल्दी तेल गरम कर के ले आया.

जब मैं रूम मैं एंटर हुआ तो चाची नीचे कार्पेट पे पायट के बाल लेती हुई थी. और अपने उपर एक चादर की हुई थे. जब मैने माल्श करनी स्टार्ट की तो मुझे एक शॉक लगा. क्यू के चादर के नीचे से मैने ये महसूस कर लिया था के चाची ने कमीज़ नही पहनी हुआ.

लेकिन मालिश के डॉरॅन यह भी पता चल गया के उन्होने ब्रा पहनी हुई है. पहले तो मैं तोरा शर्मा भी रहा था. या शायद तोरा नर्वस और दर था. लेकिन फिर मैने अपने आप पे काबू पा लिया.

अब पूरा लंड फुल टाइट हो चक्का था. मैने जानबूझ के उनकी ब्रा के हुक के उपर से भी हाथ फायरा और साथ ही मेरे मूह से आउच की आवाज़ निकली.

चाची समझ गयी थी के उनकी ब्रा की हुक मेरे हाथ पे चुबी है. तो चाची ने कहा के मैं हुक खूल डून और सही से मालिश करूँ.

मैने ऐसा ही किया और थोड़ी देर उनकी कमर पे ऐसे ही हाथ फिरता रहा. फिर चाची ने कहा के आयिल दोबारा तोरा सा गरम कर लाओ. क्यू के अब वो उनको तोरा ठंडा महसूस हो रहा था.

मैं दोबारा आयिल गरम करने के लिया किचन मैं आ गया. और साथ ही अपने कपड़े भी चेंज कर लिया और त शर्ट और शॉर्ट्स पहन लिया. अब जब मैं दोबारा रूम मैं आया तो चाची ने कहा के ज़रा ज़ोर से मालिश करूँ.

2-3 मीं तो मैने इसी आंगल में ज़ोर से मालिश की. लेकिन पोज़िशन सही ना होने की वजा से मेरी कमर में दर्द होने लगा. मैने चाची से कहा के पोज़िशन सही नही है और इस वजा से मेरी कमर में भी दर्द हो रहा है. अगर आप कहे तो मैं तोरा आप की बॅक पे बैठ के मालिश कर डून? तो चाची ने कहा हन कोई बात नही तुम बॅक पे बैठ के कर दो.

अब मैं उनकी बॅक पे इस पोज़िशन में बैठ गया के उनकी नरम और मुलायम गांद मेरे नीचे थी. मुझे बहोट मज़ा आ रहा था. लेकिन साथ ही साथ मेरा लंड अब बहोट टाइट हो गया था. और उसका आंगल उनकी गांद के सुराख पे सेट था.

पता नही अचानक मुज़े क्या हुआ के मैं अपने आप पे कंट्रोल ना रख सका. और आनन फानन मैने पालक झपकते ही अपनी शॉर्ट्स नीचे की और एक झटके से ही चादर को उतार के साइड पे कर दिया. साथ ही चाची का दोपतता था या कमीज़ उसको उनके मूह पे प्लैट दिया और अपना लंड उनके गांद पे ज़ोर से प्रेस कर दिया.

यह सब इतना अचानक हुआ के ना मुझे खुद को कोई होश था की मैं किया कर रहा हूँ. और बाद मैं इसके किया एफेक्ट्स होने हैं, और ना ही चाची को संभालने का मोका मिला.

खैर मेरा लंड प्रेस करने से भी अंदर नही जा रहा था. शाहिद उनके होल बहोट टाइट था इसलिए. सो मैने तोरा सा आयिल उनके होल मैं डाला और तोरा सा अपने लंड पे लगाया.

इस डूरान चाची ने अपने आप को चुरवने की भी बहोट कोशिश की. लेकिन क्यू के वो उल्टी लेयिटी हुई थी और मैं उनके उपर था तो वो ज़्यादा हिल जुल ना सकी.

मैने जल्दी से अब एक ज़ोर दर झटका मारा तो चाची की चीख निकल गयी दर्द की वजा से. लेकिन चुनके मैने उनके मूह पर कपड़ा लपेटा हुआ था. तो चीख कमरे में ही डब के रह गयी. मैने अब 3-4 बार और कोशिश की और लंड उनकी गांद के अंदर तक चला गया.

चूँकि यह मेरा फर्स्ट टाइम था तो मुझे बस अपने मज़े की पड़ी हुई थी. मुझे चाची का कोई ख़याल नही था की उनको दर्द हो रहा या नही. इसलिए ना मैने पॉज़ लिया ना मेरा ऐसा कोई इरादा था.

अब मैने छापा छाप उनकी गांद मारना शुरू कर दी. चाची अब भी मुसालसूल छिला रही थी और चुरवने की कोशिश कर रही थी जो के बिल्कुल बेकार थी. अब मैं साइड से उनके बूब्स को भी प्रेस कर रहा था. लेकिन क्यू के चाची उल्टी लेती हुई थी तो बूब्स उनके नीचे दबे हुए थे और सही से हाथ में नही आ रहे थे.

इसी डूरान मेरे ज़हन में एक और बात आई. मैने चादर से उनके हातों को भी बॅक पे ला के बंद दिया और अब उनको सीधा कर दिया. चाची की आँखों मैं आँसू, रहम की भीक और बहोट कुछ था. लेकिन मैने इसकी परवा ना की क्यू के जो मैं अब तक कर चुका था अगर चाची किसी को बता देती तो सज़ा सेम ही होनी थी.

मैने चाची के बूब्स को अब इतनी ज़ोर से प्रेस किया के उनका बेलून बन गया. और लग रहा था के अभी उनके बेलून नुमा निपल्स फॅट जाएँगे. मैने उनके बूब्स पे 5-6 ज़ोरदार ठप्पर मारे. दर्द की वजा से चाची ने अपनी आंखाईं बंद कर ली. लेकिन आनसो नही रुके, वो रोआ जा रही थी.

अब जो होना था हो चक्का सो मैने अब अपना लंड उनकी छूट में डाल दिया. यह तोरा मुश्किल था क्यू के चाची ने अपनी टांगायन ज़ोर से बंद की हुई थी.

खैर मैं मर्द था और वो औरत, कब तक ज़ोर आज़माई करती मेरे साथ. मैने ना अओ देखा ना टॉ और अपना लंड उनकी छूट पे सेट कर के ज़ोर ज़ोर से झटके मारने लगा.

पहले तो 2-3 बार लंड स्लिप हो गया लेकिन जब पर्फेक्ट शॉट लगा तो लंड सीधा अंदर. क्यू के चाची वर्जिन तो थी नही और थी भी 3 बचों की मा. तो लंड अब आसानी से अंदर बाहर हो रहा था.

अब ज़ोर आज़माई कर कर के चाची भी तक चुकी थी. तो उन्होने ने अपना जिस्म ढीला चोर दिया. शायद अब उनको अंदाज़ा हो गया था के अब वो चुड़े बाघैर नही रह पाएगी.

हर झटके के साथ अब उनके मूह से हल्की हल्की उम्मह उम्मह की आवाज़ आ रही थी. जो मुझे बहोट एग्ज़ाइटेड कर रही थी. अब मैने तोरा सा रिस्क लिया और उनके मूह खोल दिया.

लेकिन साथ ही अपने लिप्स उनके लिप्स पे रख के उनको फेरनच किस करने लग गया. मैं 3 काम एक साथ कर रहा था. चाची को लिप्स से किस कर रहा था. अपने हाथों से उनके बूब्स प्रेस कर रहा था और साथ ही साथ उनकी छूट की चुदाई भी.

थोड़ी देर ऐसे ही करने के बाद मुझे महसूस हुआ के शाहिद चाची को भी अब मज़ा आ रहा है. क्यू के अब उनके आंखाईं बंद थी. लेकिन अब ना तो वो अपने आप को चुरवने की कोशिश कर रही थी ना ही चीख छिला रही थी. बस हर शॉट पे हल्की सी आवाज़ उनके मूह से निकल रही थी.

अब मैने उनको डॉगी स्टाइल मैं छोड़ने का प्लान बना लिया. मैने उनको डॉगी स्टाइल मैं आने को कहा तो वो चुप छाप खुद ही उस पोज़िशन में आ गयी. जिससे मुझे यह यकीन हो गया के अब चाची भी मज़ा ले रही हैं.

लेकिन अभी वक्त से पहले कुछ भी कहना मुनासिब नही था. अब मैने उनको डॉगी स्टाइल में छोड़ना शुरू किया. पूरे कमरे में चप्पा छाप की आवाज़ैईन आ रही थी.

10-15 मीं मैने चाची को इसी आंगल में छोड़ा. मैं साथ साथ उनके बूब्स को भी प्रेस कर रहा था. जिनसे अब मिल्क की धरायण निकल रही थी.

मुझे बहोट ँज़ा आ रहा था. मैने अब अपनी पोज़िशन दोबारा चेंज की और चाची को अपने लंड पे बिता दिया और खुद नईएचे आ गया. अब मेरा लंड उनकी छूट में और उनके मिल्की बूब्स मेरे मूह मैं थे.

मैं उनके मिल्क को टेस्ट कर रहा था किया मस्त टेस्ट था उनके मिल्क का. चाची अब बिल्कुल बेजान से हो गयी थी. यह मैं आचे से महसूस कर रहा था.

अब मैने अपनी स्पीड बढ़ा दी और उनसे पूछे बाघैर ही अपना सारा माल उनकी छूट में डाल दिया. चाची को होश तब आया जब मेरा गरम माल उनको उनकी छूट के अंदर महसूस हुआ.

मैं अब फारिघ् हो गया था लेकिन साथ ही अचानक मुझे शॉक लगा. जब चाची ने अचानक मुझ पे रोते हुआ ठाप्प्रों की बारिश कर दी. और फिर एकद्ूम अलग होके अपने काप्राय पहने और दूसरे रूम में जाके रूम लॉक कर लिया.

(तो बे कंटिन्यूड.)

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