चाची की गांद मारते हुए लड़के की हॉट कहानी

हेलो मैं राज आपका फिरसे स्वागत करता हू देसी कहानी की साइट पर. उम्मीद आप सभी आचे होंगे, और अपनी सेक्स लाइफ एंजाय कर रहे होंगे. आप मुझे अपनी फीडबॅक ज़रूर भेजा करे. इससे हमे हॉंसला होता है, और अपनी स्टोरी आप तक पहुँचते हुए अछा भी लगता है, जब आप हमे प्यार देते है. आप मुझे एमाइल कर सकते है, या सकती है हॉटमास्ती190@गमाल.कॉम पर.

आप सभी के जो मेल्स आ भी रहे है, उसके लिए आपका थॅंक्स. यू ही आप हमसे बात करते रहे. बहुत लोगों ने मुझसे पूछा है, की क्या मैने सिर्फ़ मा समान चाची को ही छोड़ा है परिवार में, या किसी और को भी.

तो मैं आपको बताता हू अपने सेक्स के वो पल. आप इसको अपने रिलेटिव्स के बारे में सोच कर पढ़ेंगे तो आपको और अधिक मज़ा आएगा. और आप अपनी छूट और लंड को आचे से शांत कर पाएँगे.

जैसा आप सभी जानते है की मेरी आगे अब 28 हो चुकी है, और मैं एक आचे लंड का मलिक हू, जो की 7 इंच लंबा, और काफ़ी मोटा है. इसके अलावा मुझे लंबा छोड़ने का एक्सपीरियेन्स है.

ये कोई झूठ बात नही है. क्यूंकी मैने बहुत लड़कियों और औरतों से सुन लिया है, की मेरे लंड का साइज़ तो थिक है ही और मैं छोड़ता भी बहुत मस्त हू. और आज तक मैं 35 लॅडीस, 20 के पास गर्ल्स, आंड 100 के पास सेक्स वर्कर्स के साथ सेक्स कर चुका हू. और भगवान की दया और आप सब के प्यार के कारण अभी भी गाड़ी आचे ट्रॅक पर ही है.

अब ज़्यादा लंबा बात को ना खींचते हुए आपको ले चलता हू छूट और लंड की दुनिया में.

जैसे आप सभी ने मेरी पिछली स्टोरी,” मा समान जैसी चाची को छोड़ा” को पढ़ा होगा. तो आपको पता ही होगा की मैने कैसे उनके जिस्म और छूट की आग को अपने लंड से शांत किया.

अब मैं अपनी चाची शीला को जब भी मौका मिलता, तो उनकी छूट को अपने कड़क लंड से आचे से पेलता था. लेकिन चाची ने कभी मुझे अपनी गांद नही मारने दी थी. बस मैं उनकी गांद में उंगली ही डाल पाता था, जब भी मैं उनके साथ सेक्स करता था.

एक दिन मैने चाची की गांद मारने के लिए प्लान बनाया, की जब तक मुझे चाची गांद नही छोड़ने देती, तब तक मैं उनकी छूट भी नही छोड़ूँगा. और मेरा ये प्लान वर्क भी कर गया.

2 दिन बाद चाची अपने आप मुझसे बोली: क्या बात है मेरे पातिदेव. आपको अपनी इस शीला चाची की छूट की याद नही आती?

फिर मैने उन्हे कहा: शीला मेरी जान, तेरी छूट की याद तो मुझे हर पल तड़पति है, लेकिन उससे भी ज़्यादा मुझे आज कल तेरी गांद तडपा रही है. और मैने सोच लिया है, की जब तक तुम मुझे तेरी गांद के छेड़ में अपना लंड नही डालने देती, तब तक मैं तुझे छूट वाली जगह भी नही छोड़ूँगा.

तो चाची बोली: सब खुच तेरा ही तो है मेरे बेटे. तेरे लंड के दिए दिन ही है, वरना मेरी जवानी तो यू ही बेकार जेया रही थी. सच पूछो तो तुम मेरे दूसरे पति हो, जिसने मुझे दोबारा सेक्स का मज़ा लेना सिखाया है. और मेरी छूट की सारी गर्मी अपने इस मस्त लंड से शांत की.

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इतनी बात होने के बाद मैं चाची को अंदर वाले रूम में ले गया, क्यूंकी दिन में बाहर वाले कमरे ओपन में खुले थे, तो कोई भी हमे वाहा देख सकता था.

और चाची के दोनो बच्चे अब स्कूल गये थे. तो इससे अछा मौका मिलना नही था चाची की गांद को फाड़ने का. फिर मैने चाची की गांद करीब 20 मिनिट तक मारी. चाची को बहुत दर्द सहन करना पड़ा, तब जाके उसकी गांद मारने में कामयाब रहा. और जिसने गांद मारी है, या फिर जिस भी सेक्सी लेडी ने गांद मरवाई है, उनको पता ही है की फर्स्ट टाइम गांद मारते टाइम और मरवाते टाइम कितना दर्द होता है.

तो जब मैं चाची की गांद छोड़ रहा था, तो मुझे कुछ शक हुआ की कोई चाची और मेरी चुदाई को देख रहा था दरवाज़े में से. बुत मैने चाची की गांद छोड़ना जारी रखा. मैने 30 मिनिट तक आराम-आराम से, और कभी तेज़-तेज़ चाची की गांद को खूब छोड़ा. मुझे बहुत मज़ा भी आया, आक्च्युयली हम दोनो को मज़ा आया.

लेकिन मेरा पूरा ध्यान उस बाहर वाले दरवाज़े पर था. मैने चाची को इशारा किया तो चाची भी समझ गयी, और वो यू ही आक्टिंग करती रही, जैसे मेरा माल अभी भी मेरे लंड में ही था. फिर मैं बेड के नीचे उतरा, और दरवाज़े की तरफ भगा. तो बाहर वाला पर्सन वापस जाने लगा.

फिर मैने छेड़ से देखा, तो ये कोई और नही मेरी बड़ी मा(टाई) थी. मेरे होश उडद गये उन्हे देख कर. फिर कुछ देर बाद चाची मेरे पास आई और बोली-

चाची: क्या हुआ राज? कों है?

मैं बोला: बड़ी… बड़ी..

मेरे होंठ सही से बोल नही पा रहे थे, और बड़ी मुश्किल से मैं बड़ी मा बोल पाया. चाची की शकल देखने लायक थी, और साथ में मेरी. 2 मिनिट कोई कुछ नही बोला. फिर मैं चाची से बोला-

मे: अब क्या होगा चाची जी? बड़ी मा ने सब कुछ देख लिया है, की कैसे मैं आपकी गांद को छोड़ रहा हू, और कैसे मेरी चाची मेरे लंड से गांद मरवा के मज़े ले रही है.

चाची जी: राज एक बात है, जो गांद मरवाते टाइम मुझे दर्द हुआ था, और उसके बाद जो मज़ा आया था, मैं उससे अछा कुछ फील नही कर सकती. गांद में जब लंड जाता है, तो अलग ही मज़ा आता है. लेकिन अब उससे ये बड़ी सज़ा होने वाली है, अगर दीदी ने कही किसी को कुछ बोल दिया तो.

मे: तो अब क्या करे? हम दोनो तो गये काम से.

चाची मेरे मज़े लेती हुए बोली: और मार ले गांद. मिल गयी तुझे तो गांद, तू तो खुश हो जेया अब.

मे: चाची इधर पहले ही फटी पड़ी है, और तुम्हे मज़ाक सूझ रहा है.

चाची: सॉरी जान, बुत अब तो दीदी का वेट ही करना पड़ेगा, की वो हमारी इस चुदाई के बारे में किसी को ना बताए.

मे: वो ऐसा क्यू करेगी? वो ज़रूर बताएगी.

चाची: मेरी जान, तू औरत को नही जानता. जब उसको तेरे जैसे लंड का मज़ा मिलता है, तो उसकी भी छूट में खुजली होने लग जाती है. चाहे वो चाहे या ना चाहे.

मे: आप क्या बोल रही है? मुझे कुछ समझ नही आ रहा.

चाची: अर्रे पागल, अगर उसको किसी को बताना होता, तो सबसे पहले वो हम दोनो को ही बीच में बोल पड़ती, और उसके सामने तब हम सही से चोर होते. लेकिन नही, उसने हमे सिर्फ़ चुदाई करते हुए देखा, और ये वो जानती है. लेकिन वो ये नही जानती की हमे भी ये पता चल गया, की तेरी बड़ी मा सुमन ही हम दोनो को चुदाई करते देख रही थी. लगता है तेरी बड़ी मा को तेरा लंड पसंद आ गया है.

मे: आप भी ना, कुछ भी बोल देती है. ऐसा कुछ नही है, और नक़ मैं ऐसा उनके बारे कुछ सोचता हू.

चाची: एक औरत को एक औरत ही आचे से समझ सकती है, और उसने तो तेरा लंड आंड लंड का दूं दोनो ही देख लिए है.

मे: मैने आपको बोला ना, ऐसा कुछ नही है मेरे मॅन में, और ना ही होगा कभी. तुम हो ना मेरे लिए, और तेरी छूट ही काफ़ी है. और अब तो मैं गांद भी मारूँगा. तो और मुझे क्या चाहिए?

चाची: हा सब ठीक है, लेकिन तेरी बड़ी मा सुमन भी मुझे प्यासी लगती है. लेकिन इसकी ये दबे पाईं घर में अंदर आने की आदत नही जाएगी. अगर ये बोल के अंदर आती तो इसको कुछ पता नही लगता.

मे: हा ये तो आप सही कह रहे हो. मैने काई बार नोटीस ईया है.

चाची: अब कुछ और नोटीस करने का टाइम आ गया है मेरी जान.

मे: क्या?

चाची: अर्रे चाची की छूट और गांद को तो तूने बजा के रख दिया. अब सुमन दीदी की बारी है. लगता है उन्हे तेरे लंड का दर्शन अछा लगा. तभी तो वो 30 मिनिट से उपर तक हम दोनो को देखती रही. अब उसको नोटीस करो मेरे छोड़ू सैयाँ. तभी हम दोनो का ये छूट और लंड का मिलन आचे से जारी रहेगा.

मे: मैने आपको बोला है ना, की ऐसा कुछ नही होगा.

हम दोनो की कुछ देर और बात हुई, और तब कुछ देर बाद बच्चे स्कूल से आ गये. फिर मैं अपने घर पर वापस आ गया. मैं घर तो आ गया, लेकिन मैने उधर चाची को तो बोल दिया की ऐसा कुछ नही होगा.

लेकिन मेरे दिमाग़ से चाची वाली बात गयी नही, की मैं अब बड़ी मा को नोटीस करू, और उनको भी लंड की ज़रूरत है, उनकी भी छूट प्यासी है.

अब अगले पार्ट में क्या होगा ये ज़रूर पढ़े. मिलते है जल्दी ही, तब तक आप लोग मुझे यू ही प्यार करते रहे, और अपना फीडबॅक भेजते रहे. आप लोगों की एमाइल्स आ रही है, और मैं सब का रिप्लाइ करने की कोशिश भी करता हू.

सभी लॅडीस आंड गर्ल्स आंड में ऑल्सो यू ही अपनी फीडबॅक मेरी एमाइल ईद हॉटमास्ती190@गमाल.कॉम पर भेज सकते है. अगर कोई आंटी या लॅडीस आस-पास या थोड़ी सी डोर भी हो इन हरियाणा, तो मुझे कॉंटॅक्ट कर सकती है मेरे देल्ही कॉंटॅक्ट पे. युवर प्राइवसी इस मी प्राइयारिटी.












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