नमस्ते दोस्तों, आज की सेक्स कहानी मेरे 23र्ड बर्तडे के दिन की है. कैसे परिवार के ही 6 मर्दों ने मेरी गंगबांग चुदाई की.
मेरे बर्तडे की सुबा नॉर्मल तरह से ही हुई. मैं ब्रेकफास्ट करके कॉलेज चली गयी, और मम्मी भी मामा के घर जाने वाली थी. घर में सिर्फ़ मैं और पापा ही रहने वाले थे. और जब-जब ऐसा हुआ है, मेरी जाम के चुदाई हुई है.
इस बार भी हर बार की तरह मैं उत्सुक थी. फिर मैं कॉलेज चली गयी. कॉलेज से वापस आते वक़्त कड़ी धूप थी, और मैं वापस आते-आते पसीने से भीग गयी थी.
मैं सीधा किचन में पानी पीने गयी. मैं पानी पी ही रही थी, की पीछे से दो हाथ आए, और मेरी त-शर्ट के अंदर डाल कर मेरे पसीने से भीगे बूब्स को दबाने लगे. मुझे लगा पापा थे, तो मैं भी मज़े करने लगी.
मैं भी हॉर्नी हो गयी, और अपनी गांद को पीछे करके उनकी पंत के अंदर खड़े लंड पे रगड़ने लगी. जैसे ही मैं उन्हे किस करने पीछे मुड़ती हू, तो डांग रह जाती हू. वो पापा नही मेरे बड़े चाचा थे.
मे: चाचा आप कब आए?
चाचा बिना कोई जवाब दिए मुझे किस करने लगे. तभी मेरी नज़र पीछे पड़ी तो मैने देखा की गाओं से लोग आए हुए थे. गाओं से 5 लोग आए हुए थे, और सब ने गाओं में मेरी चुदाई की थी. मेरा और पसीना छ्छूटने लगा.
गाओं के बड़े भैया: आज तेरा बर्तडे है, तो सब तुझे गिफ्ट देने आए है.
मैं तो शॉक में थी. तभी चाचा ने मुझे घुमाया, और मेरी त-शर्ट बूब्स तक उठा दी, और मेरे पसीने से भरे बूब्स को चाटने लगे. सब मेरी तरफ हवस से देख रहे थे. मेरी चुदाई तो पक्की थी. चाचा मेरे बूब्स को चूस्टे-चूस्टे काटने लगे.
मे: आआहह चाचा, आराम से.
मेरी आँखों में आँसू थे. मैने सोचा था ये बर्तडे मैं सिर्फ़ पापा के साथ मनौँगी. मगर मेरी ऐसी किस्मत कहा. फिर चाचा मुझे अपने घुटनो पर बिता कर, मेरे मूह में लंड डाल कर मेरे मूह को छोड़ने लगे.
चाचा: वाह भाई, पिछली बार के मुक़ाबले बहुत कुछ सीख गयी है. लंड बिल्कुल अंदर तक जेया रहा है.
पापा: इसको छोड़-छोड़ कर सिखाया है मैने भैया. आप बस मज़े लो.
थोड़ी देर बाद चाचा ने अपना सारा माल मेरे फेस पर गिरा दिया. सब मेरे कम से भरे चेहरे को देख कर हासणे लगे. तभी बड़े भैया ने मुझे एक गिफ्ट बॉक्स दिया. जब मैने उसे खोल कर देखा तो उसमे रेड कलर की सारे थी.
पापा: ठीक एक घंटे में इससे पहें कर, और साज-धज कर नीचे आ जेया. आज सब के साथ तेरा बर्तडे मनाएँगे.
मैं गिफ्ट बॉक्स लेकर अपने कमरे में चली गयी और सभी लोग ड्रिंक करने लगे. चाचा का कम अभी भी मेरे बॉडी पे था. तो मैं सीधा नहाने बातरूम में चली गयी. अभी मैं अपने सारे कपड़े उतार कर नहाना शुरू ही कर रही थी, की पीछे से बड़े भैया भी बातरूम में आ गये.
भैया: आहह सीमा, मुझसे रुका नही जेया रहा.
मे: भैया मगर पापा ने मुझे रेडी होके नीचे आने बोला है.
भैया: चुप साली.
भैया ने मुझे बातरूम की वॉल पर दबाया और मेरी टाँगों को फैला कर अपना लंड सीधा मेरी छूट मैं डाल दिया, और मुझे छोड़ने लगे. हम दोनो शवर में भीग रहे थे, और भैया मुझे छोड़े जेया रहे थे.
वो मोमेंट बहुत ही हॉट था. भैया का मुझपे पूरी तरह कंट्रोल था. मैं भी हॉर्नी हो गयी और मोन करने लगी. भैया भी मुझे किस करते हुए छोड़ते रहे. मैने भी भैया को कस्स कर जाकड़ लिया था. मेरे बूब्स बैठा की छाती पर दबे जेया रहे थे.
फिर भैया ने मेरी एक टाँग उठा कर वहीं लगे एक स्टॅंड पर रख दी, और मेरे बूब्स को मूह में लेकर दोबारा छोड़ने लगे.
भैया: वाह सीमा, इतना चूड़ने के बाद भी तेरी छूट अभी भी इतनी टाइट है.
मे: आअहह ह भैया.
भैया: ऐसे ही मोन करती रह सीमा, मेरी रंडी बेहन.
फिर भैया ने मुझे पलताया, और पीछे से मेरी छूट में लंड डाल कर छोड़ने लगे. भैया ने अपने हाथ से मेरे फेस को वॉल पर दबा रखा था. मैं ज़ोर-ज़ोर से मोन कर रही थी. मज़ा तो मुझे भी बहुत आ रहा था, पानी में भीग-भीग के चुड जो रही थी.
भैया बीच-बीच में मेरी गांद पर ज़ोर का थप्पड़ मारते. स्किन गीली होने के कारण और ज़ोर से लग रही थी. भैया भी मेरी गरम छूट का खूब फ़ायदा उठा रहे थे, और वो भी मोन कर रहे थे. उनको मोन करते देख मेरी थोड़ी हस्सी सी छूट गयी. फिर भैया ने गुस्से से मुझे देखा, और मेरे बालों को अपने एक हाथ पे लपेटा और ज़ोर से खींचा.
मेरी ज़ोर से चीख निकली. मेरा सारा मज़ा दर्द में बदल गया. भैया ने भी अपनी स्पीड डबल कर दी.
मे: आहह आअहह भैया. सॉरी भैया. आराम से करो.
भैया: बहुत हस्सी निकल रही थी ना साली तेरी. हस्स अब.
भैया का जोश बढ़ता चला जेया रहा था. मेरी चीख ना निकले इसके लिए भैया ने मेरे मूह को भी दूसरे हाथ से बंद कर रखा था. मुझे तो लग रहा था की आज मेरी छूट फाड़ कर ही मानेंगे. कुछ देर बाद भैया ने मुझसे बिना पूछे ही अपना सारा माल मेरी छूट के अंदर ही गिरा दिया.
मे: भैया नही, ये किया किया आपने. ये बिल्कुल भी सेफ नही है.
भैया: चुप साली रांड़. तेरे अंदर ना-जाने कितनो ने अपना माल छ्चोढा है. आज तक कुछ हुआ? नही ना. इस बार भी कुछ नही होगा.
ऐसा बोल कर भैया ने हेस्ट हुए मेरे चुचे दबाए और जल्दी नीचे आने को कहा. दो लोगों से चुड कर मैं तक सी गयी थी. मगर नीचे तो जाना ही था. तो फिर मैं दोबारा नहाने लगी, और भैया के माल को अपने अंदर से सॉफ करने लगी.
इतनी चुदाई के बाद भी जब मैं अपने परिवार के मर्दों से चूड़ने के लिए रेडी हो रही थी, तो मेरे मॅन में एक अलग सी बेचैनी थी. मेरी पनटी पूरी तरह गीली हो रही थी. फिर मैने नोटीस किया की सारी का ब्लाउस नही था. तो मैने अपनी ही एक रेड ब्रा पर सारी पहन ली.
तैयार होने के बाद मैं खुद को मिरर में देखने लगी. वाकाई में एक नंबर की रंडी लग रही थी. फिर मैं बाहर निकली और नीचे गयी.
इसके आयेज की चुदाई कहानी नेक्स्ट पार्ट में बताती हू. अगर आपको स्टोरी अची लगी तो कॉमेंट्स में ज़रूर बताए.