हेलो दोस्तों, मैं सोनू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था की बड़े पापा एक हफ्ते से मम्मी को छोड़ रहे थे, और मैं और मम्मी चुदाई नही कर पा रहे थे. फिर हम लोगों को बड़े पापा की बेटी की शादी में गाओं भी जाना था, और हम लोग कार से जाने वाले थे. अब आयेज-
फिर मैं, मम्मी, और बड़े पापा हम लोग शाम में कार से गाओं निकल गये. क्यूंकी हम लोगों को अगले दिन सुबा गाओं पहुँचना था. मैं कार चला रहा था. मेरी बगल वाली सीट में मम्मी बैठी थी, और पीछे वाली सीट में बड़े पापा बैठे थे.
रात काफ़ी हो चुकी थी. पूरा रास्ता सुनसान था. बड़े पापा सो रहे थे. मम्मी जागी हुई थी. मैं बहुत देर से कार चला रहा था. मेरे को अब नींद आने लग गयी थी. मैं मम्मी से बोला-
सोनू: मम्मी मेरे को बहुत नींद आ रही है. कुछ देर आप कार चला लो. मैं तोड़ा सो जाता हू.
मम्मी: हा बेटा तू बहुत देर से कार चला रहा है. तोड़ा आराम कर ले.
फिर मम्मी कार चलाने लगी, और मैं सो गया. लगभग 2 घंटे बाद मेरे आँख खुली तो मैने देखा कार सड़क के किनारे रुकी थी, और कार में मम्मी और बड़े पापा नही थे. मैं समझ गया रात में इतनी सुनसान जगह में ये लोग ज़रूर चुदाई करने के लिए ही कार रोके थे.
फिर मैं कार में बैठे-बैठे ही इधर-उधर देखने लगा. मेरे को मम्मी और बड़े पापा दिखाई नही दिए. तभी मेरी नज़र कार के मिरर में पड़ी, तो पीछे कार की बॅक लाइट में मम्मी और बड़े पापा दिखाई दिए.
कार की बॅक लाइट की लाल रोशनी में दोनो सॉफ दिखाई दे रहे थे. मम्मी कार के दिक्क़ी में हाथ रख के खड़ी हुई थी, और पीछे से बड़े पापा मम्मी की सारी को उपर करके मम्मी को छोड़ रहे थे.
बड़े पापा एक हाथ से मम्मी के दूध को दबा रहे थे, और पीछे से ज़ोर-ज़ोर से धक्के मार रहे थे. मैं चुप-छाप मिरर से सब देख रहा था.
कुछ देर में मम्मी और बड़े पापा की चुदाई ख़तम हो गयी, और दोनो कार में आके बैठ गये. मैं सोने का नाटक करने लगा, और मम्मी वापस कार चलाने लगी. कुछ देर में मम्मी मेरे को उठाई और बोली-
मम्मी: बेटा अब तू कार चला ले, मैं तक गयी हू. थोड़ी देर सो लेती हू.
सोनू: हा ठीक है.
फिर मैं कार चलाने लगा, और मम्मी मेरे बगल वाली सीट में बैठ कर सोने लगी. बड़े पापा तो मज़े से पीछे वाली सीट में सो रहे थे. फिर सुबा के 11 बजे हम लोग गाओं पहुँच गये. मैं ज़्यादा देर तक कार चलाया था, इसलिए मैं बहुत बुरी तरह से तक गया था.
फिर हम लोग बड़े पापा के घर पहुँच गये. बड़े पापा का घर बहुत बड़ा था. फिर हम लोग घर के अंदर गये, और सब से मिलने लगे. मैं अपने दादा जी से मिला. मम्मी भी दादा जी के पैर च्छुई.
फिर आई मेरी बड़ी मम्मी रंजीता, जो की मेरे बड़े पापा की पत्नी है. बड़ी मम्मी मम्मी से मिली. मैं बड़ी मम्मी को देख रहा था.
मेरी बड़ी मम्मी 40 साल की है, और बहुत ही खूबसूरत है. एक-दूं गोरी-चित्ति और दूध तो मेरी मम्मी से भी ज़्यादा बड़े-बड़े है. पेट तोड़ा सा निकला हुआ है, पर बड़ी मम्मी का चूतड़ मेरी मम्मी के चूतड़ से भी बड़ा है. बड़ी मम्मी बहुत ज़्यादा मादक औरत है.
बड़ी मम्मी ग्रीन कलर की सारी पहने रहती है, जो की नाभि के नीचे तक रहती है. जिसमे बड़ी मम्मी का मुलायम पेट कमाल का दिख रहा होता है. बड़ी मम्मी डीप नेक वाला ब्लाउस पहनी होती है. उसमे बड़ी मम्मी का बड़ा-बड़ा दूध आधा बाहर रहता है. वो बहुत मादक लग रही होती है. मेरा लंड जीन्स के अंदर ही खड़ा हो गया था. मॅन तो कर रहा था बस अभी बड़ी मम्मी को छोड़ू.
फिर बड़ी मम्मी मेरे को देखी और मेरे गले लग गयी. बड़ी मम्मी का दूध मेरे छ्चाटी में पूरा दबा हुआ था. फिर मैं भी बड़ी मम्मी के चूतड़ पर हल्का सा हाथ रख हल्का-हल्का सहलाने लगा. कुछ देर गले लगने के बाद बड़ी मम्मी मेरे से अलग हुई और बोली-
रंजीता: क्या बात है सोनू, तू बड़ा होने के साथ-साथ बहुत ही ज़्यादा हॅंडसम हो गया है.
सोनू: बड़ी मम्मी आप भी तो बहुत खूबसूरत हो गयी हो.
रंजीता (शरमाते हुए): हॅट पागल!
फिर बड़ी मम्मी मेरे गाल पे किस करती है. उसके बाद हम लोगों के लिए नाश्ता लाने किचन में चली जाती है. फिर रेणु चाची मम्मी से मिलती है (रेणु चाची 33 साल की है). वो मेरे चाचा महेंद्रा की पत्नी रहती है, और महेंद्रा चाचा की मौत बहुत पहले ही हो चुकी रहती है. रेणु चाची विधवा रहती है, और उनका एक बेटा भी है जो की बहुत छ्होटा है.
चाची जब मम्मी से मिल रही होती है, तब मैं उनको आचे से देखता हू. रेणु चाची दिखने में बहुत खूबसूरत रहती है. एक-दूं गोरी-चित्ति, बड़े-बड़े दूध, पेट तोड़ा सा निकला हुआ रहता है, और मस्त बड़ा-बड़ा बाहर निकला हुआ चूतड़. रेणु चाची एक-दूं चिकनी माल रहती है. मैं मॅन ही मॅन सोच लिया रहता हू, की रंजीता और रेणु दोनो को छोड़ूँगा.
रेणु चाची ऑरेंज सलवार सूट पहने रहती है, और सलवार सूट बहुत ज़्यादा टाइट रहता है. उसमे रेणु चाची के दूध की पूरी गोलाई दिखती रहती है, और चलते हुए रेणु चाची का चूतड़ उछलते-उछलते हुए सॉफ दिखाई देता है.
फिर रेणु चाची मेरे पास आती है, और मेरे को गले लगा लेती है. चाची का बड़ा-बड़ा दूध मेरी छ्चाटी में धस्स जाता है. मैं भी अपना हाथ उनके चूतड़ में रख कर हल्का-हल्का उनके चूतड़ को सहलाता हू. चाची धीरे से मेरे कान में बोलती है.
रेणु: अछा जी, मेरा चूतड़ तेरे को पसंद आ गया?
चाची के मूह से ऐसा सुनते ही मैं तोड़ा शॉक हो जाता हू. लेकिन फिर मैं सोचता की जब चाची खुद से ऐसा बोलना शुरू की थी, तो मैं क्यूँ पीछे रहता. मैं बोला-
सोनू: हा बहुत पसन्द आया, और मेरे को आपका ये पूरा मादक खूबसूरत जिस्म भी पसंद आया.
रेणु: अछा, क्या तू मेरे जिस्म की प्यास बुझा पाएगा?
सोनू: हा बिल्कुल बुझा दूँगा.
रेणु: अगर तू मेरी प्यास बुझा देगा तो मैं तेरी रंडी बन जौंगी.
सोनू: तो फिर मेरी रंडी बनने के लिए तैयार रहो.
रेणु: देखते है तू मेरी प्यास बुझा पाता है या नही.
फिर चाची मेरे से अलग होती है. मैं और मम्मी बड़े पापा की बेटी रीमा जिसकी शादी रहती है, उससे मिलते है. फिर हम सब लोग बैठ के नाश्ता करते है, और घर के बाकी मेहमआनो से मिलते है.
सब से मिलने के बाद बड़ी मम्मी मेरे को और मम्मी को एक रूम दे देती है. फिर मैं और मम्मी रूम में जाके तोड़ा फ्रेश होते है, और हम लोग सफ़र के वजह से बहुत तक गये होते है, तो हम लोग सो जाते है. फिर रात में 8 बजे बड़ी मम्मी हम लोगों को उठती है, और खाना खाने के लिए नीचे बुलाती है.
मैं और मम्मी नीचे जाके सब के साथ बैठ के खाना खाते है. बड़े पापा डोर से बैठे-बैठे मम्मी को घूरते रहते है, क्यूंकी उनको अब मम्मी को छोड़ने का मौका नही मिल रहा था.
हम लोग खाना खाने के बाद थोड़ी देर बैठ के बात करते है. फिर मैं और मम्मी वापस रूम में आ जाते है, और थोड़ी देर आराम करते है. कुछ देर बाद मैं मम्मी से बोला-
सोनू: मम्मी मैं पुर एक हफ्ते से आपको नही छोड़ा हू, और मेरे को बहुत ज़्यादा जोश चढ़ा हुआ है. आज मौका मिला है, आज मैं आपको छोड़ूँगा.
मम्मी: हा तो छोड़ ना मेरी जान. मैं भी तेरे से चूड़ने के लिए तड़प रही हू.
फिर मैं मम्मी के होंठो को चूस्टा हू. तभी कोई हमारे रूम का दरवाज़ा खटखटा है. हम लोग तुरंत अलग हो जाते है. फिर मम्मी जाके दरवाज़ा खोलती है, तो बड़ी मम्मी बाहर खड़ी रहती है, और मम्मी को बोलती है-
रंजीता: अर्रे रेशुमा, जल्दी नीचे चल. आज संगीत का कार्यक्रम है. सभी औरतें आ चुकी है. तू भी जल्दी से नीचे आ.
मम्मी: हा दीदी आ रही हू.
फिर बड़ी मम्मी चली जाती है, और मम्मी मेरे को बोलती है-
मम्मी: बेटा मेरे को जाना पड़ेगा.
मैं तोड़ा गुस्से में बोला-
सोनू: क्या है ये मम्मी! पिछले 1 हफ्ते से मैं आपको नही छोड़ पाया हू. हमारे घर पे दिन भर बड़े पापा आपकी छूट के में घुसे रहते थे. मैने सोचा था यहा मौका मिल जाएगा. लेकिन यहा भी नही मिल रहा है. आप एक काम करना, जैसे ही मौका मिले, आप मेरे पास आ जाना. मैं आपका यही रूम में वेट करूँगा.
मम्मी मेरे को च्चेड़ते हुए बोली-
मम्मी: हम दोनो का चुदाई कर पाना मुश्किल है आज भी. जेठ जी मेरे इस जिस्म का मज़ा लेंगे, और मेरे को दबा के छोड़ेंगे.
सोनू: सुन लो, अगर आप मेरे को शांत किए बिना बड़े पापा से चूड़ने गयी, तो मेरे से बुरा कोई नही होगा.
मम्मी (हेस्ट हुए): मैं तो जेठ जी के पास ही जौंगी.
सोनू: अगर मेरे से पहले तू बड़े पापा के पास गयी तो देख लेना मैं तेरे क्या हाल करूँगा.
फिर मम्मी रूम से बाहर चली गयी, और मेरी तरफ मूडी, और मेरे को च्चेड़ते हुए अपने चूतड़ को मसली और बोली-
मम्मी: आ जेठ जी, श, और मस्लो ना मेरे चूतड़ को.
फिर हेस्ट हुए और मम्मी जाते हुए अपने चूतड़ को और ज़ोर-ज़ोर से मतकाते हुए चली गयी. मैं भी उपर से देख रहा था नीचे सभी औरतें बैठी हुई थी, और मम्मी भी उनके बीच जाके बैठ गयी. फिर संगीत का कार्यक्रम शुरू हो गया.
संगीत का कार्यक्रम चल रहा था. मैं वही उपर खड़े हो कर देख रहा था. फिर लगभग 1 घंटे बाद मम्मी चुप-छाप से सभी औरतों के बीच से निकल गयी, और उपर आने लगी. मम्मी को नही पता था की मैं उनको देख रहा था.
फिर मम्मी उपर आई, और हमारे रूम से तोड़ा डोर एक और रूम था वाहा गयी, और अंदर जाके रूम का दरवाज़ा बंद कर दी. मेरे को ये लग रहा था की मम्मी मेरे पास आ रही थी. लेकिन मम्मी दूसरे रूम में चली गयी. पर उस रूम में मम्मी क्यूँ गयी?
अगले पार्ट में बतौँगा आयेज क्या हुआ. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे.