बस में भाभी के जिस्म का मज़ा

भाभी सेक्स स्टोरी अब आयेज से-

बस का वेट करते हुए रोशनी मुस्कराने लगी. तभी मैने भाभी का हाथ पकड़ लिया. भाभी एक-दूं शर्मा गयी, और हाथ शर्मा कर पीछे करने लगी. पर मैने और कस्स के पकड़ लिया. तो भाभी ने शर्मा कर मेरा हाथ भी पकड़ लिया. कुछ देर बाद बस आ गयी, और हम दोनो चढ़ गये. अंदर आते ही बस कंडक्टर ने मुझे पहचान लिया.

वो बोला: अर्रे कालू भाई, क्या हाल है?

मैं: बस बढ़िया, आज बीवी के साथ कहीं जेया रहा हू.

रोशनी ने एक-दूं शॉक में मुझे शरमाते हुए देखा, और शर्मा कर मुस्कुराने लगी.

कंडक्टर: भाभी जी नमस्ते.

रोशनी (शरमाते हुए): नमस्ते जी.

तभी मैने भाभी का पल्लू साइड कर दिया. भाभी का आधा मुलायम पेट और नाभि दिखने लगे. मैने तभी कक्च, रोशनी की चिकनी कमर में उंगलियाँ गाड़ कर कस्स के पकड़ लिया.

रोशनी: आहह हुहह.

रोशनी और शर्मा गयी, और मूह झुका लिया. कंडक्टर भी रोशनी का मुलायम पेट और नाभि देख कर मुस्कुराने लगा, और मुझे देखने लगा.

कंडक्टर: कालू भाई, भाभी तो बड़ी सुंदर है.

मैं: हा वो तो है. बहुत प्यार करती है मेरे से.

भाभी शर्मा कर इधर-उधर देखने लगी. घर से बाहर मैं अपने पुर बदमाशी वाले रंग में आ चुका था, और मेरा ये रूप देख भाभी की साँस भी तेज़ हो रही थी. वो मुस्कुरा भी रही थी. आज तक भैया ने भी भाभी की चिकनी कमर को बाहर ऐसे नही पकड़ा होगा, जैसे मैने आज पकड़ा था. पर फिर भी भाभी ने ज़रा सा भी माना नही करा. इससे मेरी हवस और हिम्मत और बढ़ गयी.

बस में भीड़ थोड़ी बढ़ गयी तो मैं भाभी से बिल्कुल पीछे से चिपक कर खड़ा हो गया. उम्म, भाभी की गोल मोटी गांद में मेरा मोटा लंड घुसने लगा. पहली बार भाभी को मेरे मोटा लंड महसूस हुआ था. मैने भाभी से बिना पूछे उनका बाकी पल्लू भी पूरा साइड कर दिया, और कमर से मसालते हुए अब मैने रोशनी भाभी का पूरा मुलायम पेट कस्स के पकड़ लिया.

भाभी मॅन ही मॅन बहुत तेज़ साँस लेने लगी. शायद वो भी गरम हो रही थी. मेरे जैसे हरामी को और क्या चाहिए बस? मैं और मज़े से भाभी का मुलायम पेट बस में मसालने लगा. अब मुझे कोई शरम नही थी. क्यूंकी इतने दीनो से घर के बाहर मुझे ये पहला मौका मिला था, जहाँ कोई मुझे कुछ बोल नही सकता था. आज तो भाभी को कस्स के चूस कर निचोढ़ दूँगा.

भाभी भी जानती थी की आज मैं घर से बाहर अपने असली रूप में उनके इस जवान मादक जिस्म का आचे से मज़ा लूँगा. इसीलिए वो भी बहकने लगी. भाभी ने देखा कंडक्टर कैसे उनका मुलायम पेट घूर रहा था, जिसको मैने कस्स के नोच कर पकड़ रखा था. 2 हरमियों को एक साथ देख कर भाभी भी शरमाने लगी. पीछे से उसकी गोल गांद में मैं अपना मोटा लंड भी दबा रहा था.

रोशनी (मॅन ही मॅन): आ ह्म उहह.

तभी ड्राइवर ने एक-दूं से ब्रेक मारी और झटका लगा. और मेरा मोटा लंड रोशनी की सारी में अंदर तक सेक्सी गांद में टच हो गया. मैने भी एक-दूं झटके से उसका मुलायम पेट कस्स के नोच लिया.

रोशनी (मॅन ही मॅन): आह हे भगवान.

अपने हरामी और बदमाश देवर का मोटा लंड भाभी महसूस कर रही थी. वो और भी शर्मा गयी. तभी भाभी को मम्मी का फोन आ गया.

मम्मी: हा बहू, डॉक्टर ने देखा क्या?

रोशनी (अपनी सिसकियाँ कंट्रोल करते हुए): नही मम्मी जी, अभी हम पहुँचने वाले है.

मम्मी: आछा. और अपनी कमर धक कर राखियो, समझ गयी?

रोशनी (शरमाते हुए): जी मम्मी. धक कर रखी है.

मम्मी: अछा और वो बदमाश देवर तेरा, कुछ बदमाशी तो नही करी उसने?

रोशनी (मुस्कुराते हुए): नही मम्मी जी, वो आराम से खड़े है.

फिर मम्मी ने फोन काट दिया, और भाभी ने भी मुस्कुराते हुए फोन रख दिया. फोन रखते ही भाभी तोड़ा पीछे हो गयी, और हल्का सा अपनी गोल गांद को मेरे लंड पर मसल दिया. ऐसी मादक क़ास्सी हुई गांद को टच करके मैं और जोश में आ गया. फिर मैने भाभी का मुलायम पेट और ज़ोर से नोच कर मसल दिया. तभी मैने भी देखा भाभी की थोड़ी सी आँख बंद हो गयी, और वो मुस्कुराने भी लगी.

मैं समझ गया की अब भाभी भी मज़े ले रही थी. मेरे हरामी-पन्न की हवस अब भाभी को भी मज़ा दे रही थी. तभी भाभी ने वो करा, जिसकी मुझे उमीद नही थी . भाभी ने पल्लू धक लिया, और अपने हाथ से मेरा हाथ अपने मुलायम पेट में और दबा कर मसालने लगी. वो अपनी गांद को भी मेरे लंड में दबाने लगी.

आअहह, मॅन तो करा की भाभी की सारी खोल कर वहीं छोड़ डू. पहली बार भाभी को ऐसे गरम होता हुआ महसूस करा था मैने. पल्लू धक कर अब भाभी मुझे अपने मुलायम पेट और नाभि के आचे से रग़ाद कर मज़े दे रही थी.

रोशनी (मॅन ही मॅन): आहह ह्म उहह.

अपनी बीवी के साथ मज़ा करते हुए देख कंडक्टर भी मुस्कुराने लगी. भाभी ने पल्लू करा, तो मैने भी उनका मुलायम पेट पूरी जान से नोच कर दबा दिया. मेरी हवस देख कर भाभी भी मॅन ही मॅन चीख पड़ी. भाभी के मुलायम जिस्म के साथ खेल कर मेरा जानवर और भड़कने लगा. भाभी को पीछे दबा कर, मैने उनकी गोल गांद में अपने मोटे लंड से प्यार से धक्के मारने लगा.

चलती बस में भाभी के जिस्म का फुल मज़ा ले रहा था. भाभी भी पीछे होके मेरा मोटा लंड महसूस करके मॅन ही मॅन सिसकियाँ लेने लगी.

रोशनी (मॅन ही मॅन): हुहह आअहह. बहुत बड़ा है तुम्हारा देवर जी. पुर राक्षस है देवर जी तो. हुहह हुहह.

कुछ देर बाद हमारा क्लिनिक आ गया, और मैं भाभी को लेके उतार गया. भाभी मुस्कुरा कर शर्मा के चलने लगी. क्यूंकी मैने बाहर आते ही भाभी की कमर कस्स के नोच कर पकड़ ली थी.

मैं: मेरी जान. बहुत मादक औरत हो तुम तो.

भाभी शर्मा गयी, क्यूंकी पहली बार किसी दूसरे मर्द ने उनका जिस्म ऐसा रग़ाद कर च्छुआ था. और उपर से मैं उनको अपनी जान बोल दिया था. भाभी जानती थी मैं एक नंबर का हरामी बदमाश था, और घर के बाहर तो और भी ज़्यादा.

मैं: क्या मेरी जान, अब शर्मा रही हो? तब तो पूरा मज़ा ले रही थी.

रोशनी (शरमाते हुए): मैं कहाँ देवर जी? तुमने ही मुझे पकड़ रखा था. और मुझे बीवी भी बना दिया अपनी.

घर से बाहर आके मुझे कोई शरम नही थी. इसलिए अब मैं भाभी के जिस्म को देख फुल लाइन मार रहा था.

मैं: और क्या. आपके जैसी सुंदर, खूबसूरत जिस्म वाली औरत का मेरे जैसा बदमाश पति होना चाहिए. जो तुम्हे आचे से प्यार कर सके.

रोशनी (शरमाते हुए): क्या देवर जी. बहुत बोलते हो तुम.

मैं: देवर जी नही पति बोलो. आज से घर के बाहर मैं तुम्हारा पति हू.

रोशनी बहुत शर्मा गयी, और मूह नीचे कर लिया.

रोशनी (मुस्कुराते हुए): क्या तुम भी देवर जी.

तभी मैने भाभी की चिकनी कमर पर ज़ोर से नोच लिया.

रोशनी: ह एयेए.

मैं हवस और गुस्से भारी आवाज़ में बोला-

मैं: बोला ना, देवर नही, पति बोलो.

मेरी आँखों और आवाज़ में हवस का मीटर देख भाभी समझ गयी की मैं अपने असली रूप में आ रहा था. मुझे लगा भाभी दर्र जाएगी, और हा बोलेगी. पर शायद भाभी को मेरी हवस का मज़ा आ रहा था.

रोशनी: अछा सीधा पति. पहले तो बाय्फ्रेंड बनाते है ना. फिर पति.

मैने भाभी को घूरा, और भाभी ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा और दोनो चलने लगे. मैं समझ गया भाभी अब मेरी थी. अब बस मुझे कोई टेन्षन नही थी. अब बस धीरे-धीरे रग़ाद-रग़ाद कर भाभी को अपनी गर्लफ्रेंड, फिर पत्नी, और फिर अपने बिस्तर की रांड़ बनाना था, जिसको मैं दिन-रात छोड़ साकु.

मैं (मॅन में): उम्म, इतनी गोरी, मुलायम, और सुंदर भाभी मेरी रॅंड बनेगी, तब अपने घरवालो को दिखौँगा. कैसे उनकी आँखों के सामने उनकी सुंदर बहू को इस हरामी ने अपनी रंडी बना लिया. फिर दिन रात पटक-पटक कर छोड़ूँगा.

हम क्लिनिक आ गये. अंदर गये तो बात करके पता लगा डॉक्टर बड़ा ही रंगीन आदमी था.

डॉक्टर: अर्रे रोज़ अपनी बीवी की कमर की मालिश कीजिए, सारा दर्द चला जाएगा.

भाभी शर्मा गयी और मैं जोश में आ गया.

मैं: डॉक्टर साब, घर में टाइम नही मिलता ना, इसीलिए बाहर करना पदता है.

रोशनी ने मुस्कुराते हुए मुझे देखा.

रोशनी: नही डॉक्टर साब, ये घर में शरमाते है. मैं तो इनको इशारा करती हू.

ये सुन कर मैं भी मुस्कुराने लगा, और भाभी भी.

डॉक्टर: लगता है आप दोनो की लोवे मॅरेज है.

मैं: जी डॉक्टर साब, बहुत सारा लोवे है.

रोशनी शर्मा कर मुस्कुराने लगी.

डॉक्टर: उपर मेरा एक मसाज रूम है. अगर घर में टाइम नही मिलता, तो क्यूँ ना तुम अपनी बीवी की उपर ही मसाज कर दो?

रोशनी (शरमाते हुए): कोई बात नही डॉक्टर. वो हम…

तभी मैने डॉक्टर को 500 का नोट दिया, और भाभी का हाथ पकड़ कर उपर जाने लगा. भाभी बहुत शर्मा गयी. पहली बार किसी गैर मर्द के साथ, और वो भी मेरे जैसे हरामी के साथ भाभी एक रूम में जेया रही थी. सच काहु मेरा लंड खड़ा हो रहा था, और आग लग रही थी उसमे.

भाभी और मैं रूम में आ गये. फिर मैने गाते बंद कर दिया. भाभी बहुत शर्मा रही थी.

रोशनी (शरमाते हुए): घर चलते है ना. हम लाते हो जाएँगे.

मैं (हवस भरी आवाज़ में): एक शर्त पर.

रोशनी: क्या?

मैं: पहले मुझे अपनी बीवी के इस मुलायम पेट और कमर पर चूमना है.

रोशनी ने शर्मा कर मुस्कुराते हुए मेरी हवस से भारी आँखें देखी. भाभी जानती थी इस हरामी की बात नही मानी तो बस उनका कांड हो जाएगा आज. किसी तरह इसको शांत कर देती हू.

रोशनी (शरमाते हुए): ठीक है.

और भाभी ने अपना पूरा पल्लू साइड कर दिया. आअहह उसका मुलायम पेट और नाभि देख मेरी राल गिरने लगी.

मैं: ऐसे नही. पूरा पल्लू गिरना पड़ेगा.

रोशनी (शरमाते हुए): खुद ही हटा लो ना.

मैने भाभी का पल्लू खींच कर गिरा दिया. उम्म, भाभी के ब्लाउस के अंदर दूध से भरे चुचे देख मेरा लंड तंन हो गया. भाभी ने देख ली मेरे मोटे लंड की शेप और होंठ चबाने लगी.

मैं आयेज बढ़ा और भाभी की साँसे तेज़ होने लगी. फिर अगले ही सेकेंड मैने भाभी की कमर खींच कर पकड़ी, और सीधा उनके गुलाबी होंठो को चूस लिया. उम्म बहनचोड़, इतने मुलायम होंठ.

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