ही मेरा नाम दीपा है. पिछले पार्ट में मैने बताया था की मेरे भाई के फार्म पे काम करने वाले बूढ़े स्टाफ ने कैसे मुझे लंड चुस्वाया, और अपना माल मेरे मूह में डाल दिया. फिर जब मैं पंत उतारने लगी, तभी हमे किसी के आने का एहसास हुआ. काका देखने गये, की कों आया था. अब आयेज की कहानी की तरफ बढ़ते है.
मैं जल्दी से पंत उपर करके वाहा से चली गयी और दूसरे रास्ते से फार्म पे चली गयी. फिर मैने वाहा भाई और काका को देखा. भाई ने मुझे देख कर मुझसे पूछा-
भाई: दीपा तुम कहा थी?
मैं: मैं लितची खाने गयी थी भैया.
भाई: ऊवू, एक प्राब्लम हो गयी है दीपा.
मैं: क्या प्राब्लम हो गयी है भैया?
भाई: नाना का तबीयत खराब हो गयी है. तो मैं और मम्मी ननिहाल जेया रहे है. अभी तो तुम रात का खाना अपने और काका के लिए बना लेना.
मैं: ठीक है भैया, मैं बना लूँगी.
भाई: काका टाइम से जेया के खाना खा लेना.
काका: ठीक है.
फिर मैं और भाई फार्म से घर आ गये. वाहा मैने मम्मी का कुछ समान पॅक किया, और फिर वो दोनो चले गये. मैं घर पर खाना बनाने लगी, और खाना बनाने के बाद मॅन नही लग रहा था तो टीवी देखने लग गयी.
करीब 30 मिनिट के बाद घर का दरवाज़ा कोई नॉक किया. मैं समझ गयी की काका आ गये थे. मैने डोर ओपन किया, तो वो काका ही थे. वो अंदर आए और दरवाज़ा अंदर से बंद कर दिया. उनके दरवाज़ा बंद करने पर मुझे उनका इरादा कुछ ठीक नही लग रहा था. फिर मुझे शराब की गंध आई तो मुझे पता चला, की वो शराब पे कर आए थे.
मैं: काका खाना बन गया है, आ कर खा लो.
काका: खाना! पहले तो मैं तुझे ख़ौँगा मेरी रंडी. मेरा लंड तेरी छूट को भोंसड़ा बनाने के लिए तरस रहा है.
और ये बोलते ही काका ने मुझे कस्स के पकड़ लिया, और पागलों के तरह किस करने लगे. उनके मूह से शराब की बदबू आ रही थी. लेकिन मैं क्या कर सकती थी, तो मैं भी उनका साथ देने लगी. फिर काका ने मुझे उठाया, और बेडरूम में लेके गये.
वाहा जाके उन्होने मुझे बेड पे पटक दिया, और मेरे उपर चढ़ गये. मैने त-शर्ट और पाजामा पहन रखा था. वो मेरी चूचियों को ज़ोर-ज़ोर से दबाने और दाँत से काटने लगे. वो पूरी हवस से मेरी चूचियों को दबा रहे थे.
मैं: काका ज़रा धीरे, बहुत दर्द हो रहा है मुझे. धीरे करो प्लीज़, आ आ आ आ.
काका: चुप साली रंडी. ऐसे कैसे धीरे कर लू. लड़की को जितना ज़्यादा दर्द होता है, मुझे उतना ही ज़्यादा मज़ा आता है.
फिर काका ने मेरी त-शर्ट को निकाल दिया, और साथ ही ब्रा को भी निकाल दिया. अब मेरी मस्त गोल-गोल चूचियाँ काका की आँखों के सामने थी. मेरी सेक्सी चूचियों को देख कर काका पागल के तरह उन्हे चूसने लगे. मैं सिसकारियाँ लेने लगी, क्यूंकी मैं बहुत गरम हो रही थी.
मैं: आ आ आअहह काका चूसो, ज़ोर से चूसो काका अया. और ज़ोर से काका अया आआहह.
करीब 10 मिनिट मेरी चूचियों को चूसने के बाद काका ने मेरा पाजामा और पनटी उतार दिए. अब वो मेरी छूट को चाटने लगे.
मैं: अया अया काका, बहुत मज़ा आ रहा है मुझे. प्लीज़ रूको मत, बस चाट-ते रहो. हा बिल्कुल ऐसे ही करते रहो आ आ आ.
काका ऐसे ही करते गये, और थोड़ी देर बाद मैं झाड़ गयी. उस समय मुझे लग रहा था की मैं जन्नत में थी. फिर काका ने फिर अपनी शर्ट और लूँगी को निकाल कर फेंक दिया. जैसे ही उन्होने लूँगी उतरी, उनका लंड मेरे सामने आ गया.
उनका खड़ा हुआ लंड कुछ ज़्यादा ही बड़ा लग रहा था. लंड को देख के मैं दर्र गयी, और पीछे हटने की कोशिश करने लगी. लेकिन काका ने अपनी मज़बूत पकड़ से मुझे अपनी तरफ खीच लिया. वो मुझे बोले-
काका: साली भाग कहा रही है? आज मेरा लंड तुझे छोड़े बिना मानेगा नही. आज तो कही बच के नही जेया सकती.
फिर काका ने अपने लंड पे और मेरी छूट पे थूक लगाई, और अपने लंड को मेरी छूट के मूह पे सेट किया. उसके बाद उन्होने धक्का मारा, और उनका लंड 30% लंड मेरी छूट में चला गया. लंड के अंदर जाने से मुझे बहुत ज़ोर से दर्द हुआ. मैं चिल्ला उठी, और काका ने मेरे मूह पे हाथ रख लिया. फिर मैं रोने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था की किसी ने गरम और मोटी रोड मेरी छूट में डाल दी हो.
मैं: काका प्लीज़ इसे बाहर निकालो. बहुत दर्द हो रहा है. अया अया अया अया आ हहा निकालो बाहर प्लीज़.
काका: ज़्यादा चिल्ला मत. तोड़ा दर्द तो होगा ही, क्यूंकी पहली बार तूने किसी का लंड अपनी छूट में लिया है.
और काका ने ये बोलते ही एक और ज़ोर से धक्का दे दिया.
मैं: मॅर गयी, धीरे काका.
मेरी छूट में से खून निकालने लगा, और मेरी आँखों से आँसू. मेरी सील आज टूट चुकी थी. आज काका के बड़े लंड ने मुझे लड़की से औरत बना दिया था. मैं अभी भी दर्द से रो रही थी. काका भी थोड़ी देर के लिए रुक गये. थोड़ी देर बाद काका लंड को आयेज-पीछे करने लगे.
धीरे-धीरे मैं भी सिसकारियाँ ले रही थी
अया आ ऊवू अया
ऊवू आ आआहह आआहह करके. करीब 10 मिनिट बाद काका ने स्पीड बढ़ा दी. उनकी स्पीड बढ़ते ही मेरी सिसकारियाँ भी तेज़ हो गयी. फिर काका ने लगातार 20 मिनिट तबाद-तोड़ मेरी छूट मारी, और अपना सारा माल अंदर ही छ्चोढ़ दिया.
मुझे भी बहुत मज़ा आया. फिर मैं काका को ज़ोर से पकड़ के सो गयी. करीब 2 घंटे सोने के बाद काका ने मुझे उठाया, और खाना खाने को बोला. हम दोनो ने साथ में खाना खाया. फिर उस रात काका ने मुझे दो बार छोड़ा, और सुबा उठ के फार्म पे चले गये.
तो कैसी लगी आपको ये मेरी सॅकी स्टोरी प्लीज़ कॉमेंट. अब मैं नेक्स्ट स्टोरी में बतौँगी की कैसे काका और उनके दो साथियों नी मेरी छूट मारी, और गांद भी. और तीनो ने मिल के मुझे अपना मूट पिलाया. सो जल्दी मिलते है नेक्स्ट स्टोरी में. बाइ.