बुद्धा नौकर की मालकिन के लिए वासना

सर्वेंट सेक्स स्टोरी में आपका स्वागत है. चलिए कहानी शुरू करते है.

ही दोस्तों, मेरा नाम संजू है, और मैं देसीकाहानी का रेग्युलर रीडर हू. आज मैं आपको अपनी रियल सेक्स स्टोरी के बारे में बताने जेया रहा हू. मैं आपको तोड़ा अपने बारे मैं बता डू. बेसिकली मैं पुंजब की जालंधर सिटी से बिलॉंग करता हू, और अब मेरी उमर 32 साल की है.

मैं अपने मा-बाप का एक अकेला बेटा हू, जिस वजह से मेरे पास पैसे की कोई कमी नही है. क्यूंकी मेरे दाद का जालंधर में स्पोर्ट्स प्रॉडक्ट्स का अछा-ख़ासा बिज़्नेस है, जिसके कारण मेरी हाइयर स्टडी टॉप स्कूल्स/कॉलेजस की है, और मेरे पास म्बा बिज़्नेस की डिग्री है. ज़्यादा टाइम वेस्ट ना करते हुए अब सीधा स्टोरी पर आता हू-

मेरी शादी को 2 साल हो गये थे, और हमे मेरी अपनी जॉब के कारण बेंगालुरू शिफ्ट होना पड़ा. मेरी बीवी ( जिसका नाम सुमन है) चंडीगार्ह की रहने वाली है. वैसे तो उसके पास भी हाइयर क्वालिफिकेशन है, बुत मेरा सुमन को जॉब पर भेजने का अभी तक कोई मॅन नही था. शिफ्ट होने से पहले ही मैने इंटरनेट पे सर्च करके एक अछा प्राइवेट होमे रेंट पे ले लिया था.

मेरी वाइफ के बारे में बता डू. हमारी लोवे मॅरेज हुए थी, और सुमन भी रिच फॅमिली से बिलॉंग करती है. उसकी 5’8″ हाइट है और वो एक सूपर मॉडेल है (आप आइयर्षा तकिया को इमॅजिन कर सकते हो ऐसा फिगर है सुमन का).

हमारी लाइफ बिल्कुल सही जेया रही होती है. वो मेरे से शादी करवा के बहुत खुश थी, और हम दोनो बिल्कुल मौज कर रहे थे अकेले बेंगालुरू में. हमे यहा शिफ्ट हुए को लगभग 2 वीक्स हो गये. बुत हमे घर के काम करने के लिए कोई अछा नौकर नही मिल रहा था. जिस वजह से मैं तोड़ा परेशन था.

सो मैने अपने घर वालो से बात की इस टॉपिक पे, और उन्होने बोला: तू परेशन मॅट हो बेटा. हम बिरजू काका को भेज देते है ( जो की काफ़ी सालों से हमारे घर की देख-रेख कर रहा था).

ये बात सुन कर मैने तोड़ा रिलॅक्स फील किया, और ये बात मैने सुमन को बताई. ये बात सुन कर वो भी काफ़ी खुश हुई. बुत मुझे क्या पता था इस स्टेप से मेरी और सुमन दोनो की सोच बदल जाएगी और ज़िंदगी भी.

सो बिरजू काका की आगे लगभग 40-45 ही होगी, और वो और उनकी पूरी फॅमिली हमारे साथ जालंधर में ही रहते थे. बिरजू काका अब हमारी फॅमिली का ही पार्ट बन चुके थे, और वो बहुत अची तरह से हमारी फॅमिली का ख़याल रखते थे.

जैसे ही बिरजू काका बेंगालुरू पहुँचे, मैने उनको उनका रूम दिखाया जो अप्पर फ्लोर पर था. फिर आचे से सभी घर के काम उनको समझा दिए, और उन्होने आचे से हमारे घर का काम करना शुरू कर दिया, जिसके कारण सुमन काफ़ी फ्री फील करने लगी अपने आप को.

जैसे की मैने बताया सुमन एक सूपर मॉडेल की तरह थी, और उसका फिट रहने का पूरा शौंक था, जिस कारण मैने पूरा का पूरा जिम का समान अपने घर पर ही मंगवा लिया. वो फॅशन फ्रीक भी थी, और फॅशन के मामले में अपने आप को बिल्कुल उप तो डटे रखती थी. उसको सबसे ज़्यादा पसंद नाइल आर्ट था. वो हर हफ्ते अपने हाथो के और पैरों के नाइल एक्सटेन्षन्स करवाती थी.

जब मैं शाम को जॉब से घर आता था, तो वो मुझे अपने पैरों से सिड्यूस करती थी. सुमन के पैर एक-दूं वाइट कलर के, और बेबी पिंक कलर के नाइल्स एक्सटेन्षन्स मेरे को पागल कर देते थे, जिसके कारण सुमन मेरे से 20-20 मिनिट्स अपने पैरों को चुस्वती थी, और मैं कुत्ते की तरह पैरों को चाट-ता था. मैं रोज़ रात को चुदाई करके सोता था. हम फुल्ली सॅटिस्फाइड थे अपनी लाइफ में.

सुमन काफ़ी खुश रहती थी इस वजह से और मेरे अलावा किसी और को घास भी नही डालती थी. दूसरी और बिरजू काका अपनी बीवी से डोर रहने से थोड़े उदास रहने लगे. मैने नोटीस किया काका सारा दिन चुप-चुप रहते थे.

फिर मैने और सुमन ने काका को तोड़ा समझाया की हम जल्दी ही वापस जाएँगे हफ्ते के लिए, और ये बात सुन के काका खुश हो गये. उधर मैने सुमन को भी बोला काका की हेल्प करवा दिया करो.

सुमन ने वैसे ही किया, और काका की किचन में हेल्प करवाने लगी. इससे काका तोड़ा रिलॅक्स फील करने लगे. लगभग एक हफ्ते बाद मैने नोटीस किया काका सुमन की गांद को ताड़ते रहते थे. क्यूंकी सुमन का फिगर था ही ऐसा की कोई 60 साल के बुड्ढे का भी छोड़ने का मॅन करे.

बुत मैने इग्नोर कर दिया. लेकिन मैने काका पर तोड़ा ध्यान रखना शुरू कर दिया. काका को जब भी मौका मिलता सुमन को टच करने का, वो उसे छ्चोढते नही थे. वो किसी ना किसी बहाने सुमन को टच कर देते थे.

बुत उनका भी कोई कसूर नही था. एक तो वो अकेले, उपर से सुमन एक चलता-फिरता सेक्स बॉम्ब था, जो किसी मुर्दे में भी जान डाल सकता था.

सुमन और काका की काफ़ी जमती थी, और काका अक्सर सुमन को सुमन बेबी कह कर बुलाते थे. सुमन रोज़ सुबा जल्दी उठ जाती थी, और अपने वर्काउट या योगा करती थी. वो हमेशा टाइट त-शर्ट और लेगैंग्स पहनती थी, जिस कारण सुमन कर फिगर और शेप फ़ासस-फ़ासस के दिखाई देते थी.

वर्काउट के तुरंत बाद ही सुमन मेरे लिए ब्रेकफास्ट खुद रेडी करती थी. बुत काका हेल्प करवा देते थे, और सुबह-सुबह सुमन की बॉडी फिगर के दर्शन भी करते थे, और टच भी कर लेते थे.

तो जब मैं ब्रेकफास्ट के लिया बाहर आया, काका को मैने जूस लाने के लिए बोला. मेरा ध्यान काका पे पड़ा, तो काका के पाजामे में तंबू बना हुआ था. उसको देख के मैं हैरान हो गया जो की एक बड़े लंड का संकेत था.

फिर मैने फैंसला किया घर पर कॅमरा लगवाने का, जो मैने किसी को नही बताया. सनडे मैने भर लंच का प्लान बनाया, और काका को भी साथ ले गये. फिर पीछे से मैने टेक्नीशियन को कॅमरास इन्स्टलेशन के लिए बोल दिया, जिससे मैं अपने पुर घर पर नज़र रख सकता था, और ख़ास तौर पर काका और सुमन पर भी, की काका किस हड्द तक जेया सकते थे.

लंच फिनिश करके हम सब घरे वापस आ गये, और काका अपना काम करने लग गये. सुमन वो ही अपना नाइल पैंट करने लगी, और अपने पैरों के लिए ब्लॅक नाइल पैंट निकाला. मैं चुपके से आया, और सुमन के पैरों को पकड़ लिया, और चूसना शुरू कर दिया. इस हरकत से सुमन को मज़ा तो बहुत आया. बुत सुमन तोड़ा गुस्सा करने लगी, और बोली-

सुमन: काका किचन में काम में लगे हुए है. उनकी तो शरम करो.

मैने बोला: वो बिज़ी है, उनको क्या पता चलेगा.

मैं सुमन के पैर का थंब अपनी टंग से चाट रहा था. तभी मैने क्या देख, की काका चुपके से हम दोनो को देख रहे थे, और अपने बड़े लंड को पाजामे में ही मसल रहे थे. मैने ये देख कर भी अनदेखा कर दिया. जिस चीज़ की कीमत मुझे आयेज जेया कर चुकानी पड़ी.

बुत मैं बहुत हैरान भी था, क्यूंकी सुमन काका की बेटी की उमर ही थी. ना-जाने काका सुमन के बारे में क्या-क्या सोच अपने मॅन में सोच कर बैठे थे. उपर से काका सुमन को अपनी बेटी भी बुलाते थे.

तो भी कंटिन्यूड…

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