ये 2016 की बात है. मेरा मुंबई के बहुत आचे इंजिनियरिंग कॉलेज में अड्मिशन हो गया. बीटीयौ मैं मुंबई में ही रहता हू. तो उन दीनो मैं दिन में कॉलेज जया करता था, और रात को बुआ के घर सोया करता था, क्यूंकी उनके पति बिज़्नेस ट्रिप पे बाहर रहा करते थे हमेशा.
मेरी बुआ के बारे में बता डू. वो 35 की थी तब. बहुत रिच फॅमिली से बिलॉंग करती थी, इसीलिए वेल मेंटेंड टोंड बॉडी रखती थी, और 25 की दिखती थी. लेकिन उसके बावजूद वो काफ़ी धार्मिक रहती थी, और 24*7 स्ट्रिक्ट भी. इन सब चीज़ों के बावजूद मैं उनकी बॉडी पे मरता था.
वो थोड़ी कर्वी और चब्बी बॉडी रखती थी, बुत वेल-टोंड, मोटी नही. उनके बहुत बड़े बूब्स और मोटी रौंद गांद थी, जिसको कोई भी देखे तो उसका खड़ा हो जाए, और लड़कियाँ भी उसपे फिदा हो जाए, और उनकी छूट गीली हो जाए.
मैं हमेशा से उन्हे छोड़ना चाहता था. 24*7 बस उन्हे नंगे देखने की ख्वाहिश थी, और उनके सारे होल्स में अपना माल भरने का ख्वाब. मैं जब उनके घर जाता था. उनका कामेआ हमेशा खुला होता था, और वॉर्डरोब भी लॉक नही होता था. तो मुझे पता था उनकी ब्रा और पॅंटीस कहा रखी होती थी.
वो एक-दूं सेक्सी महँगी ब्रा और पॅंटीस पहना करती थी, जो मॉडेल्स उसे किया करती है. इससे उनके ड्रेस में से भी उनका बदन उठ कर दिखता था. मैं रोज़ उनकी पॅंटीस और ब्रा सूंघटा था, और सोच सोच के हिलता था, और अपना माल उसमे छ्चोढ़ देता था. उन्हे कभी पता नही चला ये सफेद दाग किस चीज़ के आ जाते थे उनके कपड़ों पर. अब कहानी शुरू होती है यहा से.
एक दिन मैं उनके घर कॉलेज से जल्दी आ गया. डोर की चाबी मेरे पास हुआ करती थी, तो मैं दरवाज़ा बिना नॉक किए ही अंदर आ गया. जैसे ही मैं उनके कमरे की तरफ बढ़ा, तो मुझे उनके कमरे से सिसकारियों की और आ आ की आवाज़े सुनाई दी. मैने अंदर झाँक कर देखा तो शॉक रह गया.
हमेशा स्ट्रिक्ट, संस्कारी, और धार्मिक रहने वाली औरत बेड पर नंगी लेती थी. वो अपनी टांगे फाड़ कर छूट सहलाते हुए मेरी अंडरवेर सूंघ रही थी, और मेरे नाम से अपनी छूट में उंगली कर रही थी. ये देख कर मेरा 7 इंच का लंड चड्डी फाड़ कर बाहर आ गया. उस वक़्त मैं वाहा से चुप-छाप चला गया, और शाम को अपने वक़्त पर लौट कर आया नॉर्मली जब मैं आया करता था.
फिर मैं उनके घर आ कर वापस उनकी ब्रा और पॅंटीस ढूँढने लगा. मुझे एक सेक्सी रेड आंड ब्लॅक लाइनाये उनके ड्रॉयर में मिली, वाहा उसके साथ एक लेटर और कुछ टॅब्लेट्स रखी हुई थी. फिर मैने लेटर पढ़ा जिसमें लिखा था की-
लेटर: बेटा मुझे पता है की तुम रोज़ मेरी पनटी और ब्रा से अपना लंड हिलाते हो और इन्हे चाट-चाट के गीला करते हो. आख़िर-कार आज तुमने भी मुझे पकड़ ही लिया. मैं भले ही एक अची औरत हू, पर तुम्हारे फूफा जी में बिल्कुल जान नही है. वो तो अब मुझे हाथ भी नही लगते, और मैने इतने सालों में कभी भी एक असली मर्द का एहसास नही किया है.
लेटर: अब जब हम दोनो को पता है की हमे क्या चाहिए, तो हमे एक हो जाना चाहिए. पर एक वॉर्निंग पहले ही डेडू. अगर हम आज बेड पर एक हो गये, फिर हम बुआ-भतीजा नही पति-पत्नी बन जाएँगे, और जब भी हम अकेले में होंगे, हम पति-पत्नी की ही तरह रहेंगे.
लेटर: अगर मंज़ूर है तो ये गोली लेके दूसरे बातरूम में आ जाओ. वाहा पे मैं नंगी बैठी हू अपने मर्द का इंतेज़ार करते हुए.
मैं बिना कोई टाइम वेस्ट किए सीधे अपने कपड़े उतारे, और बातरूम की तरफ भागा. मैने कोई टॅबलेट नही ली क्यूंकी मेरा स्टॅमिना नॅचुरली काफ़ी ज़्यादा है. तो मुझे इन चीज़ों की ज़रूरत नही पड़ती.
जब मैने बातरूम का दरवाज़ा खोला, तो बुआ बात्ट्च्ब में वाहा गीले बदन में नंगी बैठी थी. मानो जैसे कोई स्वर्ग की अप्सरा लग रही हो. गीले बाल, गीले बूब्स, वो मलाई जैसी कमर, और गोल रौंद शेप की गोरी-चित्ति गांद. इसे देख कर मेरे लंड की सारी नास्से भी टाइट हो गयी.
उन्होने मुझे बात्ट्च्ब में अपने पास बुलाया और मेरे करीब आ कर बैठ गयी. हम दोनो कुछ पल बस एक-दूसरे को देख रहे थे, बिना कुछ बोले. फिर हमने एक-दूसरे से अपने दिल की बात कह दी, की कैसे काफ़ी टाइम से हम एक-दूसरे को चाह रहे थे.
मैं: बुआ, मैं हमेशा से आपके बदन को फील करना चाहता था.
बुआ: आज से ये बदन सिर्फ़ तुम्हारा है. इसके साथ जो करना है करो मेरे बड़े लंड वाले पति.
फिर हम एक-दूसरे को कस्स के पकड़ कर चूमने लगे नों-स्टॉप, मानो जैसे 2 जानवर बहुत भूखे और प्यासे हो, और सालों की भूख और प्यास मिटा रहे हो. हमने करीब 10 मिनिट बस किस किया, जब तक हमारे लिप्स तक नही गये. इस दौरान मैं उनकी पूरी बॉडी एक्सप्लोर कर रहा था.
उनका गला, सीना, बूब्स, कमर, बॅक, गांद, बस छूट को नही छुआ, और उसे तड़पने दिया. पर मुझे पता था वो गीली हो कर बह रही होगी. और यही मैं चाहता था. फिर मैं उन्हे गोद में उठा कर बेड पर ले गया. फिरसे हमने स्मूच और किस शुरू कर दी.
मैने एक-एक करके उनके पुर बदन को किस किया. एक भी जगह नही छ्चोढी. सब पर बाइट्स किए. उनका पूरा गोरा बदन लाल हो चुका था. सब जगह लोवे बाइट्स दिख रहे थे. वो मुझसे बोली-
बुआ: ये तेरे फूफा जी ने देख लिया तब क्या जवाब दूँगी मैं?
मैं: उस बुड्ढे को फ़ुर्सत कहा जो तुम्हारा बदन देखे? उसे तो अपने काम से फ़ुर्सत नही. अब ये बदन मेरा है. इसे मैं चाहे जो करू. अब तुम मुझे ना नही बोल सकती.
मेरा जानवर-पन्न देख कर बुआ थोड़ी सहम गयी, पर यही चीज़ से उनकी छूट से पानी मानो झरने की तरह बहने लगा. अब मैं उनके चुचे ज़ोर-ज़ोर से दबाने लगा, और चूसने लगा. उनके चुचो से दूध निकालने पे था, क्यूंकी पहले वो मा बन चुकी थी. बुत फिर बच्चा अबॉर्ट हो गया था, तो कभी कभार दूध निकल आता था.
वो पागलों के तरह चीकने लगी. पुर घर में बस उनकी ह म्ह ऑश की आवाज़े गूँज रही थी. फिर मैने उन्हे पटक दिया पीछे, और उनकी टांगे फाड़ कर अपने कंधो पे रख दी. उसके बाद मैने अपना मूह पूरा उनकी छूट में घुसा दिया. उनकी छूट पूरी सॉफ और पिंक थी, और पूरी गीली हो रखी थी.
फिर मैने बस बिना साँस लिए अपनी ज़ुबान और मूह चलाया, और रुका नही. बुआ तो पागल सी हो गयी. उसके पैर काँपने लगे. बदन गरम होने लगा. वो अपनी गांद उठाने लगी, और छूट को और मेरे मूह में घुसने लगी. उसके मूह से आवाज़ भी नही निकल रही थी. उसे शायद अब तक जन्नत दिख चुकी थी.
फिर 5 मिनिट के अंदर ही अचानक से मेरे मूह में ढेर सारा पानी और क्रीम निकल आया, और बुआ ढीली पद गयी.
बुआ: हरंखोर मदारचोड़ ये कहा से सीखा तूने. क्या किया तूने मेरी छूट के साथ. कों सा जादू है तेरी ज़ुबान में? हाए आहह हह बस-बस और नही. अब और नही. तेरी ज़ुबान में इतना दूं है तो लंड कैसा होगा, ये सोच कर ही मैं पागल हुई जेया रही हू.
मैं: बुआ ये तो बस शुरुआत है. अब आयेज-आयेज देखती जाओ तुम्हारे साथ क्या-क्या होने वाला है.
बुआ: अछा पति देव जी, जो करना है करो. और बुआ मत बुलाओ मुझे अब.
मैं: फिर क्या बूलौऊ तुम बताओ?
बुआ: रंडी, चुड़क्कड़, रॅंड, जो गाली देके बुलाओगे चलेगा. मैं तुम्हारी रॅंड ही तो बन चुकी हू अब.
मैं: ठीक है मेरी रंडी जी, आओ तुम्हे जन्नत दिखौ फिरसे.
आयेज की कहानी पार्ट 2 में कंटिन्यू होगी. प्लीज़ कहानी अची लगी हो तो मुझे फीडबॅक दीजिएगा कॉमेंट्स में या मुझे मैल भी कर सकते है.
मैं पैड प्लेबाय सर्विस भी देता हू. मुझे मैल पे कॉंटॅक्ट करे, आपकी आइडेंटिटी सीक्रेट रखी जाएगी.