बुआ और भतीजे की चुदाई और प्रेग्नेन्सी की कहानी

नेक्स्ट दे मैं अपना कॉलेज पूरा करके शाम को बुआ के घर पहुँचा, और हमेशा की तरह बुआ नंगी घूम रही थी. वो किचन में अपना काम कर रही थी, क्यूंकी अब ये हमारे लिए नॉर्मल बात थी. उसे पता था मेरे कॉलेज से आने का टाइम क्या है, तो वो हमेशा मेरे लिए तैयार रहती थी.

मैने भी अपने कपड़े उतार दिए, और उसे पीछे से आका हग कर लिया. वो थोड़ी घबरा गयी, पर समझ गयी की मैं था. उसे मेरा टच पता चल चुका था. अब तक तो वो समझ जाती थी.

बुआ: आ गये मेरे पति देव जी? कैसा गया आपका दिन? चलिए पहले हाथ पावं मूह धो लीजिए, फिर खाना खाने बैठते है.

मैं: अर्रे मेरी रॅंड, करते है ना. पहले मुझे अपनी छूट तो मार लेने दे.

इतना कहते ही मैने अपना 7 इंच का लंड उसकी छूट में घुसा दिया. वो झटपटा गयी, और चीखने लगी. इतनी चुदाई के बाद उसकी छूट मेरे लंड के आकार में ढाल चुकी थी. लेकिन फिर भी मेरा लंड हर बार उसे और फाड़ देता था. क्या करू दोस्तों मेरा लंड ही कुछ इतना ताकतवर है.

फिर 1 अवर तक मैने वही उसकी खड़े-खड़े चुदाई की टेबल पे झुका के, और वो इसी दौरान 3-4 बार झाड़ चुकी थी. मेरा मॅन नही भर रहा था अब, तो मैने चुदाई रोक दी, और नहाने चला गया. वो थोड़ी उदास हो गयी की मैने अपना माल नही झाड़ा इस बार उसके अंदर.

बुआ थोड़ी देर बाद मेरे पीछे शवर में आ गयी, और मुझे पीछे से पकड़ लिया. फिर मेरा लंड सहलाने लगी.

बुआ: क्या हुआ मेरे पति देव, मज़ा नही आ रहा मेरी चुदाई में अब? बोर हो गये क्या मुझसे?

मैं: अर्रे नही मेरी रॅंड, मैं तुझसे कभी बोर नही हो सकता. बस मेरा मॅन नही भर रहा, कुछ न्यू ट्राइ करना है तेरे साथ. वही सोच रहा था क्या करू.

बुआ: अछा तो ये बात है. मेरे पति देव को और कुछ न्यू चाहिए. ठीक है एक काम करते है. आज आप मुझे हाथ बाँध के रंडी की तरह छोड़ सकते है, और हा आज मैं दुल्हन के जोड़े में अवँगी. आप आज मेरी गांद की सील तोड़ दीजिए. बस अब खुश मेरे राजा?

ये सुन कर मेरा लंड तुरंत टाइट हो गया, और वो खुश हो गयी. फिर घुटनो पे बैठ कर मेरा लॉडा चूसने लगी. मैने भी अपना लंड उसके गले में दे दिया, और उसकी साँस रुकने तक छोड़ता रहा उसके मूह को. फिर अपना माल उसके गले में उतार दिया.

फिर मैने जाके अपने कॉलेज का तोड़ा काम पूरा किया, और तब तक उसे कहा की हमारी सुहग्रात की तैयारी करके रखे. मैं अपना काम करके रूम में पहुँचा तो देखा पूरा रूम सज़ा हुआ था फूलों से, और खुश्बू वाली कॅंडल्स जाली हुई थी. पूरा सुहग्रात का माहौल बना हुआ था, जैसे मैने सोचा था, और बुआ वाहा शादी के जोड़े में बैठी हुई थी घूँघट डाल के.

फिर मैं उसके पास गया, और घूँघट उठाया. मानो कोई चाँद का टुकड़ा हो. अप्सरा लग रही थी वो. जैसे नयी-नवेली दुल्हन के चेहरे पे जो ग्लो होता है, वैसा ग्लो था.

मैं: क्या बात है मेरी रॅंड बीवी. इतना ग्लो कैसे आ गया मेरी रॅंड पे?

बुआ: बस है कोई बात, बतौँगी लेकिन अभी नही. पहले प्यार कर ले मेरी जान.

मैं: हा मेरी जान मैं तो तड़प ही रहा हू आज तुम्हारी दूसरी सील तोड़ने के लिए.

फिर मैने बुआ को चूमना शुरू किया, और पागलों की तरह उसके होंठ चूज़. रुके नही हम दोनो. फिर मैने एक-एक करके उसका शादी का जोड़ा उतरा. उसने अंदर कुछ नही पहन रखा था. खोलते ही उसके चुचे बाहर आ गये. फिर मैने उसके चुचे चूसने शुरू किए, जिसमे से दूध भर-भर के आ रहा था. मुझे तोड़ा डाउट हुआ पर चुदाई के नशे में मैं बस चूज़ जेया रहा था.

बुआ पागल हो चुकी थी और पानी छोढ़ चुकी थी, बस मेरे चुचे चूसने से. फिर मैने उसका ल़हेंगा उठाया, और उसमे घुस गया. उसके ल़हेंगे में घुस के गीली छूट को खूब छाता और खाने लगा. बुआ झटपटाने लगी और मूतने लगी मेरे मूह में.

मैं भी पूरा मूट चूस गया, और चाटने लगा बुआ की छूट, जो लाल हो चुकी थी. पर अब मुझे गांद का नशा चाहिए था. तो मैने बुआ की दोनो टांगे उठा दी, और गांद फाड़ के अपनी टंग बुआ की गांद के च्छेद में सत्ता दी, और ज़ोर-ज़ोर से चाटने लगा. बुआ तो मानो किसी और दुनिया में पहुँच चुकी हो.

उसकी आँखें उपर होने लगी, और वो झड़ने लगी. फिर मैने उसका ल़हेंगा उतार दिया और अब उसे घोड़ी बना दिया.

मैं: चल मेरी रॅंड, अब मेरी घोड़ी बन जेया. आज तेरी गांद ही फाड़ दूँगा.

बुआ: आराम से पति देव जी, मेरी गांद सील टाइट है.

मैं: ठीक है.

फिर मैने उसकी गांद में बहुत सारा लूबे डाला, और उंगली की थोड़ी देर. उसके बाद मैने अपने लंड का टोपा घुसा दिया, जिससे वो चीख पड़ी.

बुआ: अहह मदारचोड़, जानवर सेयेल, गांद फटत रही मेरी ह म्ह.

फिर मैने धीरे-धीरे करके और लंड अंदर घुसाया. बुआ की गांद फटत चुकी थी. अब खून आ रहा था, पर बुआ को भी मज़े आने लगे थे.

तो उसने मुझे कहा: और फाड़, रुक मत. दर्र मत मैं से लूँगी तेरे लिए मेरे मर्द.

फिर मैने पूरा लंड घुसा दिया, और ऐसे ही थोड़ी देर उसके अंदर रखा. उसके बाद धीरे-धीरे अंदर-बाहर करने लगा.

बुआ: आह मज़ा आ रहा है मेरी जान. और गांद मारो मेरी, और गांद मारो. कुटिया बना के छोड़ो मुझे अपनी.

मैं: ठीक है मेरी कुटिया ये ले.

फिर मैं उसे कुटिया की तरह छोड़ने लगा बिना रुके, और मेरा झड़ने वाला था.

मैने बुआ से पूछा: क्या करू?

बुआ बोली: अंदर ही डाल दे अपना गरम माल.

फिर मैने अपना गरम माल बुआ के अंदर झाड़ दिया. अब मुझे मूट आया था, तो बुआ से कहा-

मैं: अपनी गांद का च्छेद फाड़ के कुटिया बन के बैठ, मुझे मूतना है.

बुआ पोज़िशन में आ गयी, और मैने उसे टाय्लेट की तरह उसे किया. मैने उसके च्छेद में मूटा. बुआ पूरी गरम हो चुकी थी. फिर हम शवर लेके फ्रेश होके वापस बेड पर आ गये.

बुआ: आह, दर्द हो रहा है मेरी जान. गांद फाड़ दी तुमने तो आज.

मैं: सॉरी मेरी रॅंड, पर मज़ा आ गया आज. अब से मैं रोज़ तेरे सारे होल्स उसे करूँगा.

बुआ: हा मेरे राजा, ये सब तेरा ही तो है. अछा सुन तुझसे एक ज़रूरी बात डिसकस करनी है. ज़रा इधर आ मेरी बाहों में.

मैं: लो आ गया. अब बोलो क्या बात है मेरी जान?

बुआ: जान पहले अपना लंड मेरी छूट में डालो, और मेरी चुदाई करो. लेकिन आराम-आराम से, प्यार से करना, ज़रा भी ज़ोर से नही. ठीक है?

मैं: ठीक है मेरी पत्नी जी, ये लो.

मैने आराम से अपना लंड उसकी छूट में डाला और स्लो-स्लो चुदाई शुरू की. बुआ ने आँसू भारी आँखों से मेरी तरफ देखा और कहा-

बुआ: मैं तेरे बच्चे की मा बनने वाली हू जान.

मैं ये सुन के पहले तोड़ा शॉक हो गया, और घबरा गया, क्यूंकी बाप बनने की बातें करना अलग बात है, और बाप बनना अलग बात होती है. फिर भी मैं खुद को शांत किया, और बुआ को ज़ोर से गले लगा लिया, और चुदाई भी रोक दी. पर बुआ ने मुझसे कहा-

बुआ: रूको मत प्लीज़, ऐसे ही करते-करते मुझसे बातें करो.

मैं: ये तो बहुत खुशी की बात है मेरी जान. मुझे ये बच्चा चाहिए. मैं इसे अप्नौँगा, प्लीज़ ये बच्चा रखना.

बुआ: ये सुन कर मुझे बहुत खुशी हुई. अब से तुम बिना दर्रे मेरी छूट में माल छोढ़ सकते हो. मैं ऑलरेडी प्रेग्नेंट हू, और मुझे ये पुर 9 महीने चुदाई चाहिए. रुकना नही है समझे. ऐसे ही प्यार करते रहो मुझे. दररो मत डॉक्टर से कन्सल्ट करके आराम-आराम से करेंगे.

मैं: ठीक है ये सब, बुत बाकी लोगों को क्या बोलेंगे. कुछ महीने में तो पेट बाहर आने लगेगा मेरी जान.

बुआ: हा देखते है. फिलहाल बस एंजाय करते है. इसके बारे में कल बात करेंगे, ठीक है.

ये सब बातें करके हम दोनो ऐसे ही सो गये.

तो दोस्तों अगर आपको मेरी कहानी अची लगी तो कॉमेंट्स करना और मुझे मैल पे फीडबॅक देना. मैं एक प्लेबाय एस्कॉर्ट सर्विस भी प्रवाइड करता हू मुंबई में, मॅरीड, अनमॅरीड, डाइवोर्स सब तरह की औरतों और लड़कियों के लिए. तो जिन्हे भी शारीरिक सुख चाहिए आगे बिट्वीन 18-45, मेसेज मे इन मी मैल. डॉन’त वरी, सब सीक्रेट रखा जाएगा.

यह कहानी भी पड़े  2 लुंडो से गांद फाड़ चुदाई की स्टोरी


error: Content is protected !!