दोस्त के घर पर और ट्रेन में बीवी को चोदा

इसलिए मैंने पहले वेट किया की बोगी के सब लोग सो जाए. मेरा बच्चा भी करीब 10 बजे सो चूका था. करीब सवा दस बजे मैंने वाइफ को उठाया और उसको अपने करीब बुला लिया. वो थोड़ी सरप्राइज लग रही थी. लेकिन वो मेरे पास आ गई. हमने बच्चे को एकदम सही सुला दिया और फिर हमने अपनी नोटी रात के काम चालु कर दिए.

वो ट्रेन में अपने कपडे उतार के नंगे होने में थोडा कतरा सी रही थी. उसको लगता था की यहाँ कोई भी आ के हमें पकड़ सकता था. उसकी बात सही थी इसलिए मैंने कपडे निकाले बिना ही फॉर-प्ले चालू कर दिया. मैं उसके बदन का हर सॉफ्ट हिस्सा अपने हाथ से मसल रहा था जैसे उसके बूब्स, गाल, जांघ और गांड को. हम दोनों मस्त किस कर के एक दुसरे को अपने थूंक का सवाद भी ले दे रहे थे.

मैंने अपनी और उसकी जींस को निचे कर दिया थोडा. मेरा लंड बहार निकाल के मैंने वाइफ के हाथ में पकड़ा दिया और वो उसके साथ ख़ुशी से खेलने भी लगी. पहले उसने मेरे लंड को मस्ती से हिलाया और फिर निचे झुक के उसे अपने मुहं में भी ले लिया. वहां पर हमें कोई भी काण्ड करते हुए देख सकता था. और इस डर और रोमांच के साथ में सेक्स करने का अपना अलग ही मजा आ रहा था. बीवी ने मेरे लंड को मस्त सक कर के और हिला हिला के उसे एकदम कडक कर दिया था.  फिर मैंने उसको सिट पर बिठा के उसकी टांगो को चौड़ा करवा दिया. जैसे मैंने सोचा था वैसे ही वो एकदम गीली हो गई थी और उसकी चूत से पानी निकलता हुआ दिख रहा था.

यह कहानी भी पड़े  जूसी रानी का इनाम-1

अब मैंने बिना कोई टाइम वेस्ट किये अपने लंड को उसकी गीली चूत में घुसा दिया. और मैं अपनी कमर को हिला के उसकी चूत को चोदने लगा. वो हलकी हलकी मोअन कर रही थी. मुझे डर भी था की कही कोई हमारी मोअनिंग को सुन न ले. मैंने उसे अपने ऊपर ले लिया और उसकी कमर के ऊपर और गांड के ऊपर हाथ घुमा के मैं उसको चोद रहा था. वो भी मेरे चेस्ट पर अपने बूब्स को घिसते हुए और कमर को हिला हिला के चुदने का मजा लुट रही थी,

मैंने कुछ 15 17 मिनिट तक उसे जम के चोदा. और फिर मैं उसके चूत के बाल के ऊपर ही अपने माल को चोदने लगा. हम दोनों ही खुश और संतुष्ट थे इस चुदाई के बाद. पब्ल्कि प्लेस में चुदाई करना वो भी बिना पकडे गए एक अलग ही फेंटसी थी. और इस फेंटसी को पूरा करने के बाद मुझे आराम और सुकून की नींद आ गई.

Pages: 1 2



error: Content is protected !!