भतीजे ने चाची की हवस शांत की

हेलो दोस्तों, मैं सोनू. जैसा की मैने पिछले पार्ट में बताया था, की मैं बड़ी मम्मी को नहाते हुए छोड़ने में कामयाब हो जाता हू. फिर मैं बाहर गाओं में घूमने निकलता हू. तब मैं बड़े पापा को उनके दोस्तों के साथ दारू पीते देखता हू, और बड़े पापा के प्लान के बारे में भी मेरे को पता चलता है. फिर मैं घर आ जाता हू. अब आयेज-

घर आता हू तो मेरे को चाची मिलती है. चाची को देखते मैं चाची के पास जाता हू और बोला-

सोनू: क्या चाची, आप तो मेरे को आपकी प्यास बुझाने का मौका नही दे रही हो.

रेणु: अछा, चल मैं अभी तेरे को मौका देती हू. लेकिन तू अगर मेरी प्यास नही बुझा पाया तो तेरे को दूसरा मौका नही मिलेगा.

सोनू: हा मैं तैयार हू. देख लेना आज मैं आपकी प्यास कैसे बुझता हू.

रेणु: ठीक है, 20 मिनिट बाद तू मेरे को उस वाले रूम में मिलना (रेणु चाची रूम की तरफ हाथ दिखाया).

सोनू: ठीक है.

ये वही रूम था जहा रात में मम्मी बड़े पापा और दादा जी से चूड़ी थी. फिर मैं अपने रूम में आ जाता हू, और मैं अपने बाग में सेक्स का गोली लाया रहता हू. मैं एक गोली खा लेता हू, और थोड़ी देर इंतज़ार करता हू.

फिर मैं 20 मिनिट बाद उस रूम में जाता हू. मैं रूम के अंदर जाके रूम का दरवाज़ा बंद कर देता हू. रूम में बहुत अंधेरा रहता है. मेरे को कुछ भी दिखाई नही दे रहा होता है. तभी रेणु चाची बोलती है

रेणु: आ गया?

सोनू: हा आ गया, पर लाइट तो जलाओ. मेरे को कुछ नही दिख रहा है.

रेणु: हा जला रही हू.

फ्री चाची लाइट जलती है. जैसे ही लाइट जलती है, मेरी नज़र तुरंत चाची पे पड़ती है. चाची ज़मीन में चादर बिछा के नंगी लेती रहती है. चाची के खुले बाल, लाल लिपस्टिक, बड़े-बड़े दूध, गुलाबी निपल्स, मुलायम पेट, बिना बाल वाली चिकनी गुलाबी छूट, मोटी-मोटी जांघें थी.

मैं तो चाची को देखता ही रह जाता हू. चाची बहुत ज़्यादा सेक्सी लग रही होती है. चाची बोली-

रेणु: बस देखता ही रहेगा या कुछ करेगा भी?

सोनू: बिल्कुल करूँगा मेरी जान.

फिर मैं सीधा चाची के उपर लेट जाता हू, और चाची के होंठो को चूसने लगता हू, और चाची भी मेरा साथ देते रहती है. फिर चाची मेरी बनियान को खींच के निकाल देती है. उसके बाद मैं और चाची एक-दूसरे के होंठो को चूमते हुए आपस में लिपटे रहते है.

फिर मैं चाची के बड़े-बड़े दूध को चूसने लगता हू, और दूसरे दूध को हाथ से दबाते रहता हू. चाची भी मेरे सर को सहलाते हुए सिसकारी लेना शुरू कर देती है.

रेणु: उउउम्म्मह श चूस ले बेटा. आ, आचे से चूस ले, मज़ा आ रहा है आहह.

मैं मज़े से चाची के दूध को दबा-दबा के चूस्टा हू. फिर मैं चाची के पेट को मसालते और चूस्टे हुए छूट के पास आ जाता हू. और फिर चाची की गुलाबी छूट चाटना शुरू कर देता हू.

रेणु: अया अया, मज़ा आ रहा है आ. ऑश सोनू बेटा, आ अया.

मैं मज़े से चाची की छूट को चाट-ते रहता हू, और चाची मेरे सर को पकड़ के अपनी छूट में दबाते रहती है.

रेणु: अया अयाया और चाट अया अया.

फिर कुछ ही देर में चाची मेरे मूह में ही झाड़ जाती है, और मैं चाची का सारा छूट रस्स पी जाता हू. बहुत टेस्टी रहता है. फिर चाची मेरे को खींच के लिटा देती है, और मेरे उपर आके मेरे होंठो को चूसने लग जाती है.

फिर चाची मेरी छ्चाटी को चूमते-चाट-ते हुए मेरे लंड के पास आ जाती है. मेरा लंड एक-दूं खड़ा रहता है. मेरे शॉर्ट्स में तंबू बना रहता है. फिर चाची शॉर्ट्स के उपर से ही मेरे लंड को अपने हाथ से सहलाती रहती है, और बोलती है-

रेणु: तेरा लंड तो बहुत कड़क लग रहा है. तेरे लंड का स्वाद तो कमाल का होगा.

सोनू: बहुत स्वादिष्ट है, एक बार चख के देखो.

फिर चाची मेरा शॉर्ट्स निकाल देती है, और मेरा कड़क लंड चाची के सामने आ जाता है. चाची मेरे लंड को देख के बोलती है-

रेणु: वाह क्या ज़बरदस्त लंड है तेरा, इससे चूड़ने में तो बहुत मज़ा आएगा.

सोनू: तो मज़ा लो ना चाची.

फिर चाची सीधा मेरे लंड को मूह में लेकर चूसने लगती है. चाची एक-दूं रंडी जैसे मेरे लंड को चूस्टे रहती है. फिर चाची बोली-

रेणु: अब मैं अपने आपको और नही रोक सकती हू. मेरे को तेरा लंड अपनी छूट में घुसना है.

फिर चाची मेरे उपर आ जाती है, और मेरे लंड को अपनी छूट में घुसा के बैठ जाती है है, और ज़ोर-ज़ोर से कूदने लगती है.

रेणु: अयाया आआआः अयाया अयाया मज़ा आ रहा है. क्या लंड है तेरा अया अया आ, और छोड़ अया.

मैं चाची के दूध को दबाते रहता हू. लेकिन चाची बहुत ज़्यादा जोश में रहती है. चाची बहुत ज़ोर-ज़ोर से कूदते रहती है, और मेरे छ्चाटी को मसालते रहती है.

सोनू: बहुत जोश में हो चाची. कितने टाइम से नही चूड़ी हो?

रेणु: अया, बहुत टाइम से नही चूड़ी हू अया. मेरी छूट में तो आग लगी हुई है अया अया.

सोनू: आज मैं आपकी पूरी आग बुझा दूँगा चाची.

फिर मैं चाची को लिटा देता हू, और चाची के उपर चढ़ जाता हू, और अपना लंड चाची की छूट में घुसा देता हू. फिर ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लगता हू.

रेणु: आआआः आआआः अयाया अयाया मज़ा आ रहा है अयाया अयाया. तू तो चुदाई में एक्सपर्ट है अयाया. कों सिखाया है तेरे को इतना अछा चुदाई करना आआआः अया?

सोनू: एक बहुत ही ज़्यादा खूबसूरत औरत.

रेणु: आआआः अयाया अछा कों है अयाया. नाम तो बता अया?

सोनू: नही बता सकता.

रेणु: आआआः अया ठीक है. मत बता, मैं खुद पता लगा लूँगी आ अया.

मैं बहुत ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारता रहता हू, और कुछ ही देर में झड़ने वाला रहता हू.

सोनू: मैं झड़ने वाला हू, कहा निकालु?

रेणु: मेरी छूट में ही झाड़ जेया.

फिर मैं चाची की छूट में ही झाड़ जाता हू, और मेरे साथ चाची भी झाड़ जाती है. मैं चाची के उपर ही लेता रहता हू. फिर बोलता हू-

सोनू: तो ब्ताओ कैसा रहा चाची?

रेणु: बहुत मज़ा आया. तू मेरी प्यास बुझा दिया. अब से मैं तेरी रंडी हू, जब मॅन करे मेरे को छोड़ लेना.

सोनू: हा मेरी रंडी चाची.

रेणु: चल अब कपड़े पहन के निकलते है यहा से.

गोली के वजह से मेरा लंड अभी भी खड़ा रहता है, और मेरा मॅन चाची की गांद को छोड़ने का रहता है. मैं बोला-

सोनू: अर्रे इतनी जल्दी कहा! अभी तो मैं आपकी गांद मारूँगा.

रेणु: नही-नही, गांद नही. बहुत दर्द होता है

सोनू: अछा तो आप पहले गांद मरवा चुकी हो.

रेणु: हा मरवाई हू.

सोनू: तब तो आपको मेरे से भी गांद मर्वानी पड़ेगी.

रेणु: ठीक है मार ले मेरी गांद. लेकिन आराम से छोड़ना.

सोनू: आप बिल्कुल चिंता मत करो.

सेक्स की गोली की वजह से मेरा लंड तो खड़ा ही रहता है. मैं चाची को कुटिया बनने को बोलता हू, और चाची तुरंत कुटिया बन जाती है. फिर मैं चाची के चूतड़ के च्छेद में थूक लगता हू. उसके बाद मैं धीरे-धीरे अपना लंड चाची के छूतदों के च्छेद में घुसने लगता हू. चाची चिल्लती है-

रेणु: अया.

फिर मैं एक ज़ोरदार झटका मारता हू, और मेरा पूरा लंड अंदर घुस जाता है. चाची चिल्लाते हुए बोलती है-

रेणु: अयाया मदारचोड़, धीरे करने बोली थी ना मैं.

फिर मैं ज़ोर-ज़ोर से धक्के मारना शुरू कर देता हू.

रेणु: अया आआब अया मार दिया रे, अया आहह धीरे कर आआं

सोनू: अर्रे चाची आप बहुत कमाल की माल हो. आपको तो मैं रग़ाद के छोड़ूँगा.

रेणु: अया अया अया अर्रे तो क्या जान निकाल देगा मेरी आआआः अयाया आआआः आआआः अयाया अया.

कुछ देर में चाची को भी मज़ा आने लगता है, और मैं अपना स्पीड और तेज़ कर देता हू.

रेणु: आ अया आहा मज़ा आ रहा है आ. क्या ज़बरदस्त चुदाई करता है तू अया आ.

सोनू: अर्रे आपकी जवानी का पूरा मज़ा लूँगा मैं चाची.

रेणु: अया अयाया लेले ना, कों अया रोक रहा है तेरे को अयाया. और ज़ोर से छोड़ अया अया अया.

फिर मैं चाची को ज़मीन में उल्टा लिटा देता हू, और पीछे से चाची के उपर चढ़ जाता हू, और अपना लंड चाची की गांद में घुसा के एक-दूं ज़ोर-ज़ोर से छोड़ने लग जाता हू.

रेणु: अया अयाया अयाया मज़ा आ रहा है अया अया और छोड़ अया अया ऑश ऑश.

हम दोनो की चुदाई लगभग 1 घंटे तक चलती है.

कुछ देर और धक्के मारने के बाद मैं चाची के चूतड़ में ही झाड़ जाता हू. फिर हम दोनो नंगे लिपट के लेते रहते है. चाची बोली-

रेणु: मज़ा आ गया आज तो. कमाल की चुदाई करता है तू.

सोनू: क्यूँ, बुझ गयी ना आपकी सारी प्यास?

रेणु: हा बिल्कुल बुझा गयी.

सोनू: चाची एक काम करो, आप मेरे साथ शहर चलो, और मेरे साथ रहना. मैं आपको रोज़ चुदाई का मज़ा दूँगा.

रेणु: तेरे से चूड़ने के बाद तो मेरा भी मॅन है की मैं तेरे साथ शहर चालू. पर मैं नही जेया सकती.

सोनू: लेकिन क्यूँ?

रेणु: देख जेठ जी का कोई बेटा नही है. उनकी सिर्फ़ एक बेटी है रीमा, और उसकी भी अब शादी हो रही है. मेरा एक बेटा है जो की इस घर का वेराइस है, और सारी संपत्ति का मलिक मेरा बेटा ही बनेगा. इसलिए मेरा यहा रहना ज़रूरी है.

रेणु: कुछ साल में मेरा बेटा बड़ा हो जाएगा और सारी संपत्ति का मलिक बन जाएगा, और ऐसे भी जब तेरे पापा ज़िंदा थे, तब उनको उनका हिस्सा दे दिया गया था. उसी से तेरे पापा शहर में बिज़्नेस जमाए.

सोनू: हा चाची आप सही बोल रही है. आपका यहा रहना ही सही है. आपका बेटा यहा की संपत्ति का एक-लौटा वेराइस है.

रेणु: हा बेटा, इसीलिए मैं नही जेया सकती हू.

सोनू: हा चाची. चाची मैं सुना हू की बड़े पापा बहुत बड़े वाले ऐयश है.

रेणु: अर्रे जेठ जी बहुत मदारचोड़ है. साला गाओं की सभी औरतों को छोड़ता है. यहा तक की मेरे को भी.

सोनू: अछा (मैं जान-बूझ कर अंजान बन रहा था)!

रेणु: और रंजीता दीदी को सब पता है. लेकिन फिर भी वो कुछ नही कर सकती है. यहा तक कभी-कभी जेठ जी मेरे को और रंजीता दीदी को साथ में छोड़ते है.

सोनू: अर्रे ऐसा करते है. लेकिन चाची जब आप बड़े पापा से चुड्ती हो, तो आप इतनी प्यासी कैसे थी?

रेणु: अर्रे जेठ मेरे को और रंजीता दीदी को कभी कभार ही छोड़ते है. बाकी हर टाइम वो गाओं की औरतों को छोड़ते रहते है.

सोनू: अछा.

रेणु: रंजीता दीदी भी बहुत प्यासी है. उनको भी बहुत टाइम से लंड नही मिला है. अर्रे एक काम कर, तू रंजीता दीदी को भी छोड़ दे. इसमे मैं तेरी पूरी मदद करूँगी.

सोनू: चाची असल में आज सुबा मैं बड़ी मम्मी को छोड़ चुका हू.

रेणु: अर्रे वाह, क्या बात है. वो खुश हो गयी हो ही.

सोनू: हा बहुत खुश हुई है.

रेणु: चल अछा किया.

सोनू: चाची आप एक काम करोगी?

आयेज क्या हुआ वो मैं अगले पार्ट में बतौँगा. कहानी पढ़ कर फीडबॅक ज़रूर दे

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