भैया ने पिया मेरी चूत का रस्स

मनोज खुशह हो गये. रात भर मई वो एहसास याद करके मुस्कुराती रही. जेसे जेसे शादी पास आ रही थी मनोज और ख़तरनाक होते जेया रहे थे. जब शादी मे 5 दिन रह गये तब मेरी मुसीबत और बढ़ गयी. 1 महीने से काम से बाहर गये भैया मतलब सुनील के होने वाले मामा, अब घर वापिस आ गये थे.

उनको देखते ही मेरी साँसे ब्ड गयी और उनकी आँखो मे मेरे मादक जिस्म के लिए भूक सॉफ दिख रही थी. उपर से मई अब सारी पहनना शुरू कर चुकी थी. तो चाह कर भी मेरा जिस्म और मादक लग रा था. सारी मे मेरी पीछे से चिकनी कमर और मेरा आधा गोरा मुआलयूं पेट देख कर वो बहोट खुशह हो गये.

मुझे पता आज की रात मेरी हराम होने वाली है. लेकिन रात से पहले ही डिन्नर लगते हुए भैया ने मुझे रसोई मे ही पकड़ लिया. मेरे से पीछे से चिपक गये और सारी मे पल्लू मे मेरा हाथ डाल कर मेरा पेट मरोड़ दिया.

भैया- आआआआवउुुुुुुुुुुउउम्म्म्ममममममम… गत्री 1 महीना तेरे बिना कैसे कटा मैने बसस..

मई- आआहहूचह… हहुहह.. हुहह.. भैया.. मम्मी पापा बाहर है अभी… भैया… आआअहह… हुहह.. हुहह..

भैया और ज़ोर से मेरा पेट नोचने लगे.

भैया- तो होने दे, आज तू सारी मे क्या मादक लग रही है.

पीछे से मेरी उठी गोल मोटी गांद मे भैया अपना मोटा लंड ड़बाने लगे. मई किसी तरह कंट्रोल कर रही थी. पर आप नही जानते भैया मनोज से 10 गुना ज़्यादा हरामी है. क्यूकी मनोज से पहले मई भैया के पास रहती थी. हुमेशा उनकी नज़र के सामने. वो मेरे जिस्म के सबसे ब्दे दीवाने थे.

मई- भैया.. हुहह. .हुहाआहहुहह.. भैया… उउम्म्म्मम… आओऊँ..

भैया मेरा ब्लाउस खिच कर मेरी सारी खोलने लगे.

भैया- ( अगग्रेसिवे होके) खोल इसको गत्री सुना नही तूने.. हुहह. .हुहह..

मई- हुहह.. आहह.. हुहह.. भैया मई अभी खाना कहा लू फिर करेंगे.

तभी मम्मी ने भैया को आवाज़ लगाई.

भैया- सुन्न मई उपर तेरे रूम मे जेया रा हू, मम्मी पापा को खाना देके ज्लडी से उपर आ. तू खाना क्ल ख़ाइयो.

मई- हुहह.. जी भैया.

भैया चले गये और मई मम्मी पापा को खाना देने लगी. फिर उप्पर आ गयी भैया अंडर बेते हुए थे. गाते लॉक हो गया और मई और बसस भैया. पल्लू मे मेरा आधा मुआलयूं पेट चमकता हुआ देख भैया अपना लंड मसालने लगे.

भैया- तू सारी कबसे पहनने लगी घर मे?

मई शर्मा कर मुस्कुराने लगी.

मई- भैया वो मनोज.. बोलते है..

भैया- आछा जी वो मनोज शादी से पहले ही मेरा जीजा बनने की कोशिश कर रा है. तुझे ज़्यादा मज़ा आता है क्या उसके साथ?

मई- नही भैया ऐसा कुछ नही है वो तो बसस तोड़ा घूम लेती हू उनके साथ.

भैया खड़े होके मेरे पास आए और मेरे पल्लू मे हाथ घुसा कर मेरा मुआलयूं पेट घुस्से मे उंगलिया गाड़ कर नोच कर अंडर ड्बे दिया.

मई- आआआआआआवहहुऊंम्म.. आआआआहह.. भैया… आअहह.. उहह.. उहहुहह..

भैया- मेरे जाते ही बहोट मस्ती चॅड रही है तुझे. इतनी ज्लडी भूल गयी मुझे.

मई- आअहह… हुहह. .ऊओुच.. नही भैया ऐसा नही है.. ऊउउकच… उम्म्म्मम.. भैया..

भैया ने पेट अंडर तक ड्बे कर कुचल दिया मुझे भैया को शांत करना था, व्रना भैया मेरी जान निकल देंगे. मैने भैया का दूसरा हाथ पकड़ा और अपना पल्लू गिरा कर अपने ब्लाउस मे घुसा कर मसालने लगी.

मई- हुहमम्म.. हुहह.. भैया ऐसा कुछ नही है भैया. मई अभी आपकी ही हू.

मेरे मुआलयूं चुचे मसल कर भैया की लाल आँखे थोड़ी शांत हुई और उन्होने मेरा रिघ्त वाला चुचा पकड़ लिया.

भैया- हुहह.. हुहह.. मुझे शांत कर ज्लडी से व्रना तुझे कचा कहा जौंगा.

मई- हुहह.. आहह.. हुहह.. आहह.. हन भैया मई आपको प्यार करके शांत करूँगी.

हाफ्ते हुए मैने अपने दोनो चुचे ब्लाउस खोल कर भैया के सामने निकल दिए. मेरा पेट मसालते हुए भैया ने आव देखा ना ताव और मेरे निपल ज़ोर से काट कर चूसने लगे. मैने अपना मूह ब्न्ड करा और फफक पड़ी और भैया-

उम्म्म्म… प्पउक्च… पुउच्च.. प्पुच… स्प्सरर.स्परर.पर..

कककच… कक्च.. कक्च्छ.. कक्च्छ..क्कसप्सरर.. स्प्सरर..स्परर.कककच्छ.. आआआआआआआाआउऊचह..

कककच.. कच.. कचह.कककचह… कक्चह.. कककचह… ककककचह..

उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर.. स्परर.. प्पुउऊच..

उम्म्म्म… प्पउक्च… पुउच्च.. प्पुच… स्प्सरर.स्परर.पर..

कककच… कक्च.. कक्च्छ.. कक्च्छ.. क्कसप्सरर.. स्प्सरर.. स्परर.कककच्छ.आआआआआआआाआउऊचह..

कककच… कच… कचह.कककचह… कककचह.. कक्चह… कककककचह..

उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर..स्परर… स्प्सरर..स्परर.. प्पुउऊच..

मुझे उपर से नंगा करके भाया ने जी भर के अपनी कसर निकल ली. भैया मुझे चूस्ते नही थे मेरे मुआलयूं पेट और गुलाबी निपल को दांतो मे भर कर चबाते थे. मेरी मुआलयूं खाल का सबसे ज़्यादा भैया ही लेते थे. और मई भी मदहोश होके भैया को अपने कचि जवानी से भरे मादक जिस्म को भैया नोचवा नोचवा कर छबवाती थी.

मेरे जिस्म की ये भूक भैया की एक किस से शुरू हुई थी और उसके बाद मेरी जरूर्त ब्दने लगी और भैया की हवस भी. मेरा उप्पर का जिस्म सही से चबा कर चूसने के बाद भैया अब सारी खोलने लगे. सारी खुल गयी. मेरी नंगी गोरी झांग जिन्हे भैया ने एक महीने से देखा नही था उनके सामने थी.

मेरी एकद्ूम चिकनी गुलाबी रंग की कसी हुई फाक भी पनटी के पीछे च्छूपी हुई थी. और मेरी नंगी जाँघो को भैया ने चाटना शुरू कर दिया और मेरी आँखे मदहोशी मे सिसकिया लेते हुए ब्न्ड होने लगी.

मई- आअहहुऊम्म्म्ममम…उउम्म्म्ममममम…उउफ़फ्फ़..

भैया- उउंम्म..प्पुकुचह..प्पउक्च..प्पुच्छ..सस्पर..स्परर..स्प्सरर…ससपरर..प्पउक्च…प्पउक्च..

उउंम्म..प्पउक्च..प्पुच..प्पुच..पुच्छ…ससपरर..स्परर…स्प्सरर..स्परर..प्पुउऊच..

मई- आआहुउम्म्म्मममममममममम..भैया आहहुऊंम्म…भैया..उूउउफ़फ्फ़…उउंम्म..

पनटी भैया ने उतार दी मेरी गुलाबी फाक एकडम टाइट भैया के सामने थी. मेरी गुलाब जैसी छूट को भैया ने चूस्ते हुए उसका रस पीना शुरू करा… उउम्म्म्म… मदहोशी मे मई पूर हिल गयी और आँख ब्न्ड करे उउम्म्म्मममम..आअहहुऊम्म्म्मम…उउंमाआहह..

भैया- उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर..स्परर… स्प्सरर..स्परर..उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर..

स्परर.. प्पुउऊच.. उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर.. स्परर.. प्पुउऊच..

उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर.. स्परर.. प्पुउऊच..

मेरी फाक से निकलता हुआ अमराट भैया छहुउस छहुउस के पी रहे थे और मई र्ष्स अपनी गुलाबी फाक से निकलती जेया रही थी. पर भैया है की रुकने का नाम नही ले रहे थे. मेरा पानी बेकाबू होके निकल रा था.

भैया- उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर.. स्परर..उउंम्म.. प्पउक्च..प्पुच..प्पुच..पुच्छ… ससपरर..स्परर… स्प्सरर… उउंम्म.. प्पउक्च..प्पुच..प्पुच.. पुच्छ…ससपरर..स्परर…स्प्सरर.. स्परर… उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर..स्परर…स्पस्र..

उउंम्म.. प्पउक्च.. प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर.. स्परर… उउंम्म.. प्पउक्च. .प्पुच.. प्पुच.. पुच्छ… ससपरर.. स्परर… स्प्सरर..

मई- आअहह… आहह.. भैया.. भैया… आआआआआआआआआआआआअहह.. आआआआआआआआआआआआआआआआआआआवउउउम्म्म्ममममममममममममम..आअहहुउऊउम्म्म्मम..

मेरी जिस्म फफ़कति हुआ गया और मेरी गुलाबी फाक से पानी का फुआरा निकल गया सिद्धा भैया के मूह पर. जिसको भैया ने मुस्कुराते हुए पी लिया.

मई- हुहह.. हह.. आअहहूऊंम्म.. हुहह.. हुहहाआहहूंम्म्म..

मई हाफ़ गयी और भैया मुस्कुराने लगे. मेरी गरम गुलाबी फाक का पानी पीक शयड वो भी 1 महीने बाद खुश हुए थे. मेरी छूट को प्यार से मसलते हुए मैने भी उनका मोटा लंड पकड़ लिया और मसालने लगी. मई नंगी हो चुकी थी और भैया भी.

भैया ने अपनी बाहे मेरी टरफ़ मोड़ ली और मेरे गुलाबी होंठ को चूस्ते हुए मेरे से अपना मोटा लंड मसलवाने लगे. भैया की किस्मत भी कमाल की थी. अपनी सुंदर मादक 20 साल की बहें का जिस्म भी खूब नोच नोच कर चूस्ते थे और फिर उसके कसी हुई फाक का पानी पीक उसके होंठ चूस कर मूठ भी मरवाते थे.

अगर आप लोग आयेज क्या हुआ जानना चाहते है तो मुझे ज़रूर बताइए. मेरे लिए ये एक आच एक्सप्रीयेन्स होगा आपको अपनी जवानी के किससे बताना.

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