भाभी की चुदाई सेक्स कहानी में आपका स्वागत है. आइए सेक्स कहानी का मज़ा लेते है.
मेरा नाम राहुल है. मैं नॉइदा का रहने वाला हू. मैं 26 साल का एक फेर आंड हॅंडसम लड़का हू, और एक मंक में काम करता हू. ये कहानी 2 साल पहले की है, जब मेरी जॉब हयदेराबाद में लगी थी. तब मैं अपने भैया-भाभी के घर रहा था.
असल में वो मेरे भैया नही है. वो मेरे बचपन के पड़ोसी थे. मेरे पापा का देहांत जल्दी हो जाने के कारण, उनके पिता जी ने ही मेरी पढ़ाई-लिखाई का खर्चा देखा था. और वो मुझे अपने छ्होटे भाई की तरह रखते थे.
उनका नाम चर्विक है. वो उस टाइम पर 26 साल के थे. वो एक डॉक्टर है. उस टाइम पर अपनी प्ग पूरी करके उन्होने शादी की. उनकी शादी को तब एक साल ही हुआ था. उनकी वाइफ का नाम था स्वप्ना. वो देखने मैं बहुत ही सुंदर थी. हाइट थोड़ी कम थी, अराउंड 5’3″, मगर उनका फिगर लाजवाब था, जो की 34सी-30-34 था, बिल्कुल अवर्ग्लॅस. उनकी आगे भी उस टाइम 26 थी. तो आइए मैं कहानी पर आता हू.
जब मेरी हयदेराबाद में पोस्टिंग हुई, तो भैया ने सीधे-सीधे कह दिया की कुछ समय तो तुम्हे हमारे पास रहना ही पड़ेगा, प्ग वग़ैरा मैं बाद में शिफ्ट करना. मैं उन्हे माना भी नही कर पाया. फिर जिस दिन मैं उनके घर गया, भाभी गाते खोलती है-
भाभी: अर्रे राहुल, तुम आ गये! तुम्हारा ही वेट हो रहा था, आओ-आओ, जल्दी आओ.
उन्होने एक लाल सारी पहनी हुई थी. उन्होने मुझे सोफा पर बिताया और मेरे जूते उतारे. जब उन्होने मेरे जूते उतारे, तो वो तोड़ा झुकी, और उनके मोटे बूब्स मुझे दिख गये. लेकिन अभी तक मैं उन्हे सिर्फ़ भाभी के रूप में देखता था. मैने अपनी नज़र घुमा ली.
भाभी: चलो अब जल्दी से हाथ-मूह धोके खाना खा लो. आज भैया भी शाम को जल्दी आने वाले है. फिर हम सब कही घूमने चलेंगे, ठीक है!
मैं: जी भाभी ठीक है.
शाम को चर्विक भैया घर आए, और फिर हम सब मार्केट घूमने गये. हम सब ने शॉपिंग करी और खूब खाया पिया. फिर जब हम घर लौटे, मैं सीधा अपने कमरे में चला गया, क्यूंकी मैं बहुत थक्क गया था. उस समय तो मुझे गहरी नींद आई. लेकिन रात के एक बजे अचानक से मेरी नींद टूटी. मैं पानी पीने के लिए उठा.
जब मैं भैया-भाभी के रूम के पास पहुँचा, तो कुछ बात-चीत की आवाज़ आई. मैं वहाँ रुक कर उन्हे सुनने लगा.
भैया: यार प्लीज़ ना, मूड हो रहा है.
भाभी: नही ना, आज तक गये है, आज रहने दो ना.
भैया: बेबी देखो ना ऑलरेडी खड़ा हुआ है.
भाभी: वो तो मुझे पता है, मैं सहला जो रही हू (हल्का हस्ती है).
भैया: हा तो जानू ऐसे कैसे नींद आएगी फिर?
भाभी: आप चीटिंग करते हो. पहले बोलते हो थोड़ी सी किस डेडॉ, फिर मूड में आ जाते हो.
भैया: मूड में तो तुम भी हो! बस नखरे है सब.
भाभी: नही मैं कोई मूड में नही हू.
तभी बात-चीत बंद होती है, और चुम्मा-छाती की आवाज़ आती है. भाभी सिसकियाँ भारती है आहह आ की.
भाभी: अछा जानू कर लो जो करना है. मगर धीरे से! तुम जानवर बन जाते हो.
ये बात सुन कर मैं पूरा एग्ज़ाइटेड हो जाता हू, और उनके कमरे में झाँकता हू. उन्हे लग रहा होगा की मैं सो रहा था, इसलिए उन्होने शायद कमरा नही बंद किया. क्यूंकी उस कमरे की खिड़की भी काफ़ी छ्होटी है, तो वेंटिलेशन की प्राब्लम होती है.
मैं देखता हू की भैया पुर नंगे थे. उनका लंड लगभग 6.5 इंच लंबा और 2.5 इंच मोटा था. लंड एक काले साँप की तरह बाहर निकल कर पूरा तन्ना हुआ था. वो भाभी के उपर चढ़ कर उनके होंठ चबा रहे थे.
भाभी भी पूरी नंगी थी. उनके बड़े और मोटे चूचे भैया अपने हाथ में लेकर मसल रहे है. भैया का लंड भाभी के पेट से रग़ाद रहा था. वो फिर भाभी की गर्दन और कान चूमने लगते है.
भैया भाभी के बूब्स चूसने लगते है, और उनका हाथ अपने लंड पर रखते है. वो भाभी के गोरे-गोरे दूध जैसे बूब्स पर ब्राउन निपल को काट-ते, चाट-ते, और चूमते है. भाभी इससे बहुत ज़्यादा उत्तेजित हो रही थी. उनकी सिसकियाँ बढ़ती जेया रही थी. उनके मॅमन के साथ खेलने के बाद भैया अपना लंड उनके होंठो पर रखते है. मगर भाभी बोलती है-
भाभी: नही ना, आज मॅन नही है.
भैया: बेबी ऐसे नही करते, चूसी लगा दो ना.
भाभी: बेबी आज रहने दो ना.
भैया (थोड़े गुस्से में): ह्म. आज जाने दे रहा हू. सनडे आने दे. छ्चोधुंगा नही तुझे.
फिर भैया भाभी की छूट में उंगली करने लगते है और भाभी आ श करके आहें भारती है.
भैया: देख कैसी गीली हुई पड़ी है.
ये बोल कर भैया भाभी के बूब्स पर एक ज़ोर का थप्पड़ मारते है. भाभी की इससे एक चीख निकलती है. भैया भाभी की टांगे खोलते है, और अपना लंड एक झटके में भाभी के अंदर डाल देते है. भाभी आअहह करके एक लंबी सिसकी लेती है, और भैया यहाँ से चुदाई शुरू कर देते है.
उन दोनो की जांघों की टकराने की आवाज़ पुर कमरे में गूँजती है. भैया बीच-बीच मैं भाभी के होंठ चबाते तो कभी कान चबाते है. 10 मिनिट तक ऐसे ही चुदाई करने के बाद भैया भाभी से हटते, और बगल में लेट कर उन्हे किस करने लगे. उनका लंड अभी भी खड़ा था, इसका मतलब उनका निकला तो नही था.
भैया: जानू उपर आ जाओ ना.
भाभी: नही ना, मैं तक गयी हू, नही होगा.
भैया: तुम उपर तो आओ, बाकी काम मैं कर दूँगा.
भाभी भैया के उपर चढ़ जाती है और अपनी छूट भैया के लंड से रग़ाद के उन्हे किस करती है. भैया अपना लंड छूट से सत्ता कर अंदर डालता है, और फटत-फटत करके भाभी की लेने लगता है. भाभी भैया को गले लगाए होती है. उनके बूब्स भैया की छ्चाटी पर होते है, और भैया उन्हे थोक रहे होते है. भैया बीच में एक-दो ज़ोर के स्पॅंक देते है, और भाभी की चीख निकलती है.
भाभी: मत करो बेबी प्लीज़. राहुल उठ जाएगा.
भैया: हमारी चुदाई चल रही है, और तुझे राहुल की याद आ रही है?
भाभी को और ज़ोर से स्पॅंक करते है
भाभी: आह… नही मैं वैसे नही कह रही हू.
भैया की स्पीड एक-दूं से बहुत बढ़ जाती है, और बहुत ज़ोर-ज़ोर से आवाज़ आने लगती है.
भैया: आह जानू, मेरा निकालने वाला है, अया.
फिर एक-दूं से भैया रुकते है, और वो दोनो लोग किस करते है. ये देख कर मैं वहाँ से वापस अपने रूम को भाग गया. क्यूंकी मुझे लगा था की अगर मैं और रुका, तो पकड़ा जौंगा. इसके आयेज की भाभी सेक्स कहानी और दिलचस्प और हवसी है, जो मैं आने वाले पार्ट्स में बतौँगा.