भाई से चुदाई, और ननद की चूत

भाई बेहन की चुदाई स्टोरी में आप सब का फिर से स्वागत है. मैं आपकी शीला फिर से आई हू मेरे और मेरे भाई विजय के बीच हुई वो हसीन चुदाई के किससे लेकर. मैं आप सब से माफी माँग रही हू, क्यूंकी पिछले कुछ समय से मैं इतना बिज़ी थी, की मैं अपनी कहानी को आप तक नही पहुँचा सकी.

लेकिन आप सब को अब और इंतेज़ार नही करना पड़ेगा. मैं आपका ज़्यादा टाइम ना लेते हुए सीधा आयेज की कहानी पर ले चलती हू.

विजय और मोहित से चार दिन लगातार चूड़ने के बाद मैं बहुत तक गयी थी. सच काहु तो मेरी छूट और गांद अभी भी दर्द से गुज़र रही थी. लेकिन वो दर्द से मेरे अंदर जो अपने भाइयों से चूड़ने का सुकून मिल रहा था. वो तो जो लड़कियाँ और औरतें अपने भाई से चुड़वति है, वहीं लोग ये फीलिंग समझ सकती है.

शालिनी और मोहित मुझे और विजय को हमारे घर ड्रॉप करके निकल गये. हुमको आए तोड़ा ही टाइम हुआ था, की मेरी छ्होटी ननद शिवानी और उनके हज़्बेंड डीव्यश मुझे मिलने हमारे घर पर आए. मैं आपको बता देती हू, की मैने तब भी वो रेड शर्ट और डेनिम जीन्स पहना हुआ था. मैने उन दोनो को पानी देने गयी. तब मैने नोटीस किया की डीव्यश कुमार की नज़र मेरे क्लीवेज उपर टिक गयी थी.

मैने उपर का एक बटन नही लगाया था, तो उनको मेरी रेड ब्रा दिख गयी होगी. मैने उनकी तरफ देखा तो वो अपनी नज़र चुराने लगी. मुझे भी उनके रिक्षन से हल्की हस्सी आ गयी. मैं अब उनके सामने बैठ कर बातें करने लगी. लेकिन उनका ध्यान मेरे उपर ही था. मैं काफ़ी हॉट लग रही थी, और उन्होने मुझे अक्सर सारी में देखा था. तो उस दिन वो मुझे पहली बार ऐसे वेस्टर्न मॉर्डन कपड़ों में देख रहे थे.

शिवानी: भाभी आप इतने दिन से आमेडबॅड आए है, और मुझे मिलने भी नही आए?

मैं: अर्रे मैं यहाँ आई तब से सब गेस्ट आए थे. और हम सब कज़िन्स 3-4 दिन बाहर घूमने गये थे. तो जस्ट अभी घर पर आए है.

शिवानी: हा भाभी इसलिए मैं सोचु आप घर पर कभी जीन्स पहन कर नही रहते, तो आज कैसे.

मैं: हा चेंज करने जेया रही थी, और मम्मी ने बोला की शिवानी आई है.

शिवानी: वैसे भाभी आप पहले से काफ़ी फिट हो गये हो.

मैं: अर्रे मैं तो जैसी हू, वैसे की वैसी हू.

शिवानी: डीव्यश आपको नही लग रहा पहले से भाभी और फिट हो गयी है?

डीव्यश कुमार (मेरी और देखते हुए): हा, भाभी पहले से काफ़ी बदल गये है.

वो मुझे लस्टी नज़र से देख रहे थे. मैं उनको देख कर तोड़ा शर्मा गयी. उन्होने भी मुझे स्माइल दी. पता नही पर उस दिन शिवानी से बातें करते हुए मेरी नज़र उनकी तरफ जेया रही थी. उनका ध्यान भी मेरे बूब्स की और जेया रहा था.

थोड़े टाइम बाद मुझे शिवानी ने कहा की उसको वॉशरूम जाना था, तो मैं उसको लेकर घर के वॉशरूम की तरफ जेया रही थी. तब विजय बातरूम से नहा कर निकला. विजय ने टवल लपेटा हुआ था. मैने देखा की विजय की मस्क्युलर बॉडी देख कर शिवानी सहमा गयी. उसने विजय की बॉडी को आचे से देखा.

शिवानी: ये कों?

मैं: पहचाना नही विजय को?

शिवानी: विजय भाई तो बहुत चेंज हो गये. पहले तो कितने मोटे थे. आप दोनो भाई-बेहन अपनी हेल्त पर काफ़ी फोकस कर रहे हो.

मैं: मैं तो ऐसी ही हू. विजय काफ़ी बदल गया है.

शिवानी विजय की चेस्ट को और बॉडी को घूर-घूर कर देख रही थी. मुझे उसकी आँखों में एक अलग ही चमक दिख रही थी. विजय को देख कोई भी उससे इंप्रेस हो जाए ऐसा उसने अपने आप को डेवेलप कर लिया था. विजय भी समझ गया था की शिवानी उसको देखे जेया रही थी. वो भी खुश होता हुआ उसके बेडरूम में चला गया.

शिवानी इतना खो गयी की मुझे उसको याद करवाना पड़ा की उसको वॉशरूम जाना था. वो भी अपने आप को संभालते हुए वॉशरूम चली गयी. मुझे मॅन ही मॅन हस्सी आ रही थी. थोड़े टाइम के बाद वो दोनो अपने घर चले गये. मैं भी चेंज करके अपनी मम्मी को काम में हेल्प करने लगी. रात को विजय मेरे बेडरूम में आ गया और उसने बेडरूम लॉक कर दिया. विजय मुझे देख कर नॉटी स्माइल दिया.

मैं: ब्रो क्या बात है. चार दिन से लगातार मेरी बजा रहे हो. अभी तक मान नही भरा?

विजय: दीदी, आप से तो कभी मेरा मान नही भरेगा. आपके साथ का ऑरा ही अलग है.

मैं: अछा. देखती हू कितने दिन तक इंटेरेस्ट दिखा रहे हो.

विजय कूद कर मेरे बेड पर आ गया, और मेरे से ब्लंकेट को अलग कर दिया. मैने नीचे सिर्फ़ रेड ब्रा पनटी पहनी थी.

विजय: क्या बात है दीदी. आज आप मूड में लग रही हो.

मैने उसकी त-शर्ट खींच कर लोंग किस किया और कहा: अब तुम यहाँ थोड़े दिन रुकने वाले हो. जीतने दिन यहाँ हो तुम्हारे बड़े लंड का मज़ा लेना चाहती हू.

विजय: लंडन जेया कर तो मैं भी आपकी प्यारी सी छूट को बहुत मिस करूँगा.

अब इतने सारे पार्ट्स पढ़ने के बाद आप सब को पता तो चल गया होगा की हम दोनो चुदाई में कितने एनर्जेटिक रहते है. विजय अपनी त-शर्ट और ट्रॅक पंत उतार कर अंडरवेर में आ गया. हम दोनो एक-दूसरे के सेक्सी जिस्म को चूमने लगे. अब मैं विजय के उपर चढ़ कर उसको डीप किस करने लगी.

उसने मुझे किस में रेस्पॉन्स करते हुए मेरी ब्रा का हुक खोल दिया. मैं भी अपनी बॉडी से ब्रा को हटा कर उससे चिपक गयी. विजय मेरे बूब्स को बहुत हार्ड्ली चूस रहा था. उसने मेरे बूब्स को लाल कर दिया था.

मैं: और ज़ोर से चूस मेरे भाई. पता नही फिर ऐसे कड़क हाथो का मज़ा मिले ना मिले. ब्रो तुम्हे बहुत मिस करने वाली हू. तुम चले जाओगे सोच कर ही अपसेट हो जाती हू.

विजय (मेरा फेस पकड़ कर): दीदी आप तोड़ा हिम्मत रखे. आप ऐसा करोगी तो मैं वापस जेया नही पौँगा, और आपको पता है मेरी फॅमिली वहाँ है.

मैं (उसको लिपट कर): हा मेरे भाई. तुझे जाना तो ज़रूरी है, लेकिन तेरे साथ जो बॉनडिंग हो गयी है ना. अब तुम्हारे बिना एक पल अछा नही लग रहा.

विजय (मेरी पनटी को खींच कर निकाल कर): मुझे भी आपकी चुदाई किए बिना नींद नही आती अब तो.

वो मेरी छूट पर टूट पड़ा, और कुत्ते की तरह चाट रहा था. मैं भी उसके फेस को दबा कर मोन कर रही थी. मुझे एक शरारत सूझी, और मैं विजय को चिढ़ने लगी.

मैं: विजय मेरे लिए तो रूपाली ने किसी और को ढूँढ रखा है. तुम वहाँ जेया कर क्या करोगे?

विजय: दीदी मैं यहाँ नही होऊँगा, तब आप सच में किसी और से चुडवाया करोगी?

मैं: हा अब मेरे पास और कोई रास्ता कहा बचा है. तुमने छुड़वाने की ऐसी आदत डाली है की अब तो मुझे भी चुडवाए बिना नींद नही आती. और तेरे जीजा जी आधे दिन तो घर से बाहर होते है.

विजय (मेरी छूट में लंड डाल कर): दीदी ऐसा है तो आप मेरे साथ लंडन आ जाइए. हम वहाँ बहुत मज़ा करेंगे.

मैं: सॉरी ब्रो, तू जैसे लंडन नही छ्चोढ़ सकता, वैसे मैं देल्ही. अब जब तक यहाँ है मेरे जिस्म का मज़ा लूट ले. वहाँ जेया कर किसी और को ढूँढ लेना.

विजय का मूह उतार गया था. मैने उसका चेहरा पकड़ कर किस किया और बोली: अभी तुम और 2 वीक यहाँ हो. जैसे तुम्हे शालिनी की छूट दिलवाई, तुम कहो तो एक और छूट दिलवा सकती हू.

नयी छूट का सुन कर विजय की आँखें चमक गयी, और वो मुझे और आचे से छोड़ने लगा. वो एग्ज़ाइट हो गया था, और मुझे बहुत प्लेषर देने लगा. उसका हर एक धक्का मेरी छूट में दर्द उठा रहा था. पर मैं पीछे नही हटी, और उसको फुल रेस्पॉन्स देने लगी.

विजय: आप दीदी अभी बहुत मज़ाक करने लगे हो. मेरे से अब और कों छुड़वा सकती है?

मैं: एक है जो तुमसे छुड़वा सकती है.

विजय: कों दीदी?

मैं: तुम तो नयी की बात होते ही उतावले होने लगे हो. बहुत जल्दी है क्या?

विजय: ऐसी बात नही है. मुझे पता है आप मज़ाक कर रहे हो.

मैं: हा मज़ाक-मज़ाक में तुमको रूपाली और शालिनी को छोड़ने का मौका दिया. मुझे पता है तुम बहुत एग्ज़ाइटेड हो. ब्रो बिलीव मे, तुम एक और के साथ सेक्स कर सकते हो.

विजय (मुझे घोड़ी बना कर छोड़ते हुए): अछा, तो अब आप मुझे एक और से मिलवा रहे हो.

मैं: हा ह्म… मुझे कुछ नॉटी विचार आ रहे है, तुम्हे और शिवानी को लेकर. आज तुम्हारी बॉडी देख कर वो तुम पर फ्लॅट हो गयी थी.

विजय: क्या सच में?

मैं: हा. तुम्हे सब पता है, अब भोले मत बनो, और मेरी छूट में दर्द हो रहा है. जल्दी ख़तम करो यार.

उसके बाद विजय ने मेरे बाल पकड़ कर मेरी 5 मिनिट चुदाई करी, और मेरे मूह में झाड़ गया. मैं भी उसका सारा स्पर्म चाट गयी. हम दोनो नंगे एक-दूसरे से चिपक कर बातें कर रहे थे.

विजय: आप सच कह रहे हो क्या? शिवानी मेरे में इंट्रेस्टेड है?

मैं: मुझे उसकी आँखों में एक अलग ही चमक दिख रही थी.

विजय: कैसी चमक?

मैं: जैसी मुझे तुम्हारे लिए रूपाली की आँखों में दिख रही थी. हम ना लॅडीस लोगों को पता चल जाता है कों कैसे देख रहा है.

विजय: अछा दीदी, पर शिवानी को आप मेरे लिए तैयार कैसे करोगे?

मैं: मैं कुछ नही करने वाली ब्रो. तुम्हे उसको सेट करना पड़ेगा.

विजय: कैसे?

मैं: अब तुम कोई दूध पीते बच्चे नही हो, जो तुम्हे हर बात बतानी पड़े.

विजय (मेरे बूब्स को चूस्टे हुए): देखो दीदी मैं तो अभी भी दूध पीटा बच्चा हू.

विजय की हरकत से मुझे हस्सी आ गयी. उसके बाद मैने और विजय ने शिवानी को कैसे रेडी करना है, उसके बारे में डिसकस किया. सच काहु तो मैं डीव्यश कुमार में इंट्रेस्टेड थी. आज जिस तरह वो मुझे देख रहे थे. मैं उनके बारे में सोचने लगी थी. वो दिखने में स्मार्ट है. शिवानी को देखने के लिए हमारे घर आए थे, तब से मैं उनकी पर्सनॅलिटी से इंप्रेस्ड थी.

मैं आप को शिवानी और डीव्यश कुमार के बारे में तोड़ा डीटेल में बता देती हू. डीव्यश की आगे 35 साल थी, और शिवानी की 33 साल. डीव्यश का एलेक्ट्रॉनिक आइटम का बड़ा बिज़्नेस है. वो होल्सेल में डीलिंग करते है. डीव्यश दिखने में गुड लुकिंग के साथ नेचर के भी आचे है. वो बॉडी से हेल्ती है और फेर है.

शिवानी ने अकाउंटिंग किया हुआ है, तो वो डीव्यश का अकाउंट हॅंडल करती है. और वो साथ में और भी काई सारे अकाउंट्स हॅंडल करती है. उसका काम वर्क फ्रॉम होमे है, और डीव्यश के बिज़्नेस की वजह से ट्रॅवेलिंग चलता रहता है.

शिवानी दिखने में बहुत सुंदर है. उसका स्किन टोने ब्राउन है, पर फेस कट बहुत मस्त है. उनके 2 बच्चे है, पर शिवानी ने अपने आप को बहुत मेनटेन किया हुआ है. वो अपने सास ससुर के साथ उनके घर पर रहती है.

नेक्स्ट दे मेरे व्हातसपप पर डीव्यश का गुड मॉर्निंग मेसेज आया था. मैं समझ गयी की कल वाली हरकत से वो मुझमे इंटेरेस्ट दिखा रहे थे. क्यूंकी उनका कभी मुझे मेसेज या कॉल नही आता था. मैने भी उनको रिप्लाइ किया. मुझे ऐसा लगा शायद वो मेरे रिप्लाइ का वेट कर रहे हो, क्यूंकी उन्होने नेक्स्ट सेकेंड मुझे ही का मेसेज भेजा. उसके बाद हमारी बात हुई.

मैं: श क्या बात है! आज किस तरफ सूरज निकला है, जो आपका मेसेज आया. बताओ क्या बात है?

डीव्यश: कुछ बात हो तब ही आपको मेसेज कर सकता हू क्या?

मैं: मैने कब ऐसा कहा. आअप बिज़ी लोग फ्री कहाँ होते हो हमारा हाल चाल पूछने के लिए. कुछ काम से ही मेसेज किया होगा ना.

डीव्यश: नही भाभी कुछ काम नही है. बस ऐसे ही आपको याद किया.

मैं: आप मुझे कब से याद करने लगे?

डीव्यश: मैं तो आपको अक्सर याद करता रहता रहता हू.

मैं: श याद करते हो तो इतने सालों तक आज आपको टाइम मिला?

डीव्यश और शीला के बीच आयेज क्या बात हुई, मैं आपको नेक्स्ट पार्ट में बतौँगा.

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