भाई और उसके चार दोस्तों ने खूब चोदा

हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम मिनी है, में 18 साल की हूँ। मेरी यह स्टोरी मेरे और मेरे भाई के दोस्त शिवा, विजय, केसरी और हरी के बीच की है। में आशा करती हूँ कि आपको मेरी यह स्टोरी बहुत पसंद आएगी। अब में आपको मेरे बारे में बता देती हूँ। में 18 साल की एकदम गोरी चिठ्ठी लड़की हूँ। मेरा फिगर साईज 34-24-34 है, भूरी आँखें, हाईट 5 फुट 5 इंच, मेरे पापा और भैया मुंबई में एक कंपनी में काम करते है। ये 2 महीने पहले की बात है, मम्मी को सुबह जॉब के लिए जाना पड़ता था। हमारी नौकरानी ही हमारे लिए ब्रेकफास्ट और लंच बनाती थी और डिनर मम्मी ही बनाती थी। मेरे बी.एस.सी फर्स्ट ईयर के एग्जॉम ख़त्म हो चुके थे। अब में बिल्कुल फ्री थी, मेरे भैया का दोस्त शिवा मुंबई से दिल्ली कुछ काम से आया था, उसके साथ उसके 3 दोस्त भी आए थे विजय, केसरी और हरी।

अब हम सब आपस में बहुत घुलमिल गये थे। अब हम सारा दिन हंसी मज़ाक करते रहते थे। फिर एक दिन अचानक से मम्मी ने कहा कि मुझे अपनी दोस्त के साथ कानपुर जाना है। फिर शिवा ने कहा कि चाची हम लोग नहीं जाएँगे, आप चली जाओ, मिनी भी हमारे साथ ही रह लेगी तो मैंने भी कहा कि मम्मी मुझे नहीं जाना है, तुम चली जाओं, में यहीं रहूंगी। तो मम्मी ने कहा कि ठीक है, कमला भी यही तुम्हारे पास रहेगी, तो मैंने कहा कि ठीक है। फिर दूसरे दिन मम्मी 3 दिन के लिए कानपुर चली गयी। उस दिन मैंने रेड टॉप और ब्लेक स्कर्ट पहन रखी थी। फिर विजय ने मुझे देखा और बोला कि तुम आज बहुत ही सेक्सी लग रही हो, तो में हंस पड़ी। फिर मैंने देखा कि उन सबकी नजर मेरी चूचीयों पर थी तो में थोड़ा शर्मा गयी। तो तभी इतने में कमला ने कहा कि खाना तैयार है, तुम सब आ जाओ और खाना खा लो।

फिर हम सबने खाना खाया और खाना खाने के बाद कमला ने कहा कि आज मुझे घर जल्दी जाना है, में रात को आकर खाना बना दूँगी। तो शिवा ने कहा कि कोई बात नहीं है रात को हम लोग बाज़ार जा रहे है तो रात का खाना हम लोग बाहर ही खा लेंगे, तुम सुबह आ जाना। फिर कमला बोली कि ठीक है और फिर कमला चली गयी। अब में हैरान हो गयी थी और शिवा को देखने लगी थी। तो तभी शिवा बोला कि इसमें हैरान होने की कोई बात नहीं है, आज हम लोग खूब मज़े करेंगे और यह कहकर शिवा हँसने लगा और साथ ही साथ उसके तीनों दोस्त भी हँसने लगे थे। अब मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था और फिर में अपने रूम में चली गयी और अपनी बुक्स को उठाकर अलमारी में रखने लगी। तो तभी मेरे पीछे शिवा मेरे रूम में आ गया और बुक्स रखने में मेरी मदद करने लगा।

अब में बुक्स रख रही थी और वो भी मेरे पीछे से आकर बुक्स रखने लगा था। फिर तभी मुझे एहसास हुआ कि कोई चीज मेरे कूल्हों को टच कर रही है, वो शिवा ही था, वो अपना लंड मेरी गांड से घिस रहा था। अब मुझे उसके लंड का स्पर्श अंदर से बहुत अच्छा लग रहा था, लेकिन मैंने जाहिर नहीं होने दिया था। फिर शिवा ने कहा कि हम लोग मूवी देख रहे है, तुम भी हमारे साथ चलकर मूवी देखो। में भी मूवी की बहुत शौकीन थी इसलिए में झट से शिवा के साथ उसके बेडरूम में चली आई। फिर केसरी ने सी.डी ऑन कर दी, वो एक इंग्लिश ब्लू फिल्म थी। अब में ब्लू फिल्म देखकर घबरा गयी थी। फिर शिवा ने मुझे अपने पास आकर बैठने को कहा, लेकिन में भागकर अपने रूम में चली गयी। तो तभी मेरे पीछे-पीछे विजय मेरे रूम में आ गया। अब उसने मुझे पीछे से पकड़ लिया था और ज़ोर-ज़ोर से मेरे बूब्स को दबाने लगा था। तो में चिल्ला उठी और उसने मुझे 3-4 थप्पड़ मेरे गाल पर मारे और मुझे उठाकर शिवा के बेडरूम में ले आया और बेड पर लेटा दिया। फिर मैंने उठकर भागने की कोशिश की तो हरी ने दौड़कर बेडरूम का दरवाज़ा अंदर से लॉक कर दिया और चाबी शिवा की तरफ फेंक दी।

फिर शिवा ने मुझसे कहा कि मिनी, तुम हमारे साथ सेक्स को इन्जॉय करो और अगर नहीं करोगी तो हम लोग करवाना अच्छी तरह से जानते है। अब में डर के मारे बुरी तरह से कांप रही थी। फिर हरी ने मुझे वापस से बेड पर खींच लिया और ब्लू फिल्म ऑन कर दी। अब विजय अपनी शर्ट उतार चुका था और केसरी ने मेरी टॉप निकाल दी थी और विजय ने मेरी स्कर्ट एक झटके से उतार दी थी। अब में उन सबके सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी और शिवा, केसरी, विजय और हरी अब सिर्फ़ चड्डी में ही थे। फिर वो सभी बेड पर आ गये और में उनके बीच में लेटी हुई थी। फिर शिवा ने मुझे पकड़कर किस करना शुरू कर दिया। फिर थोड़ी देर तक किस करने के बाद उसने मेरी ब्रा के हुक को खोल दिया। अब मेरे बूब्स एकदम आज़ाद हो गये थे।

फिर हरी ने मेरे लेफ्ट बूब्स को काटना करना शुरू कर दिया, तो शिवा मेरे राईट बूब्स को चूसने लगा। अब में उनसे बार-बार रिक्वेस्ट कर रही थी कि मुझे छोड़ दो, लेकिन उन सबने मेरी एक ना सुनी। फिर मेरे बहुत ज़्यादा ज़िद करने पर विजय ने मेरे मुँह पर एक थप्पड़ जड़ दिया और चुप रहने को कहा। अब में बहुत ज़्यादा डर गयी थी और चुप हो गयी थी। फिर केसरी ने एक झटके से मेरी पेंटी निकाल दी, अब में एकदम नंगी हो गयी थी। अब केसरी ने मुझको सहलाना शुरू कर दिया था। फिर विजय ने अपना अंडरवेयर उतार दिया। अब विजय का लंड देखकर तो मेरी साँसें ही रुक गयी थी। फिर उसने कहा कि तुमको मेरा ये लंबा और मोटा लंड पूरा अपनी कुँवारी चूत के अंदर लेना पड़ेगा, तो में और डर गयी। अब वो सभी एकदम नंगे हो चुके थे, उन सबका लंड एक से बढ़कर एक था। फिर हरी ने कहा कि साली आज 4-4 लंड तेरी चुदाई करने के लिए बेताब है। फिर तभी विजय ने अपना लंड मेरे मुँह में डाल दिया और मेरे लेफ्ट बूब्स के साथ खेलने लगा।

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फिर थोड़ी ही देर के बाद उसने मेरे मुँह में अपना लंड अंदर बाहर करना शुरू कर दिया। अब केसरी किसी पागल कुत्ते की तरह मेरी चूत को चाट रहा था। अब में भी जोश में आ गयी थी और मुझे भी मज़ा आने लगा था। फिर हरी और शिवा ने मुझसे अपना लंड सहलाने को कहा तो में उन दोनों का लंड सहलाने लगी। अब उधर विजय मेरे मुँह में ही एक बार झड़ चुका था, तो मैंने उसका पानी थूकना चाहा। तो उसने मुझे थूकने नहीं दिया और बोला कि तुम ये सारा पानी पी जाओ। फिर मैंने डर के मारे उसके लंड का सारा पानी पी लिया। अब शिवा अभी भी मेरी चूचीयों को मसल रहा था। फिर विजय ने अपना लंड मेरे मुँह से बाहर निकाला और मेरी जीभ को चूसने लगा। अब में और ज़्यादा गर्म हो गयी थी, अब मेरी चूत से पानी निकल रहा था। फिर तभी केसरी ने कहा कि कौन सबसे पहले मिनी को चोदेगा? तो तभी हरी ने कहा कि ये शिवा के दोस्त की बहन है, तो शिवा ही सबसे पहले मिनी की कुँवारी को चोदेगा।

फिर शिवा मेरे पास आ गया और विजय ने मेरे लेफ्ट बूब्स को और हरी ने मेरे राईट बूब्स को चूसना शुरू कर दिया। अब केसरी अपना लंड मेरे मुँह में डालकर अंदर बाहर कर रहा था। फिर शिवा ने मेरी चूत को चाटना शुरू कर दिया, तो में जोश में आकर बोलने लगी आहह, उहहह। फिर थोड़ी देर तक मेरी चूत को चाटने के बाद शिवा ने अपना 8 इंच का लंड मेरी चूत के बीच में रखा और अंदर दबाना शुरू किया। मेरी चूत कुँवारी होने की वजह से बहुत ही टाईट थी। फिर शिवा ने जैसे ही थोड़ा ज़ोर लगाया, तो मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ और में चिल्लाने लगी। तभी हरी ने शिवा से कहा कि यार जरा धीरे-धीरे डालो, ये अभी कुँवारी है और इसकी चूत बहुत टाईट है, मिनी को बहुत दर्द हो रहा है। तो शिवा ने एक हल्का सा धक्का मारा तो उसका लंड मेरी चूत में 1 इंच अंदर चला गया। अब मेरी तो चीख ही निकल गयी थी। अब मुझे ऐसा लग रहा था जैसे कोई गर्म लोहा मेरी चूत में डाल दिया गया हो। दोस्तों ये कहानी आप पर पड़ रहे है।

फिर हरी ने मेरे होंठो को अपने होंठो से जकड़ लिया, ताकि मेरी आवाज बाहर ना निकल सके। फिर शिवा ने फिर से थोड़ा ज़ोर लगाया तो उसका लंड 3 इंच अंदर चला गया। अब मुझे बहुत तेज़ दर्द होने लगा था। अब में चिल्लाना चाहती थी, लेकिन हरी ने अपने होंठो से मेरे होंठो को सील कर रखा था इसलिए में चिल्ला ना सकी। अब में रोने लगी थी और मेरी आँखों से आँसू बहने लगे थे। फिर तभी शिवा ने फिर से थोड़ा ज़ोर लगाया, तो मुझे ऐसा लगा कि मेरी जान ही निकल जाएगी। अब उसका लंड 6 इंच तक मेरी चूत के अंदर घुस चुका था। अब मेरी चूत से खून भी निकल आया था। फिर शिवा थोड़ी देर तक रुका रहा और फिर उसने अचानक से एक ज़ोरदार धक्का मारा, तो मुझे बहुत तेज़ दर्द हुआ। अब ये दर्द मुझसे बर्दाश्त नहीं हो रहा था। अब शिवा का 8 इंच का पूरा लंड मेरी चूत के अंदर जा चुका था, क्योंकि उसकी दोनों बॉल्स को में अपनी गांड के पास महसूस कर रही थी।

फिर शिवा ने मेरे बूब्स को मसलना शुरू कर दिया और फिर जब में कुछ शांत हुई, तो उसने अपना लंड धीरे-धीरे अंदर बाहर करना शुरू कर दिया, तो में फिर से चिल्ला उठी। अब मुझे ऐसा लग रहा था कि जैसे कोई चाकू से मेरी चूत को काट रहा हो। फिर शिवा ने कहा कि घबराओं मत, अभी थोड़ी देर में सब ठीक हो जाएगा और तुमको भी खूब मज़ा आएगा। फिर शिवा ने चुदाई की स्पीड बढ़ा दी, तो मुझे फिर से दर्द होने लगा। फिर थोड़ी देर तक चुदवाने के बाद मेरा दर्द भी कम हो गया और अब मुझे भी मज़ा आने लगा था। अब मेरे मुँह से सेक्सी आवाजें निकलने लगी थी। अब मेरे अंदर एकदम आग सी लग गयी थी। अब मैंने भी शिवा का साथ देना शुरू कर दिया था। फिर शिवा ने बहुत तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। फिर लगभग 15 मिनट तक मुझे चोदने के बाद शिवा चिल्लाया ऑश मिनी में आ रहा हूँ और अब में अपनी गांड उठा-उठाकर शिवा से चुदवा रही थी, मैंने कभी किसी से चुदवाया नहीं था, इसलिए में उसका मतलब नहीं समझ पाई थी। फिर तभी मेरी चूत में उसके लंड से कुछ गर्म-गर्म सा पानी निकलने लगा और साथ ही साथ मेरी चूत ने भी उसी तरह का पानी छोड़ना शुरू कर दिया।

अब मुझे ये पानी निकलने से बहुत ही ज़्यादा मज़ा आ रहा था। अब में एकदम सातवें आसमान पर थी। फिर मेरी चूत में से ढेर सारा पानी निकलने के बाद शिवा ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और हट गया। अब में अभी संभल भी नहीं पाई थी कि केसरी ने मेरी चूत में एक झटके से ही अपना आधे से ज़्यादा लंड डाल दिया। फिर मुझे थोड़ा सा दर्द हुआ, लेकिन मुझे मज़ा भी बहुत आया था। फिर केसरी ने फिर से एक ज़ोरदार धक्का मारा और अपना पूरा लंड मेरी चूत के अंदर घुसा दिया और फिर केसरी ने खूब तेज़ी के साथ मेरी चुदाई शुरू कर दी। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब में भी उसका साथ देने लगी थी। अब शिवा मेरे बूब्स को मसल रहा था। फिर उसने मुझे चूमते हुए कहा कि वाह मिनी, तू तो बहुत जल्दी ही चुदवाना जान गयी है, अब तुझे भी इस काम में मज़ा आने लगा। अब उधर विजय मेरे मुँह में अपना लंड अंदर बाहर कर रहा था।

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अब केसरी तो मेरी गर्म-गर्म चूत को चोदते हुए एकदम पागल सा हो रहा था और पूरी ताक़त के साथ बहुत ही तेज़ी से मुझे चोद रहा था। फिर लगभग 15 मिनट तक चोदने के बाद वो झड़ गया, लेकिन में अभी भी गर्म थी। अब उसकी चुदाई के दौरान में 2 बार झड़ चुकी थी। फिर केसरी के हट जाने के बाद हरी ने मुझे चोदना शुरू कर दिया और हरी का लंड उन सबके मुक़ाबले पतला और छोटा था, उसका लंड केवल 6 इंच का था। फिर हरी ने भी ज़ोर-ज़ोर से मुझे चोदना शुरू कर दिया। अब में खूब मज़े ले-लेकर उससे चुदवा रही थी और उसका साथ दे रही थी। अब विजय मुझे किस कर रहा था और मेरे बूब्स को मसल रहा था। फिर हरी ने अपनी स्पीड बहुत तेज कर दी, तो में एकदम मस्त हो गयी और अपने चूतड़ उठा-उठाकर उसका साथ देने लगी थी। फिर लगभग 10 मिनट तक ही चोदने के बाद हरी मेरी चूत के अंदर ही झड़ गया। अब हरी से चुदवाने के दौरान में केवल 1 बार ही झड़ पाई थी।

अब विजय से चुदवाने की बारी थी। फिर विजय मेरी दोनों टाँगों के बीच में आ गया और उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला दिया। अब मेरी चूत अपना मुँह खोलकर विजय का लंड देख रही थी कि तभी उसने अपना खूब मोटा और लंबा लंड मेरी चूत के मुँह पर रख दिया। फिर उसने मेरी कमर को पकड़कर जैसे ही एक धक्का लगाया, तो मुझे बहुत दर्द होने लगा और में फिर से चीख पड़ी, उसका आधा लंड अभी भी बाहर ही था। फिर उसने एक ज़ोर का धक्का मारा, लेकिन फिर भी उसका पूरा लंड मेरी चूत में नहीं घुसा था। अब में दर्द से एकदम बेहाल होने लगी थी। अब शिवा, केसरी और हरी मेरे बूब्स को मसलने में मस्त थे। फिर विजय ने फिर से मेरी चूत में अपना पूरा लंड डालने की एक नाकाम कोशिश की, लेकिन उसका लंड मेरी चूत में नहीं घुसा। फिर विजय ने मुझे बिना लंड निकाले ही उठा लिया और खुद नीचे लेट गया। अब में उसके ऊपर थी।

फिर शिवा, केसरी और हरी ने मुझे ज़ोर से पकड़कर विजय के लंड पर दबा दिया, तो ऐसा करने से उसका पूरा लंड मेरी चूत के अंदर चला गया और में दर्द के मारे चिल्लाने लगी, लेकिन उन तीनों ने मुझे ऊपर नीचे करना शुरू कर दिया था। अब उनके ऐसा करने से विजय का पूरा लंड मेरी चूत में अंदर बाहर होने लगा था। फिर थोड़ी देर के बाद मेरा दर्द ख़त्म हो गया और अब मुझे बहुत मज़ा आने लगा था। फिर कुछ देर तक इसी तरह से करने के बाद विजय ने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया और मुझे चोदने लगा। अब वो मुझे बहुत ही तेज़ी के साथ चोद रहा था और नीचे से मेरी चूचीयों को मसल रहा था। अब में विजय से चुदवाने में सबसे ज़्यादा मज़ा ले रही थी। अब विजय से चुदवाते हुए मुझे लगभग 30 मिनट हो चुके थे और में इस दौरान 4 बार झड़ चुकी थी और वो था कि झड़ने का नाम ही नहीं ले रहा था।

फिर लगभग 15 मिनट तक और चोदने के बाद वो मेरी चूत में ही झड़ गया और साथ ही साथ में भी एक बार फिर से झड़ गयी थी। अब में एकदम थककर चूर हो गयी थी। फिर विजय ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और में उसके लंड को चाटने लगी, मेरी चूत अभी भी दर्द कर रही थी। फिर मैंने विजय का लंड चाट-चाटकर एकदम साफ कर दिया और उसके बाद बाथरूम चली गयी। फिर बाथरूम से आने के बाद हम सब नंगे ही आराम करने लगे। फिर में शाम के 4 बजे किचन में चाय बनाने गयी, तो तभी शिवा मेरे पीछे आ गया। फिर शिवा ने मुझे किचन में ही डॉगी स्टाइल में कर दिया और मेरी चुदाई करने लगा। अब इस बार मुझे शिवा से चुदवाने में बहुत मज़ा आ रहा था। फिर लगभग 15 मिनट के बाद शिवा मेरी चूत में ही झड़ गया और तभी इतने में केसरी भी किचन में आ गया और उसने भी मुझे बिना कोई मौका दिए चोदना शुरू कर दिया। अब मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और मेरी भूख और बढ़ गयी थी। फिर लगभग 20 मिनट तक चोदने के बाद केसरी भी मेरी चूत में ही झड़ गया। अब तक में 3 बार झड़ चुकी थी कि तभी वहाँ हरी आ गया और फिर उसने भी मेरी चुदाई शुरू कर दी। फिर उसने भी मुझे 25 मिनट तक चोदा और मेरी चूत में ही झड़ गया। अब में फिर से एक बार झड़ गयी थी। फिर उन तीनों के जाने के बाद मैंने चाय बनाई और किचन से बाहर आ गयी। अब मेरी भूख अभी शांत नहीं हुई थी। फिर चाय पीने के बाद में विजय का लंड चूसने लगी, तो थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से तन गया। फिर उसने मुझे डॉगी स्टाइल में चोदना शुरू कर दिया। अब में खूब मज़े ले- लेकर विजय से चुदवा रही थी। फिर विजय ने मुझे लगभग 45 मिनट तक चोदा और मेरी चूत में ही झड़ गया। अब विजय से चुदवाने के दौरान में 4 बार झड़ चुकी थी। फिर मम्मी के आने तक मैंने उन सबसे लगभग 45 बार चुदवाया। अब हर बार की चुदाई के बाद मेरी भूख बढ़ जाती थी, लेकिन मम्मी के आने के बाद ये सब बंद हो गया। फिर 5 दिन के बाद वो सभी अपने घर वापस चले गये, में आज भी वो दिन नहीं भुला पाती हूँ ।।



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