मुझे रात भर मों नंगी ही दिख रही थी. वो दादा जी के आयेज घोड़ी बनी हुई छूट छुड़वा रही थी. सुबह लाते उठा तो मों मेरे रूम में छाई लेकेर आई थी. मेरा लंड कुछ तन्ना हुआ था. मों ने लंड की तरफ देखा और स्माइल देती हुई बोली-
मों: अब उठ जेया, बहुत देर तक सोया हुआ है.
मैने आँख खोली तो मों झुकी हुई थी. मैने मों के बूब्स पहली बार इतनी नज़दीक से देखे थे. फिर मैने भी बूब की तरफ देख कर स्माइल दी. मों ने झट से छाई आयेज रखी, और चली गयी. मेरी समझ में नही आया की मों का मूड क्या था?
मों को देख कर मेरा लंड तंन गया था. मैं छाई पी कर नीचे आया, तब भी लंड तन्ना हुआ था. मोनिका नीचे ही थी. वो मेरे लंड को चोर नज़र से देख रही थी. दीदी ने ब्रा नही पहनी थी. दीदी की चुचि त-शर्ट से दिख रही थी.
मैने दीदी को छाई के लिए बोला. दीदी बड़ी थी, बुत वो मुझे बहुत प्यार करती थी. वो छाई ले आई. दीदी की टाँग देख कर मेरा लंड खड़ा हो रहा था. वो मेरे सामने ही बैठ गयी. शायद वो मेरा लंड देखना चाह रही थी. थोड़ी ही देर में मों भी कुछ समान लेने रूम में आ गयी. मों ने ब्रा नही पहनी थी. उनके बूब की दरार बहुत गहरी दिख रही थी. मों थोड़ी झुकी तो मों के बूब्स देखने लगा.
मेरा लंड अब खड़ा हो गया था. मोनिका दीदी भी मों के बूब देख कर तोड़ा सकपका गयी थी. उसने मेरी तरफ देखा, और स्माइल दी. दीदी को पता चल गया की मैं मों के बूब देख रहा था.
अमित: दीदी रात तो मच्छर खा गये. गर्मी शुरू हो गयी है. आज मैं तो एसी में सौंगा.
मोनिका: बाहर भी गर्मी होती है. एसी की सर्विस करवाने वाली है.
मों: तुम बाहर ही सोया करो. बाहर कूलर तो है ना.
अमित: नही मम्मी अब तो एसी ही ठीक कार्ओौनगा. हम तीनो यही पर सो जाएँगे.
मों: अर्रे तुमको ही लगती है गर्मी. तुम एक काम करना, एसी को उपर अपने रूम में लगा लेना.
मोनिका: अर्रे मुझे भी एसी में सोना है. उपर लगा लेगा तो मुझे मों के पास नींद नही आएगी.
अमित: रात को तुम सो जाना चाहे मेरे पास. मेरे पास चारपाई है. तुम बेड पर सो जाना.
मों: ह्म सही है, तुम दोनो उपर ही सोया करो. दो-दो एसी चलना ठीक नही है.
मोनिका: रात को तो भाई के पास ही सोना पड़ेगा.
मों: अर्रे तुम दोनो उपर ही सो जाना. सुबह तक कोई डिस्टर्ब नही करेगा.
मोनिका ने मेरी तरफ देखा. वो थोड़ी सी शर्मा गयी थी. मों की ये बात मुझे अजीब सी लगी.
मों: अर्रे सुबह तक तुम दोनो आराम से सोते रहना. कोई डिस्टर्ब नही करेगा. मिस्त्री को बुला कर ठीक करवा लेना एसी.
मों ये बोल कर बाहर निकल गयी.
मोनिका: अमित तेरा रूम भी सॉफ करना होगा. मुझे एक-दूं नीट और क्लीन रूम चाहिए. तू एसी सेट करवा ले, तब मिल कर रूम सॉफ करवा देना.
मेरा मूड तो बना हुआ था. मैने मिस्त्री को बोल दिया बुत रूम में एसी नही लगा.
रात को मोनिका दीदी बोली: तेरे पास ही उपर सो जौंगी.
मैं और दीदी उपर ही सोए थे. बुत कुछ ख़ास नही हुआ. रात को मों चूड़ी या नही ये भी पता नही चला. अगले दिन मैने एसी लगवा लिया था. दीदी और मैने मिल कर रूम को सॉफ कर लिया. दीदी ने काफ़ी मेहनत की थी. शाम को करीब 9 बजे हम दोनो खाना खा कर उपर आ गये थे.
मैं उपर बातरूम में नहा कर रूम में आ गया. मैने सिर्फ़ टवल लपेटा हुआ था. दीदी मेरी बॉडी को देख कर इंप्रेस होने लगी थी.
मैने थोड़ी देर तक बॉडी को सूखा लिया. फिर दीदी को बोला की मेरी पीठ पर पाउडर लगा दे. दीदी अपने कोमल हाथो से मेरी पीठ पर पाउडर लगाने लगी.
मोनिका: अब सीधा हो जेया, आयेज भी लगा दूँगी.
दीदी स्माइल देती हुई मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी. मेरे सीने पर हाथ फेरने लगी तो मुझे बहुत अजीब फील हुआ. उस टाइम मेरी टाँग उपर थी तो टवल भी नीचे गिर गया था.
दीदी ने खुद टवल ठीक किया. बुत वो शायद मेरे लंड को घूर रही थी. फिर थोड़ी ही देर बाद दीदी नहा कर आई. दीदी को देख कर मेरा तो सच मेरा खड़ा हो गया. उसने ब्रा नही पहनी थी और नाइट ड्रेस में बूब बाहर की तरफ झाँक रहे थे. दीदी की टाँग भी दिख रही थी. मैने दीदी को स्माइल दी.
अमित: ये ड्रेस तो बहुत अची है दीदी. रात को नींद अची आएगी.
मोनिका: तू क्या पहनेगा? अभी भी टवल ही पहन रखा है.
अमित: वो मैं पाजामा पहनुंगा.
मैने टवल के उपर पाजामा पहना, और फिर टवल खींच लिया. मेरा लंड अभी तक तन्ना हुआ था. पाजामे में लंड को मानो स्प्रिंग लगा हुआ था. लंड पाजामे से बाहर निकालने वाला था. टवल हटाया, तो लंड तंन गया. दीदी मेरे लंड को देख कर चौंक गयी.
मोनिका: ला मैं सूखा देती हू.
उसने टवल मेरे हाथ से ले लिया. फिर मेरे पाजामे में खड़े लंड को एक नज़र से देखा, और स्माइल देती हुई चली गयी. वो तोड़ा शॉक भी थी शायद. मेरा लंड काफ़ी लंबा है. फिर मैं लेट गया. दीदी ने बड़ी लाइट ऑफ कर दी, और छ्होटी लाइट ओं कर दी. उसने मेरी तरफ देखा और बोली-
मोनिका: मितू बॉडी तो अची है तेरी, पर तू काम कम करता है. एक तो रूम को सॉफ रखा कर.
अमित: दीदी आज तो आपने रूम सॉफ करते-करते बहुत तका दिया.
मोनिका: रूम कितना सॉफ हो गया अब तो.
मैं बेड पर लेता हुआ था. दीदी भी बेड पर लेट गयी.
मैने बोला: चलो मैं चारपाई पर सोता हू.
तो दीदी ने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली: बेड बहुत बड़ा है, कोई प्राब्लम नही है.
इस बहाने दीदी मेरे पास ही आ गयी थी. दीदी ने मेरे सीने पर हाथ रखा हुआ था. उसने एक-दो बार हाथ मेरे सीने पर फेर दिया. मुझे अछा लग रहा था. दीदी भी नाइट ड्रेस में मस्त लग रही थी. मैं उनके बूब देख कर खुश हो रहा था.
दीदी: अर्रे मेरी पीठ पर भी पाउडर लगा दे.
अमित: तुम उपर करो ना.
दीदी: अर्रे अंदर हाथ डाल कर लगा दे. ज़्यादा उपर नही करना मुझे, नही तो कोई आ जाएगा.
अमित: मों तो उपर नही आएँगी. मैं सोच रहा था की ढंग से लगा देता. तुम लेट जाओ.
दीदी ने अपना कुर्ता उपर किया, और लेट गयी. मैने पाउडर हाथ पर निकाला और दीदी की पीठ पर मसालने लगा. दीदी की पीठ बहुत चिकनी थी. मुझे तो बहुत मज़ा आया. काफ़ी देर तक हाथ घूमता रहा.
दीदी: मितू अछा लग रहा है अब तो. ऐसे ही हाथ फेरते रहो.
अमित: अब आयेज भी लगा डू?
दीदी हस्सी.
मोनिका: अर्रे आयेज पाउडर अपनी घरवाली के लगाना, मुझे नही.
अमित: क्या मतलब?
मोनिका: आयेज तो मैं लगा लूँगी. चल नीचे-नीचे लगा दे. ये बात किसी को बताना मत, नही तो मज़ाक उड़ाएंगे.
दीदी सीधी हुई तो दीदी की नाभि और पेट पर मसल-मसल कर पाउडर लगा दिया.
अमित: दीदी आपकी नाभि तो काफ़ी गहरी है.
मोनिका: अर्रे गर्ल की ऐसी ही होती है.
फिर दीदी के हाथ पर पाउडर रखा, तो दीदी ने अपने बूब पर लगा लिया. दीदी स्माइल दे रही थी. फिर हम बात करते रहे.
अमित: दीदी मों ना तो पापा को पास सोने देती है, और ना ही हम दोनो को, क्या बात है?
मोनिका: ये तो नही पता मुझे. मों अकेली ही सोती है.
हम बात करते हुए सो गये. रात को मैने दीदी को छूने के लिए ट्राइ किया. मैने लंड खड़ा करके दीदी की गांद पे लगाया. फिर सहलाया तो दीदी गहरी नींद में सोई हुई थी. मुझे मूठ मारनी पड़ी.
सुबह मैं उठ गया. मैने दीदी के पेट पर हाथ रख कर सो गया. दीदी थोड़ी देर बाद जाग गयी. उसने ये सब देख कर स्माइल दी. वो अपने बूब पर हाथ फेर रही थी. थोड़ी देर बाद वो छाई ले आई. उस दिन ज़्यादा कुछ नही हुआ.
अगले दिन दीदी ने काई बार अपने बूब दिखाए. मेरा तो लोड्ा खड़ा हो गया. फिर मैं पाउडर लगते टाइम दीदी के बूब तक हाथ ले गया. दीदी मुझे छोड़ने के सिग्नल दे रही थी. रात को दीदी सोने लगी, तो 5 मिनिट बाद ही दीदी की गांद पर लंड रख कर टाँग उपर रख ली. मेरा हाथ दीदी के पेट पर था.
दीदी तब जाग रही थी, बुत वो कुछ नही बोली. ऐसा 2-3 दिन चलता रहा. बुत बात नही बन रही थी. मों भी अब रात को 10 बजे बाद ही दादा जी से चूड़ने चली जाती थी. करीब 5 दिन बाद मुझे एक आइडिया आया.
रात को मैने मों को देखा. मों खड़ी हो कर दादा जी के पास चली गयी. मैने 5 मिनिट बाद दीदी को जगाया. मैने दीदी के बूब पर हाथ रखा था. हाथ लगते ही मुझे बहुत मज़ा आया. दीदी थोड़ी देर में ही जाग गयी. उसने स्माइल दी.
अमित: दीदी मों पता नही कहा चली गयी. अपनी चारपाई पर नही है. मेरे साथ चलो नीचे देखते है.
मैने दीदी का हाथ पकड़ लिया.
मोनिका: मों तो यही होंगी. और कहा गयी होंगी?
मैं दीदी को लेकर बाहर निकला. मैने इधर-उधर देखा. फिर दादा जी की चारपाई की तरफ गये.
अमित: अर्रे यहा तो दादा जी भी नही है. लगता है मों और दादा जी दोनो ही गायब है.
मोनिका: मम्मी और दादा जी!
दीदी भी थोड़ी शॉक हुई.
अमित: वो देख रूम में है कोई.
मोनिका: ह्म चल-चल भाई.
मैं दीदी को खिड़की की तरफ ले गया. उधर दादा जी मों को चाट रहे थे. मों और दादा जी दोनो ही नंगे ही थे. मोनिका ने ये सब देखा तो वो शॉक हो गयी. बुत फिर खुश भी हो गयी.
मोनिका: ऑश मम्मी का दादा जी के साथ अफेर है.
अमित: दीदी दादा जी मों के साथ क्या कर रहे है?
मोनिका: तुम बस देखते रहो. दादा जी मम्मी को प्यार कर रहे है.
अमित: यार दादा जी तो मों के बूब्स दबा रहे है.
मोनिका: लगता है दादा जी को मों बहुत पसंद आ गयी है. तू उनकी बात सुन बोल मत.
हम दोनो चुप हो गये.
मों: ऑश पापा जी आअहह आज तो मज़े ही मज़े आएँगे.
दादा जी: बहू आराम से करवा ले सारी रात तेरी छूट छोड़नी है.
मोनिका ये सुन कर खुश हो रही थी. दादा जी ने मों को लिटा लिया, और टांगे अपने कंधे पर रख कर अपना लंबा लंड मों की छूट पर रखा, और शॉट मारा. मों की चीख निकल गयी.
मोनिका: ऑश वाउ, दादा जी तो मों की छूट की वात लगा देंगे.
अमित: अर्रे मों तो रो रही है.
मोनिका: मों मज़े ले रही है. दादा जी का टूल कितना लंबा है. भाई बोल मत, आराम से देखता रह. मम्मी की चुदाई देख तू.
अमित: ऑश दादा जी तो ज़ोर-ज़ोर से कर रहे है.
मोनिका: तभी तो मम्मी को मज़ा आ रहा है.
अमित: दीदी मों के साथ ये क्या हो रहा है? मों श ऑश कर रही है.
मोनिका: मम्मी की छूट ले रहे है दादा जी. मों और दादा जी दोनो को मज़ा आ रहा है. ऑश दादा जी का लंड लंबा है.
थोड़ी देर बाद मों को घोड़ी बना लिया. दादा जी ने अपना लंड मों की छूट पर रख कर शॉट मारा. दादा जी मों की कमर पकड़ कर छोड़ रहे थे.
मोनिका: भाई दादा जी का टूल कितना लंबा है. तभी मों पापा से चूड़ने की बजाए दादा जी से मरवा रही है.
अमित: ये तो ग़लत है. कोई बहू ससुर से करती है क्या ऐसे?
मोनिका: अर्रे मों को मज़ा चाहिए बस. दादा जी उसको मज़ा दे रहे है. ऑश कितना मोटा और लंबा है. मम्मी तो खूब मज़े ले रही है.
अमित: इतना लंबा तो मेरा भी नही है.
मोनिका ने झट से मेरे पाजामे को सहलाया. मोनिका ने मेरे लंड को पकड़ लिया. वो उसको सहला रही थी.
मोनिका: श तुझे भी मों की चुदाई देख कर मज़ा आ रहा है. भाई तेरा भी बहुत लंबा है. ऑश वाउ यार, चल खड़ा हो जेया.
अमित: क्यूँ क्या हुआ?
मैं जैसे ही खड़ा हुआ तो मोनिका ने मेरा पाजामा नीचे किया, और लंड को पकड़ कर मूह में ले लिया. मैं तो एक-दूं से हैरान हो गया.
अमित: ये क्या ऑश कर रही हो?
दीदी मेरे लंड के टोपे को चूस रही थी. मुझे मज़ा आ रहा था.
अमित: ऑश दीदी आआहह अछा लग रहा है. आराम से करो.
दीदी ने लंड को सहलाया और फिर किस किया. अंदर मों की आ आ निकल रही थी. दादा जी मों की बंद बजा रहे थे, और बाहर एक भाई अपनी बेहन को अपना लंड चुस्वा रहा था. मुझे यकीन ही नही हुआ की दीदी इतनी जल्दी तैयार हो जाएगी. मैने दीदी को उपर किया.
अमित: रूम में चलो दीदी.
मोनिका: चल भाई यहा ठीक नही है. ई लोवे योउ भाई. मितू तेरा लंड बहुत लंबा है. रूम में चल भाई. ये किसी को बोलना मत जो देखा है.
दीदी ने मेरी गाल पर किस किया और मैने पाजामा उपर कर लिया. हम जल्दी से रूम में आ गये. दीदी ने बड़ी वाली लाइट ओं कर ली. वो मुझे देख कर स्माइल कर रही थी. दीदी भी चूड़ने के लिए तैयार हो गयी? दादा ने मों की अची ख़ासी छूट मार ली थी. दीदी अपनी मों को दादा जी से चुड्ती देख कर क्या सोचने लगी? आपको स्टोरी कैसी लगी बताना.