भाई ने बहन की चिकनी चूत को फाड़ा

हैल्लो दोस्तों, में अब तक बहुत सारे लोगों की कहानी को पढ़ चुका हूँ। यह सभी सच्ची घटनाए मुझे पढ़ने में बहुत अच्छी लगी और उन कहानियों को पढ़कर मेरा मनोबल बढ़ा और आज में आप सभी को अपनी उस सच्ची घटना के बारे में बताने जा हूँ जिसको में आप तक पहुँचाने के बारे में बहुत समय से विचार बना रहा था और आज लेकर आया हूँ। इस कहानी को शुरू करने से पहले में अपना परिचय करवा देता हूँ। दोस्तों मेरा नाम राहुल है और में गुडगाँव में रहता हूँ। मेरी उम्र 21 साल है, मेरे घर में मेरी मम्मी, पापा और मेरी दो बहन है मेरी बड़ी बहन का नाम प्रिया है और वो 23 साल की है, मेरी छोटी बहन जिसका नाम मधु और उसकी उम्र 18 साल की है। दोस्तों मेरी दोनों बहन बहुत ही गोरी दिखने में सुंदर बड़ी आकर्षक है, इसलिए मेरा दिल हमेशा उन दोनों को छूने का करता है, लेकिन में यह काम करने से डरता भी बहुत था और कभी कभी मेरी बहन प्रियंका मुझे अपनी बड़ी अजीब नज़रों से देखती थी, जिसकी वजह से मुझे लगता था कि वो भी मुझसे कुछ कहना चाहती है।

एक बार मेरी मम्मी, पापा और मधु मेरे मामा के घर शादी के समारोह में दस दिनों के लिए हमारे शहर से बाहर चले गये और उन दिनों प्रिया के पेपर चल रहे थे, इसलिए मेरी मम्मी के कहने पर में और प्रिया उस शादी में नहीं जा सके और प्रिया अपनी पढ़ाई की वजह से रुक गई और मुझे उसके साथ साथ घर पर भी नजर रखने के लिए कहा गया। मैंने ध्यान से देखा तो उस दिन प्रिया मुझे कुछ ज़्यादा ही खुश नज़र आ रही थी। फिर उस रात को हम दोनों खाना खाकर कुछ देर टीवी देखकर अपने अपने कमरे में सोने चले गये और रात को करीब 9 बजे अचानक से प्रिया मेरे कमरे में आ गई और वो मेरे पास उसी बेड पर आकर लेट गयी। मेरी तरफ से बिल्कुल भी हलचल ना देखकर उसको लगा कि शायद में उस समय गहरी नींद में सो चुका हूँ इसलिए कुछ देर बाद उसकी हिम्मत बढ़ गई और इसलिए वो अपना एक हाथ मेरे लंड के ऊपर रखकर अब वो लंड को अपने नरम हाथ से सहलाने लगी और उसका स्पर्श पाकर मेरा लंड धीरे धीरे अपना आकार बदलकर खड़ा होने लगा।

फिर प्रिया यह देखकर अब डर गयी, क्योंकि उसको मेरे लंड में वो बदलाव देखकर लगा कि में अभी तक जगा हुआ हूँ इसलिए यह बात समझकर प्रिया ने तुरंत ही अपने हाथ को झट से पीछे हटा लिया और अब वो एकदम सीधी होकर सोने का नाटक करने लगी। फिर थोड़ी देर तक प्रिया ने उसकी तरफ से कुछ भी नहीं किया। फिर में भी अब ना जाने कब गहरी नींद में सो गया और उसी रात को करीब 3:30 बजे दोबारा मेरी आँख खुल गई और मैंने देखा कि प्रिया अब भी मेरे पास ही सो रही थी और वो उस समय बड़ी गहरी नींद में थी, क्योंकि वो आधी रात के बाद का समय था और उसको अपने पास देखकर में मन ही मन बड़ा खुश था। फिर मैंने हिम्मत करके धीरे से अपना एक हाथ उसके बूब्स पर रख दिया, लेकिन वो तब भी वैसे ही लेटी थी और कोई भी हलचल ना देखकर मेरी हिम्मत पहले से ज्यादा बढ़ गई और अब में धीरे धीरे उसके बूब्स को दबाने लगा। फिर करीब दस मिनट तक ऐसा करने की वजह से मेरा जोश और हिम्मत दोनों ही अब बहुत बढ़ चुकी थी और मेरे मन में यह काम करते हुए उसके लिए गलत विचार आने लगे थे। में अब उसकी चुदाई अपने लंड से पूरी करने का सपना देख रहा था और अब भी प्रिया सो ही रही थी।

अब मेरी नजर उसकी टी-शर्ट से बाहर निकलते हुए उसके गोरे गोरे बूब्स पर चली गई जिसको देखकर मेरे होश अपने ठिकाने पर नहीं रहे और में एक तरफ तो बूब्स को दबा रहा था और दूसरी तरफ उनको बाहर निकलता हुआ देख भी रहा था, जिसकी वजह से मेरा लंड तनकर पूरी तरह से टेंट बन चुका था। अब मैंने बिना देर किए उसकी बड़े आकार के गले वाली टी-शर्ट के अंदर अपने एक हाथ को डालकर ब्रा के अंदर डालकर उसके बूब्स को दबाने लगा, जिसको पहली बार छूकर मेरा मन ख़ुशी से झूम उठा और वो रुई की तरह एकदम मुलायम थे। तभी प्रिया की आंख खुल गयी और वो मेरे हाथ को झटकते हुए बड़े गुस्से से मुझसे कहने लगी कि राहुल यह तुम क्या कर रहे हो क्या तुम्हे शरम नहीं आती? आने दो मम्मी को में उनको यह सब बताती हूँ और वो यह बात कहते हुए अपने कमरे में जाने लगी। तभी मैंने उसके एक हाथ को पकड़ लिया और में उससे बोला कि पहले यह तो बताओ कि तुम मेरे कमरे में इस समय क्या कर रही हो? वो कहने लगी कि मुझे अपने कमरे में अकेले सोने में डर लग रहा था, इसलिए में यहाँ आकर सो गयी थी, लेकिन तुम तो तुम ऐसे हो मेरे साथ यह सब करोगे, मैंने ऐसा कभी नहीं सोचा था, तुम आने दो मम्मी को में उन्हें यह सब बताती हूँ और फिर से वो जाने लगी।

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फिर तभी मैंने उसको झटका देकर अपनी तरफ खींचकर उसको बेड पर पटक दिया और अब में उसके बूब्स को दबाते हुए उससे बोला कि मेरी रानी तुम इतना गुस्सा क्यों हो रही हो, जब तुम अभी कुछ घंटे पहले मेरे लंड को अपने हाथ में लेकर सहला रही थी तब तुम्हे मम्मी की याद नहीं आई और अब तुम्हे मेरे यह इतना सा करने से मम्मी की याद आ रही है? तब जाकर प्रिया शांत हो गई और वो चकित होकर मुझसे पूछने लगी राहुल क्या तुम्हे सब कुछ पता है? तो मैंने उससे कहा कि हाँ मेरी जानेमन मुझे सब कुछ बहुत अच्छी तरह से पता है, यह बात मेरे मुहं से सुनने के बाद तो प्रिया मुझसे लिपट गयी और वो बोली राहुल में तुमसे प्यार करती हूँ, तुम्हे नहीं पता में तुम्हे कितना चाहती हूँ और यह बात में तुमसे बहुत दिनों से कहने के लिए हिम्मत जुटा रही थी, लेकिन मेरी इतनी हिम्मत नहीं हो पा रही थी, आज तुमने मेरा वो काम कर ही दिया, उसके बाद हम दोनों एक दूसरे से चिपककर होंठो को चूमने लगे और उसको चूमने के साथ साथ मेरा एक हाथ उसके पूरे बदन को सहला भी रहा था।

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फिर मैंने बिना देर किए मौके का फायदा उठाते हुए प्रिया के सारे कपड़े उतार दिए और अपने भी कपड़े उतार दिए, जिसकी वजह से प्रिया मेरे सामने सिर्फ़ ब्रा और पेंटी में थी। मैंने तो जब प्रिया को पहली बार इस रूप में देखा तो में बस देखता ही रह गया क्योंकि में जिंदगी में पहली बार किसी लड़की को अपने सामने इस हालत में देख रहा था। उसका गोरा कामुक जिस्म देखकर मेरा लंड तो एकदम तनकर खड़ा हो गया, उसके बाद में प्रिया के बूब्स को दबाने लगा, जिसकी वजह से प्रिया जब गरम होने लगी तब मैंने अपना लंड बाहर निकाला और प्रिया के हाथ में दे दिया। फिर प्रिया मेरे लंड के साथ खेलने लगी और अपने दोनों हाथों से मुठ मारने लगी, जिसकी वजह से मुझे मस्त मज़ा आने लगा। में खुश था और मेरा जोश बढ़ता ही जा रहा था और फिर में अपना लंड प्रिया के मुहं में डालने लगा, लेकिन प्रिया ऐसा करने से मना करने लगी और वो बोली नहीं राहुल प्लीज ऐसा तुम मेरे साथ मत करो। अब मैंने उससे कहा कि जानेमन आज तो हमारी पहली सुहागरात है और आज की रात यही सब तो दो प्यासे जिस्म के बीच होता है आज तुम मुझे मना करोगी तो यह साहब नाराज़ हो जाएँगे, तभी प्रिया मेरे मुहं से यह बात सुनकर मेरे लंड को अपने मुहं में लेकर चूसने लगी और उसने अपने एक हाथ से मेरे लंड को पकड़कर अपनी जीभ से तो कभी पूरा अंदर मुहं में डालकर लंड को आइसक्रीम की तरह चूसना चाटना शुरू किया।

दोस्तों उस वक़्त मुझे बहुत मज़ा आ रहा था, जिसकी वजह से थोड़ी ही देर में मेरा सारा वीर्य मैंने प्रिया के मुहं में निकाल दिया। फिर प्रिया मेरा सारा रस अपनी जीभ से चाटकर चूसकर पी गयी और उसने लंड को एकदम चमका दिया, वो लगातार ही लंड को चूसती रही जैसे उसको कोई खिलौना मिल गया था और वो उससे खेलती ही रही और उसके बाद मैंने प्रिया की ब्रा और पेंटी को उतार दिया। में पहली बार पूरी नंगी रसभरी कामुक चूत को देखकर बड़ा चकित हुआ और में चूत को छूकर महसूस करने लगा। वो एकदम गरम बहुत चिकनी थी और अब में प्रिया के दोनों पैरों के बीच में आकर अपने लंड को उसकी चूत के मुहं पर रखकर अपना लंड अंदर डालने की कोशिश लगा। फिर थोड़ा सा टोपा अंदर जाते ही प्रिया ज़ोर से चिल्ला पड़ी और वो बोली कि राहुल प्लीज़ पहली बार धीरे धीरे डालो दर्द होता है, तुम्ही तो मेरे राजा हो और इसके मज़े आज से हमेशा बस तुम्हे ही लेने है और फिर में प्रिया के मुहं से यह बात सुनकर खुश होकर मैंने बड़े आराम आराम से लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देकर चुदाई करना शुरू कर दिया। फिर कुछ देर बाद उसका जब दर्द कम हो गया तो वो भी अपने कूल्हों को ऊपर उठाकर मेरा साथ देते हुए मेरे साथ अपनी चुदाई का मस्त मज़ा देने लगी, जिसकी वजह से हम दोनों बड़े खुश थे और उसके चेहरे से मेरे साथ चुदाई की ख़ुशी और वो संतुष्टि साफ साफ नजर आ रही थी।

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दोस्तों में ख़ुशी ख़ुशी उसको लगातार कभी तेज तो कभी हल्के धक्के देता गया और कुछ देर बाद उसके झड़ने की वजह से चूत एकदम चिकनी और मेरा लंड फिसलता हुआ अंदर बाहर हुआ जा रहा था। फिर जब में लगातार धक्के देकर थक जाता तो वो अपनी तरफ से धक्के देना शुरू करती और जब में झड़ने वाला था तभी मैंने तुरंत ही अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य लंड को हिलाकर उसके गोरे पेट नाभि में भर दिया, जिसकी वजह से उसका पूरा बदन मेरे गरम सफेद रंग के वीर्य से भरा हुआ था, जिसको मैंने उसके बूब्स पर मसलकर पूरा बदन चिकना कर दिया। अब मैंने देखा कि उसका चेहरा ख़ुशी से चमक उठा था और वो पूरी तरह से संतुष्ट नजर आ रही थी और उसके बाद हम दोनों ने उस रात में दो बार वैसे ही जमकर चुदाई का काम पूरा किया, जिसमें उसने जोश में आकर मेरा पूरा साथ देकर चुदाई का मस्त मज़ा लिया और उसके बाद हम दोनों करीब सुबह पांच बजे चुदाई के काम से थककर वैसे ही सो गये।

फिर सुबह जब में करीब दस बजे सोकर उठा तो मैंने देखा कि प्रिया उस समय बाथरूम में नहा रही थी में उठकर सीधा बाथरूम में चला गया और मैंने प्रिया को पीछे से जाकर पकड़ लिया और अब में उसके बूब्स को दबाने लगा। उसका पूरा बदन साबुन से सना हुआ एकदम चिकना हो चुका था और मुझे उसके लटकते हुए गोलमटोल बूब्स के ऊपर हाथ घुमाने में बड़ा मस्त मज़ा आ रहा था। फिर प्रिया मुझे अपने पीछे देखकर बड़ी खुश थी और अब वो पलटकर मुझसे लिपट गयी, जिसकी वजह से हमारे बदन के बीच से हवा के निकलने के लिए भी जगह नहीं बची और उसके गोल बड़े आकार के मुलायम बूब्स मेरी छाती से दब रहे थे और उसका गरम चिकना पानी से भीगा हुआ जिस्म मेरे बदन से लिपटा हुआ था। में उसकी कमर को सहलाते हुए उसके रसभरे होंठो को चूसता जा रहा था। फिर कुछ देर चूमने चाटने के बाद हम दोनों साथ में नहाने लगे हम दोनों ने एक दूसरे के बदन को साबुन लगाकर पानी से धोकर साफ किया और मैंने उसकी चूत को बड़ी अच्छी तरह पानी डाल डालकर धोकर साफ किया और चूत के अंदर तक ऊँगली को डालकर दाने को सहलाया और उसने मेरे लंड के साथ भी बहुत कुछ करके उसको खड़ा कर दिया, जिसकी वजह तब तक हम दोनों पूरी तरह से जोश में आकर गरम हो चुके थे और फिर में वहीं पर एक बार फिर से प्रिया की खड़े खड़े चुदाई करने लगा।

फिर मैंने उसके एक पैर को थोड़ा सा ऊपर उठाकर उसकी खुली गीली चूत में अपने लंड को पूरा अंदर डालकर धक्के देने शुरू में तेज गति में धक्के देता रहा, लेकिन उसको कोई भी असर नहीं हुआ क्योंकि पिछली रात को में पहले ही उसको जमकर चोद चुका था, इसलिए उसकी चूत अब कुंवारी चूत नहीं एक अनुभवी हो चुकी थी और मैंने उसको मस्त मज़े देते हुए चोदा और कुछ देर बाद मैंने उसको सामने वाली दीवार के सहारे नीचे झुकाकर खड़ा करके दोबारा लंड को उसकी चूत में डालकर धक्के देने शुरू किए, लेकिन इस बार में बस पांच मिनट ही धक्के दे सका, क्योंकि में अब झड़ने वाला था इसलिए मैंने लंड को चूत से बाहर निकालकर अपना पूरा वीर्य उसके गोरे गोल कूल्हों पर निकाल दिया। फिर हम दोनों बारी बारी से झड़कर शांत होकर नहाकर बाथरूम से बाहर आ गए और उसके बाद प्रिया तैयार होकर अपने कॉलेज चली गयी।

दोस्तों में घर ही रहकर रात भर की नींद पूरी करने लगा और में जब तक प्रिया वापस नहीं आई सोता ही रहा और जब वो जैसे ही आई मैंने दोबारा तुरंत दरवाजा बंद करके उसको अपनी बाहों में भर लिया। में उसके ऊपर टूट पड़ा और उसके गोरे बदन से खेलने लगा और वो मेरे लंड को सहलाने लगी। दोस्तों इस तरह से हम दोनों एक सप्ताह तक पति पत्नी की तरह एक दूसरे के साथ मस्त मज़ा करते रहे और हमने कभी बाथरूम में तो कभी रसोई में तो कभी सोफे पर और कभी देर रात को ऊपर छत पर भी चांदनी रात में चुदाई का मज़ा लिया। जब हमारा मन करता एक दूसरे के साथ चिपक जाते चूमना सहलाना शुरू कर देते, उन दिनों हम दोनों ने अपनी मर्जी के सभी काम किए और हर एक तरह से सेक्स के मज़े लिए और बहुत जमकर चुदाई का आनदं उठाया, जिससे हम बड़े खुश थे। फिर जब मम्मी, पापा वापस आ गए तब हम दोनों छुप छुपकर अपना काम कर लेते और इस तरह मैंने उसको ना जाने कितनी बार सही मौका देखकर चोदा ।।



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