भाई ने बहन की चुदाई की अपने बड़े लोड से

फिर राजन भाई ने मुझे उठाया और मेरी ब्रा खोल दी. मेरी 36 इंच की साइज़ के गोरे चुचें हवा में झूलने लगे थे. भाई उन्हें दबाने और सहलाने लगा और बोला तेरे निपल्स इतने मोटे क्यूँ हे, जैसे शादीसुदा  औरत के होते हे. फिर वो मेरे निपल्स को सक कर के बहार निकाले और बोला, बता बहन की लौड़ी अब तक कितनो के लंड लिए हुए हे तूने!

मैं बोली, अरे भाई मेरा बॉयफ्रेंड साला कुत्ते की तरह मेरे चुचें चुस्ता हे एक एक घंटा और कभी कभी मैं और मम्मी भी.

भाई ने कहा, तू और मम्मी क्या?

मैंने भाई से कहा, भाई मम्मी को लेस्बियन सेक्स पसंद हे और उन्होंने मुझे कई बार मजे दिलाये पर मुझे तो आप के जैसे कडक लंड पसंद हे.

मेरे ये कहते ही भाई बोला, साली रंडी छिनाल तू और हमारी माँ, तुम्हारी तो आज मैं गांड फाड़ दूंगा.

ये कह के उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरे चुचें बुरी तरह से दबाने लाहा. मेरे निपल्स चूस चूस के खींचे और उन्हें एकदम लाल कर दिया उसने. मुझे भी आज बहुत दिनों के बाद किसी मर्द से पाला पड़ा हुआ था जैसे!

अब भाई ने मेरा पजामा और पेंटी एक बार में ही उतार दी और अपना लंड मेरी चूत के दाने पर रख दिया उसने. वो मेरे दाने को अपने लंड से घिस रहा था. मैं तो पागल हुए जा रही थी. मैंने पुरे जोश में थी और कह रही थी चोदो भाई मुझे प्लीज़ प्लिज्ज्ज्जज्ज्ज्ज़. उसने लंड मेरी चूत पर लगाया और एक झटका दे के अन्दर कर दिया. मेरी तो चीख निकल गई. भाई ने मेरी दोनों टाँगे फैला दी और धक्के पे धक्के मारने लगा वो जोर जोर से.

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उसके हर धक्के के साथ मेरा मज़ा बढ़ता ही चला गया. वो ऊपर लेट कर धक्के मार रहा था और मेरे ऊपर चोद के मुझे वो मेरे होंठो को भी चूस रहा था. और इस चुदाई के अन्दर मेरे बूब्स उसकी छाती में घुस से रहे थे. भाई ने कहा. साली रंडी क्या चूचियां हे तेरी; चल अपनी कमर हिला और मेरे लंड को जकड़ ले अपनी चूत के अन्दर. मैंने अपनी चूत को ऐसे कस लिया की भाई का लंड अन्दर गिरफ्तार सा हो गया. वो और भी कस कस के ठोकने लगा मुझे. और मैं भी उसके धक्को का जवाब अपनी गांड को हिला के और अपने बूब्स उसके मुहं में दे के दे रही थी.

मैं अब झड़ने वाली थी मेरी सिस्कारियां निकल पड़ी, आह्ह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह ओह ओह अह्ह्ह भाई और करो मजा आ रहा हे.

और ये कहते हुए मैं झड़ गई भाई के लंड के ऊपर ही. लेकिन भाई अभी थोड़ी रुकनेवाला था. वो तो मुझे और भी कस कस के पेल रहा था.

5 मिनिट और हार्ड चोदने के बाद भाई ने कहा, बता मेरा माल कहाँ लेना हे तुझे, बहार निकालूं, मुहं में लेगी या अपनी चूत के अन्दर.

मैंने कहा, भाई अपने कीमती और गर्म माल को मेरी चूत में ही निकालो ना.

और सच में दोस्तों जो सेक्स का असली मजा हे वो चुदवाने में तो हे ही हे. लेकिन गाढ़ा गाढा वीर्य जब चूत को और चिकना करता हे तब एक औरत को असली सेक्स का अहसास होता हे.

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भाई ने मुझे कंधो के पास से पकड़ लिया और अब एकदम कस कस के वो ठोकने लगा. साथ में वो मुझे एकदम गन्दी गन्दी गालियाँ भीदे रहा था, साली रंडी क्या चूत हे तेरी कसम से. हिला अपने बूब्स को मेरी रानी और ले ले मेरा लोडा अह्ह्ह अह्ह्ह्हह अह्ह्ह्हह!

और ऐसी सिसकियों के साथ भाई के लंड का गाढ़ा वीर्य मेरी चूत में निकल गया. चूत के अन्दर गरम गरम माल गिरा तो क्या मजा आया वो मैं शब्दों में लिख ही नहीं सकती हूँ! चूत के पानी का और लंड के वीर्य का संगम अलग ही फिलिंग दे रहा था मुझे.

भाई ने जब लंड निकाला तो उसके ऊपर बहुत सब वीर्य चिपका हुआ था. मैंने अपने मुहं को खोला और भाई ने आके लंड मेरे मुहं में दे दिया. मैं उसे चूसने लगे और चाटने लगी.

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